ज्यादा पादने से क्या होता है - jyaada paadane se kya hota hai

ज्यादा पादने से क्या होता है - jyaada paadane se kya hota hai

ज्यादा पादने से क्या होता है - jyaada paadane se kya hota hai

अगर कभी पब्लिक या काम की जगह हमें फार्ट आ जाता है और हमें उस पर कंट्रोल नहीं कर पाते हैं तो हमें काफी शर्मिंदगी महसूस होती है। हालांकि यह कोई शर्मिंदगी की बात नहीं है क्योंकि फार्ट आना एक प्राकृतिक चीज है और यह आपको ब्लोटिंग और गैस आदि से छुटकारा दिलवाता है। डॉक्टर के अनुसार दिन में एक सामान्य व्यक्ति  10 से 20 बार गैस रिलीज कर सकता है। यह बिल्कुल सामान्य बात है। यह आपके पाचन सिस्टम से गैस पास होने का एक आसान तरीका है। पाद आने के बहुत से कारण हो सकते हैं जैसे कि किसी दवा की वजह से, फूड एलर्जी की वजह से, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम, कब्ज या सिलियक डिजीज की वजह से भी ऐसा हो सकता है। अगर आपको ज्यादा पाद आती है तो इसे कम करने के लिए आप ये उपाय अपना सकते हैं।

धीरे धीरे खाना खाएं

यदि आपको जल्दी जल्दी खाना खाने की आदत है तो आप जान लें कि इसके साथ आप कुछ हवा की मात्रा भी साथ में अंदर ले लेते हैं। जिसकी वजह से पेट में गैस, ब्लोटिंग और एसिडिटी होने लगती है। इसलिए खाना खाते समय आपको थोड़ी सी भी जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए और आराम से थोड़ा-थोड़ा मुंह खोल कर ही खाना खाना चाहिए।

नियमित रूप से एक्सरसाइज करें 

अगर आप फिजिकल रूप से काफी कम एक्टिव रहते हैं तो इस इनैक्टिविटी की वजह से भी आपके पेट में गैस इकठ्ठी होना शुरू हो सकती है, जिससे पादना और भी ज्यादा आम बात हो जाती है। इसलिए गैस क्लियर करने के लिए रोजाना कुछ समय के लिए आसान या मीडियम लेवल की एक्सरसाइज़ कर सकते हैं।

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धूम्रपान बंद कर दें

जब भी आप सिगरेट पीते हैं तो उसके साथ ही आप काफी सारी हवा भी अपने अंदर ले जाते हैं। इस हवा के कारण आपको पेट में गैस बनने लगती है और गैस से निजात पाने के लिए ही फार्ट आते हैं। इसलिए अगर आप ज्यादा फार्टिंग से बचना चाहते हैं तो तंबाखू की चीजों का सेवन करना बंद कर दें।

ज्यादा पादने से क्या होता है - jyaada paadane se kya hota hai

कब्ज को ठीक करें

गैस होना या पेट फूलना कई बार कब्ज के लक्षण भी होते हैं। अगर आपको भी कब्ज के कारण ही पादने की समस्या हो रही है तो आपको पहले कब्ज ठीक करना चाहिए। इसके लिए आप अपनी डाइट पर ध्यान दे सकते हैं और फाइबर से भरपूर खाना खाएं।

एलर्जी वाली चीजों रहें दूर

हो सकता है कुछ चीजें आपके शरीर में न पच पा रही हों या फिर आपको कुछ चीजों से एलर्जी हो। इसलिए आपको उन चीजों का पता होना चाहिए जिससे आप उनको अवॉयड कर सकें। सबसे पहले आप को अपनी डाइट से गैस पैदा करने वाले खाद्य पदार्थों को हटा देना चाहिए। ऐसा करने से पाद मारना कंट्रोल होने में काफी मदद मिल सकती है।

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च्यूइंगम न खाएं

बहुत सारी शुगर मुक्त गम में मुख्य इंग्रेडिएंट हेक्सिटोल है। अगर इस इंग्रीडिएंट का सेवन थोड़ी-थोड़ी मात्रा में भी किया जाता है तो गैस और ब्लोटिंग की समस्या देखने को मिल सकती है। इसलिए अगर आप भी काफी ज्यादा चुइंगम का प्रयोग करते हैं तो यह पाद आने का कारण हो सकता है और इसे बंद कर दें।

