पाँचवें राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार देश के अधिकांश राज्यों में बीते आधे दशक में पाँच वर्ष से कम आयु-वर्ग के बच्चों की मौत के मामलों में कमी आयी है Show By Nand Lal Mishra, Ankit Kumar Mishra On: Monday 18 January 2021
अगली खबर ❯ फाइल फोटो: विकास चौधरीहाल ही में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रकाशित पाँचवें राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एन.एफ.एच.एस-5) के आंकड़ों के अनुसार देश के अधिकांश राज्यों में बीते आधे दशक में पाँच वर्ष से कम आयु-वर्ग के बच्चों की मौत के मामलों में कमी आयी है।
अंकित कुमार मिश्र केंद्रीय विश्वविद्यालय जम्मू में बीए.बीएड. में पाठ्यरत हैं। नंदलाल मिश्र अंतरराष्ट्रीय जनसँख्या विज्ञान संस्थान, मुंबई में शोधार्थी हैं। भारत में सबसे ज्यादा शिशु मृत्यु दर वाला राज्य कौन सा है?मध्य प्रदेश में शिशु मृत्यु दर सबसे ज्यादा है। इस प्रदेश में हर 1000 शिशुओं में से 48 की मौत हो जाती है, जबकि केरल में यह दर प्रति हजार शिशुओं पर सात है। यह जानकारी भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त के नए आंकड़ों में सामने आई है।
शिशु मृत्यु दर सबसे अधिक किसकी है?शिशु मृत्यु दर के मामले में मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा तथा अंडमान निकोबार को छोड़कर सर्वे में शामिल बाकी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में कमी आयी है। केरल, गोआ, सिक्किम और जम्मू-कश्मीर का प्रदर्शन अव्वल रहा वहीं बिहार, त्रिपुरा, मेघालय और असम की स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है।
वर्तमान में भारत में शिशु मृत्यु दर कितनी है?शिशु मृत्यु दर (IMR): यह एक वर्ष में प्रति 1000 जीवित जन्म लेने वाले बच्चों पर 1 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु की संख्या बताता है। देश का औसत आईएमआर प्रति 1,000 जीवित जन्मों पर 32 है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में औसतन 36 और शहरी क्षेत्रों में 23 मौतें शामिल हैं।
2022 में भारत में शिशु मृत्यु दर कितनी है?भारत में नवजात बच्चों की मौतों के मामले सरकार के लिए बीते 70 सालों में बड़ी चुनौती रहे हैं. हालांकि साल-साल दर इसमें कमी आती भी दिख रही है. सरकार की ओर से जो डाटा जारी किया गया है उसके मुताबिक साल 1951 में जहां प्रति 1000 नवजात बच्चों में 146 की मौत हो जाती थी वहीं साल 2022 में घटकर अब 28 तक आ गई है.
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