विवाह का तत्सम शब्द क्या होगा? - vivaah ka tatsam shabd kya hoga?

ब्याह का तत्सम क्या है?

ब्याह शब्द का तत्सम रूप विवाह है।

byah tatsam shabd kya hai?

byah ka tatsam roop vivaah hai

विवाह का तद्भव क्या है?

विवाह का तद्भव रूप ब्याह है।

तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत + सम, जिसका अर्थ होता है – उसके (संस्कृत के) समान। जिन संस्कृत के मूल शब्दों को बिना किसी परिवर्तन के हिन्दी में ज्यों का त्यों प्रयोग किया जाता है, उन्हें तत्सम शब्द कहते हैं। जैसे – सूर्य, वर्षा, नयन, धरित्रि आदि।

संस्कृत के मूल शब्दों में समय के साथ कुछ परिवर्तन आ गया है, ऐसे शब्दों को तद्भव शब्द कहते हैं, जैसे – सूरज, बारिश, नैन, धरती आदि।

Tatsam Tadbhav Shabd for Class 5
Tatsam Tadbhav Shabd for Class 6
Tatsam Tadbhav Shabd for Class 7
Tatsam Tadbhav Shabd for Class 8
Tatsam Tadbhav Shabd for Class 9
Tatsam Tadbhav Shabd for Class 10
तत्सम और तद्भव शब्दों के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए इस लिंक पर जाएँ:-

तत्सम – तद्भव शब्द : उदाहरण सहित व्याख्या 

परीक्षा में तत्सम और तद्भव शब्द पर अनेकों प्रकार से प्रश्न पूछे जा सकते हैं। जैसे –

ब्याह का तत्सम क्या है? ब्याह का तत्सम शब्द ब्याह का तत्सम शब्द चुनिए ब्याह शब्द का तत्सम रूप क्या होता है? ब्याह का तत्सम रूप बताइए byah ka tatsam roop byah ka tatsam shabd kya hai?

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May 1, 2020

(A) विवाह
(B) शादी
(C) ब्याह
(D) विवाहित जीवन

Question Asked : B.Ed. 2006 (A.U., K.U.)

Answer : विवाह

Explanation : विआह (Viaah) का तत्सम शब्द विवाह है। तत्सम शब्द तत+सम से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है – उसके समान या ज्यों का त्यों। अर्थात् जो शब्द संस्कृत भाषा से हिन्दी में आए हैं और ज्यों के त्यों प्रयुक्त होते हैं, तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) कहलाते हैं। दूसरे शब्दों में संस्कृत के वे शब्द जो हिन्दी में यथावत् ले लिए गये हैं, तत्सम शब्द कहलाते हैं। जैसे–अग्नि, वर्षा, श्लोक, कृष्ण, कृपा आदि तत्सम शब्द हैं। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में तत्सम, तद्भव शब्दों से संबंधित वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाते है। परीक्षार्थियों की सुविधा के लिए लिए यहां अनेक तत्सम संबंधी प्रश्नों का महत्वपूर्ण संकलन है। ....अगला सवाल पढ़े

Tags : तद्भव-तत्सम शब्द सामान्य हिन्दी प्रश्नोत्तरी

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तत्सम और तद्भव शब्द – तत्सम का अर्थ होता है उसके समान या ज्यों का त्यों। तत् अर्थात उसके, सम अर्थात समान। किसी भाषा के मूल शब्दों को तत्सम शब्द कहा जाता है। परन्तु प्रयोग किये जाने के बाद इन शब्दों का स्वरुप बदलता जाता है। यह स्वरुप मूल शब्द से काफी भिन्न हो जाता है। तत्सम शब्दों के इसी बदले हुए रूप को तद्भव शब्द कहा जाता है। 

तद्भव वे शब्द होते हैं जो संस्कृत और प्राकृत से विकृत होकर आधुनिक हिंदी भाषा में शामिल हुए हैं।

