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अमरबेल एक प्रकार की लता है जो बबूल, कीकर, बेर पर एक पीले जाल के रूप में लिपटी रहती है। इसको आकाशबेल, अमरबेल, अमरबल्लरी भी कहते हैं। प्राय: यह खेतों में भी मिलती है, पौधा एकशाकीय परजीवी है जिसमें पत्तियों और पर्णहरित का पूर्णत: अभाव होता है। इसीलिए इसका रंग पीतमिश्रित सुनहरा या हल्का लाल होता है। इसका तना लंबा, पतला, शाखायुक्त और चिकना होता है। तने से अनेक मजबूत पतली-पतली और मांसल शाखाएँ निकलती हैं जो आश्रयी पौधे (होस्ट) को अपने भार से झुका देती हैं। इसके फूल छोटे, सफेद या गुलाबी, घंटाकार, अवृत्त या संवृत्त और हल्की सुगंध से युक्त होते हैं। यह बहुत विनाशकारी लता है जो अपने पोषक पौधे को धीरे-धीरे नष्ट कर देती है। इसमें पुष्पागमन वसंत में और फलागम ग्रीष्म ऋतु में होता है। इसकी लता और बीज का उपयोग औषधि के रूप में होता है। इसके रस में कस्कुटीन (Cuscutien) नामक ऐल्केलायड, अमरबेलीन, तथा पीताभ हरित वर्ण का तेल पाया जाता है। इसका स्वाद तिक्त और काषाय होता है। इसका रस रक्तशोधक, कटुपौष्टिक तथा पित्त कफ को नष्ट करनेवाला होता है। फोड़े-फुंसियों और खुजली पर भी इसका प्रयोग किया जाता है। पंजाब में दाइयाँ इसका क्वाथ गर्भपात कराने के लिए देती हैं। आश्रयी वृक्ष के अनुसार इसके गुणों में भी परिवर्तन आ जाता है। बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
Updated Mon, 22nd Jul 2019 04:26 PM IST उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को दोहराया कि सोनभद्र में पिछले दिनों हुए सामूहिक हत्याकांड का मुख्य अभियुक्त सपा से जुड़ा है। योगी ने विधान परिषद में प्रश्नकाल के दौरान सपा सदस्य अमित यादव द्वारा प्रदेश में गत एक मार्च से 15 मार्च के बीच हुई आपराधिक घटनाओं के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति सुदृढ़ है, इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए। प्रदेश में जो निवेश के उत्साहजनक परिणाम आए हैं, वे बेहतर कानून-व्यवस्था का ही नतीजा हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार को बने अभी ढाई साल नहीं हुए हैं। इस दौरान सांप्रदायिक सौहार्द की स्थिति उच्चकोटि की रही है। योगी ने कहा कि जहां तक सोनभद्र में 10 लोगों की नृशंस हत्या का मामला है तो मुझे यह बताते हुए बहुत दुख हो रहा है कि उसमें जो सूत्र सामने आए हैं वे सिर्फ आज से नहीं बल्कि वर्ष 1955 से जुड़े हैं। उस वक्त कांग्रेस के एक नेता ने वहां के वनवासियों और जनजातीय समुदाय की जमीन को गलत तरीके से एक पब्लिक ट्रस्ट के नाम पर दर्ज कराया। बाद में वर्ष 1989 में उस जमीन को अपने परिवार के सदस्यों के नाम कराया। उन्होंने कहा कि बाद में उस जमीन को खरीदने वाला गांव का प्रधान यज्ञदत्त भोटिया खुद सपा का सदस्य है। ''वहां का हत्यारा समाजवादी पार्टी से जुड़ा हुआ है। हम उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।'' इस पर सपा के सदस्यों ने विरोध किया। शतरुद्र प्रकाश ने कि मुख्यमंत्री