Symptoms of worms in stomach in adults: पेट में कीड़े सिर्फ बच्चों में ही नहीं बल्कि, बड़ों में भी हो सकता है। ऐसे में शरीर में अलग-अलग प्रकार के लक्षण नजर आते हैं।बच्चे अक्सर पेट दर्द की शिकायत करते हैं। बच्चों में पेट दर्द के प्रमुख कारणों में से एक आंतों का संक्रमण है जो ज्यादातर आंतों के परजीवी जैसे कीड़े (stomach worms) के कारण होता है। लेकिन बड़ों में भी ये समस्या होती है। दरअसल, कीड़े आंत में रहते हैं और हमारे शरीर के पोषण को खाते हैं। दरअसल, हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार के आंतों के कीड़े होते हैं जो कि इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं, लेकिन सबसे आम हैं टैपवार्म, राउंडवॉर्म, पिनवॉर्म या थ्रेडवर्म और हुकवर्म। इन सब प्रकार के पेट के कीड़ों के होने पर शरीर में कई लक्षण नजर आ सकते हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में। Show
पेट में कीड़े होने के कारण-What causes stomach wormsपेट के कीड़े पाचन तंत्र से जुड़े मार्ग में, आंतों की दीवार पर मौजूद होते हैं। पेट के कीड़े अत्यधिक परेशानी पैदा करते हैं और जिसके पीछे निम्न कारण हो सकते हैं- -कमजोर इम्यून सिस्टम -अधपका मांस खाना -खराब हाइजीन -दूषित पानी पीना -संक्रमित भोजन का सेवन पेट में कीड़े होने के लक्षण-Stomach worms symptoms in hindi1. मलाशय में खुजली (Anal itching)पिनवर्म इंफेक्शन (Pinworm infection) एक आंतों का कीड़ा है और दुनिया भर में सबसे आम संक्रमण है। वे सफेद, पतले होते हैं, और लंबाई में लगभग ½ से इंच मापते हैं। जिन लोगों को पिनवॉर्म होता है उनके मलाशय में खुजली होती है। दरअसल, पिनवर्म सूक्ष्म अंडे होते हैं और बड़े होने लगते हैं और मलाशय तक पहुंच जाते हैं और खुजली पैदा करते हैं। 2. लगातार होने वाली मतली और उल्टी (Nausea and vomiting)व्हिपवर्म इंफेक्शन (whipworm infection) पैरासाइट के कारण होने वाला एक बड़ा आंतों का संक्रमण है। ये मल या पानी पीने से और दूषित गंदगी से संक्रमण के कारण हो सकता है। ये बच्चों और उन लोगों में आम है जो खराब स्वच्छता या स्वच्छता वाले क्षेत्रों में रहते हैं। गर्म या आर्द्र जलवायु परिस्थितियों में रहने वाले लोगों को भी व्हिपवर्म संक्रमण हो सकता है। इसमें रह-रह कर लोगों को मतली और उल्टी हो सकती है। 3. ज्यादा दांत पीसना (Grinding teeth)टेपवर्म भी एक प्रकार का पेट का कीड़ा है जो कि इंफेक्शन पैदा कर सकता है। ये शरीर का पोषण खाने लगता है जिससे शरीर में कमजोरी होने लगती है और इसी कारण लोग ज्यादा दांत पीसने लगते हैं। तो, कई बार अगर कोई बहुत ज्यादा दांत पीस रहा है तो उन्हें कीड़े की दवाई खानी चाहिए। 4. पेट में दर्द (Stomach Pain)आपके पेट में कोई भी कीड़ा हो ये मेटाबोलिज्म को खराब कर देता है। साथ ही ये पाचन एंजाइम्य को भी प्रभावित करता है और पेट में दर्द का कारण बनता है। इसके अलावा कई बार खराब मेटाबोलिज्म बदहमजी का भी कारण बनता है और इसकी वजह से पेट दर्द होने लगता है। 5. अचानक से वजन का कम होना (Sudden Weight loss)अचानक से वजन कम होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं जिसमें से एक है पेट में कीड़े होना। दरअसल, जब पेट में कीड़े होते हैं तो ये आपके द्वारा खाए जाने वाला खाना खाता है। ये आपका पोषण चुरा लेता है और जिससे आप कमजोर और पतले होने लगते हैं और अचानक से वजम कम होने लगता है। 6. मल में सफेद डॉट्स आना (White dots in the stool)पेट में कीड़े जब ज्यादा बढ़ जाते हैं तो मल में सफेद डॉट्स जैसा कुछ आने लगता है। ये वैसा ही होता है जैसे कि मल में खून आए। ऐसी स्थिति में आपको अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए। 