पृथ्वी में कई तरह के पदार्थ पाए जाते हैं। हमारी पृथ्वी शुरू मे आग का एक गोला थी जो समय के साथ साथ धीरे-धीरे ठंडी हुई जिससे कई तरह के खनिजो, चट्टानों ,मिट्टी, रेत, पत्थर आदि कई तरह के खनिजो का निर्माण हुआ और पृथ्वी पर जन जीवन विकसित हो सका। पृथ्वी की पपड़ी या ग्राउंड सरफेस का निर्माण लगभग 2,000 खनिजों से हुआ है। हमारे ब्लॉग हम चट्टानों के विषय में बात करेंगे। यह ब्लॉग चट्टान के प्रकार (Type of Rocks in Hindi) पर आधारित है। आइए शुरू करते हैं और जानते हैं चट्टान के प्रकार और चट्टानों के बारे में। Show
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चट्टान किसे कहते हैं?पृथ्वी की ऊपरी परत या अर्थ-क्रस्ट में मिलने वाले पदार्थ चाहे वे ग्रेनाइट तथा रेत के पत्थर की भांति कठोर प्रकृति के हो या रेत की भांति कोमल; चाक एवं लाइमस्टोन की भांति प्रवेश्य हों या स्लेट की भांति न घुसने योग्य हो। इनकी रचना विभिन्न प्रकार के खनिजों तत्वों से मिलकर हुई हैं। नीचे पॉइंट्स की सहायता से समझते हैं इसके बारे में-
दूसरे शब्दों में कहें तो पृथ्वी की सतह के कठोर भाग को चट्टान या शैल कहा जाता है। यह पृथ्वी की बाहरी परत की संरचना के मूलभूत इकाइयां होती है। इसे उत्पत्ति के आधार पर तीन भागों में बांटा गया है-
चट्टान की उत्पत्ति कहां से हुई?जैसा कि आप सब जानते हैं कि पृथ्वी शुरू में आग का गोला थी जो समय के साथ ठंडी हुई जिसे प्रकृति का निर्माण हुआ। इसी निर्माण में पृथ्वी में कई जगहों पर टूट-फूट और उथल-पुथल के परिणाम स्वरूप चट्टानों का निर्माण हुआ। ऐसे तो पृथ्वी के भूगर्भ में कई तरह के खनिज पदार्थ पाए जाते हैं लेकिन कुछ मुख्य तत्व ऐसे हैं जो चट्टान बनाने में उपयोगी होते हैं। ऐसे तो विभिन्न प्रकार के तत्व मिलकर चट्टानों का निर्माण (Formation of Rocks) करते हैं, परंतु 8 मुख्य तत्व ऐसे हैं जिनसे लगभग 98% चट्टानों का भाग बना होता है। तो आइए जानते हैं इन तत्वों के बारे में-
यद्यपि क्रस्ट (भूपटल) में खनिजो की संख्या हजारों/लाखों में होती है परंतु मात्र 6 खनिज ही प्रधान रूप से पाए जाते हैं। ये खनिज हैं-
चट्टान का निर्माण करने वाले खनिजों में सिलीकेट सबसे प्रमुख है एवं ऑक्साइड तथा कार्बोनेट क्रमशः इसके बाद आता है। चट्टान के प्रकारसामान्य दृष्टि से देखा जाए तो चट्टाने तीन प्रकार की होती है। आइए इन चट्टानों (Type of Rocks in Hindi) के बारे में विस्तार से जानते हैं- आग्नेय चट्टानें (Igneous Rock)Source : Wikipediaइनको प्राथमिक चट्टाने भी कहते हैं क्योंकि अन्य चट्टानों का निर्माण सीधे या परोक्ष रूप से आग्नेय चट्टान से ही होता है।
आग्नेय चट्टान के प्रकारस्थिति एवं संरचना के अनुसार आग्नेय चट्टानें दो प्रकार की होती हैं