को सोनभद्र की घटना के बारे में कुछ भी बोलने का अधिकार है लेकिन इस वक्त प्रश्नकाल चल रहा है, इसमें सिर्फ प्रश्नोत्तर ही होते हैं। प्रश्न में सोनभद्र के मुद्दे का जिक्र नहीं किया गया है, लिहाजा मुख्यमंत्री का इस विषय पर बोलना ठीक नहीं है। जब इस घटना पर कार्यस्थगन प्रस्ताव आएगा तो मुख्यमंत्री इस पर विस्तार से बोल सकते हैं। इस पर मुख्यमंत्री अपने स्थान पर बैठ गए और थोड़ी देर बाद सदन से चले गए। इसी बीच, नेता विपक्ष अहमद हसन ने इस पर अपनी बात रखने की कोशिश की तो सत्तापक्ष के सदस्यों ने इस पर आपत्ति करते हुए कहा कि खुद सपा के सदस्य ही मुख्यमंत्री के बोलने पर व्यवस्था का प्रश्न उठा रहे थे। इस आपत्ति के बीच सभापति रमेश यादव के निर्देश पर नेता सदन उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने अगले प्रश्न का उत्तर देना शुरू कर दिया। श्रीहरिकोटा से लॉन्च हुआ चंद्रयान- 2 , ISRO ने फिर रचा इतिहासअमरबेल (Cuscuta (Amarbel) एक लता है। आपने इसे कई पेड़ों से लिपटा देखा होगा। यह प्रायः बबूल, बेर आदि पेड़ पर लिपटी नजर आती है। अमरबेल खेतों में भी मिल जाती है। इसका तना लंबा और पतला होता है। अमरबेल के तने से कई सारी पतली-पतली और शाखाएँ निकलती हैं। शाखाएँ काफी मजबूत होती हैं। इसकी लता और बीज का उपयोग जड़ी-बूटी के रूप में किया जाता है। अमरबेल के प्रयोग द्वारा आप रोगों से बच सकते हैं। इसके साथ ही अमरबेल का प्रयोग कर बीमारियों का इलाज भी कर सकते हैं। आयुर्वेद में यह बताया गया है कि अमरबेल (cuscuta) वीर्य को बढ़ाता है, पाचनशक्ति ठीक करता है और आँख के रोगों में लाभदायक होता है। हृदय को स्वस्थ रखता है। यह पित्त, कफ के विकार और खराब पाचन से बनने वाले वात को भी ठीक करता है। यह मल के निकले को आसान बनाता है। इसके साथ ही अमरबेल (Cuscuta (Amarbel) के फायदे और भी हैं। आइए सभी लाभ के बारे में जानते हैं। Contents
अमरबेल क्या है (What is Amarbel?)अमरबेल (Dodder Plant) एक परजीवी (Parasitic Plant) और दूसरे पेड़ों पर निर्भर लता है, जो रस्सी की तरह बेर, शाल, करौदें आदि वृक्षों पर फैली रहती है। इसमें से महीन धागे के समान तन्तु निकलकर वृक्ष की डालियों का रस चूसते रहते हैं। एक ही वृक्ष पर हर साल पैदा होने के कारण इसको अमरबेल (Amarbel Plant) कहते हैं। यह वृक्षों के ऊपर फैलती है, जमीन से बिना जुड़े केवल पेड़ पर ही होने के कारण इसे आकाशबेल (cuscuta) भी कहा जाता है। इससे यह तो फलती-फूलती जाती है, लेकिन जिस पेड़ पर यह रहती है वह धीरे-धीरे सूखकर खत्म हो जाता है। आकाशवल्ली (Cuscuta (Amarbel) के फल थोड़े पीले-काले रंग के और बड़े होते हैं। इसे लैटिन में Cassytha filiformis Linn. कहते हैं। दोनों में कुछ गुण भेद भी पाया गया है। किसी का मत है कि अमरबेल (cuscuta) वह है जो केवल आम के पेड़ पर फैलती है, अन्य वृक्षों पर फैलने वाली आकाशबेल है। अनेक भाषाओं में अमरबेल के नाम (Name of Amarbel in Different Languages)अमरबेल (amaram) का लैटिन नाम कस्कुटा रिफ्लैक्सा (Cuscuta reflexa Roxb., Syn-Cuscuta hookeri Sweet) है और यह कुल कस्कुटेसी ( Cuscutaceae) की लता है। अमरबेल (amar bail) को अन्य इन नामों से भी जाना जाता हैः- Amarbel in-
