आहार का अर्थ है भीतर लेना। मुँह से खाना, पीना, नाक से श्वांस लेना, त्वचा से वायु का- धूप का ग्रहण करना, आदि को भी आहार के अन्तर्गत ही समझना चाहिए। जन्म के पहले माँ के रक्त द्वारा बालक को पोषण होता है, जन्म के बाद माँ का स्तन-पान ही उसका आहार है। प्रत्येक व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए यह आवश्यक है कि वह सन्तुलित आहार लें। उपनिषदों में कहा गया है कि- आहार शुद्धौ, सत्व शुद्धि: सत्व शुद्धौ ध््रवा स्मृति: अर्थात् आहार शुद्ध होने से अंत:करण शुद्ध
होता है और अंत:करण शुद्ध होने पर विवेक बुद्धि ठीक काम करती है। पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने लिखा है कि ‘‘आहार का जीवन की गतिविधियों से गहरा संबंध है। जिस व्यक्ति का जैसा भोजन होगा उसका आचरण भी तदनुकूल होगा।’’ आहार शब्द का प्रयोजन या नाम सुनते ही हमारे सामने अनगिनत तस्वीरें उभरकर आती हैं। आम तौर पर आहार का सम्बन्ध पारिवारिक और अन्य सामूहिक भोजन से जुड़ा है। इस प्रकार आहार जीवन के प्रत्येक पहलू से घनिष्ठ रूप से गुँथा है। आहार ही जीवनदाता है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिये उचित भोजन का उचित मात्रा में होना बहुत आवश्यक है अर्थात् अच्छे स्वास्थ्य का सीधा सम्बन्ध हमारे खान-पान से जुड़ा है। लेकिन यह जानना आवश्यक है कि स्वस्थ रहने के लिये क्या और कितनी मात्रा में खाना चाहिए? भोजन क्या है? अगर इस तथ्य पर ध्यान दिया जाय तो भोजन शब्द का संबंध शरीर को पौष्टिकता प्रदान करने वाले पदार्थ में है। भोजन में वे सभी ठोस, अर्द्ध तरल और तरल पदार्थ शामिल हैं जो शरीर को पौष्टिकता प्रदान करते हैं। भोजन हमारे शरीर की मूलभूत आवश्यकता है। भोजन में कुछ ऐसे रासायनिक पदार्थ होते हैं जो हमारे शरीर के लिए महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। भोजन से मिलने वाले इन रासायनिक पदार्थों को पोषक तत्व कहते हैं।यदि ये पोषक तत्व हमारे भोजन में उचित मात्रा में विद्यमान नहीं हो तो इसका परिणाम अस्वस्थता या मृत्यु तक भी हो सकती है। भोजन में पोषक तत्वों के अलावा, कुछ अन्य रासायनिक पदार्थ होते हैं, जो कि अपोषक तत्व कहते हैं। जैसे कि भोजन को उसकी विशेष गंध देने वाले पदार्थ, भोजन में पाए जाने वाले प्राकृतिक रंग इत्यादि। इस प्रकार भोजन पोषक तत्वों और अपोषक तत्वों का जटिल मिश्रण है। आहार अथवा भोजन क्यों लिया जाता है?सर्वप्रथम तो स्वाभाविक रूप से जब भूख लगती है, उसकी निवृत्ति के लिए और शरीर का पोषण करने तथा शक्ति प्राप्त के लिए आहार लिया जाता है। शारीरिक स्वास्थ्य के अलावा मानसिक स्वास्थ्य भी आहार पर निर्भर है। शारीरिक स्वास्थ्य का मूल आधार है- संतुलित भोजन। शारीरिक क्रिया संचालन के लिए जो तत्व अपेक्षित है उन सबका हमारे भोजन में होना आवश्यक है और यही संतुलित भोजन है। प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, खनिज, विटामिन, क्षार तथा लौह आदि उचित मात्रा में लेने से शरीर स्वस्थ और क्रिया करने में सक्षम रहता है। उचित मात्रा में जल सेवन भी अति आवश्यक है। आहार की परिभाषा
आहार का महत्व‘‘मनुष्य अपनी थाली पर ही बनता या बिगड़ता है’’ यह कहावत सर्वत्र प्रसिद्ध है। ‘‘अन्नो वै प्राणिनां प्राण:’’ कोई भी प्राणी आहार के बिना जीवित नहीं रह सकता।
इस प्रकार हम देखते हैं कि शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य सभी अन्न पर निर्भर करते हैं। यह एक सर्वाधिक आवश्यक एवं महत्वपूर्ण तत्त्व है जीवन के लिए। आहार की आवश्यकताशरीर की सुरक्षा, उसे गतिशील रखने और उसे पोषण प्रदान करने के लिए आहार की आवश्यकता होती है। आहार शरीर के समुचित विकास, स्वास्थ्य एवं सुख का हेतु है। अत: आहार की समुचित संतुलित मात्रा ही लाभदायक है। आहार से शरीर का पोषण होता है तथा बल, वर्ण, आयु, ओजस और तेजस की प्राप्ति होती है। इन्हें भी आवश्य पढ़े...हमारे बारें मेंMy Name is Jitendra Singh (Rana) और मैं एक सफल शिक्षक बनने की तैयारी कर रहा हूं ! और मैं लखनऊ, उत्तर प्रदेश (भारत) से हूँ। आहार का मानव जीवन में क्या महत्व है?आहार या भोजन के तीन उद्देश्य हैं : (1) शरीर को अथवा उसके प्रत्येक अंग को क्रिया करने की शक्ति देना, (2) दैनिक क्रियाओं में ऊतकों के टूटने फूटने से नष्ट होनेवाली कोशिकाओं का पुनर्निर्माण और (3) शरीर को रोगों से अपनी रक्षा करने की शक्ति देना। अतएव स्वास्थ्य के लिए वही आहार उपयुक्त है जो इन तीनों उद्देश्यों को पूरा करे।
आहार के महत्व कितने हैं?स्वस्थ आहार वह है जोकि स्वास्थ्य को बनाए रखने या उसे सुधारने में मदद करता है। यह कई चिरकालिक स्वास्थ्य जोखिम जैसे कि: मोटापा, हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर की रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण है।. 1.1 विश्व स्वास्थ्य संगठन. 1.2 अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन. 1.3 DASH आहार. आहार क्यों आवश्यक है?स्वस्थ भोजन ऊर्जा बढ़ाता है, आपके शरीर के कार्यों के तरीके में सुधार करता है, आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और वजन बढ़ने से रोकता है। अन्य भी प्रमुख लाभ हैं। संतुलित आहार आपकी पोषण संबंधी आवश्यकता को पूरा करता है। एक विविध, संतुलित आहार पोषक तत्वों की कमी से बचने के लिए आपको आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है।
आहार क्या है समझाइये?आहार वह ठोस अथवा तरल पदार्थ है जो जीवित रहने, स्वास्थ्य को बनाये रखने, सामाजिक एवं पारिवारिक सम्बन्धों की एकता हेतु संवेगात्मक तृप्ति, सुरक्षा, प्रेम आदि हेतु आवश्यक होता है। व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक, संवेगात्मक और सामाजिक क्षमता के संतुलन के लिए आहार अत्यन्त आवश्यक है।
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