अप्रैल में पंचक कब से लगना है? - aprail mein panchak kab se lagana hai?

नई दिल्ली, Panchak April 2022: हिंदू धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य को करने से पहले शुभ मुहूर्त जरूर देखते हैं। मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में किए गए कार्य से जरूर अच्छे फल प्राप्त होंगे।  इसी तरह हर माह पांच दिन के लिए कोई भी शुभ कार्य करने से पहले पंडित से जरूर सलाह ली जाती है। इन्हीं पांच दिनों को पंचक कहा जाता है। वैशाख माह में पंचक 25 अप्रैल, सोमवार से शुरू हो गए हैं जो 29 अप्रैल तक रहेंगे। सोमवार के दिन पड़ने के कारण इसे राज पंचक कहा जाएगा। जानिए पंचक के दौरान कौन से कार्य नहीं करना चाहिए और इस बार कौन सा पड़ रहा है पंचक।

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पंचक क्या है?

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, जब चंद्रमा धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण और शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में जितने समय भ्रमण करता है। उसे पंचक के नाम से जाना जाता है।  इसके अलावा जब चंद्रमा कुंभ या फिर मीन राशि में प्रवेश करता है तो पंचक आरंभ हो जाते हैं।

पंचक के प्रकार

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सप्ताह के दिनों के हिसाब से पंचक होते हैं और हर एक दिन पड़ने वाले पंचकों को अलग-अलग नाम से जाना जाता है। हर एक पंचक का अपना एक महत्व है। जैसे रविवार के दिन पड़ने वाले पंचक को रोग पंचक कहते हैं। इसी तरह सोमवार को पड़ने वाले पंचक को राज पंचक, मंगलवार को पड़ने वाले को अग्नि पंचक, शुक्रवार को पड़ने वाले पंचक को चोर पंचक, शनिवार को पड़ने वाले पंचक को मृत्यु  पंचक के नाम से जाना जाता है। वहीं बुधवार और गुरुवार को पड़ने वाले पंचकों को पंचक ही कहते हैं।

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पंचक के दौरान न करें ये काम

  • माना जाता है कि पंचक के दौरान लकड़ी संबंधी कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए।
  • पंचक के दौरान छत की ढलाई नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से वहां रखने वालों के बीच किसी न किसी बात को लेकर लड़ाई होती रहती है।
  • पंचक के दौरान बेड या चारपाई नहीं बनाना चाहिए।
  • पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की ओर यात्रा करने से बचना चाहिए। क्योंकि इससे अशुभ परिणाम मिल सकते हैं।
  • पंचक के दौरान शव जलाने की मनाही होती है।  

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डिसक्लेमर'

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April 2022 Panchak Dates : पंचक काल को हिंदू धर्म और ज्‍योतिष में बहुत महत्‍व दिया गया है. कोई भी शुभ काम करने से पहले पंचक काल जरूर देखा जाता है क्‍योंकि इनमें शुभ काम करने की सख्‍त मनाही की गई है. 5 दिन के इस समय को शुभ-मांगलिक काम करने के लिए अच्‍छा नहीं माना गया है. अप्रैल महीने की बात करें तो आने वाली 25 तारीख से पंचक शुरू हो रहे हैं और यह 29 अप्रैल तक चलेंगे.  

पंचकों में हो रहा शनि गोचर 

जब भी चंद्रमा का गोचर घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र में होता है तो पंचक लगता है. इसके अलावा चंद्रमा का गोचर कुंभ और मीन राशि में होना भी पंचक काल लाता है. इस बार पंचक 25 अप्रैल 2022, सोमवार को वैशाख मास की कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि से लग रहा है, जो 29 अप्रैल 2022, शुक्रवार तक चलेंगे. कमाल की बात यह है कि इसी दिन ढाई साल के बाद शनि गोचर भी हो रहा है. इसी दिन शनि मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करेगें. ऐसे में यह पंचक और भी महत्‍वपूर्ण हो गए हैं. 

पंचक और शनि के नकारात्‍मक असर से बचने के लिए लोगों को दान करना चाहिए. भगवान की आराधना करन चाहिए और कोई भी गलत काम करने से बचना चाहिए क्‍योंकि शनि कर्मों के अनुसार फल देते हैं. 

