उठो धरा के अमर सपूतो पुनः नया निर्माण करो पंक्ति से कवि का क्या आशय है? - utho dhara ke amar sapooto punah naya nirmaan karo pankti se kavi ka kya aashay hai?

This article will share Utho Dhara Ke Amar Saputoan Questions & Answers उठो धरा के अमर सपूतों प्रश्न और उत्तर

यह कविता द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी द्वारा रचित है। पिछले पोस्टों में मैंने Sahsi Kanya और Bhap Ki TakatकेQuestions & Answersशेयर किए हैं तो आप उसे भी चेक कर सकते हैं।

शब्दार्थ

  • प्रात – सुबह
  • आस –आशा
  • शत –सौ
  • काया –शरीर
  • विहग –पक्षी 
  • आह्वान –पुकार

प्रश्न 1: उचित विकल्प चुनिए –

(क) कवि ने युग-युग के मुरझे सुमनों में क्या भरने के लिए कहा है?

i. नई-नई पहचान
ii. नई-नई मुस्कान

(ख) कवि ने नवयुग की नूतन वीणा में क्या भरने के लिए कहा है?

i. नवयुग का आह्वान 
ii. नया राग, नव गान 

(ग) भौंरे किस तरह मँडराते हैं?

i. गुन-गुन, गुन-गुन करते हुए
ii. टुन-टुन करते हुए

(घ) कवि ने जग-उद्यान किससे गुंजित करने के लिए कहा है ?

i. नूतन मंगलमय ध्वनियों से
ii. पुरातन मंगलमय ध्वनियों से

प्रश्न 2: सरस्वती के मंदिर को कवि ने कैसा बताया है?

उत्तर:सरस्वती के मंदिर को कवि ने पावन और शुभ बताया है।

प्रश्न 3: कविता में धरती के अमर सपूतों का आह्वान कौन कर रहा है?

उत्तर:कविता में धरती के अमर सपूतों का आह्वान कवि कर रहा है।

प्रश्न 4: कवि धरती के सपूतों को जन-जन के जीवन में क्या भरने के लिए कह रहे हैं ?

उत्तर:कवि धरती के सपूतों को जन-जन के जीवन में नव स्फूर्ति और नव प्राण भरने के लिए कह रहे हैं।

प्रश्न 5: धरती के सौंदर्य का वर्णन कवि ने किस प्रकार किया है?

उत्तर:कवि ने धरती के सौंदर्य में कहा है कि आज भारत रूपी उद्यान की हर एक कली खिल रही है और सारे फूल मुस्करा रहे हैं। आज़ादी के सूर्य ने सारी धरती को प्रकाशित कर दिया है। ऐसा लगता है कि धरती माँ का शरीर सुनहरा हो गया हो ।

प्रश्न 6: कवि ने रक्षक और पुजारी किसे और क्यों कहा है ?

उत्तर: कवि ने देश के सपूतों/बालकों या हमें ही रक्षक और पुजारी कहा है क्योंकि उनके अनुसार पूरा देश सरस्वती का मंदिर है जिसकी शुभ विधाएँ ही हमारी संपत्ति है। इस संपत्ति की रक्षा करना हमारा कर्त्तव्य है जिस कारण हम देश के रक्षक और पुजारी हैं।

प्रश्न 7: कविता से मिलने वाली सीख अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर:इस कविता की मदद से देशभक्ति और नए कार्यों को करने की  भावना का विकास कर पाने की सीख मिलती है |

प्रश्न 8: पंक्तियाँ पढ़ कर प्रश्नों के उत्तर दीजिये –

(i) कवि ने किन नई चीजों की बात कही है?

उत्तर:कवि कहते हैं कि प्रात: अर्थात सुबह, बात, किरण, ज्योति अर्थात रोशनी, उमंगें, तरंगे अथार्त आशा और साँस ये सभी चीजें नई हैं ।

(ii) कवि किसे और किसमें नई मुस्कान भरने के लिए कह रहे हैं?

उत्तर: कवि धरती के अमर सपूतों अर्थात नवयुवकों को युग-युग के मुरझाए हुए फूलों में अर्थात वर्षों तक अंग्रेज़ों का गुलाम रहे भारत देश के बच्चों को नई मुस्कान नया जीवन भर देने के लिए कह रहे हैं जिससे वे बालक भारत देश के प्रति अपना सर्वस्व न्योछावर कर सकें।

तो यह थे प्रश्न और उत्तर।

धरा के अमर सपूतों से कवि का क्या तात्पर्य है?

नई उमंगें, नई तरंगें नई आस है, साँस नई। युग से मुरझाए सुमनों में नई-नई मुस्कान भरो। उठो धरा के अमर सपूतो, पुनः नया निर्माण करो ।। हाल-डाल पर बैठ विहग कुछ नए स्वरों में गाते हैं, गुन-गुन, गुन-गुन करते भौंरे मस्त उधर मँडराते हैं।

कवि ने देश के सपूतों को क्या संदेश दिया है?

Solution : कवि ने इस कविता में हमें सन्देश दिया है कि हमारे मन में देश-प्रेम की भावना होनी चाहिए। हमें केवल अपने लिए ही नहीं, दूसरों के लिए भी जीना चाहिए।

पुनः नया निर्माण करो कविता के कवि कौन है?

पुनः नया निर्माण करोनई स्फूर्ति, नव प्राण भरो।

उठो धरा के अमर सपूतों काव्य का प्रकार क्या है?

नया राग, नवगान भरो। वह फूल-फूल मुस्काया है। नई सुनहरी काया है। गुंजित जग-उद्यान करो।