किडनी में सूजन होने से क्या होता है? - kidanee mein soojan hone se kya hota hai?

किडनी में सूजन की समस्या कई तरह की होती है। सूजन किस तरह से किडनी को प्रभावित करती है उसके आधार पर इसे बांटा गया है। किडनी में मौजूद  ग्लोमेरुली, ट्यूबल, मध्य गुर्दे ऊतक आदि इस समस्या से अधिक प्रभावित होते हैं। किडनी में सूजन की समस्या पुरानी बीमारी और किडनी इंफेक्शन के कारण भी हो सकती है। किडनी में सूजन या नेफ्राइटिस के प्रकार ये हैं।

इंटरस्टीशियल नेफ्राइटिस (Interstitial Nephritis)

इंटरस्टीशियल नेफ्राइटिस किडनी की नलिकाओं यानि नेफ्रोन में होने वाली सूजन की स्थिति को कहा जाता है। इस समस्या में किडनी के नलिकाओं के बीच सूजन आने की समस्या होती है। 

ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस (Glomerulonephritis)

ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस की समस्या में किडनी की सूक्ष्म कोशिकाएं प्रभावित होती हैं। किडनी की कोशिकाएं खून को फिल्टर करने का काम करती हैं और सूजन आने पर ये कोशिकाएं ठीक ढंग से अपना काम नहीं कर पाती हैं।

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पायलोनेफ्राइटिस (Pyelonephritis)

किडनी का काम शरीर में यूरिन का निर्माण कर उसे बाहर निकालने के लिए मूत्राशय तक भेजना होता है। किडनी शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को भी फिल्टर कर बाहर निकालने का काम करती है। पायलोनेफ्राइटिस की समस्या में मूत्राशय और किडनी में सूजन होती है।

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किडनी में सूजन होने से क्या होता है? - kidanee mein soojan hone se kya hota hai?

किडनी में सूजन की समस्या के कारण ( Kidney Swelling or Nephritis Causes)

नेफ्राइटिस या किडनी में सूजन की समस्या के कई कारण हो सकते हैं। आनुवंशिक कारणों से भी यह समस्या जन्म ले सकती हैं। इसके अलावा दवाओं का सेवन, किडनी में इंफेक्शन और एचआईवी जैसे रोग या हेपेटाइटिस की वजह से भी किडनी में सूजन की समस्या होती है। कुछ मामलों में किडनी में सूजन की समस्या के पीछे एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन भी प्रमुख कारण बनता है। इन दवाओं के अधिक सेवन की वजह से किडनी को नुकसान होता है, जिसकी वजह से किडनी में सूजन की समस्या देखी जाती है। किडनी में सूजन की समस्या के प्रमुख कारण इस प्रकार से हैं।

  • एंटीबायोटिक दवाओं का अधिक सेवन 
  • नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स का सेवन
  • ऑटोइम्यून विकार
  • खून में पोटेशियम की कमी
  • खून में कैल्शियम की अधिकता
  • किडनी की अन्य बीमारियों की वजह से
  • बैक्टीरियल संक्रमण के कारण
  • दवा के रिएक्शन की वजह से

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किडनी में सूजन होने से क्या होता है? - kidanee mein soojan hone se kya hota hai?

किडनी में सूजन की समस्या के लक्षण (Kidney Swelling or Nephritis Symptoms)

आमतौर पर शुरुआत में किडनी में सूजन होने की समस्या के कोई गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिलते हैं लेकिन जैसे-जैसे ही यह समस्या बढ़ती जाती है इसके लक्षण भी बढ़ना शुरू होते हैं। किडनी में सूजन होने की समस्या में तुरंत इलाज की जरूरत होती है इस समस्या का समय पर इलाज न होने की स्थिति में किडनी में गंभीर दिक्कतें आ सकती हैं। किडनी में सूजन यानि नेफ्राइटिस की समस्या में दिखने वाले प्रमुख लक्षण इस प्रकार से हैं। 

  • पेशाब करने की आदतों में बदलाव
  • शरीर के कई हिस्सों में सूजन
  • पेशाब के रंग में बदलाव
  • पेशाब में खून आने की समस्या
  • बुखार और मतली की समस्या
  • किडनी में और इसके आसपास के हिस्से में दर्द
  • झाग के साथ पेशाब आना
  • ब्लड प्रेशर हाई होना
  • मानसिक स्थिति में परिवर्तन

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किडनी में सूजन की समस्या का इलाज (Kidney Swelling or Nephritis Treatment)

