ध्वनि किसे कहते हैं इसके कितने भेद हैं - dhvani kise kahate hain isake kitane bhed hain

ध्वनि किसे कहते हैं? ध्वनि के प्रकार एवं विशेषताएं || Dhawni Kise Kahate Hain

ध्वनि किसे कहते हैं इसके कितने भेद हैं - dhvani kise kahate hain isake kitane bhed hain

ध्वनि (Sound) :- ध्वनि ऊर्जा का एक रूप है जो अणुओं के माध्यम से गति करती है। अणुओं का गति करना तथा अपनी ऊर्जा को ध्वनि में बदलने का क्रम सभी प्रकार की ध्वनियों में एक जैसा होता है। चाहे इंजन की सीटी की ध्वनि हो या विमान का शोर।

ध्वनि की स्त्रोत (Source of Sound) :- क्या आपने कभी रबर बैंड से ध्वनि सुनने का प्रयास किया है। रबड़ बैंड को थोड़ा खींचकर छोड़ दें तो आपको एक धीमी - सी ध्वनि/शोर सुनाई देता है। इस दौरान यदि आप ध्यान से देखेंगे तो आपको रबड़ बैंड भी गति करता दिखाई देगा। इस आधार पर हम या यह कह सकते हैं कि जहां ध्वनि उत्पन्न होती है उस समय वहां पर गति भी होती है। अतः ध्वनि पदार्थ के अणुओं के कम्पन की गति के कारण उत्पन्न होती है। यदि अणुओं में कम्पन उत्पन्न नहीं होगा तो गति भी उत्पन्न नहीं होगी। 

ध्वनि के माध्यम(Medium of Sound) :- कोई भी द्रव्य अथवा पदार्थ जिससे होकर ध्वनि गुजरती है अथवा गति करती है, माध्यम (Medium) कहलाता है। गैस तथा द्रव ध्वनि के माध्यम होते हैं।

जब किसी स्त्रोत (Source) से ध्वनि उत्पन्न होती है तो वह स्त्रोत से दूर जाने लगती है। आपने अनुभव किया होगा कि दूर स्थित किसी स्त्रोत से उत्पन्न ध्वनि आपके कानों द्वारा सुनी जाती है। अर्थात ध्वनि किसी माध्यम के द्वारा ही आपके कानों तक पहुंचती है।

ध्वनि कम्पित वस्तुओं द्वारा उत्पन्न होती है (sound is produced by vibrating bodies) :-विद्यालय में चपरासी स्कूल की घंटी पर किसी छड़ी या हथौड़ी से पीटकर ध्वनि उत्पन्न करता है, जिससे धातु का कंपन हमारे कानों तक पहुंचता है जिसको सुनकर बच्चे पंक्ति में खड़े होकर प्रार्थना के लिए जाते हैं।

ध्वनि की चाल (speed of sound) कक्षा में जब अध्यापक(Teacher) बच्चों का नाम है रोल नंबर पुकारते हैं तो बच्चे झट से अपने नाम को सुन लेते हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि ध्वनि में बहुत तेज गति होती है। प्रयोगो द्वारा ज्ञात हुआ है की ध्वनि की गति वायु में 340 मी/सेकंड होती है ध्वनि की गति प्रकाश की गति से लगभग 10 लाख गुना कम होती है। प्रकाश की चाल ध्वनि की चाल से अधिक होती है। इस बात को हम निम्न उदाहरण द्वारा समझा सकते हैं बारिश के दिनों में जब बिजली चमकती है तो उसकी चमक हमें पहले दिखाई देती है जबकि कड़क (ध्वनि) बाद में सुनाई देती है।

उससे सिद्ध (prove) होता है कि प्रकाश की चाल ध्वनि से अधिक होती है।

विभिन्न माध्यमों में ध्वनि की चाल - 

        माध्यम

ध्वनि की चाल        (m/s,0°C)

कार्बन डाइऑक्साइड

  260

          वायु 

  332

        भाप

  405

      अल्कोहल

  1,213

      हाइड्रोजन

  1,269


      पारा

    1,450


      जल

    1,483

      समुद्री जल

    1,533

      लोहा

      5,130

      कांच

    5,640

    एलुमिनियम

    6,420

ध्वनि तरंगों की आवृत्ति परिसर (frequency range of sound waves in Hindi) - 

1. अवश्रव्य तरंगे किसे कहते हैं (ab shravya tarange Kise Kahate Hain)-

वह ध्वनि तरंगे जिनकी आवृत्ति 20 Hz से नीचे होती है उन्हें "अवश्रव्य ध्वनि तरंगे" कहते हैं। इससे हमारे कान नहीं सुन सकते हैं। इस प्रकार की तरंगों को बहुत बड़े आकार के स्रोतों से उत्पन्न किया जा सकता है।

2. श्रव्य तरंगे किसे कहते हैं (shravya tarange Kise Kahate Hain) - 

20 Hz से 20,000 Hz के बीच की आवृत्ति वाली तरंगों को श्रव्य तरंगे कहते हैं। इन तरंगों को हमारे कान सुन सकते हैं।

3. पराश्रव्य ध्वनि तरंगे (parashravya dhwani tarange Kise Kahate Hain)-

20,000 Hz से ऊपर की आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगों को पराश्रव्य तरंगें कहा जाता है। मनुष्य के कान इसे नहीं सुन सकते हैं। परंतु कुछ जानवर जैसे - कुत्ता, बिल्ली, चमगादड़ आदि इसे सुन सकते हैं।