अमरबेल के फायदे (Amarbel Benefits and Uses)अमरबेल (amaram) का औषधीय प्रयोग, प्रयोग की मात्रा और तरीका ये हैं- बालों को मजबूत बनाती है अमरबेल (Benefits of Amarbel in Hair Loss in Hindi)अमरबेल (amar bail) को तिल या शीशम के तेल में पका लें। इसे सिर पर लगाने से बालों की जड़ें मजबूत बनती हैं। इससे गंजेपन में लाभ होता है। लगभग 50 ग्राम अमरबेल को कूटकर एक लीटर पानी में पका लें। इससे बालों को धोने से बाल में चमक आती है और बाल सुनहरे होते हैं। इससे बालों का झड़ना तो रुकता ही है साथ ही रूसी भी खत्म होती है। और पढ़ें – बहेड़ा के फायदे बालों के लिए मस्तिष्क रोग में अमरबेल से फायदा (Amarbel Benefits to Cure Mental Disease in Hindi)अमरबेल (amaram) के 5-10 मि.ली. रस को पानी के साथ रोजाना सुबह और शाम पीने से मस्तिष्क रोग ठीक होता है। आँख आने की परेशानी में अमरबेल से लाभ (Amarbel is Beneficial for Eye Disorder Treatment in Hindi)10-20 मि.ली. अमरबेल (dodder) के रस में चीनी मिलाकर आँखों पर लगाने से आँख आना और आँखों की जलन की परेशानी से आराम मिलता है।
जीभ के घाव में अमरबेल के प्रयोग से लाभ (Amarbel Deals with Oral Problem Treatment in Hindi)अमरबेल पञ्चाङ्ग (amar bail plant) के पेस्ट को जीभ पर लेप करने से जीभ के घाव तुरंत भर जाते हैं। पेट के रोग में अमरबेल के इस्तेमाल से फायदा (Amarbel Uses to Cure Abdominal Disease in Hindi)अमरबेल (dodder) को उबालकर पीसकर पेट पर लेप करने से पेट के रोग ठीक होते हैं। आकाश बेल का रस आधा लीटर और एक किलोग्राम मिश्री को मिलाकर धीमी आँच पर उबालते हुए शर्बत तैयार कर लें। इसे सुबह और शाम 2 मि.ली. की मात्रा में पानी मिलाकर पीने से पेट की गैस और पेट के दर्द की समस्या ठीक होती है। अमरबेल (Cuscuta (Amarbel) पञ्चाङ्ग का काढ़ा बनाकर उससे पेट पर सेंक करने से उलटी बंद होती है तथा पेट का दर्द ठीक होता है।
अमरबेल के सेवन से बवासीर में लाभ (Amarbel Helps in Piles Treatment in Hindi)अमरबेल (dodder) के 10 मि.ली. रस में 5 ग्राम काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर खूब घोंटकर रोज सुबह पिला दें। तीन दिन में ही खूनी और बादी बवासीर में विशेष लाभ होगा।
लीवर विकार में अमरबेल का उपयोग फायदेमंद (Amarbel is Beneficial in Fighting with Liver Disorder in Hindi)5-10 मिली अमरबेल के रस का सेवन करने से बुखार, लिवर विकार तथा कब्ज में लाभ होता है। अमरबेल के 10-20 मिली काढ़े को पीने से या इसके पेस्ट को आमाशय तथा पेट पर लेप करने से फैटी लीवर ठीक होता है। आकाशवल्ली का प्रयोग पेशाब को बढ़ाने के लिए तथा किडनी की बीमारियों के इलाज में भी किया जाता है। और पढ़ें – कब्ज में चिचिंडा के फायदे प्रसूती स्त्री से जुड़ी परेशानी में करें अमरबेल का इस्तेमाल (Amarbel is Beneficial