Q. कोई वित्त विधेयक धन विधेयक है या नहीं, इसका निर्धारण कौन करता है? Show
धन विधेयक को कौन प्रमाणित करता है?September 10, 2018 (A) राष्ट्रपति Answer : लोकसभा अध्यक्षधन विधेयक को लोकसभा अध्यक्ष प्रमाणित करता है। किसी विधेयक धन विधेयक होने या ना होने का निर्णय लोकसभा अध्यक्ष करता है और उसका निर्णय अंतिम होता है। इस निर्णय को न्यायालय सदन या राष्ट्रपति अस्वीकार नहीं करता है जब राष्ट्रपति के समक्ष विधेयक को भेजा जाता है तब उस पर लोकसभा अध्यक्ष द्वारा धन विधेयक लिखा होता है। धन विधेयक केवल लोकसभा में ही पेश किए जा सकते हैं लोकसभा से पास होने के बाद धन विधेयक को राज्यसभा में भेजा जाता है और राज्यसभा धन विधेयक को न तो उसे अस्वीकार कर सकती है और न ही उसमें कोई संशोधन कर सकती है वह कुछ सिफारिशों के साथ भेज सकती है।....अगला सवाल पढ़े Tags : राजव्यवस्था प्रश्नोत्तरी Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams Latest QuestionsI’m a freelance professional with over 10 years' experience writing and editing, as well as graphic design for print and web.
संसद में प्रस्तुत होने वाले विधेयकों की चार श्रेणियों में से एक धन विधेयक है। संविधान के अनुच्छेद 110 में धन विधेयक की परिभाषा दी गई है। कोई विधेयक धन विधेयक माना जाएगा यदि वह:
कोई विधेयक धन विधेयक नहीं माना जाएगा यदि वह:
अन्य महत्त्वपूर्ण बिंदु:
धन विधेयक पारित करने की प्रक्रिया:
धन विधेयक के संबंध में राज्यसभा के पास शक्तियाँ:
धन विधेयक के संबंध में राष्ट्रपति की भूमिका:
संसद में धन विधेयक कौन प्रमाणित करता है?Detailed Solution. सही उत्तर अध्यक्ष है। उच्च सदन में भेजने से पहले, लोकसभा अध्यक्ष विधेयक को धन विधेयक के रूप में प्रमाणित करता है।
भारत में धन विधेयक कौन पेश करता है?लोकसभा अध्यक्ष द्वारा प्रमाणित धन विधेयक लोकसभा से पास होने के बाद राज्यसभा में भेजा जाता है। राज्यसभा धन विधेयक को न तो अस्वीकार कर संकती है और न ही उसमें कोई संशोधन कर सकती है। वह विधेयक की प्राप्ति की तारीख से 14 दिन के भीतर विधेयक की लोकसभा की लौटा देती है।
धन विधेयक का निर्णय कौन करता है?Notes: संविधान के अनुच्छेद 110 में धन विधेयक की व्याख्या की गई है। प्रत्येक वित्त विधेयक धन विधेयक होता है लेकिन प्रत्येक धन विधेयक वित्त विधेयक नहीं होता है। कोई वित्त विधेयक धन विधेयक है या नहीं, इसका निर्धारण लोकसभा स्पीकर (अध्यक्ष) द्वारा किया जाता है।
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