चाय की खेती कहां होती है | chai ki kheti in hindi | assam chai ki kheti | भारत में चाय की खेती कहां होती है | चाय की खेती कैसे की जाती है | चाय की खेती कैसे करें | चाय की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी | Tea Farming Show
आज के समय चाय दुनिया का सबसे लोकप्रिय पेय योग्य पदार्थ बन चूका है| देश में आज के समय कई सरकारी और निजी चाय के बागान है, जिनसे उधोगो और स्थानीय से लेकर व्यापारियों तक रोजगार मिला हुआ है यह एक सदाबहार झाड़ी नुमा पौधे से प्राप्त होता है, जो थियनेसेसिस नामक पेड़ का प्रजातीय है| चाय में थीन नामक पदार्थ पाया जाता है जो मानव शरीर को ऊर्जा देता है | भारत, चाय के उत्पादन मे दुनिया में अपना दूसरा स्थान रखता है, इसके लिए भारत की जलवायु और किसानों की मेहनत, श्रमशक्ति की देंन है | इस लेख के माध्यम से आज हम बात करेंगे चाय की खेती कैसे की जाती है तथा चाय की विभिन्न प्रकार की विशेषताओं के बारे में – Contents hide 1 चाय की खेती के बारे में सम्पूर्ण जानकारी – 1.1 चाय मुख्यतः तीन प्रकार की होती है – 2 चाय की खेती कब और कैसे पूरी जानकारी ? 2.1 चाय की उन्नत किस्मे – 2.2 चाय की खेती के लिए जलवायु और तापमान ? 2.3 चाय की खेती किस मिट्टी में होती है ? 2.4 चाय के पौधे/चाय के बीज की रोपाई – 2.5 चाय की पत्ती की तुडाई – 3 चाय की खेती कहाँ होती है ? 3.1 चाय के बागान से बाजार तक चाय का सफर – 4 भारत में चाय का उत्पादन ? 4.1 भारत में चाय का उत्पादन कहाँ कहाँ होता है ? 4.2 चाय की खेती कब कहाँ और कैसे? 4.3 चाय की खेती के लिए कौन मिट्टी उपयुक्त है ? 4.4 चाय की खेती कहाँ होती है ? चाय की खेती के बारे में सम्पूर्ण जानकारी –भारत में चाय की खेती के बात करें तो चाय के सबसे सुंदर बागान दार्जिलिंग वह असम राज्य में देखने को मिलते हैं| चाय की खेती के लिए 24 से 35 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान होना चाहिए| इसके उत्तम विकास तथा अच्छे ग्रोथ के लिए दोमट मिट्टी या चिकनी मिट्टी की आवश्यकता पड़ती है | आइए जानते हैं भारत में चाय का उत्पादन सर्वाधिक कहाँ-कहाँ होता है और इसकी खेती करने के लिए क्या-क्या सावधानियां तथा जरूरतों की आवश्यकता पड़ती है | सुपारी की खेती – 2023 जानिए पैदावार, देखभाल, लाभ-कमाई – चाय मुख्यतः तीन प्रकार की होती है –काली चायहरी चाय/ग्रीन टीगट्टी चायइस प्रकार की चाय का उत्पादन भारत, श्रीलंका, इंडोनेशिया, बांग्लादेश में होता है |इस प्रकार की चाय का उत्पादन विश्व में शीर्ष चीन, जापान, ताइवान, बांग्लादेश मैं इसका अच्छा उत्पादन होता है |गट्टी चाय प्रकार के ज्यादातर पूर्वी एशिया में देखने को मिलती है |tae farmingचाय की खेती कब और कैसे पूरी जानकारी ?चाय की उन्नत किस्मे –भारत मे मुख्यतः चाय की पौध की किस्मे –
किसान ड्रोन योजना हर किसान को मिलेगी 5 लाख की सब्सिडी चाय की खेती के लिए जलवायु और तापमान ?tae farming के लिए 24 से 35 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान होना चाहिए 10 डिग्री से कम तापमान और 35 डिग्री से ज्यादा तापमान चाय की पैदावार को घटा सकता है| और इसके लिए वार्षिक वर्षा 200 सेंटीमीटर बोछारों के रूप में होने चाहिए | tae farming के लिए मुख्यतः चाय की पत्तियों का विशेष हो पर ध्यान रखना जाना चाहिए घना कोहरा तथा और इसकी पतियों की बढ़त के लिए अत्यधिक अच्छा रहता है| चाय की खेती में पहली सिंचाई के समय ओलावृष्टि का विशेष तौर पर ध्यान रखना चाहिए | चाय की खेती किस मिट्टी में होती है ?