अवसादी चट्टान (Sedimentary Rocks)Source : Wikipediaइन चट्टानों का विस्तार सतह पर सबसे ज्यादा होता है और इसका निर्माण अवसादों के सतह पर जमा होने से होता है।
A. यांत्रिक प्रक्रिया : इस प्रक्रिया में अवसादों का जमाव या निक्षेपण नदियों, नहरों, पवनो और समुद्री धाराओं और तरंगों से होता है। उदाहरण- बालुका पत्थर, चिकनी मिट्टी, शैल, लोएस। B. जैविक प्रक्रिया : मृत पौधों और जंतुओं की जैविक पदार्थों के आर्गेनिक डीकंपोजिशन से डेपोज़िशन होता है। उदाहरण -पिट, कोयला, मूंगे की चट्टाने। C. रासायनिक प्रक्रिया : इन अवसादों का निक्षेपण जलाशयों के तली पर होता है। ये अवसाद जल में घुलनशील होते हैं और समय के साथ जल के तल पर डेपोसिटेड होते रहते है। उदाहरण- जिप्सम, रॉक साल्ट। कायांतरित (Metamorphic Rock)Source : Wikipedia इसका निर्माण आग्नेय और अवसादी चट्टानों में ताप और दाब के प्रभाव के कारण होने वाले परिवर्तनों से होता है। इसके प्रभाव में आग्नेय चट्टानों एवं अवसादी चट्टानों के भौतिक और रासायनिक गुण दोनों परिवर्तित हो जाते हैं।
आग्नेय से कायांतरित चट्टान
अवसादी से कायांतरित चट्टानें
कायांतरित चट्टानों के उदाहरण
आग्नेय चट्टान के बारे में विस्तार से बताइये?आग्नेय चट्टानों के बारे में आपने ऊपर पढ़ लिया होगा की आग्नेय चट्टाने क्या होती है। अब हम इन चट्टानों के बारे में विस्तार से जानेंगे और समझेंगे कि इन चट्टानों का महत्व क्या है? आग्नेय शब्द अग्नि से उत्पन्न हुआ है इन्हें प्राथमिक चट्टान भी कहते हैं, क्योंकि यह अन्य चट्टानों से सबसे पहले निर्मित हुई है। इन चट्टानों का निर्माण पृथ्वी के अंदर भूगर्भीय भाप के कारण निकले मैग्मा से हुआ है। जब मैग्मा ठंडा होकर कठोर रूप में जम गया तो उससे इन आग्नेय चट्टानों का निर्माण हुआ। गरम लावा के तेजी से ठंडा होने के कारण बहुत ही छोटे-छोटे रवे बने जिसके कारण से इन चट्टानों को रविदास चट्टान भी कहा जाता है। आग्नेय चट्टानों के प्रकारआग्नेय चट्टाने दो प्रकार की होती हैं, जैसे कि-
वह आग्नेय चट्टाने जो सतह के नीचे लावा के ठंडे और ठोस होने से निर्मित होती है,अंतर्निर्मित (आंतरिक) आग्नेय चट्टानें कहलाती है। इसके दो उपवर्ग हैं- (A) पातालिय चट्टान (Plutonic Rock) इसका निर्माण पृथ्वी के अंदर काफी अधिक गहराई पर होता है। इसका नामकरण प्लूटो (यूनानी देवता) के नाम पर किया गया है। जो पाताल के देवता माने जाते हैं।अत्यधिक धीमी गति से ठंडा होने के कारण इसके क्रिस्टल बड़े बड़े होते हैं। ग्रेनाइट चट्टान इसका उदाहरण है। (B) मध्यवर्ती चट्टाने (Hypobyssal Rock) ज्वालामुखी के उदगार के समय धरातलीय अवरोध के कारण लावा दरारों, छिद्रों एवं नली में ही जमकर ठोस रूप धारण कर लेता है, बाद में अपरदन की क्रिया के बाद यह चट्टाने धरातल पर नजर आने लगती है। डोलेराइट, मैग्नेटाइट इन चट्टानों के महत्वपूर्ण उदाहरण है। 