उत्तरी गोलार्ध को स्थलीय गोलार्ध क्यों कहा जाता है उत्तर? - uttaree golaardh ko sthaleey golaardh kyon kaha jaata hai uttar?

विषयसूची

  • 1 उत्तरी गोलार्ध में पवनों की दिशा क्या होती है?
  • 2 उत्तरी गोलार्ध को स्थलीय गोलार्ध क्यों कहा जाता है?
  • 3 पवन कितने प्रकार के होते हैं?
  • 4 जीवित प्राणियों के लिए जीवमंडल क्यों महत्वपूर्ण है?
  • 5 खमसिन हवा कहाँ चलती है?
  • 6 मानसूनी हवा क्या है?
  • 7 एक वर्ष में कितने संक्रांति और विषुव पाए जाते हैं?

उत्तरी गोलार्ध में पवनों की दिशा क्या होती है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तरी गोलार्ध में ये हवाएँ उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम की ओर बहती हैं। वहीं दक्षिणी गोलार्ध में इनकी दिशा दक्षिण-पूर्व से उत्तर-पश्चिम की ओर होती है।

उत्तरी गोलार्ध को स्थलीय गोलार्ध क्यों कहा जाता है?

इसे सुनेंरोकें(vi) उत्तरी गोलार्ध को स्थलीय गोलार्ध क्यों कहा जाता है? उत्तर स्थल का बहुत बड़ा भाग उत्तरी गोलार्ध में पाया जाता है इसलिए उत्तरी गोलार्ध को स्थलीय गोलार्ध कहा जाता है।

सूर्य उत्तरी गोलार्ध में कब प्रवेश करता है?

इसे सुनेंरोकेंमार्च में सूर्य दक्षिणी गोलार्ध से उत्तरी गोलार्ध में प्रवेश करता है, तब दिन बड़े होने लग जाते हैं और रातें छोटीं.

पवन कैसे चलती है?

इसे सुनेंरोकेंपवन कई कारणों से अपनी दिशा में परिवर्तन करती हुई चलती हैं. ये कारण हैं- दाब प्रवणता बल, कॉरिऑलिस प्रभाव (Coriolis effect), अभिकेंद्रीय त्वरण और भू-घर्षण. कॉरिऑलिस प्रभाव (Coriolis effect)- पृथ्वी के घूर्णन के कारण पवनें अपनी मूल दिशा में विक्षेपित हो जाती हैं. इसे कॉरिऑलिस बल कहते हैं.

पवन कितने प्रकार के होते हैं?

पवन के प्रकार (Types of Winds)

  • व्यापारिक पवन (Trade Winds)
  • पश्चिमी या पछुआ पवन (Westerlies)
  • ध्रुवीय पवन (Polar Wind)
  • सामयिक पवन (Seasonal Wind)
  • मानसूनी पवन (Monsoon Wind)

जीवित प्राणियों के लिए जीवमंडल क्यों महत्वपूर्ण है?

इसे सुनेंरोकेंपृथ्वी के ये तीनों परिमंडल आपस में पारस्परिक क्रिया करतें हैं तथा एक दूसरे को किसी न किसी रूप में प्रभावित करते हैं। इन तीनों मंडलों के पारस्परिक क्रिया के कारण जीवमंडल पर जीवन सम्भव है। यहाँ स्थल, जल और हवा एक साथ मिलते हैं। इस तरह जीवित प्राणियों के लिए जीवमंडल महत्वपूर्ण है।

जीवित प्राणियों के लिए जीवमंडल क्यों महत्त्वपूर्ण है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर स्थल का बहुत बड़ा भाग उत्तरी गोलार्ध में पाया जाता है इसलिए उत्तरी गोलार्ध को स्थलीय गोलार्ध कहा जाता है। (vii) जीवित प्राणियों के लिए जीवमंडल क्यों महत्त्वपूर्ण है? उत्तर जीवमंडल स्थल, जल तथा हवा के बीच का एक सीमित भाग है। यह वह भाग है जहाँ जीवन मौजूद हैं।

21 जून को भारत में कौन सी ऋतु होती है?

इसे सुनेंरोकेंवसंत ऋतु के बाद अब शुक्रवार सुबह 8.41 बजे से ग्रीष्म ऋतु शुरू हो जाएगी, जो 21 जून को दोपहर 3.35 बजे तक रहेगी। सूर्य और मंगल गृह प्रभावी होने से इस ऋतु में सूर्य की तपिश बढ़ती जाती है, क्योंकि सूर्य पृथ्वी के निकट आ जाता है।

खमसिन हवा कहाँ चलती है?