तत्सम और तद्भव शब्दों की सूचि

तत्समतद्भवतत्समतद्भव
अमृत अमिय अगम्य अगम
अन्यत्र अनत आम्रचूर्ण आमचूर
अन्न अनाज आर्द्रक अदरक
अमूल्य अमोल आकाश आकास
अनशन अनसन अंजलि अंजुली
अग्रणी अगाड़ी अंगप्रौछा अंगौछा
अमावस्या अमावस अंगुष्ठ अंगूठा
आश्चर्य अचरज अन्धकार अँधेरा
एकल अकेला अक्षवाट अखाड़ा
आभीर अहीर अर्पण अरपन
आखेट अहेर अकथ्य अकथ
अग्निष्ठिका अंगीठी अज्ञान अजान
अहि-फेन अफीम अग्रणी अगुवा
स्तुति अस्तुति अंगुलि अंगुरी
अष्टादश अठारह अर्द्ध आधा
आत्मन अपना अलग्न अलग
अंगुष्ठिका अँगूठी अट्टालिका अटारी
अग्रहायण अगहन आशीष असीस
अंध अंधा आषाढ़ असाढ़
अपठ अपढ़ अंगिका अँगिया
अलक्षण अलच्छन अंश अंस
अनुत्थ अनूठा अलवण अलोना
अर्क अरग अर्चि आंच
आभूषण आभूषन आदेश आयसु
आंचल आचर आद्य आज
आलस्य आलस आम्र आम
अग्नि आग अक्षि आँख
अंगण आँगन आश्रय आसरा
आमलक आँवला आंत्र आंत
यवनिका अजवाइन अशीति अस्सी
अक्षोर अखरोट अंब अम्मा
अर्द्ध तृतीय अढ़ाई अनार्य अनाड़ी
अकार्य अकाज अष्टानवति अट्ठानवे
अपादहस्त अपाहिज अक्षर आखर
आदर्शिका आरसी अष्ट आठ
अंगरक्षक अँगरखा अश्रु आँसू
उपल ओला उपशाल ओसार
अवतार औतार अवमूर्ध औंधा
उपाध्याय ओझा अवर ओर
अवश्याय ओस अम्लिका इमली
एकलपुत्र इकलौता आदित्यवार इतवार
इंधन ईधन इष्टिका ईंट
उत्तिष्ठ उठ उपवास उपास
उद्गलन उगलना उद्गत उठना
उत्थान उठान उपालम्भ उलाहना
उपर्युक्त उपयुक्त उद्वर्तन उबटन
उद्वालन उबालना उज्ज्वल उजला
उलूक उल्लू ऊर्ण ऊन
उच्च ऊँचा उष्ट्र ऊँट
इमि एवम ऐक्य एका
ईदृश्य ऐसा स्कन्दभार कहार
कंकती कंघी कृष्ण कान्ह
कुठार कुल्हाड़ा कैवर्त्त केवट
कपित्थ कैथा काणः काना
कज्जल काजल कटु कडुआ
कर्पूर कपूर केश केस
कर्कट केकड़ा कुष्ट कोढ़
कर्म करम कृत्यगृह कचहरी
कोष्ठिका कोठी कुम्भकार कुम्हार
क्रोश कोस कर्त्तव्य करतब
कृषक किसान कपाट किवाड़
कुपुत्र कपूत कुष्ठी कोढ़ी
काक कौआ कोण कोना
कणिका किनकी केशरी केहरी
क्लेश कलेश कुपच कच्चा
कूर्चिका कूची कति कई
काष्ठगृह कटहरा कंटफल कटहल
कटाह कड़ाह कंकण कंगन
काष्ठ काठ कर्ण कान
कुक्षि कोख किंपुनः क्यों
कृष्ण किसन क्षीर खीर
क्षार खार क्षेत्र खेत
खनि खान क्षत्रिय खत्री
कास खाँसी खर्पर खप्पर
स्तम्भ खम्भा खण्डगृह खंडहर
खर्जू खुजली क्षेत्रित खेती
गलन गलना ग्रीष्म गर्मी
गोमय/गोमल गोबर कंदुक गेंद
गणन गिनना ग्राम गाँव
गर्दभ गधा गर्त गड्ढा
गुण गुन गौर गोरा
गायक गवैया गंभीर गहरा
ग्रामीण गँवार ग्रंथि गांठ
गोधूम गेहूँ क्रोड गोंद
गोस्वामी गुसाईं गोपालक ग्वाला
गृध्र गीध गो गाय
घोटक घोड़ा घट घड़ा
घृत घी गृह घर
गुंठन घूँघट चतुष्पद चौपाया
चन्द्रिका चाँदनी चक्र चाक
चरण चरन चतुर्थ चौथा
चणक चना चर्वण चबाना
चटिका चिड़िया चतुष्काठ चौखट
छिद्र छेद छाया छाँह
छत्र छाता शकल छिलका
योगी जोगी यंत्र जंतर
जंघा जाँघ ज्वलन जलना
युवा जवान ज्येष्ठ जेठ
यौवन जोबन यव जौ
जिह्वा जुबान यूथ जत्था
यज्ञोपवीत जनेऊ जटा जड़
यदा जब यमुना जमुना
जृम्भिका जम्हाई जाड्य जाड़ा