2. बाह्य आग्नेय चट्टानें (Extrusive igneous rock) वह आग्नेय चट्टानें जिनका निर्माण सतह के ऊपर लावा के ठंडा होने और जमने से होता है, बाह्य (बाहरी) आग्नेय चट्टानें कहलाती हैं।इनमें क्रिस्टल बहुत छोटे होते हैं क्योंकि लावा तेजी से जम जाता है। बेसाल्ट इसका अच्छा उदाहरण है। इस चट्टान की क्षरण से ही काली मिट्टी का निर्माण होता है जिसे रेगड़ (Regur) कहते हैं। आग्नेय चट्टानों की विशेषता
अवसादी चट्टान के बारे में विस्तार से बताइये?अवसादी चट्टानों का निर्माण पृथ्वी के धरातल यह चट्टानों के अपरदन एवं अपक्षय के कारण होता है । स्थलमंडल में सबसे अधिक भाग पर यही चट्टानें पाई जाती है। इन चट्टानों का निर्माण सागरतल की तलहटी में होता है जिसके कारण से इन्हें तलहटी चट्टाने भी कहा जाता है । अवसादी चट्टानों के निर्माण में आग्नेय चट्टानों के अपक्षयी अवशेषों के साथ साथ ,समुद्री जीवो के मृत शरीर एवं विभिन्न प्रकार की वनस्पति पदार्थों के अवशेषों और जल में उपलब्ध खनिज पदार्थों के अवशोषण से होता है जिसके कारण इन चट्टानों में जैव पदार्थ व खनिज पदार्थ पाए जाते हैं । यह समतल परत में निर्मित होती है एवं लाखों वर्षों में कठोर चट्टान बनकर तैयार होती है। हवा ,हिमानी आदि यांत्रिक कारको से बनी अवसादी चट्टानों के उदाहरण है। लोएस , गोल मृतिका, सेल बालू का पत्थर आदि चूना पत्थर कोयला जैविक तत्व तथा सेंधा नमक जिप्सम से बनी अवसादी चट्टानों के उदाहरण है। अवसादी चट्टानों में आर्थिक महत्व वाले खनिज कम मात्रा में पाए जाते हैं लेकिन लौह अयस्क जैसे फास्फोरस, इमारती पत्थर कोयला एवं सीमेंट बनाने वाले पदार्थों की प्रमुखता इसमें बहुत अधिक होती है। अवसादी चट्टानों की विशेषताएं
कायांतरित चट्टान के बारे में विस्तार से बताइये?कायांतरित या रूपांतरित चट्टान यह ग्रीक शब्द मेटामार्फिस से बना है जिसका अर्थ परिवर्तन करना होता है। उपयुक्त दबाव व ताप एवं रासायनिक क्रियाकलापों के परिणामस्वरूप एक ही स्थान पर उपस्थित चट्टानों के मूल लक्षणों जैसे रंग, कठोरता , संगठन आदि ने आंशिक या पूर्ण परिवर्तन होता है तो उन चट्टानों को रूपांतरित या कायांतरित चट्टानें कहा जाता है । अत्यधिक दाब के कारण होने वाले रूपांतरण को मासिक रूपांतरण कहते हैं। इससे ग्रेनाइट नाइस तथा मिट्टी एवं शैल शिष्ट में रूपांतरित हो जाते हैं । भूपर्पटी में मौजूद अत्यधिक ऊष्मा (गर्मी) के कारण होने वाले परिवर्तनों को तापीय रूपांतरण कहते हैं।इसमें बलुआ पत्थर क्वार्ट्जाइड में , कोयला एन्थासाइड तथा ग्रेफाइट में, चूने का पत्थर संगमरमर में बदल जाता है। रूपांतरित चट्टानों की विशेषताएं