प्रो बायोटिक्स और एंजाइम सप्लीमेंट्स का सेवन करें 

प्रो बायोटिक्स अच्छे बैक्टीरिया हैं जो पेट और पाचन के स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद करते हैं और गैस जैसी समस्या से निजात दिलाने में भी लाभदायक होते हैं। एंजाइम सप्लीमेंट्स का सेवन करने से भी आपके गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल लक्षणों से निजात पाई जा सकती है। इसलिए अगर आप को पेट खराब या फिर गैस आदि की समस्या महसूस हो तो आपको इन जैसे सप्लीमेंट्स का सेवन जरूर करना चाहिए।

अगर आपको ज्यादा मात्रा में पादने की समस्या है तो आपको उन्हें नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने होंगे। ऐसा करने के लिए आप आज की टिप्स का पालन कर सकते हैं। साथ ही आपको कुछ चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए जैसे प्याज, लहसुन, पत्ता गोभी, ब्रोकली, आलू, कॉर्न, डेयरी के उत्पाद आदि। यह सब चीजें गैस बनाती हैं।

गुदामार्ग से आंत्रवायु (flatus) को बाहर निकालने की क्रिया को पादना कहते हैं और इसकी संज्ञा पाद (Flatulence) है।

ज्यादा पादने से क्या होता है - jyaada paadane se kya hota hai

ज्यादा पादने से क्या होता है - jyaada paadane se kya hota hai

हे-गस्सेन (He-gassen) नामक जापानी कला जो सत्रहवीं शताब्दी में किसी अज्ञात चित्रकार द्वारा चित्रित की गयी थी। इसमें अनेकों दृष्य हैं जिनमें मुख्य और विचित्र बात यह है कि सभी में कम से कम एक पात्र किसी दूसरे पात्र की ओर पादते हुए दर्शाया गया है।

पादने से क्या नुकसान, फायदे हैं?

पाद क्यों आता है?...

क्या केवल इंसान ही पादते हैं सभी या जीव-जंतु भी पादते हैं।

पादने वाले व्यक्ति को गन्दी निगाह से क्यों देखते हैं।।

क्या यह बात सही है कि amrutam कम्पनी द्वारा निर्मित जिओ माल्ट खाने से हजारों मरीजों को पाद की तकलीफ कम हो गई।

क्या ZEO Malt खाने से पेट की सभी बीमारी दूर हो जाती हैं।

इतने कम समय में देश-दुनिया में प्रसिद्धि पैने वाली amrutam कम्पनी कहां की है और इसकी महिला मालिक का नाम क्या है?

कितनी पाद या गैस बनती है रोज…हमारे उदर में रोज दो से छह कप तक गैस पैदा होती है। अगर पाचन शक्ति मजबूत है, तो भोजन पचाकर शेष मल पखाने द्वारा बाहर निकल जाता है अन्यथा पेट में ही रहकर पाद के रूप में प्रकट होता है। ये गैस आपके गुदा द्वार से बाहर निकलती है। इसे ही पाद कहते हैं। हमारे खानपान में कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होतें, जिन्हें पचने ज्यादा समय लगता है। जैसे- मूली, अरहर की दाल, उड़द की दाल, नमकीन दही, मैदा से निर्मित कचौड़ी-समोसे, जलेबी, इमरती, बैगन आदि।

पाद में बदबू क्यों आती है…बहुत सी चीजों में सल्फर होता है. जब शरीर इस सल्फर को तोड़ती है यानी पचाती है, तो हाइड्रोजन सल्फाइड (H2S) निकलती है। ये विशेष गन्ध युक्त होती है। सभी खमीर युक्त या सड़े हुए खाद्यों एवं अंडों में रहती है। अगर आपके भोजन सल्फर युक्त अधिक है, तो पाद से बदबू ज्यादा आएगी। अनेक तंदरुस्ती दायक खाने की चीज़ों के पचने पर हाइड्रोजन सल्फाइड पैदा होती है-

