3 हमारे जीवन में डाकिए की भूमिका क्या है इस विषय पर दस वाक्य लिखिए अनुमान और कल्पना? - 3 hamaare jeevan mein daakie kee bhoomika kya hai is vishay par das vaaky likhie anumaan aur kalpana?

Students can prepare for their exams by studying NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 6 भगवान के डाकिये was designed by our team of subject expert teachers.

प्रश्न-अभ्यास

कविता से

प्रश्न 1.
कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए क्यों बताया है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए बताया है क्योंकि –

  • पक्षी और बादल इंसान की बनाई सीमा को पार कर एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में जाते हैं।
  • पक्षी और बादल द्वारा लाई गई चिट्ठियों को मनुष्य नहीं समझ पाते हैं।
  • पक्षी और बादल अपने द्वारा लाई चिट्ठियों से प्रेम, सद्भाव और एकता का संदेश देते हैं।

प्रश्न 2.
पक्षी और बादल द्वारा लाई गई चिट्ठियों को कौन-कौन पढ़ पाते हैं? सोचकर लिखिए।
उत्तर:
पक्षी और बादल द्वारा लाई गई चिडियों को प्रकृति के विभिन्न अंग-पेड़, पौधे, पानी और पहाड़ पढ़ पाते हैं।

प्रश्न 3.
किन पंक्तियों का भाव है –
(क) पक्षी और बादल प्रेम, सद्भाव और एकता का संदेश एक देश से दूसरे देश को भेजते हैं।
(ख) प्रकृति देश-देश में भेवभाव नहीं करती। एक देश से उठा बादल दूसरे देश में बरस जाता है।
उत्तर:
(क) उक्त भाव व्यक्त करने वाली पंक्तियाँ –
पक्षी और बादल,
ये भगवान के डाकिए हैं
जो एक महादेश से
दूसरे महादेश को जाते हैं।
हम तो समझ नहीं पाते हैं
मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ
पेड़, पौधे, पानी और पहाड़
बाँचते हैं।

(ख) उक्त भाव व्यक्त करने वाली पंक्तियाँ –
और एक देश का भाप
दूसरे देश में पानी
बनकर गिरता है।

प्रश्न 4.
पक्षी और बादल की चिट्रियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ क्या पढ़ पाते हैं?
उत्तर:
पक्षी और बादल की चिट्रियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ प्रेम, सद्भाव, परस्पर मेल, एकता आदि का संदेश पढ़ पाते हैं और यही संदेश लोगों तक पहुँचाते हैं।

प्रश्न 5.
“एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती. है”-कथन का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भाव-प्रकृति के लिए सभी मनुष्य समान हैं। अपने-पराए की भावना तो मनुष्य रखते हैं। प्रकृति तो मनुष्य को एक समान दृष्टि से देखती है। वह प्रेम, एकता एवं सद्भाव की संदेश रूपी सुगंध दूसरे देश को भी भेजती है, जिससे मनुष्य में मनुष्यता विकसित हो तथा कोई किसी की जान का दुश्मन न बने।

पाठ से आगे

प्रश्न 1.
पक्षी और बादल की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को आप किस दृष्टि से देख सकते हैं?
उत्तर:
पक्षी और बादल की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को हम प्रेम और सद्भाव का संदेश देते हुए देखते हैं क्योंकि उनमें भगवान के प्रेम, एकता, सद्भाव, भाईचारा और परस्पर मिलजुलकर रहने का संदेश छिपा होता है। यह संदेश किसी क्षेत्र विशेष या संप्रदाय विशेष के लोगों के लिए न होकर संपूर्ण पृथ्वी के लोगों के लिए होता है।

प्रश्न 2.
आज विश्व में कहीं भी संवाद भेजने और पाने का एक बड़ा साधन इंटरनेट है। पक्षी और बावल की चिट्ठियों की तुलना इंटरनेट से करते हुए दस पंक्तियाँ लिखिए।
उत्तर:
मनुष्य और खतों-चिद्वियों का रिश्ता प्राचीन काल से है। प्राचीन काल में यह काम कबतूरों या अन्य पालतू पक्षियों द्वारा किया जाता था। इस काम में मनोवांछित परिणाम शत-प्रतिशत पाने की संभावना नहीं होती थी। राजघरानों तथा कुछ समृद्ध परिवारों द्वारा यह काम हरकारों या तेज गति से दौड़ने वाले घोड़ों द्वारा कराया जाता था। इस काम में समय अधिक लगता था। हरकारों द्वारा संदेश एक ही दिन में अनेक स्थानों पर भिजवाना काफी मुश्किल काम था। विज्ञान के बढ़ते कदम तथा उसकी नई-नई खोजों ने मानव जीवन को सुखमय बना दिया है।

टेलीफोन, फैक्स, रडार और मोबाइल ने इस क्षेत्र को बदलकर रख दिया है। इन्हीं सब साधनों में संदेश भेजने का आधुनिकतम साधन इंटरनेट है, जिसके माध्यम से अत्यंत कम समय में हम अपने मनोवांछित संदेश को अपने प्रियजनों तक पहुँचा सकते हैं। पक्षी और बादल की चिडियों में छिपा संदेश जहाँ समूची मानवता के लिए होता है, वहीं हमारा संदेश हमारे प्रियजनों के लिए ही होता है।

