गांधी जी बचपन में क्या करते थे? - gaandhee jee bachapan mein kya karate the?

हाइलाइट्स

गांधी जी बचपन से ही सत्य और ईमानदारी के प्रति संवेशनशील बच्चे थे.
उन्हें खेलकूद में कम पढ़ाई में ज्यादा रुचि थी जिसमें वे काफी मेहनती भी थे.
राजा हरीशचंद्र के नाटक का उनके मन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा.

आधुनिक भारतीय इतिहास (Indian History) में किसी व्यक्तित्व का अगर अध्ययन हुआ है, तो वे हैं महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) हैं. पहले दक्षिण अफ्रीका में लोगों को अंग्रेजों के खिलाफ एक जुट किया और फिर भारत में आ कर ऐसे देशव्यापी आंदोलन चलाए कि देशभर से आम से लेकर खास आदमी तक उनके साथ हो लिए. वे देश ही नहीं दुनिया भर में एक प्रेरणा बन कर उभरे और उनके विरोध के तरीके आज भी पूरे संसार में उपयोग में लाए जाते हैं. 2 अक्टूबर को गांधी जयंती (Gandhi Jayanthi 2022) के मौके पर आए जानते हैं कि आखिर उनके बचपन की कौन सी घटनाएं और यादें हैं जिनपर गांधी का गहरा प्रभाव पड़ा.

अस्थिर लेकर शर्मीले स्वभाव के थे मोहनदास
मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में एक मोद बनिया परिवार में हुआ था. उनके पिता पोरबंदर राज में दीवान थे. उनकी मां पुतली बाई उनके पिता की चौथी पत्नी थीं. वे अपनी मां के चौथी संतान थे. उनके बचपन का नाम मोनिया था.  उनकी बहन रालैत बताती थीं कि बाल्यकाल में मोहनदास एक जगह स्थिर हो कर नहीं बैठ पाते थे. या तो वे खेलने में व्यस्त रहा करते थे याफिर घूमने फिरने में.

श्रवण कुमार और हरीशचंद्र
बताया जाता है कि बचपन में मोहनदास को कुत्तों के कानों को मरोड़ना बहुत अच्छा लगता था. उनके बाल में श्रवण कुमार और राजा हरीशचंद्र का कहानियो की बहुत गहरी छाप पड़ी थी. इसका जिक्र उन्होंने अपने आत्मकथा, सत्य के प्रयोग में भी किया है. उन्हें हरीशचंद्र नाटक देखा था जिसका उनके मन पर बहुत गहरा असर हुआ था. उन्होंने अपनी आत्मकथा में  लिखा था कि वे बिना कुछ पाने के आशा के ही नाटक में हरीशचंद्र की भूमिका कर सकते थे.

पढ़ाई में मेहनत के भरोसे ज्यादा
गांधी जी में ईमानदारी का जज्बा बहुत ज्यादा था. वे पढ़ने में बहुत होशियार बच्चे तो नहीं थे, लेकिन बहुत मेहनती थे.  शिक्षकों और मातापिता की आज्ञा उनके लिए बहुत ज्यादा मायने रखती थी.  उन्होंने 10 साल की उम्र तक कई स्कूल बदल लिए थे. स्कूल में उनकी उपस्थिति सामान्यतः कम ही रहती थी. लेकिन उन्हें स्कूल के चरित्र प्रमाण पत्र में हमेशा वेरी गुड मिला करता था.

गांधी जी बचपन में क्या करते थे? - gaandhee jee bachapan mein kya karate the?

गांधी जी (Mahatma Gandhi) ने अपनी आत्मकथा में अपने बचपन की बहुत सी बातों का ईमानदारी से जिक्र से किया है. . (तस्वीर: Wikimedia Commons)

मां से मिली धार्मिकता
गांधी जी को बचपन में उनकी मां पुतली बाई से बहुत लगाव था. वे कृष्णभक्ति प्रणामी परंपरा को मानने वाली सरल महिला थीं. वे अपने दैनिक पूजापाठ के बाद ही खाने को हाथ लगाती थीं. भगवत गीता और पुराण आदि का पाठ करने का प्रभाव गांधी जी पर गहरा पड़ा उनकी धार्मिकता पर उनकी मा का स्पष्ट प्रभाव दिखता है. भगवत गीता से गहरा लगाव उन्हें बचपन में मां की वजह से ही आया. रामायण की वजह से राम के प्रति उनमें गहरी आस्था हो गई.

