Short Note Show रसखान अगले जन्म में मनुष्य बनकर कहाँ जन्म लेना चाहते थे और क्यों ? Advertisement Remove all ads Solutionरसखान अगले जन्म में मनुष्य बनकर ब्रज क्षेत्र के गोकुल गाँव में जन्म लेना चाहते थे क्योंकि ब्रज उनके आराध्य श्रीकृष्ण की लीला भूमि रही है। ब्रज क्षेत्र में जन्म लेकर वह श्रीकृष्ण से जुड़ाव की अनुभूति करता है। Concept: पद्य (Poetry) (Class 9 A) Is there an error in this question or solution? Advertisement Remove all ads Chapter 11: सवैये - अतिरिक्त प्रश्न Q 1Q 11Q 2 APPEARS INNCERT Class 9 Hindi - Kshitij Part 1 Chapter 11 सवैये Advertisement Remove all ads CBSE (NCERT)Class 9 Hindi रसखान (Kshitij Bhag-1) प्रश्न १: रसखान का संक्षिप्त जीवन चरीत लिखिए। सवैये 9th Class (CBSE) Hindi क्षितिजप्रश्न: रसखान अगले जन्म में मनुष्य बनकर कहाँ जन्म लेना चाहते थे और क्यों ?उत्तर: रसखान अगले जन्म में मनुष्य बनकर ब्रज क्षेत्र के गोकुल गाँव में जन्म लेना चाहते थे क्योंकि ब्रज उनके आराध्य श्रीकृष्ण की लीला भूमि रही है। ब्रज क्षेत्र में जन्म लेकर वह श्रीकृष्ण से जुड़ाव की अनुभूति करता है। प्रश्न: रसखान ने ऐसा क्यों कहा है, ‘जो पसु हौं तो कहा बस मेरो’?उत्तर: ‘जौ पसु हाँ तो कहा बस मेरो’ कवि रसखान ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि पशु की अपनी इच्छा नहीं चलती है। कोई भी उसके गले में रस्सी डालकर कहीं भी ले जा सकता है। उसकी इच्छा-अनिच्छा का कोई महत्व नहीं रहती है। प्रश्न: कवि किस गिरि का पत्थर बनना चाहते हैं और क्यों?उत्तर: कवि गोवर्धन पर्वत का पत्थर बनना चाहता हैं क्योंकि इंद्र के प्रकोप और क्रोध से ब्रजवासियों को मचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को छाते की तरह उठाकरे श्रीकृष्ण ने उनकी रक्षा की थी। गोवर्धन पर्वत का पत्थर बनकर कवि श्रीकृष्ण से जुड़ाव महसूस करता है। प्रश्न: ‘कालिंदी कुल कदंब की डारन’ का भाव स्पष्ट करते हुए बताइए कि कवि ने इसका उल्लेख किस संदर्भ में किया?उत्तर: ‘कालिंदी कूल कदंब की डारन’ का भाव है – यमुना नदी के किनारे स्थित कदंब की डालों पर बसेरा बनाना। कवि ने। इसका उल्लेख अगले जन्म में पक्षी बनकर श्रीकृष्ण से जुड़ी वस्तुओं का सान्निध्य पाने के संदर्भ में किया है। प्रश्न: गोपी किस तरह के वस्त्र धारण करना चाहती है और क्यों?उत्तर: गोपियाँ पीले रंग के वैसे ही वस्त्र पहनना चाहती है जैसा श्रीकृष्ण पहना करते थे क्योंकि वह श्रीकृष्ण के रूप सौंदर्य पर मोहित है और वैसा ही रूप बनाना चाहती है। प्रश्न: श्रीकृष्ण की मुसकान का गोपियों पर क्या असर होता है?उत्तर: श्रीकृष्ण की मुसकान अत्यंत आकर्षक एवं मादक है। गोपियाँ इस मुसकान को देखकर अपनी सुध-बुध खो बैठती हैं। उनका खुद अपने तन-मन पर नियंत्रण नहीं रह जाता है। वे विवश होकर स्वयं को नहीं सँभाल पाती हैं। प्रश्न: गोपियाँ ब्रज के लोगों से क्या कहना चाहती हैं और क्यों ?उत्तर: गोपियाँ ब्रज के लोगों से यह कहना चाहती हैं कि कृष्ण के प्रभाव से बचने के लिए कानों में अँगुली रख लेंगी तथा उनके गोधन को नहीं सुनेंगी पर श्रीकृष्ण की मुसकान देखकर वह स्वयं को नहीं सँभाल पाएंगी और तन-मन पर वश नहीं रहेगा। प्रश्न:
उत्तर:
सकारात्मक रूप
नकारात्कम रूप
प्रश्न: निम्नलिखित अंशों को व्याख्या कीजिए:
उत्तर:
प्रश्न: निम्नलिखित में अभिव्यक्त व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए:
उत्तर:
प्रश्न: नीचे लिखे शब्दों का उच्चारण कीजिए और समझिए कि किस प्रकार नुक्ते के कारण उनमें अर्थ परिवर्तन आ गया है।राज़ (रहस्य) फ़न (कौशल) ज़ फ़ से युक्त दो–दो शब्दों को और लिखिए। उत्तर: बाज़ बाज प्रश्न: निम्नलिखित मुहावरों का प्रयोग वाक्यों में कीजिए:
उत्तर:
प्रश्न: श्रीकृष्ण और उनसे जुड़ी वस्तुओं का सान्निध्य पाने के लिए कवि क्या-क्या त्यागने को तैयार है?उत्तर: रसखान श्रीकृष्ण के प्रति अगाध आस्था और लगाव रखते हैं। वे अपने आराध्य से जुड़ी हर वस्तु से प्रेम करते हैं। इन वस्तुओं को पाने के लिए वे अपना सर्वस्व त्यागने को तैयार हैं। वे लकुटी और कंबल के बदले तीनों लोकों का राज्य, उनकी गाएँ चराने के बदले आठों सिधियाँ और नवों निधियों का सुख छोड़ने को तैयार हैं। श्रीकृष्ण जिन करील के कुंजों की छाया में मुरली बजाते हुए विश्राम किया करते थे उन कुंजों की छाया पाने के लिए कवि सोने के सैकड़ों महलों का सुख छोड़ने को तैयार है। प्रश्न: ‘ब्रज के बन-बाग, तड़ाग निहारौं’ का अशय स्पष्ट करते हुए बताइए कि कवि ने ऐसा क्यों कहा है?उत्तर: ब्रजे के बन-बाग और तड़ाग देखने का आशय है-ब्रजभूमि पर स्थित उन बन-बाग और तालाबों को निहारते रहना जहाँ श्रीकृष्ण गाएँ चराया करते थे और विश्राम किया करते थे। कवि ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि कवि रसखान श्रीकृष्ण का अनन्य भक्त है। वह श्रीकृष्ण से ही नहीं वरन उनसे जुड़ी हर वस्तु से अत्यधिक लगाव रखता है। इन वस्तुओं को पाने के लिए वह अपना हर सुख त्यागने को तैयार है। यह श्रीकृष्ण के प्रति कवि की भक्ति भावना की पराकाष्ठा है। प्रश्न: ‘या मुरली मुरलीधर की अधरा न धरी अधरा न धरौंगी’ का भाव स्पष्ट करते हुए बताइए कि गोपी ने ऐसा क्यों कहा होगा?उत्तर: भाव यह है कि गोपी श्रीकृष्ण का रूप बनाने के लिए उनकी हर वस्तु धारण करने को तैयार है पर उनकी मुरली नहीं, क्योंकि गोपी मुरली से ईर्ष्या भाव रखती है। इसी मुरली ने गोपियों को कृष्ण से दूर कर रखा है। कृष्ण के होठों से लगकर मुरली गोपियों की व्यथा बढ़ाती है। 9th Class (CBSE) Hindi क्षितिजगद्य – खंड
काव्य – खंड
रसखान अपने अगले जन्म में क्या बनना चाहते थे?Solution. रसखान अगले जन्म में मनुष्य बनकर ब्रज क्षेत्र के गोकुल गाँव में जन्म लेना चाहते थे क्योंकि ब्रज उनके आराध्य श्रीकृष्ण की लीला भूमि रही है।
रसखान मनुष्य के रूप में जन्म लेने पर कहाँ रहना चाहते हैं?1 Answer. रसखान मनुष्य रूप में अगला जन्म ब्रजभूमि (बृंदावन) में लेना चाहते हैं।
रसखान मनुष्य के रूप में क्या बनना चाहते हैं?1. मनुष्य के रूप में रसखान ब्रज के ही गाँव में जन्म लेना चाहते हैं। 2. कवि उस गोवर्धन पर्वत का पत्थर बनना चाहता है जिसे श्रीकृष्ण ने अपने हाथ पर उठाया था।
रसखान हर जन्म में किसका सानिध्य प्राप्त करना चाहते हैं?सय्यद इब्राहीम "रसखान" का जन्म अन्तर्जाल पर उपलब्ध स्रोतों के अनुसार सन् 1533 से 1558 के बीच कभी हुआ था। कई विद्वानों के अनुसार इनका जन्म सन् 1548 ई. में हुआ था। चूँकि अकबर का राज्यकाल 1556-1605 है, ये लगभग अकबर के समकालीन हैं।
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