जैसे रेड मीट, पत्तागोभी, डेरी उत्पाद, बीन्स और हरी गोभी. इसलिए पाद में थोड़ी गंध हो, तो ये बुरा या अनचाहा कतई नहीं है. एक बात और है, H2S ज्वलनशील होती है।

पादने वाले को अपने पाद की बदबू अच्छी क्यों लगती है?…

जाने ये दुनिया किधर जा रही है। इंसान खुद पाद कर पूछता है, ये बदबू कहाँ से आ रही है।

सन 2014 में मेडिसिनल केमिस्ट्री कम्यूनिकेशन्स नाम के एक जर्नल में छपी यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सटर की रिसर्च में ये दावा किया गया कि - पाद में हाइड्रोजन सल्फाइड की वजह से बदबू होती है। लेकिन इसे सूंघने से कोई हानि नहीं होती।

क्या पाद की बदबू सूंघना सेहत के लिए अच्छा होता है?…यह ज्वलनशील गैस दिमाग को राहत देती है। पाद की बदबू से मस्तिष्क की नाड़ियों को राहत मिलती है।

पाद के पद... नई पीढ़ी के नोजवान ध्यान देंवें की प्यार भी बदबूदार पाद की तरह होता है। पता नहीं कब छूट जाए।

पाद छोड़ने वालों से अच्छे तो आतंकी संगठन है, जो मारने के बाद जिम्मेदारी स्वीकारते हैं।

एक व्यक्ति ने मोमबत्ती बुझाने के लिए फूंक मारी, तो पाद निकल गया। ऐसा 5 से 7 बार हुआ तो उसने पोंद को पीछे कर बोला...ले, तू ही बुझा ले।

याद रखें -पादना भी जरूरी है। लेकिन प्रीतिपल न पादें....पाद को रोकना देह के लिए पीड़ादायक हो सकता है। इससे वात रोग प्रकट होते हैं। पाद अगर अधिक आये, तो जिओ माल्ट का नियमित सेवन करें।

amrutam ZEO Malt में मिलाया गया आंवला, हरड़ मुरब्बा, गुलकन्द, त्रिकटु, चतुरजात, मधुयष्टि, शंख भस्म आदि ओषधियाँ गैस विकार, कब्ज, पाचनतंत्र की खराबी, एसिडिटी आदि पेट की सभी बीमारियों को जड़ से मिटा देती है!


क्या पाद को पास होने से रोकना उचित है?…लंबे समय तक पाद या गैस को रोकने से ह्रदय पर स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ सकता है। पाद पास करते हैं, तो इससे आपके पेट की सूजन कम होती है और आपका पाचन तंत्र सही तरीके से काम करने लगता है। पाद छोड़ने से ब्लोटिंग की समस्या दूर होती है और आप काफी आरामदायक महसूस करते हैं।

पाद से पाला प्रत्येक का प्रतिदिन पड़ता है। यह गंदा शब्द होने की वजह से पाद के बारे में कोई चर्चा नहीं करता।

पाद या पादना यह ‘असंसदीय’ भाषा है। पाद सदैव गुदाद्वार से बाहर निकलता है, जबकि डकार मुख से।

पादने से ज्यादा खतरनाक रोग है गैस की समस्या और इससे बड़े-बड़े CASH यानी पैसे वाले धनशाली लोग अधिक परेशान है। गैस की तकलीफ से इंसान के चेहरे की रंगत व भेष बदल जाता है।

पाद पसीना ला देता है, जब पार्टी में पादना पड़े…पाद या पादना है, तो बहुत बड़ी शर्मिंदा होने की बात, लेकिन पाद व्यक्ति को तन्दरुस्त रखता है।

दीमक सर्वाधिक पादता है…इस धरती पर मौजूद सभी जीव-जंतुओं में सबसे ज्यादा पाद दीमक (termites) मारता है। यह गाय से भी ज्यादा मिथेन छोड़ता है।

पाद के पतझड़ से बचने का उपाय…पाद, गैस, खट्टी डकार, अम्लपित्त, एसिडिटी की समस्या से निजात पाने के लिए मधुयष्ठी, हरड़ या हरीतकी मुरब्बा, गुलकन्द, जीरा, त्रिकटु, आंवला मुरब्बा, शंख भस्म सर्वोत्तम चिकित्सा है। पाद की परंपरा से पीछा छुड़ाने हेतु उपरोक्त ओषधियाँ से निर्मित दवाई का सेवन करें।

