2012 ओलंपिक में भारतीय टीम के ध्वजवाहक कौन थे? - 2012 olampik mein bhaarateey teem ke dhvajavaahak kaun the?

लंदन ओलंपिक में हरियाणा के 18 खिलाड़ी हैं. इनमें मुक्केबाज विजेंदर सिंह, निशानेबाज गगन नारंग, पहलवान सुशील कुमार, बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल शामिल हैं. आखिर हरियाणा में ऐसी क्या बात है कि ज्यादातर खिलाड़ी वहां से आते हैं.

3 अगस्त 2012

बर्मिंघम, 27 जुलाई (भाषा) दो बार की ओलंपिक पदक विजेता शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू और भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह को राष्ट्रमंडल खेलों के उद्घाटन समारोह के लिये बुधवार को भारतीय दल का ध्वजवाहक बनाया गया।

मनप्रीत का नाम दूसरे ध्वजवाहक के रूप में जोड़ा गया क्योंकि आयोजकों ने सूचित किया कि प्रत्येक देश के लिए दो ध्वजवाहक उतारना अनिवार्य है जिसमें एक पुरुष और एक महिला होगी।

मनप्रीत की अगुआई में पिछले साल भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था।

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने विज्ञप्ति में कहा, ‘‘मनप्रीत को दूसरे ध्वजवाहक के रूप में शामिल करने का फैसला किया गया क्योंकि बर्मिंघम 2022 राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति ने आईओए को सूचित किया कि उद्घाटन समारोह के लिए प्रत्येक देश का दो ध्वजवाहकों को नामित करना जरूरी है जिसमें एक महिला और एक पुरुष होगा।’’

ओलंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा को ध्वजवाहक बनाने की उम्मीद थी लेकिन विश्व चैम्पियनशिप में लगी ‘ग्रोइन’ चोट के कारण उन्हें राष्ट्रमंडल खेलों से हटने के लिये बाध्य होना पड़ा। चार साल पहले गोल्ड कोस्ट में स्वर्ण पदक जीतने वाले चोपड़ा ने विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था।

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने फिर तीन महिला खिलाड़ियों की सूची में से सिंधू का चयन किया। इसमें दो अन्य खिलाड़ी तोक्यो ओलंपिक पदक विजेता - भारोत्तोलक मीराबाई चानू और मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन थीं। आईओए ने फैसला करने से पहले इन दोनों के नाम पर भी विचार किया था।

सिंधू ने कहा, ‘‘इतने बड़े समारोह में दल की अगुआई करना और तिरंगा थामने की जिम्मेदारी दिये जाना बहुत सम्मान की बात है। मैं बहुत खुश हूं और मैं दल के अपने सभी साथियों को खेलों के लिये शुभकामनायें देती हूं। मुझे ध्वजवाहक चुनने के लिये मैं आईओए का भी धन्यवाद देना चाहूंगी। ’’

ध्वजवाहक चुनने के लिए आईओए ने चार सदस्यीय समिति बनाई थी जिसमें महासचिव राजीव मेहता, कोषाध्यक्ष आनंदेश्वर पांडे और भारतीय टीम के मिशन प्रमुख राजेश भंडारी को भी शामिल किया गया था।

मुक्केबाज अमित पंघाल और टेबल टेनिस खिलाड़ी अचंता शरत कमल भी तीन पुरुष दावेदारों की सूची में शामिल थे लेकिन समिति ने सम्मान के लिए मनप्रीत को चुना।

आईओए के कार्यवाहक अध्यक्ष अनिल खन्ना ने कहा, ‘‘मनप्रीत सिंह ने पिछले साल तोक्यो ओलंपिक में भारतीय हॉकी के ओलंपिक पदक के 41 साल के सूखे को खत्म किया। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले सबसे शानदार खिलाड़ियों में से एक हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें उन्हें और सिंधू को दो ध्वजवाहक के रूप में नामित करने की खुशी है जो कल बर्मिंघम 2022 राष्ट्रमंडल खेलों के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रों की परेड के दौरान भारतीय दल की अगुआई करेंगे।’’

सिंधू गोल्ड कोस्ट में 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में भी ध्वजवाहक थीं जबकि मनप्रीत तोक्यो ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में भारत के दो ध्वजवाहकों में से एक थे।

राष्ट्रमंडल खेलों के इस 2022 चरण में खेलों के इतिहास में महिला खिलाड़ियों का सबसे दल हिस्सा ले रहा है।

भारतीय दल प्रमुख भंडारी ने कहा कि गुरूवार को होने वाले उद्घाटन समारोह में देश के दल के अधिकतम 164 प्रतिभागी हिस्सा ले सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘164 में खिलाड़ी और टीम अधिकारी शामिल होंगे। अंतिम सूची आज शाम को तैयार हो जायेगी जो खिलाड़ियों की उपलब्धता पर निर्भर करेगी। ’’

बर्मिंघम, 27 जुलाई (भाषा) दो बार की ओलंपिक पदक विजेता शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू को राष्ट्रमंडल खेलों के उद्घाटन समारोह के लिये बुधवार को भारतीय दल का ध्वजवाहक बनाया गया।

ओलंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा को ध्वजवाहक बनाने की उम्मीद थी लेकिन विश्व चैम्पियनशिप में लगी ‘ग्रोइन’ चोट के कारण उन्हें राष्ट्रमंडल खेलों से हटने के लिये बाध्य होना पड़ा। चार साल पहले गोल्ड कोस्ट में स्वर्ण पदक जीतने वाले चोपड़ा ने विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था।

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने फिर तीन खिलाड़ियों की सूची में से सिंधू का चयन किया। इसमें दो अन्य खिलाड़ी तोक्यो ओलंपिक पदक विजेता - भारोत्तोलक मीराबाई चानू और मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन थीं। आईओए ने फैसला करने से पहले इन दोनों के नाम पर भी विचार किया था।

आईओए के कार्यकारी अध्यक्ष अनिल खन्ना ने विज्ञप्ति में कहा, ‘‘यह घोषणा करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि सिंधू टीम इंडिया की ध्वजवाहक होंगी। ’’

सिंधू गोल्ड कोस्ट में 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में भी ध्वजवाहक थीं।

इसमें कहा गया, ‘‘दो अन्य एथलीट चानू और बोरगोहेन भी इसके लिये योग्य थीं लेकिन सिंधू दो बार की ओलंपिक पदक विजेता हैं तो उन्हें तरजीह दी गयी। हम सिंधू से अच्छा प्रदर्शन जारी रखने की उम्मीद करेंगे। ’’

राष्ट्रमंडल खेलों के इस 2022 चरण में खेलों के इतिहास में महिला खिलाड़ियों का सबसे दल हिस्सा ले रहा है।

खन्ना ने कहा, ‘‘इसलिये आईओए को लगा कि भारत के ध्वजवाहक की भूमिका के लिये तीन महिला खिलाड़ियों को ‘शार्टलिस्ट’ करके हम ओलंपिक चार्टर की भावना का पालन करते हुए लैंगिक समानता की अपनी प्रतिबद्धता दिखाते हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि सिंधू जब उद्घाटन समारोह में भारतीय तिरंगा लेकर टीम इंडिया की अगुआई करेंगी तो इसे देखकर भारत में लाखों लड़कियां खेलों में आने के लिये प्रेरित होंगी। ’’

आईओए की चार सदस्यीय समिति ने ध्वजवाहक का चयन किया जिसमें महासचिव राजीव मेहता, कोषाध्यक्ष आनंदेश्वर पांडे और दल प्रमुख राजेश भंडारी भी शामिल थे।

मेहता ने कहा, ‘‘हम उन्हें बधाई देते हैं और उन्हें व टीम इंडिया के अन्य खिलाड़ियों को राष्ट्रमंडल खेलों के लिये शुभकामनायें देते हैं। ’’

भारतीय दल प्रमुख भंडारी ने कहा कि गुरूवार को होने वाले उद्घाटन समारोह में देश के दल के अधिकतम 164 प्रतिभागी हिस्सा ले सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘164 में खिलाड़ी और टीम अधिकारी शामिल होंगे। अंतिम सूची आज शाम को तैयार हो जायेगी जो खिलाड़ियों की उपलब्धता पर निर्भर करेगी। ’’

भारत के कुल 215 खिलाड़ी राष्ट्रमंडल खेलों में भाग ले रहे हैं।

पूर्व विश्व चैम्पियन सिंधू बर्मिंघम में महिला एकल स्वर्ण पदक जीतने की प्रबल दावेदारों में से एक हैं। उन्होंने गोल्ड कोस्ट और ग्लास्गो में पिछले दो चरण में क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीते थे।

टोक्यो ओलंपिक में भारत का ध्वजवाहक कौन था?

लिएंडर पेस, राज्यवर्धन सिंह राठौर और सुशील कुमार अन्य ओलंपिक पदक विजेता हैं, जिन्होंने भारत के ओलंपिक फ्लैग बियरर बनने का सम्मान हासिल किया। ओलंपिक में पहली बार भारत की ओर से दो फ्लैग बियरर रहे। टोक्यो 2020 समर गेम्स में मैरी कॉम और मनप्रीत सिंह ने ध्वजवाहक बनने का गौरव हासिल किया।

2012 के ओलंपिक में ध्वजवाहक कौन थे?

बीजिंग ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता, पूर्व विश्व चैंपियन, अपने वर्ग के नंबर वन पहलवान और लंदन ओलंपिक में भारत के ध्वजवाहक सुशील कुमार ने एक बार फिर तिरंगे का मान रखा। भारत लंदन में भले ही कोई स्वर्ण पदक नहीं जीत पाया हो लेकिन पहलवान सुशील ने 66 किग्रा वर्ग की फ्रीस्टाइल कुश्ती में रविवार को रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया।

2012 में लंदन ओलंपिक से यह कांस्य पदक विजेता कौन है और वह किस खेल से जुड़ा है *?

गगन नारंग एक भारतीय शूटर हैं। उन्होंने 2012 लंदन ओलंपिक में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता।

2012 के ओलंपिक में कितने पदक जीते?

भारत ने 2012 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में छह पदक जीते। यह लंदन में 27 जुलाई से 12 अगस्त 2012 तक आयोजित किया गया था। कुल 13 खेलों में 83 एथलीटों, 60 पुरुषों और 23 महिलाओं ने प्रतिस्पर्धा की। बैडमिंटन खिलाड़ी और विश्व जूनियर चैंपियन साइना नेहवाल महिला एकल में कांस्य पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बन गईं।