Students can Download Hindi Lesson 4 अभिनव मनुष्य Questions and Answers, Summary, Notes Pdf, Activity, KSEEB Solutions for Class 10 Hindi helps you to revise the complete Karnataka State Board Syllabus and to clear all their doubts, score well in final exams. Show
Karnataka State Syllabus Class 10 Hindi वल्लरी Chapter 4 अभिनव मनुष्यअभिनव मनुष्य Questions and Answers, Summary, Notesअभ्यास I. एक वाक्य में उत्तर लिखिए : प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. अतिरिक्त प्रश्नोत्तर : प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. II. दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए : प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. अतिरिक्त प्रश्नोत्तर : प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. III. भावार्थ लिखिए : प्रश्न 1. प्रश्न 2. IV. उदाहरण के अनुसार तुकांत शब्दों को पहचानकर लिखिए : उदाः नवीन – आसीन
उत्तरः
V. पंक्तियाँ पूर्ण कीजिए : 1) आज की दुनिया __________, नवीन; VI. पर्यायवाची शब्द लिखिए :
उत्तरः
VII. विलोम शब्द लिखिए :
उत्तरः
VIII. एक शब्द लिखिए : जैसे : सभी जगहों में – सर्वत्र।
उत्तरः
IX. अनुरूप शब्द लिखिए :
उत्तर:
अभिनव मनुष्य Summary in Hindiअभिनव मनुष्य कवि परिचय: दिनकर जी की कुछ प्रमुख रचनाएँ हैं – ‘हुँकार’, ‘रेणुका’, ‘रसवंती’, ‘सामधेनी’, ‘धूप-छाँह’, ‘कुरुक्षेत्र’, ‘बापू’, ‘रश्मिरथि’ आदि। सन् 1972 में ‘ऊर्वशी’ काव्य-कृति के लिए उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ। कवि की हर रचना में हृदय को प्रभावित और उत्साहित करने की पूर्ण शक्ति है। इनकी भाषा सजीव और विषय के अनुकूल है। कविता का आशय : कविता का सारांश/भावार्थ : 1) आज की दुनिया विचित्र, नवीन; आज की दुनिया बड़ी विचित्र है और नवीन भी। आज प्रकृति के सर्व क्षेत्रों पर विजय पाकर मानव आसीन है। ऐसा लग रहा है कि उसने जल, विद्युत और भाप आदि पर अपना प्रभुत्व जमा लिया है। आज मनुष्य की आज्ञा से पवन का ताप घटता है और बढ़ता है। उसमें मनुष्य को कहीं रुकावट नहीं है। यहाँ तक कि सरिता, पहाड़ तथा सागर को भी आज मनुष्य सहजता से लाँघ सकता है। 2) यह मनुज, आज इसी मनुष्य का वायुयान आसमान में उड़ रहा है, परमाणु भी मानो मनुष्यों के करों को देखकर काँपते हैं। यह मनुष्य जो सृष्टि का श्रृंगार है, ज्ञान, विज्ञान और आलोक का आगार है; व्योम से पाताल तक की सब-कुछ उसे जानकारी है। 3) पर, न यह परिचय मनुज का, यह न उसका श्रेय। परन्तु कवि कहते हैं कि यह वास्तव में मनुष्य का परिचय नहीं है, यह उसका श्रेय नहीं है। श्रेय तो उसका है, जिसने बुद्धि पर चैतन्य उर की जीत प्राप्त की हो। श्रेय उनको है, जिन्होंने असीमित मानवों से प्रेम किया है। श्रेय उनको है, जो एक-दूसरे के बीच की बाधा को मिटा दे। वास्तव में वही ज्ञानी और विद्वान है तथा सच्चा मानव भी वही है। अभिनव मनुष्य Summary in Kannadaअभिनव मनुष्य Summary in EnglishThe following poem has been taken from Ramdhari Singh Dinkar’s collection of poems, ‘Kurukshetra’. In this poem, he has described the modern man and the present technological era. The poet begins by saying that today’s world is strange and new. Man has conquered every last inch of nature and stands undefeated. The poet feels that man has even conquered natural forces like water, lightning and steam. These days, even the temperature changes based on man’s whims. Such is the position of man, that he can traverse mountains, rivers and even oceans with ease. Today, man-made aeroplanes fly in the air, and it seems as if even atoms shiver at the thought of man’s power. Man is not only the crown of God’s creation but also the dwelling place of knowledge, science and philosophy. Man possesses knowledge of everything that lies between heaven and hell. However, the poet says that this is not the true value or merit of man. The merit belongs to the one whose consciousness has triumphed over wisdom. The merit belongs to those who give unlimited love to mankind. The merit belongs to those who strive to settle the differences between themselves and their fellow men. In reality, only such a man is knowledgeable and wise, and only such a man is a true man. आदमी नामा कविता में कवि का मुख्य उद्देश्य क्या है?कवि नज़ीर अकबराबादी ने 'आदमी नामा' कविता में आदमी के चरित्र को उसके स्वभाव और कार्य के आधार पर उभारा है। उनका कहना है कि दुनिया में लोगों पर शासन करने वाला आदमी है, तो गरीब, दीन-दुखी और दरिद्र भी आदमी है। धनी और मालदार लोग आदमी हैं तो कमजोर व्यक्ति भी आदमी है।
आदमीनामा कविता के माध्यम से कवि क्या शिक्षा देना चाहता है?“आदमी नामा' शीर्षक कविता के अंशों को पढ़कर हमारे मन में मनुष्य के प्रति यह धारणा बनती है कि, आदमी ही है जो अच्छा और बुरा दोनों कार्य करता है। अच्छे कार्य करने और दूसरों की भलाई करने के कारण वह पीर और देवता के समान बन जाती है, परंतु मनुष्य जब दूसरों को सताने का काम करता है तो वह निंदा का पात्र बन जाता है।
आदमी नामा कविता का कौन सा भाग आपको सबसे अच्छा लगा और क्यों?Question 4: इस कविता का कौन सा भाग आपको सबसे अच्छा लगा और क्यों? उत्तर: जिस भाग में मस्जिद बनानेवाले, मौलवी, नमाज पढ़ने वाले और मस्जिद के बाहर से जूते चुराने वाले का जिक्र हुआ है वह भाग मुझे सबसे अच्छा लगा।
आदमी नामा कविता के कवि का नाम क्या है?दुनियां में बादशाह है सो है वह भी आदमी।
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