Newtan ke gati ke niyam सबसे पुरानी चट्टान कौन सी है?पृथ्वी की परत चट्टान से बनी है और चट्टान प्राकृतिक पदार्थों से मिलकर बनी होती है जिसे खनिज कहा जाता है। रॉक-तलछट, अग्निमय और रूपांतर चट्टान के तीन मुख्य प्रकार हैं। प्रत्येक प्रकार विभिन्न तरीकों से उत्पादित होता है। पृथ्वी पर सबसे पुराने चट्टानों का गठन 3.8 अरब साल पहले हुआ था। जब पृथ्वी की सतह में टुट पुट होना शुरू हुआ तब चट्टान का निर्माण होना प्रारंभ हुआ। इसी में इसी के साथ आज के हमारे इस ब्लॉग चट्टान के प्रकार (Type of Rocks in Hindi) में हम जानेंगे कि सबसे पहले किस चट्टान का निर्माण हुआ और सबसे पुरानी चट्टान कौन सी है। आग्नेय चट्टानें –
उदाहरण- Granite, Basalt, Grabo, Diorite, Pegmatites, Syenite Type of Rocks in Hindi FAQsचट्टानी कितने प्रकार की होती है? मुख्य रूप से चट्टाने तीन प्रकार की
होती है- सबसे कठोर चट्टान कौन सी है? आग्नेय आग्नेय शैल कितने प्रकार की होती है? 1. प्लूटोनिक चट्टान भारत में कितने प्रकार की चट्टानें पाई जाती है? (i)
आर्कियन क्रम की चट्टानें अवसादी शैल का दूसरा नाम क्या है? सेडिमेंटरी रॉक्स भारत में सबसे पुरानी चट्टान कौन सी है? आग्नेय चट्टानें भारत की नवीनतम चट्टान कौन सी है? भारत की नवीनतम चट्टान गोंडवाना है। अवसादी शैल का उदाहरण क्या है? कोयला, बाक्साइट, लैटेराइट, नमक, जिप्सम, फास्फेट, मैगनेसाइट, सीमेंट का अयस्क, चूने का पत्थर आदि । संगमरमर कौन सा शैल है? कायांतरित शैल कोयला कौन सी चट्टान में पाया जाता है? महानदी, दामोदर, और गोदावरी नदी बेसिनों की अवसादी चट्टानों में कोयला पाया जाता है। आज के हमारे ब्लॉग चट्टान के प्रकार (Type of Rocks in Hindi) में हमने चट्टानों के बारे में पढ़ा और जाना की चट्टान किसे कहते हैं चट्टान कितने प्रकार की होती है और चट्टानों का निर्माण किस तरह से होता है । उम्मीद है कि आपको हमारा ब्लॉग चट्टान के प्रकार (Type of Rocks in Hindi) समझ आया होगा इसे अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर कीजिए । अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu पर बने रहे। सबसे प्राचीन चट्टान कौन सी है?धारवाड़ क्रम की चट्टानें सबसे प्राचीन अवसादी चट्टानें हैं ये चट्टानें जीवाश्म रहित हैं।
भारत का सबसे प्राचीन चट्टान कौन सा है?आर्कियन क्रम की चट्टाने
नीस, ग्रेनाइट, शिस्ट, मार्बल, क्वार्टज़, डोलोमाइट, फिलाइट आदि चट्टानों के विभिन्न प्रकार हैं। यह भारत में पाया जाने वाला सबसे प्राचीन चट्टान समूह है, जो प्रायद्वीप के दो-तिहाई भाग को घेरता है। जब से पृथ्वी पर मानव का अस्तित्व है, तब से आर्कियन क्रम की चट्टानें भी पाई जाती रही हैं।
सबसे कठोर चट्टान कौन सा है?पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली से सबसे कठोर धातु प्लैटिनम है।
चट्टान कितने प्रकार के होते हैं?The correct option is A 3. आग्नेय चट्टान. अवसादी चट्टान. रूपांतरित चट्टान |. |