Solution : रक्त के सफेद कणों को .वीर सिपाही. इसलिए कहा गया है, क्योंकि ये बहुत से रोगों से हमारे शरीर की रक्षा करते हैं। ये रोगों के कीटाणुओं को शरीर में घुसने नहीं देते हैं, उनसे डटकर मुकाबला करते हैं। Show
सूक्ष्मदर्शी से देखने पर लाल और श्वेत मानव रक्त कोशिकायें रक्त कोशिका (जिसे रक्त कणिका भी कहा जाता है) रक्त मे पायी जाने वाली कोई एक कोशिका है। स्तनधारियों में इन कोशिकाओं की मुख्यतः तीन श्रेणियां होती हैं:
यह तीनो कोशिकायें मिलकर लगभग ४५% रक्त ऊतकों (आयतन या मात्रा) का निर्माण करती हैं, ५५% भाग प्लाविका से बनता है।[1] प्रकार[संपादित करें]लाल रक्त कोशिकायें[संपादित करें]लाल रक्त कोशिकायें रूधिरवर्णिका (हीमोग्लोबिन) के माध्यम से ऑक्सीजन शरीर के विभिन्न अवयवों को पहुंचाती है, इनका जीवनकाल १२० दिन का होता है। इसमें केन्द्रक नहीं पाया जाता है। (Erithrocyte) श्वेत रक्त कोशिकायें[संपादित करें]श्वेत रक्त कोशिकायें सहज प्रतिरक्षा प्रणाली का मुख्य भाग हैं, इनका जीवनकाल कुछ दिन से लेकर वर्षों का होता है। बिम्बाणु[संपादित करें]बिम्बाणु रक्त का थक्का जमाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, इनका जीवनकाल प्रायः ९ दिनों का होता है।[2]. विकार[संपादित करें]इन्हें भी देखें: रूधिर संबंधी रोगरक्त कोशिकाओं मे कमी रक्ताल्पता का कारण बनती है। दूसरी ओर वृद्धि पॉलीसाइथीमिया कहलाती है।[3] सन्दर्भ[संपादित करें]
बाहरी कड़ियां[संपादित करें]
रक्त के सफेद कणों को क्या कहा गया हैं?उत्तर- रक्त के सफ़ेद कणों को वीर सिपाही इसलिए कहा गया है क्योंकि यह हमारे शरीर की रोगों से रक्षा करते हैं। जब रोगाणु शरीर पर धावा बोलते हैं तब सफेद कारण उनसे डटकर मुकाबला करते हैं।
रक्त के लाल और सफेद कणों को क्या कहते हैं?प्राणवायु वाहक लाल रक्त कण
रक्त का 55 फीसदी भाग तरल प्लाज्मा और 45 फीसदी भाग कोशिकीय (सेल्स) होता है। कोशिकीय भाग में 99 फीसदी लाल रक्त कण और मात्र एक फीसदी सफेद रक्त कण और प्लेटलेट्स होते हैं। लाल रक्त कण और सफेद रक्त कण जीवित संपूर्ण कोशिकाएं होती हैं, जबकि प्लेटलेट्स कोशिका के टुकड़े होते हैं।
5 रक्त के सफेद कणों को वीर सिपाही क्यों कहा गया है?रक्त के सफ़ेद कणों को 'वीर सिपाही' क्यों कहा गया है? Solution : जब रोगाणु शरीर पर हमला करते हैं तो रक्त के सफ़ेद कण उनसे डटकर मुकाबला करते हैं और जहाँ तक संभव <br> होता है वह रोगाणुओं को हमारे शरीर के भीतर घर करने नही देते इसलिए इन्हें वीर सिपाही कहा गया है।
रक्त में लाल कणों का क्या कार्य है?लाल रक्त कणिका श्वसन अंगों से आक्सीजन ले कर सारे शरीर में पहुंचाने का और कार्बन डाईआक्साईड को शरीर से श्वसन अंगों तक ले जाने का काम करता है। इनकी कमी से रक्ताल्पता (अनिमिया) का रोग हो जाता है।
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