प्रश्न 3.
‘हमारे जीवन में डाकिए की भूमिका’ क्या है? इस विषय पर दस वाक्य लिखिए।
उत्तर:
हमारे जीवन में डाकिए की भूमिका –
मानव के जीवन में सुख और दुख का रिश्ता बना रहता है। ये सुख-दुख मानव-जीवन में कब चोरी-छिपे व्यक्ति जान ही नहीं पाता है। उनके आगमन का मनुष्य को पूर्वानुमान नहीं होता है। मनुष्य के जीवन में डाकिया सुख-दुख लाने वाला तो नहीं, बल्कि सुख-दुख भरी खबरें लाने वाला वह व्यक्ति है, जिसका समाज में बेसब्री से इंतजार किया जाता है। डाकिया दूर-दराज में रहने वाले मित्रों, रिश्तेदारों, नातेदारों से संबंधित समाचार लाता है। यह समाचार मानव-जीवन को खुशियों से भर देता है।

कभी-कभार डाकिया शोक समाचार लाकर परिवार को शोक-विह्वल कर देता है। भारतीय अर्थव्यवस्था में मनीऑर्डर-अर्थव्यवस्था के महत्त्व को नकारा नहीं जा सकता है। ग्रामीण तथा दूर-दराज इलाके, जहाँ के पुरुष काम करने शहर की ओर आ गए हैं, उनके परिजनों के घर का चूल्हा मनीऑर्डर मिलने पर ही जलता है। ऐसे क्षेत्रों के लोग डाकिए को देवदूत से कम नहीं मानते हैं। नियुक्ति पत्र, बधाई पत्र, निमंत्रण पत्र, मनीऑर्डर तथा अन्य महत्त्वपूर्ण पत्र एवं खुशियों के संदेश लाने वाले डाकिए की हमारे जीवन में गहरी भूमिका है।

अनुमान और कल्पना

(i) डाकिया, इंटरनेट के वर्ल्ड वाइड वेब (डब्ल्यू. डब्ल्यू. डब्ल्यू. www) तथा पक्षी और बादल-इन तीनों संवादवाहकों के विषय में अपनी कल्पना से एक लेख तैयार कीजिए। लेख लिखने के लिए आप “चिट्ठियों की अनूठी दुनिया” पाठ का सहयोग ले सकते हैं।
उत्तर:
छात्र स्वयं लेख तैयार करें।

अतिरिक्त परीक्षोपयोगी अभ्यास

प्रश्न 1.
कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए क्यों बताया है?
उत्तर:
कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए इसलिए बताया है, क्योंकि ये भगवान का संदेश लेकर एक देश से दूसरे देश जाते हैं।

प्रश्न 2.
पक्षी और बादल के द्वारा प्रेम, सद्भाव तथा एकता का संदेश कैसे भेजा जाता है?
उत्तर:
किसी देश की सुगंध पक्षियों के पंखों पर तैरती हुई अन्य देश के वातावरण में घुल-मिल जाता है। इसी प्रकार बादल भाप बनकर उड़ता है और अन्य देशों में जा कर बरसता है। इस प्रकार से पक्षी और बादल के द्वारा प्रेम, सद्भाव तथा एकता का सन्देश भेजा जाता है।

हमारे जीवन में डाकिए की भूमिका क्या है इस विषय पर दस?

Solution : हमारे जीवन में डाकिए की महत्त्वपूर्ण भूमिका है, क्योंकि वह पत्रों के माध्यम से एक मनुष्य से दूर-दराज बैठे दूसरे मनुष्य तक सन्देश पहुँचाता है। आज धन कमाने की लालसा व एकाकी परिवारों के प्रचलन से संयुक्त परिवार टूटते जा रहे हैं जिससे सगे-सम्बन्धी भी दूर-दूर रहने लगे हैं।

डाकिए का ग्रामीण जीवन में क्या महत्व है?

(1) डाकिए की हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। (2) वह हमारे संदेश को हमारे मित्रों एवं रिश्तेदारों तक पहुंचाता है। (3) वह मानव को मानव से जोड़ने का महान कार्य करता है। (4) वह देश-विदेश की सूचनाएँ हमारे पास पहुँचाता है।

डाकिया का क्या काम है?

उसका काम पत्रों, पार्सलों, मनीऑर्डरों को लोगों तक पहुँचाना है । वह खार्की वर्दी पहनता है और खाकी टोपी पहनता है । वह सदैव अपने साथ चमड़े का थैला रखता है जिसे वह अपने कंधे पर लटकाये रखता है । इसी थैले में कैश और पत्र होते हैं जिसको उसे वितरित करना होता है ।

शहरों की अपेक्षा गांव में डाकिए का महत्व क्यों अधिक है?

उसी पोस्ट ऑफ़िस के एक कमरे में डाक छाँटने का काम चल रहा है। सुबह के 11:30 बजे हैं, खिड़की से गुनगुनी धूप छनकर आ रही है। इस धूप का मज़ा लेते हुए दो पैकर और तीन महिला डाकिया फटाफट डाक छाँटने का काम कर रहे हैं।