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कई दिन तक व्रत
मोहनदास की मां के लिए  व्रत रखना उनके लिए लगभग रोज जैसी ही बात थी. अपनी आत्मकथा में उन्होंने लिखा है कि कई बार तो मां दो-तीन दिन तक व्रत रहती थीं और चतुर्मास के दौरान वे सूर्य दर्शन किए बिना भोजन नहीं करती थीं, लेकिन बरसात के मौसम में कई बार एकदो दिन तक उन्हें सूर्य के दर्शन नहीं होते थे. तब मोहन दास सुबह से आकाश में निगरानी रखते थे जिससे सूर्य दिखने पर वे मां को बता सकें और उनकी मां भोजन कर सकें.

गांधी जी बचपन में क्या करते थे? - gaandhee jee bachapan mein kya karate the?

गांधी जी (Mahatma Gandhi) ने अपनी आत्मकथा में यह भी बताया है कि वे बचपन में अपनी पत्नी के बारे में क्या सोचा करते थे. (तस्वीर: Wikimedia Commons)

स्कूल में विभिन्न धर्मों के लोग
स्कूल में गांधी जी को कई तरह के छात्र और दोस्त मिले थे. हाई स्कूल में उनके हेडमास्टर पारसी थे, उनका एक दोस्त मुस्लिम लड़का था जिससे उनकी गहरी दोस्ती हो गई थी. इस तरह से वे अलग अलग धर्मों के लोंगों के साथ बड़े हुए थे. इसमें आसपास के कई लोग जैन धर्म के थे. इनकी संगति का भी गांधी जी पर गहरा प्रभाव पड़ा था.

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मोहनदास की 13 साल की उम्र में ही शादी हो गई थी. उन्होंने अपनी आत्मकथा में इसके बारे में विस्तार से लिखा है. उनका कहना है कि वे और उनकी पत्नी कस्तूरबा दोनों को ही तब नहीं पता था कि शादी होती क्या है. उस  समय तो उनके लिए शादी एक उत्सव था जिसमें नए कपड़े पहनने, मिठाइयां खाने और रिश्तेदारों के साथ खेलने का मौका मिलता है. उन्होंने आत्मकथा में लिखा है कि वे अपनी पत्नी के प्रति बहुत आसक्त थे और स्कूल में भी उन्हीं के बारे में सोचा करते थे. बाद में धीरे धीरे यह एक प्रगाढ़ और आदर्श प्रेम में बदल गया था.

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Tags: History, India, Research

FIRST PUBLISHED : October 02, 2022, 06:52 IST

गांधी जी बचपन में क्या काम करते थे?

गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1969 को पोरबंदर में हुआ था. गांधी जी बचपन से ही पढ़ने लिखने में काफी तेज थे. अपनी आत्मकथा 'सत्य के साथ मेरे प्रयोग' में गांधी जी लिखते हैं कि मुझे बचपन में भूतों से बहुत डर लगता था. उस डर को काटने के लिए उन्होंने राम का नाम प्रयोग करना शुरू किया था, जो उनके अंतिम समय तक उनके साथ रहा.

महात्मा गांधी का बचपन कहाँ बीता?

महात्मा गांधी के पिता राजकोट के दिवान थे. गांधी का बचपन भी राजकोट में ही बीता. हाईस्कूल तक की शिक्षा उन्होंने वहीं से पूरी की थी. बचपन में गांधी जी ने कई स्कूल बदले थे.

गांधी जी को बचपन में ही राम नाम जपने की प्रेरणा किसने और क्यों दी?

' गांधी जी ने बताया कि अंधेरे में मुझे भूतों से डर लगता है. इस पर दाई रंभा ने उनकी पीठ पर हाथ फेरते हुए कहा 'राम का नाम लो. कभी कोई भूत तुम्हारे पास आने की हिम्मत नहीं करेगा. कोई तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा, राम तुम्हारी रक्षा करेंगे.

गांधी जी कैसे रहते थे?

गाँधीजी जब सात वर्ष के थे, उनका परिवार काठियावाड़ राज्य के राजकोट जिले में जाकर बस गया जहाँ उनके पिता करमचंद गाँधी दीवान के पद पर नियुक्त थे। गाँधीजी ने राजकोट में प्राथमिक और उच्च शिक्षा प्राप्त की। वे एक साधारण छात्र थे और स्वभाव से अत्यधिक शर्मीले एवं संकोची थे। बापू बहुत ही सीधे एवं ईमानदार व्यक्ति थे