इसे सुनेंरोकेंखमसिन जिसे खामसी या चामसिन भी कहा जाता है, उत्तरी अफ्रीका और अरब प्रायद्वीप में एक गर्म, शुष्क, धूल भरी हवा है जो बाद की सर्दियों और शुरुआती वसंत में दक्षिण या दक्षिण-पूर्व से चलती है।

मानसूनी हवा क्या है?

इसे सुनेंरोकेंमानसून या पावस, मूलतः हिन्द महासागर एवं अरब सागर की ओर से भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर आनी वाली हवाओं को कहते हैं जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि में भारी वर्षा करातीं हैं। ये ऐसी मौसमी पवन होती हैं, जो दक्षिणी एशिया क्षेत्र में जून से सितंबर तक, प्रायः चार माह सक्रिय रहती है।

नार्वेस्टर हवा क्या है?

इसे सुनेंरोकेंनारवेस्टर (Norwester)-न्यूजीलैण्ड में उच्च पर्वतों से उतरने वाली गर्म, शुष्क तथा धूल भरी हवा।

पवन किसे कहते हैं कितने प्रकार की होती है?

इसे सुनेंरोकेंपवन के प्रकार (Types of Winds) पूरे भू-मंडल पर वायुदाब के अक्षांशीय अंतर के कारण जो पवन प्रचलित है, अर्थात् स्थाई रूप से सालों भर चला करते हैं, वे भूमंडलीय पवन, प्रचलित पवन या स्थाई पवन कहलाते हैं। मौसम के अनुसार जो पवन अपनी दिशा बदलकर चलते हैं, उन्हें सामयिक पवन कहते हैं।

एक वर्ष में कितने संक्रांति और विषुव पाए जाते हैं?

इसे सुनेंरोकेंपृथ्वी अपनी धुरी के साथ सूर्य के चारों ओर घूमती है जो 66 0 पर ग्रहण के तल में झुकी है। पृथ्वी की परिक्रमा और ग्रहण के तल पर उसका झुकाव, जो वर्ष के विभिन्न समयों में दिन और रात की लंबाई में भिन्नता का कारण बनता है। एक संक्रांति वर्ष में दो बार होती है, और वर्ष में दो बार विषुव होता है, कुल मिलाकर चार ऋतु मानी जाती है।

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उत्तरी गोलार्ध को स्थलीय गोलार्ध इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसका बड़ा भूभाग दक्षिणी गोलार्ध में स्थित है

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उत्तरी गोलार्ध को स्थलीय गोलार्ध क्यों कहा जाता है ?`?

Solution : पृथ्वी पर स्थल का अधिकांश हिस्सा उत्तरी गोलार्ध में स्थित है। इसलिए इसे स्थलीय गोलार्ध कहा जाता है।

उत्तरी गोलार्ध को स्थलीय तथा दक्षिणी गोलार्ध को जलीय क्यों कहा जाता है?

उतरी गोलार्ध मे दक्षिणी गोलार्ध की अपेक्षा अधिक स्थल भाग होने के कारण इसे स्थलीय गोलार्ध कहते है जबकि दक्षिणी गोलार्ध मे उतरी गोलार्ध की अपेक्षा जलीय भाग अधिक होने के कारण इसे जलीय गोलार्ध कहते है।

उत्तरी गोलार्ध का अर्थ क्या है?

उत्तरी गोलार्ध पृथ्वी का वह भाग है जो भूमध्य रेखा के उत्तर में है। अन्य सौर मण्डल के ग्रहों की उत्तर दिशा पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव के स्थिर समतल में लिया जाता है।

उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध में मौसम अलग क्यों होता है?

उत्तर जब उत्तरी गोलार्ध सूर्य की तरफ झुका होता है तो सूर्य की किरणें कर्क रेखा पर सीधी पड़ती हैं, इसलिए उत्तरी गोलार्ध में ग्रीष्म ऋतु होती है तथा दक्षिणी गोलार्ध में शीत ऋतु होती है और जब दक्षिणी गोलार्ध सूर्य की ओर झुका होता है तो सूर्य की किरणें मकर रेखा पर सीधी पड़ती हैं, इसलिए दक्षिणी गोलार्ध में ग्रीष्म ऋतु तथा ...