यः जौ युक्त जोड़ा
जीर्ण झीना जुष्ट झूठा
डाकिनी डायन तीक्ष्ण तीखा
ताम्र ताँबा त्वरित तुरंत
तपस्वी तपसी तड़ाग तालाब
तृण तिनका तैल तेल
तिथिवार त्यौहार तुषमे तुम
ताप ताव तव तेरा
तुन्द तोंद स्थल थल
स्थान थान स्तन थन
स्तम्भन थामना स्तोक थोड़ा
द्विवर देवर दद्रु दाद
दीपावली दीवाली द्विपट्ट दुपट्टा
दृश देखना दमन दबाना
दश दस दंत दाँत
दीप दीया द्वितीय दूजा
धात्री दाई द्विगुण दूना
द्रोण दोना दुर्बल दुबला
दूर्वा दूब दशम दसवाँ
दंष्ट्रिका दाढ़ी दधि दही
द्राक्षा दाख दक्षिण दाहिना
दुग्ध दूध धावन धोना
धरित्री धरती धूलि धूल
धैर्य धीरज धनिका धनिया
धूम्र धुआँ धान्य धुआं
ध्वनि धुनि निर्गलन निगलना
नख नाख़ून निम्ब नीम
नृत्य नाच नप्तृ नाती
निद्रा नींद नियम नेम
स्नायु नस नव नया
नापित नाई स्नेह नेह
नकुल नेवला नयन नैन
नग्न नंगा लंघन लांघना
निष्ठुर निठुर नारिकेल नारियल
नक्षत्र नखत नक्र नाक
निम्बक नींबू निमंत्रण न्योता
स्नान नहान लवण नोन
ननांदृपति नंदोई लुंचन नोचना
पीत पीला पर्पट पराठा
पीठिका पीढ़ी प्रापण पाना
पंक्ति पांत प्रतनु पतला
पत्र पत्ता पुत्रवधू पतोहू
प्रतिच्छाया परछांई पूर्ण पूरा
पक्वान्न पकवान पाषाण पाहन
पक्व पक्का पुच्छ पूंछ
परश्वः परसों प्रहरी पहरी
पूर्व पूरब पिपासा प्यास
प्रसारण पसारना पाद पाँव
पटल पलड़ा पर्पटी पपड़ी
पार्श्व पास पिप्पल पीपल
पण्यशालिका पनसारी प्रसरण पसरना
प्रत्यभिज्ञान पहचान पुष्कर पोखर
पर्यंक पलंग पाणि पानि
पौष पूस पुत्र पूत
पौत्र पोता प्रस्तर पत्थर
प्रस्वेद पसीना प्रतिवास पड़ोस
पृष्ठ पीठ प्रिय पिया
पुत्तलिका पुतली पल्लव पल्ला
प्रभुत्व पहुँच प्रतिपदा परिवा
पर्ण पन्ना पूजाकारी पुजारी
पुराण पुरान पिटक पिटारा
प्रकट परगट पश्चात पीछे
पुस्तक पोथी स्फूर्ति फुर्ती
स्फटिक फिटकरी फाल्गुन फागुन
परशु फरसा स्फोट फोड़ा
पुष्प फूल बिल्व बेल
विनति बिनती वाद्य बाजा
बधिर बहरा वर्षण बरसना
बन्ध्या बाँझ वारिद बादल
वधू बहू भगिनीपति बहनोई
वक बगुला वर्ष बरस
बज्रांग बजरंग वामन बौना
वाटिका बाड़ी व्याघ्र वाघ
बाहु बाँह वर्द्धकि बढ़ई
वर्तिका बत्ती व्यतीत बीता
बालुका बालू वत्स बछड़ा
व्याख्यान बखान वाराणसी बनारस
वानर बन्दर बंधन बाँधना
विक्रयण बिकना वासगृह बसेरा
वृत्तिक बूंटी वणिक बनिया
वृद्ध बूढ़ा वार्ता बात
विंशति बीस विद्युत बिजली
बलीवर्द बैल वाम बायां
वत्स बच्चा विरुप बुरा
वचन बैन विवाह ब्याह
वातुल बावला बरयात्रा बारात
बर्कर बकरा भाद्रपद भादों
भगिनी बहन बाह्य बाहर
वृश्चिक बिच्छू भिक्षाकारी भिखारी
भिक्षा भीख वाष्प भाप
भल्लुक भालू भित्ति भीत
भ्रातृज्य भतीजा भाटक भाड़ा
बुभुक्षा भूख भ्रमर भौंरा
भागिनेय भांजा भ्रू भौंह
भक्त भगत विभूति भभूत
भ्रातृभार्या भाभी अभ्यन्तर भीतर
मरण मरना माल्य माला
मक्षिका मक्खी मृत्यु मौत
मुकुट मौर मस्तक माथा
मण्डप मँड़ुआ मुख्य मुखिया
मिष्ट मीठा मत्सर मच्छर
माता माँ मुद्ग मूंग
मत्स्य मछली महापात्र महावत
