बुधवार को पान खाने से क्या होता है? - budhavaar ko paan khaane se kya hota hai?

हिंदू धर्म में पान को शुभता का प्रतीक माना गया है। किसी भी शुभ काम अथवा पूजा पाठ के समय पान के पत्ते का प्रयोग

हिंदू धर्म में पान को शुभता का प्रतीक माना गया है। किसी भी शुभ काम अथवा पूजा पाठ के समय पान के पत्ते का प्रयोग किया जाता है। स्कंद पुराण के अनुसार समुद्र मंथन के वक्त पान के पत्ते का उपयोग हुआ था। तभी से इस पत्ते को खास महत्व प्राप्त है। ज्योतिषशास्त्र में इसे बहुत कारगर माना गया है और बहुत सारी समस्याओं का हल पाने का यह एक माध्यम है। बुध ग्रह और पान के पत्ते का गहरा संबंध है।


वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध, सौरमंडल के नवग्रहों में सबसे छोटा और सूर्य से निकटतम ग्रह है। बुध ग्रह व्यक्ति को विद्वता, वाद-विवाद की क्षमता प्रदान करता है। यह जातक के दांतों, गर्दन, कंधे व त्वचा पर अपना प्रभाव डालता है। यह कन्या राशि में उच्च एवं मीन राशि में नीच का होता है। ज्योतिषीय दृष्टि से बुध कम्युनिकेशन, नेटवर्किंग, विचार चर्चा एवं अभिव्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। 


बुद्ध देव को हरा रंग प्रिय है। बुध का मूल अंक 5 है। इनकी शुभ दिशा उत्तर है। इनका प्रिय रत्न पन्ना है तथा इनका प्रिय धातु कांस्य है तथा बुद्धदेव की अधिपति हैं देवी दुर्गा। बुध एक परोपकारी ग्रह है। किंतु, जन्म कुंडली में बुध की अन्य ग्रहों के साथ युति या भाव में उपस्थिति व्यवहार का निर्धारण करती है। यदि बुध पाप ग्रहों के साथ युति करता है तो बुध ग्रह नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसलिए, बुध को चंचल एवं अचल ग्रह के रूप में जाना जाता है। बुध वाक्-पटुता, समझ, बुद्धिमत्ता, मनोवृत्ति, तर्क, वाणी, चपलता, दक्षता, यात्राएं, ज्ञान व बुद्धि प्रदान करता है। 


मंगलवार और बुधवार पान के पत्ते पर कत्था लगाकर बच्चों के खिलाने से उनकी बुद्धि कुशाग्र होती है।

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बुधवार को अपनी जेब में पान का पत्ता, खीरा या धनिया रखकर निकलें, इससे आपके सभी बिगड़े काम बनेंगे। सारा दिन शुभता से व्यतित होगा।


बुधवार के दिन गणेश जी को पान पर कंसार कोरे रखकर चढ़ाने से जीवन में आ रहे सभी संकटों का नाश होता है।


बुधवार को पान का सेवन न करें।


घर से नकारात्मकता का नाश करने के लिए मुख्यद्वार पर पान के पांच पत्ते धागे में पिरोकर लटका दें। प्रतिदिन इन पत्तों को बदलें, ध्यान रखें मुरझाए पत्ते सकारात्मकता का नाश करते हैं।


पान का पत्ता सावन के महीने में शिवलिंग पर अर्पित करने से हर इच्छा पूरी होती है।


पान का पत्ता नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मकता में परिवर्तित करता है। नजर लगे व्यक्ति को पान के पत्ते में सात गुलाब की पंखुड़ियां रखकर खिलाने से नजर दोष समाप्त होता है।


मंत्रानुष्ठान करके बुध की अनुकंपा प्राप्त करें।
ऊँ बुधाय नम:
ऊँ दुर्बुद्धिनाशनाय नम:
ऊँ सुबुद्धिप्रदाय नम:
ऊँ सौम्यग्रहाय नम: 
ऊँ सर्वसौख्यप्रदाय नम: 
ऊँ सोमात्मजाय नम:

मुंह का स्वाद ही नहीं किस्मत भी बदलता है पान,

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार किसी भी शुभ कार्य से पहले या पूजा पाठ के दौरान पान के पत्ते के जरिए भगवान का नमन किया जाता है। स्कंद पुराण के मुताबिक देवताओं द्वारा समुद्र मंथन के समय पान के पत्ते का प्रयोग किया गया था। यही वजह है कि पूजा में पान के पत्ते के इस्तेमाल का विशेष महत्व है।

आज हम आपको पान के ऐसे कुछ उपाय बताएंगे जिन्हें आजमाकर जीवन में धन, सुख, समृद्धि, सफलता, उन्नति और शांति प्राप्त कर सकते हैं।

पहला टोटका

मंगलवार या शनिवार के दिन हनुमानजी को अच्छे से बनाया गया बीड़ा अर्पित किया जाए तो सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती है। बीड़ा अर्पित करने का अर्थ है कि अब से हनुमानजी आपका बीड़ा उठाएंगे।