7. कमजोरी और सिरदर्द (Weakness and Headache)कमजोरी और सिरदर्द कई कारणों से हो सकता है लेकिन कई बार ये पेट में कीड़े होने की वजह से हो सकता है। दरअसल, पेट के कीड़े आपके शरीर का पोषण यानी माइक्रोन्यूट्रिएंट्स को खाते हैं जिनकी कमी से कमजोरी और सिर दर्द हो सकता है। तो, पेट में कीड़े होने पर शरीर में दिखते हैं ये लक्षण तो इन्हें नजरअंदाज ना करें। डॉक्टर को बताएं और सही इलाज लें। साथ ही जिन कारणों से होता है उनसे बचें। अगर बार-बार पेट दर्द, भूख न लगना या ज्यादा भूख लगने जैसी समस्या हो रही हो तो ऐसे में सतर्क हो जाना चाहिए, क्योंकि पेट से संबंधित ऐसी कोई भी समस्या है, तो पेट में कीड़े हो सकते हैं। कई बार यह समस्या काफी गंभीर भी हो सकती है। ऐसे में क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इस बारे में स्टाइलक्रेज के इस लेख में आपको पूरी जानकारी मिलेगी। हम आपको पेट के कीड़े के घरेलू नुस्खे बताने के साथ ही इनके पनपने की वजह और अन्य अहम बातों को भी बताएंगे। स्क्रॉल करें लेख की शुरुआत में हम सबसे पहले पेट के कीड़े के प्रकार जान लेते हैं। विषय सूची
पेट के कीड़े के प्रकार – Types of Intestinal Worms in Hindiवैसे तो पेट के कीड़े के प्रकार कई होते हैं, लेकिन मुख्य रूप ये तीन प्रकार के होते हैं (1) :
पढ़ते रहें लेख में आगे हम बता रहे हैं पेट में कीड़े होने के कारण क्या-क्या हो सकते हैं। पेट में कीड़े होने के कारण – Causes of Intestinal Worms in Hindiपेट में कीड़े होने की कई वजह होती हैं। इन सभी वजहों के बारे में हम नीचे क्रमवार तरीके से बता रहे है (2) :
पढ़ना जारी रखें पेट में कीड़े के कारण के बाद अब बात करते हैं पेट में कीड़े होने के लक्षणों की। पेट में कीड़े के लक्षण – Symptoms of Intestinal Worms in Hindiपेट में जैसे-जैसे कीड़े पनपने लगते हैं, हमें शारीरिक तौर पर कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिसे हम आम भाषा में लक्षण भी कहते हैं। चलिए, तो अब बात करते हैं पेट में कीड़े के लक्षणों के बारे में (2) (3)।
आगे पढ़ें कुछ खास पेट में कीड़े से नुकसान और लक्षण के बाद चलिए अब बात करते हैं पेट के कीड़ों के घरेलू नुस्खे के बारे में। पेट में कीड़े दूर करने के लिए घरेलू उपाय – Home Remedies For Intestinal Worms in Hindiपेट के कीड़ों को दूर करने के लिए शुरुआती रूप में पेट के कीड़ों के घरेलू नुस्खे को अपनाया जा सकता है। वहीं, यदि समस्या गंभीर है तो पेट में कीड़े का इलाज कराने के लिए डॉक्टर को दिखाना ही बेहतर होगा। चलिए अब जानते हैं पेट के कीड़े मारने के घरेलू उपाय : 1. सेब का सिरकासामग्री:
उपयोग का तरीका :
कैसे है लाभदायक : पेट में कीड़े से नुकसान न हो इसके लिए सेब के सिरके का उपयोग किया जा सकता है। इससे संबंधित एक शोध में बताया गया है कि सेब के सिरके में एंथेल्मिंटिक प्रभाव मौजूद होता है, जो परीजीवों से लड़ने में सहायक हो सकता है (4)। इसके अलावा, एप्पल विनेगर में एंटीमाइक्रोबियल गुण भी पाए जाते हैं, जो शरीर में कई प्रकार के बैक्टीरिया को खत्म करने के साथ ही उन्हें पनपने से रोकने में मदद कर सकते हैं (5)। ऐसे में माना जाता है कि इसके सेवन से पेट में मौजूद कीड़े को खत्म करने में मदद मिल सकती है। 2. लहसुनसामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है लाभदायक : पेट के कीड़ों को मारने के लिए लहसुन का उपयोग करना भी कारगर सिद्ध हो सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक लहसुन में एंटीपैरासिटिक और एंटी माइक्रोबियल प्रभाव होते हैं। लहसुन में पाए जाने वाले ये दोनों प्रभाव पेट के कीड़ों को मारने में मदद कर सकते हैं (6)। 3. लौंगसामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है लाभदायक : पेट में कीड़े के उपचार के लिए लौंग का उपयोग भी किया जा सकता है। बताया जाता है कि लौंग में यूजेनॉल (Eugenol) नामक कंपाउंड मौजूद होता है, जो एंटीपैरासिटिक यानी परजीवी संक्रमणों से लड़ने वाला गुण प्रदर्शित कर सकता है (7)। इसके अलावा, शहद पर हुए एक अन्य शोध में यह बताया गया है कि हनी में भी एंटी बैक्टीरियल और एंटीपैरासिटिक गुण मौजूद होता है (8)। शहद का यह दोनों गुण परीजीवी संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकता है। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि लौंग के साथ शहद का इस्तेमाल पेट में कीड़ा होने के लक्षणों को कम कर सकता है। 4. हर्बल टीसामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है लाभदायक : पेट में कीड़े के इलाज के लिए कैमोमाइल से बनी हर्बल चाय पीने के फायदे भी देखे जा सकते हैं। दरअसल, कैमोमाइल में एंटी पैरासिटिक गुण पाए जाते हैं, जो परजीवी संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं (9)। इसके अलावा, जैसा कि हमने लेख में बताया कि शहद में भी एंटीपैरासिटिक यानी परजीवी संक्रमण को समाप्त करने के गुण मौजूद होते हैं(8)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि हर्बल चाय की मदद से पेट में कीड़े होने की समस्या को दूर किया जा सकता है। 5. हल्दीसामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है लाभदायक : त्वचा के लिए हल्दी के फायदे तो है ही, इसके अलावा स्वास्थ के लिहाज से भी हल्दी बेहद फायदेमंद मानी गई है। बताया जाता है कि हल्दी का इस्तेमाल पेट के कीड़ों से छुटकारा पाने के लिए किया जा सकता है। दरअसल, इसमें परीजीवी संक्रमण से लड़ने की क्षमता होती है (10)। Subscribe इसके अलावा, हल्दी में मौजूद करक्यूमिन नामक कंपाउंड एंटीमाइक्रोबियल गुणों से भरपूर होता है, जो कई प्रकार के बैक्टीरिया और परजीवों से लड़ने में मदद कर सकता है (11)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि पेट के कीड़ों के घरेलू नुस्खों के लिए हल्दी उपयोगी साबित हो सकती है। 6. पपीतासामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है लाभदायक : पेट के कीड़े मारने के घरेलू उपाय में पपीता का इस्तेमाल करना भी लाभकारी साबित हो सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च पेपर से जानकारी मिलती है कि पपीते के बीज में एंथेल्मिंटिक और एंटी-अमीबिक गुण होते हैं, जो पेट के कीड़ों को बाहर निकालने में मदद कर सकते हैं (12)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि पपीता के सेवन से पेट के कीड़े से राहत मिल सकती है। 7. अदरकसामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है लाभदायक : पेट के कीड़ों की समस्या में अदरक का उपयोग भी फायदेमंद हो सकता है। इससे जुड़े एक रिसर्च में पाया गया कि अदरक में एंटीपैरासिटिक प्रभाव होता है जो पेट के कीड़ों को मारने में मददगार हो सकता है (13)। इसके अलावा, एक अन्य रिसर्च में इस बात की जानकारी मिलती है कि अदरक में मौजूद कोलीनर्जिक कंपाउंड एंथेल्मिंटिक प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है, जिससे वॉर्म्स से लड़ने में मदद मिल सकती है(14)। 8. नीमसामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है लाभदायक : पेट में कीड़े के उपचार के लिए नीम के पत्ते का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। दरअसल, नीम के पत्तों में एंथेल्मिंटिक गुण होते हैं, जो कीड़ों को पनपने से रोकने में मदद कर सकते हैं। इस बात की जानकारी एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध से होती है(15)। इसके अलावा एक अन्य शोध में नीम को आंतो में होने वाले एक तरह के राउड वॉर्म यानी नेमाटोड्स से बचाने में भी प्रभावी पाया गया है (16)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि जूस के रूप में नीम का सेवन पेट के कीड़ों की समस्या से बचाने में मदद कर सकता है। 9. दालचीनी पाउडरसामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है लाभदायक : दालचीनी का उपयोग सेहत के साथ ही पेट के कीड़ों की समस्या में भी लाभदायक हो सकता है। दरअसल, इसमें एंटीमाइक्रोबियल और एंटी पैरासिटिक गुण पाए जाते हैं। यह गुण पेट में मौजूद कीड़ों को खत्म करने में मदद कर सकते हैं। साथ ही उन्हें पनपने से भी रोकते हैं (17)। 