मंत्रकारी मदारी मनुष्य मानुस
महार्घ महंगा मयूर मोर
मृत्तिका मिट्टी मंथज मक्खन
मुष्टि मुट्ठी मातृश्वसा मौसी
अत्र यहाँ अरिष्ट रीठा
राजपुत्र राजपूत रिक्त रीता
ऋक्ष रीछ रक्षा राखी
रज्जु रस्सी अरघट्ट रहट
क्षार राख रजनी रैन
रोम रुआं रत्तिका रत्ती
रेणु रेनु लेपिका लेई
लज्जा लाज लक्ष लाख
लंग लंगड़ा लवंग लौंग
लौहकार लोहार ललाट लिलार
लशुन लहसुन लौह लोहा
लिक्षा लीख लागुड़ लकड़ी
लवण लोन लक्षण लच्छन
लिंगपट्ट लंगोट लगुड यष्टि लाठी
असौ वह विस्मृति विसरना
उद्यान बाग़ विक्षोभ विछोह
शिंशपा शीशम शर्करा शक्कर
शिक्षा सीख शृंग सींग
स्वक सगा श्रेणी सीढ़ी
स्मरण सुमिरन शकुन सगुन
श्रेष्ठी सेठ सप्तशती सतसई
सर्षप सरसों श्वास साँस
स्वर्ण सोना शलाका सलाई
श्वसुराल ससुराल सूचिका सुई
श्याल साला शिर सिर
संन्यासी सन्यासी साक्षी साखी
श्रावण सावन सुपुत्र सपूत
स्वर्ण सुवरण/सोना सार्द्ध साढ़े
स्वप्न सपना शय्या सेज
श्वश्रू सास सर्प साँप
सौभाग्य सुहाग सत्य सच
शृंगार सिंगार संबुद्धि समझ
शिष्य सिक्ख सज्जापन सजाना
संतापन सताना सक्तु सत्तू
सज्ञान सयाना शुष्ठि सोंठ
सच्चक सांचा शृंगाल सियार
शोभन सोहन सपत्नी सौत
शीतल सीला हस्ति हाथी
अस्थि हड्डी हस्तिनी हथिनी
हरीतकी हरड़ उल्लास हुलास
लघुक हलका ह्वेषण हिनहिनाना
पवन हवा हरिद्रा हल्दी
हीरक हीरा ओष्ठ होंठ
  श्रंगार/श्रृंगार/सृंगार/सिंगार अतिथि अतिथी
इक्षु ईख क्षीण झीना
त्रयगुण तिगुना चंचु चोंच
पादोन पौना उपरि पर
कच्छप कछुआ कपर्दिका कौड़ी
कर्पट कपड़ा कार्य काज
आशिष आशीष कुमार कुँवर
कोटि करोड़ चर्मकार चमार
चित्रकार चितेरा चैत्र चैत
घटिका घड़ी जिह्वा जीभ
दंड डंडा परिकूट परकोटा
प्रणाल परनाला परपौत्र परपोता
परमार्थ परमारथ परीक्षा परिच्छा
परश्व परसों परिधान पहनावा
प्रहर पहर प्रथिल पहला
पितृ पिता मुषल मूसल
मुख मुंह श्मश्रु मूंछ
मित्र मीत मूल्य मोल
मूषक मूसा यम जम
एष यह यजमान जजमान
रक्षण रखना रश्मि रस्सी
रात्रि रात रुदन रोना
राशि रास ईर्ष्या रीस
रुक्ष रूखा रुष्ट रूठा
राष्ट्र राज्य लम्बक लम्बा
वेदना बेदना वन बन
राज्ञी रानी झटिति झट
निर्झर झरना त्रुतयते टूटना
शीत ठंडा दंश डंक
दंशन डसना वंश बांस
वर्धकिन बढ़ई वातुलक बाबला
विल्ब बेल वट बरगद
शत सौ श्वांस सांस
शूकर सुअर राजा राय
पाशिका फांसी स्फुटन फूटना
शाक साग शुष्क सूखा
शून्य सूना शुण्ड सूंड
स्वामी साईं सूत्र सूत
संध्या शाम होलिका होली
शीर्ष शीश हास्य हँसना
हितेच्छु हितैषी    
मूढ़ मूर्ख मया मैं
चत्वारि चार कृतः किया
मध्य में    

शादी का तत्सम शब्द क्या है?

ब्याह शब्द का तत्सम रूप विवाह है।

साथी का मूल तत्सम शब्द क्या है?

Solution : साखी का मूल तत्सम साक्षी है।

शादी का तद्भव रूप क्या है?

हिन्दी : तत्सम - तद्भव, Tatsam Tadbhav, देशज विदेशज | UP Police Hindi | Hindi Revision By Naveen Sir - YouTube.

दुल्हन का तत्सम शब्द क्या है?

दूल्हा शब्द का तत्सम रूप दुर्लभ है।