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इस बार के पंचक हैं शुभ 

इस बार के पंचक सोमवार के दिन से शुरू हो रहे हैं. लिहाजा यह राज पंचक हैं. राज पंचक को धर्म और ज्‍योतिष में शुभ माना गया है. कमाल की बात यह है कि राज पंचक में शुभ कार्य भी किए जा सकते हैं. इस दौरान संपत्ति से जुड़े काम करना शुभ माना गया है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

Panchak 2022 : हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने ऐसे पांच दिन आते हैं जिनमें शुभ कार्य करना अच्छा नहीं माना जाता। इन दिनों को पंचक कहा जाता है। इस बार 25 अप्रैल से पंचक लगने जा रहे हैं। जो 29 अप्रैल तक रहेंगे। हालांकि, इस दौरान कुछ लोग इसे शनि के साथ कनेक्ट कर रहे हैं। जबकि इसका शनि गोचर से कोई नाता नहीं है। आइए जानते हैं पंचक कितने प्रकार के होते हैं और इन दिनों किन कार्यों को करने के लिए मना किया जाता है।

क्या है पंचक
सबसे पहले जानते हैं कि आखिर पंचक क्या है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब चंद्र ग्रह का धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण और शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र के चारों चरणों में भ्रमण करने के काल को पंचक काल कहते हैं। कहा जाता है की इस दिन चंद्रमा का कुंभ और मीन राशि में संचार पंचकों को जन्म देता है।

पंचक के प्रकार
1. अगर पंचक रविवार के दिन से शुरू हो तो इन्हें रोग पंचक कहा जाता है।
2. सोमवार के दिन शुरु होने वाले पंचक को राज पंचक कहा जाता है।
3. मंगलवार के दिन से शुरू होने वाले पंचक अग्नि पंचक कहलाता है।
4. शुक्रवार के दिन से अगर पंचक शुरू होते हैं तो उन्हें चोर पंचक कहा जाता है।
5. शनिवार के दिन पड़ने वाले पंचक मृत्यु पंचक कहलाते हैं।
6. इसके अलावा अगर बुधवार और गुरुवार के दिन पंचक की शुरुआत होती है तो नीचे बताए गए पांच कामों को छोड़कर किसी भी तरह के शुभ काम कर सकते हैं।

पंचक में इन पांच कामों को नहीं करना चाहिए
1. मकान पर छत नहीं डलवानी चाहिए।
2. इस दौरान लकड़ी न तो एकत्रित करनी चाहिए और न ही खरीदनी चाहिए।
3. इस दौरान शव जलाने के लिए भी मना किया जाता है।
4. पंचक के समय बेड या चारपाई भी नहीं बनवानी चाहिए और न ही इस दौरान दक्षिण 5. दिशा की यात्रा करनी चाहिए।

पंचक में करें ये उपाय
अगर किसी कारण से आपको लकड़ी खरीदनी भी पड़ जाती है तो पंचक काल समाप्त होने के तुरंत बाद गायत्री माताा के नाम का हवन कराना चाहिए। इस दौरान अगर आपके घर का निर्माण कार्य चल रहा हो और मकान पर छत डलवाना बेहद जरुरी हो तो सबसे पहले मजदूरों को मिठाई खिलाएं इसके बाद ही ये कार्य करें। अगर पंचक काल में किसी की मृत्यु हो गई हो और शव दाह करना पड़े तो शव दाह के वक्त पांच अलग पुतले बनाकर उन्हें भी जलाया जाना चाहिए। इस अवधि के दौरान अगर घर में लकड़ी का बेड या चारपाई लाना जरूरी हो तो पंचक समा्त होने के बाद ही इसका इस्तेमाल करना चाहिए और अगर इस दौरान आपको दक्षिण दिशा की तरफ यात्रा करनी पड़े तो हनुमान मंदिर में फल चढ़ाकर ही यात्रा प्रारंभ करें।

April में पंचक कब है 2022?

पंचक कब लगा था ( What is the date of Panchak? ) पंचांग के अनुसार पंचक 25 अप्रैल 2022, सोमवार को वैशाख मास की कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि से आरंभ हुआ था.

अप्रैल के महीने में पंचक कब से कब तक?

अप्रैल 2022 Panchak April 2022 पंचक का समापन- 29 अप्रैल 2022, शुक्रवार को 08.15 मिनट पर।

पंचक कब से कब तक है 2022?

पंचक जब मंगलवार के दिन शुरू होता है तो इसे अग्नि पंचक कहते हैं और इस दौरान आग लगने या फैलने का खतरा अधिक बढ़ जाता है. 27 से 31 दिसंबर 2022 तक लगने वाला पंचक अग्नि पंचक होगा.