मिट्टी की बात करें तो हल्की दोमट मिट्टी या इतनी मिट्टी की आवश्यकता होती है| लोहांस/आयरन की मात्रा बनाए रखने के लिए फास्फोरस पोटाश अमोनिया सल्फेट के साथ मिट्टी में गंधक की मात्रा आवश्यक होती है | रुद्राक्ष की खेती कैसे करें जानिए रुद्राक्ष की price, उपयोग, फायदे – भूमि के चुनाव के लिए अम्लीय मृदा के साथ 5.4 से 6 पीएच मान वाली भूमि की आवश्यकता होती है| चाय की खेती करते समय धरातल 1,000 से 2,000 मीटर ढाल युक्त लहरदार होना चाहिए| लहरदार और पहाड़ी के रूपी, जिससे कि चाय के पौधों की जड़ों में पानी नहीं रुक सके इसलिए मैदानी भागों में चाय की खेती नहीं होती हैं |
अखरोट की खेती कैसे करें – जानिए अखरोट की किस्में, कमाई – चाय के पौधे/चाय के बीज की रोपाई –चाय के पौधे तैयार करने के लिए या चाय की रोपाई के लिए उसके बीज के द्वारा भी खेत में लगा सकते हैं और पुराने चाय के पौधों की कटिंग की कलम से भी चाय के पौधे तैयार कर सकते हैं| तैयार खेत की भूमि में हल्की नम भूमि में चाय के पौधे को लगा दे | चाय की पत्ती की तुडाई –बात करें चाय की पत्ती की तुड़ाई कब करें या कैसे करें इसके लिए जब चाय का पौधा में से नरम कपले निलने के समय, चाय के पोधे मे एकल रूप से या कली बन जाए इस अवस्था में ही चाय की पत्ती तोड़ते है | वैसे आजकल लेबर की कमी के कारण चाय की पत्ती की तुड़ाई मशीनों से की जाती है| चाय के पौधों से चाय पत्ती साल में तीन चार बार चाय की कटाई की जा सकती है | कोकोपीट क्या है – कैसे बनाया जाता है कोकोपीट का भाव, कहां से खरीदें, फायदे – चाय की खेती कहाँ होती है ?चाय का पौधा मुख्य रूप से एशिया का मूल पौधा है, जिसकी जन्म भूमि चीन है| दुनिया में चीन के बाद चाय का सर्वोधिक उत्पादन भारत में होता है | भारत में चाय हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, असम, अरुणाचल, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु | भारत में चाय की खेती कब और कहां प्रारंभ हुई थी?भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड बैंटिक ने १८३४में चाय की परंपरा भारत में शुरू करने और उसका उत्पादन करने की संभावना तलाश करने के लिए एक समिति का गठन किया। इसके बाद १८३५ में असम में चाय के बाग़ लगाए गए।
भारत में पहली बार चाय कब आई?-1610 में डच व्यापारी चाय को चीन से यूरोप ले गए और धीरे-धीरे ये पूरी दुनिया की प्रिय पेय पदार्थ बन गई। -विश्व में चाय उत्पादन में भारत का पहला स्थान है। - भारत में चाय पहली बार सन् 1834 में अंग्रेज लेकर आए। - हालांकि, जंगली अवस्था में यह असम में पहले से ही पैदा होती थी।
चाय की खेती सबसे पहले कहाँ हुई थी?उत्तर : चाय की खेती की शुरुआत सबसे पहले चीन देश में हुई थी।
भारत में चाय की खेती कहाँ आरंभ हुई है?भारत में चाय का आगमन...
1824 में बर्मा (म्यांमार) और असम की सीमांत पहाड़ियों पर चाय के पौधे पाए गए। अंग्रेज़ों ने चाय उत्पादन की शुरुआत 1836 में भारत और 1867 में श्रीलंका में की। पहले खेती के लिए बीज चीन से आते थे लेकिन बाद में असम चाय के बीज़ों का उपयोग होने लगा।
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