in Placenta in Hindi)10-20 मिली अमरबेल (Cuscuta (Amarbel) के काढ़े को पिलाने से प्रसूता स्त्री की अपरा (Placenta) जल्दी निकल जाती है। हाइड्रोसील (अंडकोष की बीमारी) की समस्या में अमरबेल का उपयोग फायदेमंद (Amarbel Benefits to Cure Hydrocele Disease in Hindi)अमरबेल (dodder plant) का काढ़ा बनाएं। काढ़े की भाप से अण्डकोष को पसीना आने तक सेंकने से अण्डकोष की सूजन ठीक होती है। अमरबेल से यौन रोग का इलाज (Benefits of Amarbel in Cure Sexual Disease in Hindi)अमर बेल का काढ़ा बनाकर उससे योनि को धोने से योनि के विकार ठीक होते हैं।
जोड़ों के दर्द के इलाज के लिए करें अमर बेल का उपयोग (Amarbel Treats Arthritis in Hindi)अमरबेल के काढ़े या अमरबेल को पीसकर गुनगुना कर लेप करने से गठिया जैसी बीमारी में होने वाली परेशानी जैसा- जोड़ों का दर्द तथा सूजन की समस्या से आराम मिलता है। इस काढ़े का प्रयोग स्नान करने के लिए भी करना चाहिए।
घाव सुखाने के लिए करें अमरबेल का प्रयोग (Amarbel Heals Chronic Wounds in Hindi)अमरबेल के 2-4 ग्राम चूर्ण या ताजी बेल को पीसकर सोंठ और घी मिलाकर लेप करने से पुराना घाव भी भर जाता है। अमरबेल (Cuscuta (Amarbel) पञ्चाङ्ग का काढ़ा बनाकर उससे घाव को धोने से घाव तथा त्वचा की सूजन ठीक होते हैं। खुजली की दवा अमरबेल (Amarbel Treats Skin Problems in Hindi)अमरबेल को पीसकर लेप करने से खुजली शांत होती है। 4 ग्राम ताजी अमरबेल का काढ़ा बनाकर पीने से पित्त के कारण होने वाले विकार ठीक होते हैं। इसससे खून भी साफ होता है।
कमजोरी दूर करती है अमरबेल (Amarbel Cures Body Weakness in Hindi)10 ग्राम ताजी अमरबेल (Cuscuta (Amarbel) को मसलकर साफ महीन कपडे में पोटली बांधें। इसे आधे लीटर गाय के दूध में डालकर धीमी आँच पर पकाएं। जब इसका एक चौथाई दूध जल जाए तब ठंडा कर मिश्री मिलाकर पिएँ। इससे शरीर की कमजोरी दूर होती है। बुखार उतारने के लिए करें अमरबेल का सेवन (Amarbel Uses in Fighting with Fever in Hindi)अमरबेल पञ्चाङ्ग (dodder plant) के चूर्ण का सेवन करने से बुखार ठीक होता है। तीसरे या चौथे दिन आने वाले बुखार में भी अमरबेल को गले में बांध लेने से बुखार नहीं चढ़ता है।
शिशुओं के रोग में फायदेमंद अमरबेल (Uses of Amarbel in Infants Disease in Hindi)अमरबेल (amarbel) को शुभ मुहूर्त में लाकर सूती धागों में बाँधकर बच्चों के गले व बाँह में बांधने से विभिन्न प्रकार के शिशु रोग ठीक होते हैं। कैंसर के इलाज में फायदेमंद अमरबेल (Benefits of Amarbel to Treat Cancer in Hindi)कैंसर को रोकने में अमरबेल का प्रयोग फायदेमंद होता है क्योंकि एक रिसर्च के अनुसार इसमें कैंसरोधी गुण पाया जाता है साथ ही इसमें आयुर्वेद के अनुसार इसमें रसायन गुण के कारण यह कैंसर के लक्षणों को रोकने में मदद करती है। डायबिटीज को नियंत्रित करने में फायदेमंद अमरबेल (Amarbel Beneficial to Control Diabetes in Hindi)एक रिसर्च के अनुसार अमरबेल में एंटी डायबिटिक गुण पाए जाते है। इसके कारण यह डायबिटीज