क्या भूलू क्या याद करूँ किस विधा की रचना है - kya bhooloo kya yaad karoon kis vidha kee rachana hai

'क्या भूलूँ क्या याद करूँ' में लेखक ने अपने पिता के किस प्रकार के गीता - वाचन का उल्लेख किया है ? 

  1. सस्वर वाचन 
  2. गुनगुनाकर
  3. मौन रहकर 
  4. ऊँचे स्वर में 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : मौन रहकर 

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10 Questions 20 Marks 12 Mins

'क्या भूलूँ क्या याद करूँ' में लेखक ने अपने पिता के गीता - वाचन का उल्लेख किया है-मौन रहकर|

क्या भूलू क्या याद करूँ किस विधा की रचना है - kya bhooloo kya yaad karoon kis vidha kee rachana hai
Key Points

  • क्या भूलूं क्या याद करूँ-हरिवंश राय बच्चन की बहुप्रशंसित आत्मकथा तथा हिन्दी साहित्य की एक कालजयी कृति है।
  • यह चार खण्डों में हैः 'क्या भूलूँ क्या याद करूँ', नीड़ का निर्माण फिर', 'बसेरे से दूर' और 'दशद्वार से सोपान तक'।
  • प्रमुख पंक्तियाँ-अगणित उन्मादों के क्षण हैं,
    अगणित अवसादों के क्षण हैं,
    रजनी की सूनी घड़ियों को किन-किन से आबाद करूँ मैं!
    क्या भूलूँ, क्या याद करूँ मैं!

क्या भूलू क्या याद करूँ किस विधा की रचना है - kya bhooloo kya yaad karoon kis vidha kee rachana hai
Important Points

  • हरिवंशराय बच्चन को हिंदी में हालावाद का प्रवर्तक माना जाता है।
  • अन्य रचनाएँ-तेरा हार (1929),मधुशाला (1935)★,मधुबाला (1936)★,मधुकलश (1937)★,आत्म परिचय (1937),निशा निमंत्रण ★(1938),एकांत संगीत (1939),आकुल अंतर (1943)आदि।

क्या भूलू क्या याद करूँ किस विधा की रचना है - kya bhooloo kya yaad karoon kis vidha kee rachana hai
Additional Information

  • धर्मवीर भारती ने इसे हिन्दी के हज़ार वर्षों के इतिहास में ऐसी पहली घटना बताया जब अपने बारे में सब कुछ इतनी बेबाकी, साहस और सद्भावना से कह दिया है।
  • डॉ॰ हजारीप्रसाद द्विवेदी के अनुसार- इसमें केवल बच्चन जी का परिवार और उनका व्यक्तित्व ही नहीं उभरा है, बल्कि उनके साथ समूचा काल और क्षेत्र भी अधिक गहरे रंगों में उभरा है।

Last updated on Dec 29, 2022

UGC NET 2023 Application Dates and Exam Dates Out. Candidates can apply from 29th December 2022 to 17th January 2023. The exam for this cycle will be conducted from 21st February 2023 till 10th March 2023. The UGC NET CBT exam pattern consists of two papers - Paper I and Paper II. Paper I consists of 50 questions and Paper II consists of 100 questions. By qualifying this exam, candidates will be deemed eligible for JRF and Assistant Professor posts in Universities and Institutes across the country.

'क्या भूलूँ क्या याद करूँ' के प्रारंभ में उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के किस गाँव का उल्लेख है ? 

  1. ललितपुर
  2. लोहितपुर
  3. अमोढ़ा
  4. जमोढ़ा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : अमोढ़ा

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10 Questions 20 Marks 12 Mins

  • 'क्या भूलूँ क्या याद करूं' के प्रारंभ में उत्तर प्रदेश की अमोढ़ा गाँव का उल्लेख है।
  • 'क्या भूलूँ क्या याद करूं' आत्मकथा हरिवंश राय बच्चन द्वारा लिखित है।

क्या भूलू क्या याद करूँ किस विधा की रचना है - kya bhooloo kya yaad karoon kis vidha kee rachana hai
Key Points

  •  'क्या भूलूँ क्या याद करूं' में तत्कालीन समय के संयुक्त परिवार तथा गरीबी में भी लोगों का एक साथ रहने का वर्णन है।
  • बच्चन जी ने अपनी यह आत्मकथा 1969 में लिखी थी। 
  • प्रमुख पात्र - जग्गु चाचा, हीरालाल, प्रतापनारायण, सरस्वती, श्यामा, भोलानाथ, कर्कल, चम्पा, शालिग्राम, रामकिशोर।

क्या भूलू क्या याद करूँ किस विधा की रचना है - kya bhooloo kya yaad karoon kis vidha kee rachana hai
Important Points

  •  'क्या भूलूँ क्या याद करूं के बारे में धर्मवीर भारती लिखते हैं - "यह हिंदी के हज़ार वर्षों के इतिहास में ऎसी पहली घटना है जिसमें अपने बारे में सब कुछ इतनी बेबाकी, साहस और सद्भावना से कह दिया गया है।"
  • बच्चन जी की अन्य आत्मकथा हैं:- 
  1. नीड़ का निर्माण फ़िर - 1970 ई.
  2. बसेरे से दूर - 1978 ई.
  3. दश द्वार से सोपान तक - 1985 ई.

क्या भूलू क्या याद करूँ किस विधा की रचना है - kya bhooloo kya yaad karoon kis vidha kee rachana hai
Additional Information

  •  सन् 1641 ई. में बनारसीदास जैन ने ब्रजभाषा पद्य में 'अर्धकथा' की रचना की , अर्धकथा को हिंदी  की प्रथम आत्मकथा माना जाता है।

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UGC NET 2023 Application Dates and Exam Dates Out. Candidates can apply from 29th December 2022 to 17th January 2023. The exam for this cycle will be conducted from 21st February 2023 till 10th March 2023. The UGC NET CBT exam pattern consists of two papers - Paper I and Paper II. Paper I consists of 50 questions and Paper II consists of 100 questions. By qualifying this exam, candidates will be deemed eligible for JRF and Assistant Professor posts in Universities and Institutes across the country.

क्या भूलूं क्या याद करूं रचना किस विधा से है?

क्या भूलूं क्या याद करूँ हरिवंश राय बच्चन की बहुप्रशंसित आत्मकथा तथा हिन्दी साहित्य की एक कालजयी कृति है। यह चार खण्डों में हैः 'क्या भूलूँ क्या याद करूँ', नीड़ का निर्माण फिर', 'बसेरे से दूर' और 'दशद्वार से सोपान तक'।

क्या भूलूं क्या याद करूँ किस युग की रचना है?

प्रख्यात हिन्दी कवि हरिवंशराय बच्चन की आत्मकथा का पहला खंड, 'क्या भूलूँ क्या याद करूँ', जब 1969 में प्रकाशित हुआ तब हिन्दी साहित्य में मानो हलचल-सी मच गई। यह हलचल 1635 में प्रकाशित मधुशाला से किसी भी प्रकार कम नहीं थी।

ख क्या भूलूँ क्या याद करूँ रचना किस विधा पर आधारित है ?( I संस्मरण II यात्रावृत्त III डायरी IV आत्मकथा?

"क्या भूलूं क्या याद करूँ " हरिवंशराय बच्चन जी की बहु प्रशंसित आत्मकथा है।

हरिवंश राय बच्चन की प्रसिद्ध रचना का नाम क्या है?

उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति मधुशाला है। भारतीय फिल्म उद्योग के प्रख्यात अभिनेता अमिताभ बच्चन उनके सुपुत्र हैं।