विद्युत चुंबकीय प्रेरण से क्या अभिप्राय है? - vidyut chumbakeey preran se kya abhipraay hai?

विद्युत चुंबकीय प्रेरण से क्या अभिप्राय है? - vidyut chumbakeey preran se kya abhipraay hai?

फैराडे के तार के कॉइल के बीच इंडक्शन दिखाने वाला प्रयोग: तरल बैटरी (दाएं) एक वर्तमान प्रदान करता है जो छोटे कॉइल (ए) के माध्यम से बहती है, एक चुंबकीय क्षेत्र बनाता है। जब कुंडल स्थिर होते हैं, तो कोई भी धारा प्रेरित नहीं होती है। लेकिन जब छोटे कॉइल को बड़े कॉइल (बी) से अंदर या बाहर ले जाया जाता है, तो बड़े कॉइल के माध्यम से चुंबकीय प्रवाह, एक करंट को प्रेरित करता है जिसे गैल्वेनोमीटर (जी) द्वारा पता लगाया जाता है।

किसी चालक को किसी परिवर्ती चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर उस चालक के सिरों के बीच विद्युतवाहक बल उत्पन्न होने को विद्युत्-चुम्बकीय प्रेरण (Electromagnetic induction) कहते हैं। उत्पन्न विद्युत्वाहक बल का मान गणितीय रूप से फैराडे का प्रेरण का नियम द्वारा दिया जाता है। प्रायः माना जाता है कि फैराडे ने ही १८३१ में विद्युतचुम्बकीय प्रेरण की खोज की थी।

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जहाँ:

उत्पन्न E.M.F. (वोल्ट में)ΦB चालक द्वारा घेरे गये क्षेत्र का सम्पूर्ण चुम्बकीय फ्लक्स


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विधुत चंबकीय प्रेरण

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लिखित उत्तर

Solution : जब किसी कुंडली से गुजरने वाली फ्लक्स में परिवर्तन होता है, तो उस कुंडली में प्रेरित वि० वा० बल उत्पन्न हो जाता है। इस घटना को विद्युत चुम्बकीय प्रेरण कहते हैं।

उत्तर

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विद्युत चुंबकीय प्रेरण से क्या अभिप्राय है? - vidyut chumbakeey preran se kya abhipraay hai?

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हमारे पास एक प्रश्न है विद्युत चुंबकीय प्रेरण से क्या अभिप्राय है चालक में प्रेरित विद्युत धारा की दिशा ज्ञात करने में फिल्मी के दक्षिण हस्त नियम का क्या उपयोग है समझाइए प्रश्न पूछा है कि विद्युत चुंबकीय प्रेरण क्या है विद्युत चुंबकीय प्रेरण क्या होता है जब किसी परिपथ में या उस कुंडली में बुध चुंबकीय फ्लक्स में परिवर्तन होता है तो उसमें एक विद्युत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है इसी को हम क्या विद्युत चुंबकीय प्रेरण कहते हैं जैसा कि हम जानते हैं कि हमने सुना है कि हम जानते हैं कि जब किसी तार में धारा प्रवाहित होती है तो इसके चार और क्या बन जाता एक चुंबकीय क्षेत्र बन जाता है यानी कि जो एक धारावाही चालक क्या होता है धारावाही चालक चुंबक क्षेत्र को उत्पन्न करता है तो इसी का उल्टा सो जाता फैराडे ने उन्होंने सोचा कि ऐसा नहीं हो सकता कि अगर हम

धारावाही चालक को हम रख दें किसी चुंबकीय क्षेत्र में तो उसमें विद्युत वाहक बल या प्रेरित धारा बहने लग जाए तो उन्होंने ऐसा किया जब उन्होंने देखा कि जब हमने फलक को परिवर्तित किया मतलब चुंबकीय क्षेत्र को परिवर्तन किया था जब हम परिवर्तन करते थे तब उसमें क्या धारा बहने लगती थी और उसमें चुंबकीय विद्युत चुंबकीय प्रेरण के कारण उसमें एक विद्युत वाहक बल जिसे हम कहते हैं प्रेरित विद्युत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है उस पार के सिरों पर अगर अवतार को एक बंद रूप में बना दे तो क्या उसने प्रेरित धारा भी पहने लगातार को एक किस तरह से रूप में बना दे मतलब उसका भी स्तर के दम पूरा करने तो उसमें क्या एक धारा उसने एक धारा भी बहने लगती है अगर कोई ग्रुप की तरह ना बना दें तो हम जानते हैं कि हम प्रेरित धारा की दिशा किस के द्वारा से निकालते हैं प्रेरित धारा की दिशा धारा की दिशा ज्ञात करते हैं फ्लेमिंग के दाएं

हाथ के नियम के फ्लेमिंग के दाएं हाथ का नियम क्या होता है समझने के लिए हमने एक चित्र किया है फ्लेमिंग के दाएं हाथ का नियम दाएं हाथ के नियम में हम अपने मध्यमा उंगली को मध्यमा उंगली तर्जनी उंगली और अपने अंगूठे को इस तरह से रखते हैं कि तीनों एक-दूसरे से 90 अंश का कोण बनाएं अब यदि हमें किसी चालक में प्रेरित धारा की दिशा ज्ञात करनी है जिसको हमने चुंबकीय क्षेत्र में एक परवर्ती चुंबकीय क्षेत्र में रखा है और वह किसी एक दिशा में गति कर रहा है जिस पर हम बल लगा रहे हैं जैसे कि हमने देखा होगा उसका उदाहरण के तौर पर अगर हम देखें जनित्र में क्या करते हैं कि हमारी जो कुंडली होती है वह रखी होती है एक समान चुंबकीय क्षेत्र में जो चुंबक क्षेत्र किस दिशा में होता है हमारा जान उत्तरी ध्रुव होता है दक्षिणी ध्रुव होता है तो इस कुंडली को घुमाने की कोशिश करते हैं हम घूम आते हैं इसलिए