मंगलवार या शनिवार के दिन हनुमानजी को विशेष पान चढ़ाएं। इस दिन तेल, बेसन और उड़द के आटे से बनाई हुई हनुमानजी की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा करके तेल और घी का दीपक जलाएं तथा विधिवत पूजन कर पूआ, मिठाई आदि का भोग लगाएं। इसके बाद 27 पान के पत्ते तथा गुलकंद, सौंफ आदि मुख शुद्धि की चीजें लेकर इनका बीड़ा बनाकर हनुमानजी को अर्पित करें।

इस पान में केवल ये पांच चीज़ें डलवाएं: कत्था, गुलकंद, सौंफ, खोपरे का बूरा और सुमन कतरी। पान बनवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसमें चूना एवं सुपारी नहीं हो। साथ ही यह पान तंबाकू लगे हाथ से नहीं बनना चाहिए।

हनुमानजी का विधि-विधान से पूजन करने के बाद यह पान हनुमानजी को अर्पण करें और साथ ही प्रार्थना करते हुए कहें, ‘हे हनुमानजी, आपको मैं यह मीठा रस भरा पान अर्पण कर रहा हूं। इस मीठे पान की तरह आप मेरा जीवन भी रसीला कर दीजिए, मिठास से भर दीजिए’। हनुमानजी की कृपा से कुछ ही दिनों में आपकी हर समस्या दूर हो जाएगी।


दूसरा टोटका

पान का दान : ताम्बूल अर्थात् पान होता है। पान का दान करने से मनुष्य पापों से छुटकारा पा जाता है, जबकि पान खाने से पाप होता है। वह पाप पान (ताम्बूल) दान करने से नष्ट हो जाता है।

तीसरा टोटका

नजरदोष : पान का पत्ता नकारात्मक उर्जा को दूर करने वाला और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने वाला भी माना जाता है इसलिए नजर लगे व्यक्ति को पान में गुलाब की सात पंखुड़ियां रखकर खिलाएं।

चौथा टोटका

भगवान शिव को अर्पित करें विशेष पान : यह बहुत कम लोग जानते हैं कि भगवान शिव को पान भी अर्पित किया जाता है। अगर भगवान शिव को विशेष पान अर्पित किया जाए तो हर तरह की मनोकामना पूर्ण होती है।

इस विशेष पान में केवल कत्था, गुलकंद, सौंफ, खोपरे का बुरा और सुमन कतरी डली हुई होती है। महादेव का पूजन कर नैवेद्य के पश्चात उनको पान अर्पण करें।

पांचवां टोटका

बिक्री बढ़ाने का उपाय : यदि आपको ऐसा लगता है कि किसी ने तांत्रिक क्रिया करके आपकी दुकान बांध दी है तो आप शनिवार प्रात: पांच पीपल के पत्ते और 8 पान के साबूत डंडीदार पत्ते लेकर उन्हें एक ही धागे में पिरोकर दुकान में पूर्व की ओर बांध दें। ऐसा कम से कम पांच शनिवार करें। पुराने पत्तों को किसी नदी या कुएं में प्रवाहित कर दें। इस उपाय से आपकी बिक्री बढ़ेगी।

छठा टोटका

सुबह स्नान कर घर के देवालय या श्रीगणेश मंदिर में जाकर मूर्ति के समक्ष एक पान के पत्ते पर सिंदूर में घी मिलाकर या कुमकुम से रंगे चावल से स्वस्तिक बनाएं। अब उस पर कलावे यानी लाल नाड़े में एक सुपारी लपेटकर रखें। यह श्रीगणेश स्वरूप मानी जाती है। इस सुपारी की पूजा अच्छे से करेंगे तो मंगल होगा।

सातवां टोटका

रुके काम शुरू होंगे : यदि आप रविवार को एक पान का पत्ता लेकर घर से बाहर निकलेंगे तो आपके रुके हुए सभी कार्य संपन्न होना शुरू हो जाएंगे।

आठवां टोटका

विवाह हेतु : होने वाले जीवनसाथी को अपने प्रति आकर्षित करने के लिए तांबूल यानि पान के पत्ते की जड़ को घिसकर तिलक लगाएं। ऐसा करने से विवाह हेतु देखने आए लोग मोहित हो जाएंगे और आपका विवाह पक्का हो जाएगा।


नौवां टोटका

दशहरे के दिन का उपाय : घर के प्रत्येक सदस्य को राम मंदिर में देशी घी में भिगोई हुई दो लौंग, एक बताश और एक पान का पत्ता अवश्य चढ़ाना चाहिए। इससे घर में सुख और समृद्धि बढ़ती है तथा हर तरह के कष्ट दूर हो जाते हैं।

दसवां टोटका

पति प्रेम हेतु : शुक्ल पक्ष के प्रारंभ में एक पान का पत्ता लें। उस पर चंदन और केसर का पाउडर मिला कर रखें। फिर दुर्गा माताजी के सामने बैठकर दुर्गा स्तुति में से चंडी स्त्रोत का पाठ 43 दिन तक करें। पान का पता रोज नया लें। रोज प्रयोग किए गए पान के पत्ते को अलग किसी स्थान पर रखें। 43 दिन के बाद उन पान के पत्तों को जल प्रवाहित कर दें।

चंडी पाठ करने के बाद चंदन और केसर जो पान के पत्ते पर रखा था, का तिलक अपने माथे पर लगाकर पति के सामने जाएं। इस उपाय से पति का प्रेम आप पर बना रहेगा। यह उपाय किसी लाल किताब के विशेषज्ञ से पूछकर ही करना चाहिए।