नेफ्राइटिस यानि किडनी में सूजन की समस्या में डॉक्टर स्थिति और सूजन की गंभीरता के अनुसार इलाज करते हैं। कुछ मामलों में दवा के साथ कुछ थेरेपी लेने की जरूरत भी पड़ सकती है। हालांकि सामान्य कारणों से किडनी में सूजन आने की समस्या कुछ समय में बिना इलाज के भी ठीक हो सकती है। लेकिन इसके लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क जरूर करना चाहिए। इसके अलावा नेफ्राइटिस की समस्या के इलाज के लिए चिकित्सक कुछ दवाएं और खानपान में विशेष परहेज की हिदायत देते हैं। हाई ब्लड प्रेशर और किडनी में सूजन को कम करने वाली दवाओं के साथ चिकित्सक भोजन में सोडियम, पोटैशियम और प्रोटीन के कम सेवन की सलाह भी देते हैं। 

किडनी में सूजन की समस्या में बचाव (How to Prevent Kidnet Swelling or Nephritis)

हालांकि किडनी में सूजन यानि नेफ्राइटिस की समस्या में रोकथाम हर मामले में संभव नहीं है।  लेकिन आप अपने खापान और जीवनशैली में सुधार कर इस समस्या से बचने में सफल हो सकते हैं। किडनी में सूजन की समस्या से बचने के लिए इन बातों को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है। 

  • वजन पर नियंत्रण रखने से किडनी से जुड़ी बीमारियां कम होती हैं। संतुलित वजन बनाये रखने से किडनी में सूजन की समस्या से बचा जा सकता है। 
  • किडनी में सूजन की समस्या से बचने के लिए शराब के सेवन और धूम्रपान से बचें, इनकी वजह से किडनी को नुकसान होता है। 
  • हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की समस्या की वजह से भी किडनी में सूजन की समस्या हो सकती हैं इसलिए शरीर में ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को संतुलित बनाये रखें। 
  • सोडियम की कम मात्रा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कर आप इस समस्या से बच सकते हैं। 
  • किडनी को प्रभावित करने वाली दवाओं का सेवन न करें। अगर जरूरी है तो इसके लिए अपने चिकित्सक की सलाह जरूर लें। 

किडनी में सूजन होने से क्या होता है? - kidanee mein soojan hone se kya hota hai?

 

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इसके अलावा आप किडनी के लिए फायदेमंद फूड्स का सेवन करें। पेशाब और मल त्याग करने के बाद अपने प्राइवेट पार्ट्स को अच्छी तरह से साफ करें और बैक्टीरिया के संक्रमण से किडनी को बचाकर रखें। इन सभी उपायों से आप अपनी किडनी को हेल्दी रख सकते हैं और किडनी में सूजन की समस्या से बच सकते हैं। किडनी में सूजन की समस्या से जुड़े लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक के पास जाएं और उचित जांच के बाद इलाज जरूर लें। इस समस्या को अनदेखा करना जानलेवा हो सकता है। 

किडनी में सूजन हो तो क्या करना चाहिए?

किडनी में आई सूजन से बचाव कैसे किया जा सकता है?.
ब्लड प्रेशर को बढ़ने ना दें।.
नमक और चीनी का सेवन कम मात्रा में करें।.
वजन को बढ़ने से रोके।.
जो लोग पहले से किडनी से जुड़ी या पेशाब से जुड़ी किसी समस्या से प्रभावित है उनको धूम्रपान बिलकुल भी नहीं करना चाहिए।.

किडनी में सूजन होने का क्या लक्षण है?

अन्य विभिन्न कारणों के अलावा यह गुर्दे की बीमारी के लक्षण के रूप में भी विकसित हो सकता है। आंखों के आस-पास की सूजन यह संकेत दे सकती है कि आपके गुर्दे शरीर में प्रोटीन को रखने के बजाय मूत्र में बड़ी मात्रा में इसका रिसाव कर रहे हैं। कमजोरी, थकान, भूख में कमी: आप सामान्य दिनों की तुलना में अधिक थका हुआ महसूस कर सकते हैं।

किडनी की सूजन में क्या खाना चाहिए?

अनाज: गेहूं, चावल.
दाल: मूंग.
फल एवं सब्जियां: अनार, पपीता, शिमला मिर्च, प्याज, ककड़ी, टिण्डा, परवल, लौकी, तोरई, करेला, कददू, मूली, खीरा, कुंदरू, गोभी, शिमला मिर्च.
अन्य: हल्का खाना, लहसुन, धनिया, पुदीना, जायफल, जैतून का तेल, सूरजमुखी का तेल, पतंजलि आरोग्य बिस्कुट.

किडनी खराब होने पर कहाँ दर्द होता है?

पीठ दर्द या पेट के निचले हिस्से में दर्द: पीठ, बाजू या पसलियों के नीचे दर्द गुर्दे की गड़बड़ी के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं जैसे कि गुर्दे की पथरी या पाइलोनफ्राइटिस। इसी तरह, पेट के निचले हिस्से में दर्द मूत्राशय के संक्रमण या एक मूत्रवाहिनी (गुर्दे और मूत्राशय को जोड़ने वाली ट्यूब) में पत्थर होने से जुड़ा हो सकता है।