पाद की परंपरा कब से है..पाद, प्रकृति प्रदत्त व्यवस्था है इसे खुशबूदार नहीं बनाया जा सकता। बल्कि अगर अपने एक लाख रुपये का शरीर या कपड़ों पर इतर लगा रखा है और कोई व्यक्ति एक मूली खाकर पाद दे, आपके इत्र की कोई कीमत नहीं रह जायेगी।

पद एवं पाद की खासियत…पद और पाद दोनों में बहुत समानताएं हैं। यदि किसी को बड़ा पड़ मिल जाता है, हर कोई उसके पीछे भागता है, जबकि किसी ने पाद दिया, तो लोग उससे पीछा छुड़ा लेते हैं। पादना बहुत विशाल पीड़ा है……स्त्री हो या पुरुष को पाद आने की वजह है, उदर में सड़ता हुआ मल। यह परेशानी पाचन तंत्र की कमजोरी को दर्शाती है। जिन लोगों का पेट साफ नहीं रहता, कब्ज बनी रहती है, वे ही पाद की पीड़ा से पीड़ित होते हैं।

जब हम छोटे थे, तो कुछ बच्चे लड़कियों को यह कहकर चिढ़ाते थे कि- ओ मेरी साधना, धीरे-धीरे पादना। पाद की बीमारी से परेशान है नारी…बार-बार पाद पास करने से घर का वातावरण दूषित रहता है। इस कारण घर की नारियां बहुत चिड़चिड़ी हो जाती हैं। इनके मल में ज्यादा गन्दगी भी उन्हें नहीं सुहाती।

कुछ हमारे मनचले दोस्तों ने कभी गू पर एक शायरी लिखी थी, इसे हम शेयर कर रहे हैं…

यूं घूर कर न देख इस गू से भरी ट्राली को।

पता नहीं कितनी हसीनों के लेड़ें, बल खाये पड़े हैं।।

यह हाइड्रोजन सल्फाइड माइटोकॉन्ड्रिया को होने वाले नुकसान से बचाती है। माइटोकॉन्ड्रिया हमारे शरीर में मौजूद सेल का पावरहाउस होता है। शोध में संभावना जताई गई कि हाइड्रोजन सल्फाइड के माइटोकॉन्ड्रिया पर असर के बारे में और जानकारी इकट्ठा होने पर लकवे, अर्थराइटिस और दिल की बीमारी से शीघ्र फायदा होने लगेगा।

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इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • पादना

बार बार पाद आना कौन सी बीमारी है?

इसका एक कारण छोटी आंत में बैक्टीरिया का ज़रूरत से ज़्यादा बढ़ जाना भी है और इसकी कई वजह हो सकती हैं जिनमें टाइप 2 डायबिटीज़, सेलिआक, लिवर की बीमारी शामिल हैं.

ज्यादा पाद मारने से क्या होता है?

ऐसा कहा जाता है कि दिन में 25 बार तक पाद मारना बिल्कुल सामान्य होता है। हालांकि इससे ज्यादा गैस पास करनेको बहुत ज्यादा माना जाता है। अगर आप सामान्य के मुकाबले ज्यादा पाद मार रहे हैं तो यह पेट फूलने, सूजन व दर्द और डकार जैसे लक्षणों के साथ आपको परेशान कर सकता है।

बदबूदार पाद आने का क्या कारण है?

इसका सबसे बड़ा कारण अनहेल्दी लाइफस्टाइल है। जो लोग जंक फूड्स, स्मोक और कम पानी पीते हैं उनके फार्ट से ज्यादा बदबू आती है। इसलिए आपको खान पान का बेहद ध्यान रखना चाहिए।

पादने के बाद कौन सी गैस निकलती है?

कोई भी इंसान जब पादता है तो जो गैस उसके शरीर से बाहर निकलती है उसमें सामान्‍य तौर पर 59% नाइट्रोजन, 21% हाइड्रोजन, 9% कार्बन डाईऑक्‍साइड, 7% मीथेन, 4% ऑक्‍सीजन और सिर्फ 1% सल्‍फर युक्‍त गैस होती है.