हमें बांद्रा दिशा में घूम आते हैं तुम्हारे लिए भेजा है जिसे हम एबी करके लिख लेते हैं एबी भुजा है इस प्रबल है वह कौन कहां लगता है नीचे की ओर लगता है अगर हम यहां बनाएं सिंपल कहां लगता है नीचे क्यों लग रहा है और चुंबकीय क्षेत्र के दिखाइए इसमें इधर की ओर है तो इस धारा में जो प्रेरित धारा होगी उसकी दिशा कैसे निकालते हैं हम फ्लेमिंग के दाएं हाथ के नियम के दाएं हाथ के नियम अगर हम अपने इस हाथ को यहां पर लाकर देखें इस तरह से लगाएं कि जो गति की दिशा में आने के बल की दिशा है जो समय में तो घुमा रहे हैं यह भी भुज नीचे की ओर जा रही है तो इसका बल किधर लग रहा है नीचे की ओर तो हम अपने अंगूठे को करेंगे नीचे की ओर और चुंबकीय क्षेत्र के देशों में हम करेंगे अपनी तर्जनी उंगली को तो हमारी यह धारा की दिशा होगी वह बताइए हमारी मध्यमा उंगली तो मध्यमा अंगुली को जब हम इस तरह से यहां पर लगाएंगे सभी उंगलियों को अपनी तीनों को तो इसमें धारा की दिशा जो हुई वह इस तरह से आएगी से एक ही तरह

ठीक है तो इस प्रकार से हम किसी धारावाही चालक किसी चालक को चुंबकीय क्षेत्र में रखने पर उस पर प्रेरित होने वाली धारा की दिशा को हम क्या कर सकते हैं किसी की जगह अगर हम किस वाले तार को ले चुकी है हमारा सीधी थी और गिटार इफ्तार में क्या है इसका एक जन्म कुंडली को इस तरफ घुमा रहे हो तो यह नीचे जा रही थी लेकिन यह वाली कुंडली कहां जा रही होगी यह वाली कार है जो सीडी तार है वह ऊपर की ओर जा रहा है और चुंबकीय क्षेत्र के विषय में इस दिशा में ही है और सब बाल ऊपर क्यों लग रहा है अब अगर हम अपने इस वाले हाथ को दाहिने हाथ को इस तरह से लगाएं चुंबकीय क्षेत्र यानी कि हमारा जो है तर्जनी उंगली इस दिशा में रहे तर्जनी उंगली हमारी इस दिशा में रहे और हमारी अंगूठा जो है ऊपर की दिशा में रहे तो हमारा जो मध्यमा उंगली है वह इस तरह से हमें क्या बताएं कि जो इस तरह की ओर जा रही होगी वह हमें बताएं कि धारा की दिशा इसमें जो है प्रेरित धारा इस दिशा में रहेगी आने की हमारी इस वाले भाग में पधारो

इस वाले भाग में मारी धाराइट इसे इस तरह से हम इसी धारा किसी चालक में प्रयुक्त होने वाली धारा की दिशा को आसानी से कर सकते हैं फ्लेमिंग के दाएं हाथ के नियम से

विद्युत चुंबकीय प्रेरण से आप क्या समझते है?

किसी चालक को किसी परिवर्ती चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर उस चालक के सिरों के बीच विद्युतवाहक बल उत्पन्न होने को विद्युत्-चुम्बकीय प्रेरण (Electromagnetic induction) कहते हैं। उत्पन्न विद्युत्वाहक बल का मान गणितीय रूप से फैराडे का प्रेरण का नियम द्वारा दिया जाता है।

विद्युत चुंबकीय प्रेरण से आपका क्या तात्पर्य है प्रयोग द्वारा इसे कैसे प्रदर्शित करेंगे?

इससे यह प्रदर्शित होता है कि चालक पर आरोपित बल की दिशा विद्युत धारा की दिशा और चुंबकीय क्षेत्र की दिशा दोनों पर निर्भर करती है। प्रयोगों द्वारा यह देखा गया है कि छड़ में विस्थापन उस समय अधिकतम (अथवा छड़ पर आरोपित बल का परिणाम उच्चतम) होता है जब विद्युत धारा की दिशा चुंबकीय क्षेत्र की दिशा के लंबवत होती है।

विद्युत चुंबकीय प्रेरण का कारण क्या है?

विद्युत चुंबकीय प्रेरण – जब किसी बंद परिपथ में चुम्बकीय फलक्स में परिवर्तन होता है तो प्रेरित विद्युत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है। जिससे प्रेरित धारा बहती है। इस घटना को विद्युत चुम्बकीय प्रेरण कहते है।

विद्युत चुंबकीय से आप क्या समझते हैं?

उत्तर : विद्युत चुम्बकीय प्रेरण वह प्रक्रम है, जिसमें किसी कुंडली में, जो किसी ऐसे क्षेत्र में स्थित है, जहाँ समय के साथ चुम्बकीय क्षेत्र परिवर्तित होता है, एक प्रेरित विद्युत धारा उत्पन्न होती है। चुम्बकीय क्षेत्र में परिवर्तन किसी चुम्बक तथा उसके पास स्थित किसी कुंडली के बीच आपेक्षित गति के कारण हो सकता है।