10. विटामिन-सीसामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है लाभदायक : विटामिन-सी बतौर एंटी-ऑक्सीडेंट हमारे शरीर में काम करता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही इसमें पेट के कीड़ों को मारने की क्षमता भी होती है (18)। पेट में कीड़े होने की वजह से ज्यादा मात्रा में विटामिन-सी लेने की सलाह दी जाती है। विटामिन-सी का सहन करने योग्य ऊपरी सेवन स्तर 2000 mg ही है (19)। इससे अधिक मात्रा में सेवन नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। 11. एलोवेरासामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है लाभदायक : एलोवेरा का सेवन पेट से सभी विषाक्त पदार्थों के साथ-साथ कीड़ों को बाहर निकालने में मदद कर सकता है। दरअसल, एलोवेरा में एंथेल्मिंटिक और एंटीबैक्टीरियल गतिविधि पाई जाती है। इससे जुड़े एक शोध में पाया गया है कि, एलोवेरा के अर्क का सेवन कीड़ों के साथ इसके अंडों और लार्वा को भी खत्म करने में सहायक हो सकता है (20)। 12. कद्दू के बीजसामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है लाभदायक : कद्दू के बीजों में कुकुरबिटासिन (Cucurbitacin) नामक एक कंपाउंड होता है, जो पेट के अंदर के कीड़ों को बाहर निकालने में मदद कर सकता है। कुकुरबिटासिन की वजह से ही कद्दू में एंटी पैरासिटि और एंथेल्मिंटिक गतिविधि पाई जाती है, जो कीड़ों के खिलाफ लड़ने में मदद कर सकते हैं (21)। 13. टी-ट्री ऑयलसामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है लाभदायक : टी ट्री ऑयल अपने एंटी बैक्टीरियल प्रभाव के लिए जाना जाता है। शायद यही वजह है कि यह पेट में मौजूद कीड़े से भी लड़ने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही इसमें एंटी पैरासिटिक गुण भी पाए जाते हैं, जो कुछ कीड़ों से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकते हैं (22)। 14. अरंडी का तेलसामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है लाभदायक : अरंडी के तेल का इस्तेमाल पेट के कीड़ों की समस्या को दूर करने के लिए किया जा सकता है। एक रिसर्च के अनुसार अरंडी के तेल में फाइलेरिसाइडल प्रभाव होता है। यह प्रभाव पेट के कीड़ों के विकास को रोकने और उनसे छुटकारा पाने में फायदेमंद माना जा सकता है (23)। इसके अलावा अरंडी के तेल में लैक्सेटिव गुण होता है (24)। यह गुण पेट से मल के साथ विषाक्त पदार्थों और कीड़ों को बाहर निकालने में मदद कर सकता है (25)। नोट: अरंडी के तेल का सेवन किया जा सकता है लेकिन हम यही सलाह देंगे कि इसके सेवन के पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें (26)। 15. जैतून के पत्ते का अर्कसामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है लाभदायक : जैतून के पत्तों के अर्क में मौजूद फ्लेवोनोइड्स की वजह से इसमें एंटीपैरसिटिक गुण पाये गए जाते हैं। एक अध्ययन के मुताबिक जैतून के पत्तों के अर्क लीशमैनिया (Leishmania) पैरासाइट (एक तरह का कीड़ा) से लड़ने में सहायक साबित हुआ है (27)। 16. अंगूर बीज का अर्कसामग्री :
उपयोग का तरीका :
कैसे है लाभदायक : अंगूर के बीज के अर्क में एंटीमाइक्रोबियल गतिविधि पाई जाती है। इसकी मदद से बैक्टीरिया को पनपने से रोका जा सकता है। इसके अलावा, एक शोध के मुताबिक अंगूर के बीज के अर्क में 800 से अधिक बैक्टीरिया, 100 फंगल और कई परिजीवों के खिलाफ लड़ने की क्षमता है (28)। इसके अलावा अंगूर के बीजों में एंथेल्मिंटिक गतिविधि भी पाई जाती है, जो कीड़ों के खिलाफ लड़ने में मदद कर सकते हैं (29)। नीचे स्क्रॉल करें पेट के कीड़ों के घरेलू नुस्खे के बाद जानते हैं पेट में कीड़े की समस्या के लिए क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। पेट में कीड़े होने पर आहार – Food For Intestinal Worms in Hindiलेख में पहले हम बता रहे हैं कि पेट में कीड़ा होने पर किन किन खाद्यों को अपने आहार में शामिल किया जा सकता है, इनमें एंथेलमिंटिक प्रभाव यानी कृमिनाशक प्रभाव होता है (30) (21) (31)।