जैसी समस्या में उसके लक्षणों को कम कर लाभ पहुंचता है। हड्डियों को मजबूती प्रदान करने में फायदेमंद अमरबेल (Amarbel Beneficial for Strong Bones in Hindi)अमरबेल में बल्य गुण पाए जाने के कारण यह हड्डियों को मजबूत बनाये रखने में भी सहयोगी होता है । प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में लाभकारी अमरबेल (Benefit of Amarbel to Boost Immune System in Hindi)प्रतिरक्षा प्रणाली सुधारने में भी अमरबेल मदद करती है क्योंकि इसमें रसायन गुण पाया जाता है। चोट लगने पर जलन के लक्षण से उभारे अमरबेल (Amarbel Beneficial to Treat Wound in Hindi)चोट लगने पर यदि जलन अदि लक्षण होते है तो ऐसे में अमरबेल में पाए जाने वाले पित्त शामक एवं शीत गुण इनको ठीक करने में मदद कर सकता है। एक रिसर्च में बताया गया है की अमरबेल आँखों की थकान को दूर करता है, आँखों का सूखना या धुंधलापन दूर करने में भी सहयोगी होता है। अमरबेल के सेवन की मात्रा (How Much to Consume Amarbel?)रस – 10-20 मि.ली. अमरबेल के सेवन का तरीका (How to Use Amarbel?)अमरबेल के पौधे (Amarbel plant) का अधिक लाभ पाने के लिए और उपयोग का सही तरीका जानने के लिए चिकित्सक से परामर्श करें। अमरबेल कहां पाया या उगाया जाता है (Where is Amarbel Plant Found or Grown?)अमरबेल (amarbel) की तला पूरे भारत में पाई जाती है। यह खेतों में भी देखी जा सकती है। अधिकांशतः अमरबेल पेड़ों आदि लिपटी नजर आती हैं। और पढ़ें – निमोनिया का उपचार भाप से अमरबेल के कितने नाम है?अलग अलग राज्यों में अमर बेल को आकाशबल्ली, कसूसे हिन्द, स्वर्ण लता, निर्मुली, आलोक लता, अमर बेल, रस बेल, आकाश बेल, डोडर, नुलु तेगा, अंधा बेल आदि नामें से पुकारा जाता है। अमर बेल पेड़ की जड़ पेड़ की टहनियों के अन्दर से निकलती है। इसका मिटटी से कोई लेना देना नहीं होता.
अमरबेल कौन सी बीमारी में काम आती है?आयुर्वेद में यह बताया गया है कि अमरबेल (cuscuta) वीर्य को बढ़ाता है, पाचनशक्ति ठीक करता है और आँख के रोगों में लाभदायक होता है। हृदय को स्वस्थ रखता है। यह पित्त, कफ के विकार और खराब पाचन से बनने वाले वात को भी ठीक करता है। यह मल के निकले को आसान बनाता है।
अमरबेल को कैसे पहचाने?अमरबेल एक प्रकार की लता है जो बबूल, कीकर, बेर पर एक पीले जाल के रूप में लिपटी रहती है। इसको आकाशबेल, अमरबेल, अमरबल्लरी भी कहते हैं। प्राय: यह खेतों में भी मिलती है, पौधा एकशाकीय परजीवी है जिसमें पत्तियों और पर्णहरित का पूर्णत: अभाव होता है। इसीलिए इसका रंग पीतमिश्रित सुनहरा या हल्का लाल होता है।
अमरबेल के नुकसान क्या है?बता दें लोग इस अमरबेल से हरे पेड़ों को होने वाले नुकसान से अनभिज्ञ लोग किसी छोटे से पेड़ या पौधे पर बेल को डाल देते हैं जिसके चलते यह बेल लगातार फैलती रहती है और कितने ही पेड़ों को अपना ग्रास बना लेती है। यह बेल देखते ही देखते पूरे पेड़ पर इस कदर फैल जाती है कि पेड़ पूरी तरह इसके आगोश में आ जाता है।
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