यहां हम बता रहे हैं कि पेट में कीड़े होने पर किन खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि इनको आहार में शामिल करने से कीड़े की समस्या बढ़ सकती है। एक शोध के मुताबिक इन सभी खाद्य पदार्थों में किसी न किसी तरह के कीड़े पाए गए हैं (32)।
इसके अलावा, अधपके मीट, मछली, पानी में होने वाली सब्जियां और सामान्य सब्जियों को बिना अच्छे से धोएं खाने से बचना चाहिए (33)। आगे पढ़ें लेख के इस भाग में हम बता रहे हैं पेट में कीड़े के जोखिम कारक और जटिलताओं के बारे में। पेट में कीड़े के जोखिम और जटिलताएं – Intestinal Worms Risks & Complications in Hindiपेट में कीड़े होने की वजह से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसमें इंफेक्शन से लेकर कई सर्जिकल स्थितियां भी शामिल हैं। इनमें से कुछ बारे में हम यहां बता रहे हैं (1) (3) (2):
अंत तक पढ़ें आर्टिकल में यहां हम जानेंगे पेट में कीड़े के इलाज के बारे में। पेट में कीड़े का इलाज – Treatment of Intestinal Worms in Hindiपेट के कीड़ों के घरेलू नुस्खे अपनाने के बाद भी अगर समस्या कम नहीं होती है, तो फिर इसके लिए मेडिकल ट्रीटमेंट जरूरी हो जाता है। तो चलिए जानते हैं कि पेट में कीड़े का इलाज किस प्रकार से किया जा सकता है:
पेट में कीड़े किसी भी उम्र में और किसी को भी हो सकते हैं। इसलिए, अपने आसपास सफाई रखने की काफी ज्यादा जरूरत है। इसके अलावा, अगर हाथों को धोएं बिना खाना खाने जैसी आदतों पर ध्यान दें, तो इस स्थिति से खुद को बचा सकते हैं। वो कहते हैं न इलाज से बेहतर रोकथाम है। अगर सावधानी बरतने के बावजूद पेट में कीड़े हो जाते हैं, तो इस लेख में दिए गए पेट के कीड़ों के घरेलू नुस्खे और पेट में कीड़े के उपचार को अपना सकते हैं। आशा करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा। अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:जब आंतों या पेट में कीड़े होते हैं, तो मल कैसा दिखता है? मल में कीड़े सफेद सूती धागे के छोटे-छोटे टुकड़ों की तरह दिखते हैं। अपने आकार और सफेद रंग के कारण, पिनवॉर्म को देखना मुश्किल होता है (35)। आंतों के कीड़े कितने समय तक रहते हैं? आंतों के कीड़े 10 से 24 महीने तक जीवित रह सकते हैं (3)। आंतों के कीड़े को मारने के लिए कौन सी चाय अच्छी है? पेट के कीड़ों को मारने के लिए कैमाेमाइल से बनी हर्बल टी का उपयोग किया जा सकता है, इसमें एंटीपैरसिटिक प्रभाव होता है, जो परजीवों से लड़ने में मदद कर सकता है (9)। यह कैसे पता चलेगा कि आंतों में कीड़े हैं? आंतों में कीड़ा होने पर है, निम्नलिखत लक्षण दिखाई देने लगते हैं, जैसे – बलगम में खून आना, मल में कीड़ा निकलना, पेट में दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते होना, नाक या मुंह से कीड़े निकलना आदि शामिल हैं (3)। इसके आधार पर यह पता लगाया जा सकता है कि आंतों में कीड़ा है। क्या पेट के कीड़ों से नुकसान पहुंचता है? हां, पेट के कीड़ों से नुकसान पहुंच सकता है। इन कीड़ों की वजह से डायरिया की समस्या, पेट दर्द, गैस की समस्या, तेजी से वजन घटना या फिर डीहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है (2)। आंतों के कीड़े के लिए मुझे किस तरह के डॉक्टर को दिखाना चाहिए? पेट में कीड़ा होने के लक्षण दिखाई देने पर गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट को दिखाना चाहिए (36)। संदर्भ (Sources):Articles on StyleCraze are backed by verified information from peer-reviewed and academic research papers, reputed organizations, research institutions, and medical associations to ensure accuracy and relevance. Read our editorial policy to learn more.
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