पराश्रव्य तरंगों के उपयोग - 

1. समुद्र की गहराई का पता लगाने में।

2. कल कारखानों की चिमनिया से कालिख हटाने में।

3. दूध के अंदर हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करने में।

4. गठिया रोग के उपचार एवं मस्तिष्क के ट्यूमर का पता लगाने में।

ध्वनि का माध्यम किसे कहते हैं -

वह स्त्रोत या पथ जिसके द्वारा ध्वनि का संचरण होता है, ध्वनि का माध्यम कहलाता है। ध्वनि तरंगों के संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है ::- जैसे - वायु, द्रव अथवा ठोस। गैस की अपेक्षा ठोस एवं द्रव धोनी के अच्छे चालक हैं। दूर से आती रेलगाड़ी की ध्वनि वायु में होकर कान को नहीं सुनाई पड़ती, जबकि रेल की पटरी पर कान रखकर सुने तो यह ध्वनि स्पष्ट सुनाई पड़ती है।

ध्वनि की विशेषताएं या लक्षण (Signs or Features of sound in Hindi) - 

1. प्रबलता -

प्रबलता ध्वनि का यह अभी लक्षण है जिसके कारण कोई ध्वनि तीव्र या मंद सुनाई  देती है। ध्वनि की प्रबलता का मात्रक फोन है। ध्वनि की प्रबलता तरंगों की ऊर्जा से संबंधित तथा तरंग आयाम पर निर्भर करती है। 

2. तारत्व - तारत्व ध्वनि का वह लक्षण है, जिससे ध्वनि को मोटी या पतली का जाता है। तारत्व आवृत्ति पर निर्भर करता है। ध्वनि की आवृत्ति अधिक होने पर तारत्व अधिक होता है, एवं ध्वनि पतली होती है। वही आवृत्ति कम होने तारत्व कम होता है और ध्वनि मोटी होती है।

3. गुणता - ध्वनि का वह लक्षण जिसके कारण हमें समान प्रबलता तथा समान तारत्व की ध्वनियों में अंतर प्रतीत होता है गुणता कहलाता है। ध्वनि की गुणवत्ता संनादी स्वरों की संख्या, ग्राम और अपेक्षित तीव्रता पर निर्भर करती है।

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ध्वनि से संबंधित कुछ परिभाषाएं(Some Definitios Related to Sound in Hindi) -

1.डाॅप्लर प्रभाव क्या है -

जब किसी ध्वनि स्त्रोत एवं श्रोता के बीच आपेक्षिक गति होती है, तो श्रोता को ध्वनि की आवृत्ति उसकी वास्तविक आवृत्ति से अलग सुनाई पड़ती है, इसे भी डॉप्लर प्रभाव कहा जाता है।

डॉप्लर प्रभाव के कारण ही जब रेलगाड़ी निकट आ रही होती है तो उसके सीटी अधिक तीखी सुनाई पढ़ती है, जबकि रेलगाड़ी दूर जा रही हो तो कम ठीक ही सुनाई पड़ती है।

2. प्रतिध्वनि किसे कहते हैं-

जब ध्वनि तरंगे दूर स्थित किसी दृढ़ टावर या पहाड़ से टकराकर परावर्तित होती हैं तो उस परावर्तित ध्वनि को प्रतिध्वनि कहते हैं। प्रतिध्वनि सुनने के लिए श्रोता एवं परावर्तक सतह के बीच न्यूनतम 17 मीटर की दूरी होनी चाहिए।

3. ध्वनि का अपवर्तन क्या है -

वायु की विभिन्न परतों का ताप भिन्न-भिन्न होता है ध्वनि का वेग ठंडी वायु की अपेक्षा गर्म वायु में अधिक होने के कारण, ध्वनि इन परतों में संचरित होने पर अपने मार्ग से मुड़ जाती है। ध्वनि के इस मुड़ने की घटना को धनी का अपवर्तन कहते हैं। गर्म दिन में भूमि के निकट वायु ऊपर की अपेक्षा अधिक गर्म होती है अतः भूमि के निकट की वायु परत में ध्वनि का वेग अपेक्षाकृत अधिक होता है।

4. ध्वनि किसे कहते हैं? इसके कितने भेद हैं?

एक प्रकार का कंपन या विक्षोभ है जो किसी ठोस, द्रव या गैस से होकर संचारित होती है। किंतु मुख्य रूप से उन कंपनों को ही ध्वनि कहते हैं जो मानव के कान (Ear) से सुनाई पड़ती हैं। श्रव्य (Sonic) 20Hz से 20kHz, के बीच की आवृत्तियों वाली ध्वनि सामान्य मानव को सुनाई देती है।

5. भाषा में ध्वनि की परिभाषा क्या है?

उच्चारण तथा श्रवण की दृष्टि से स्वतंत्र व्यक्तित्व रखने वाली भाषा में प्रयुक्त ध्वनि की लघुतम इकाई का नाम ही भाषा ध्वनि है।

6. ध्वनि और शब्द क्या हैं?

ध्वनि शब्द और वाक्य से भाषा की संरचना का निर्माण होता है। ध्वनि की परिभाषा इस प्रकार से दी जा सकती है "सामान्य रूप से श्रवण ग्राह्म उस आवाज को ध्वनि कहते हैं, जो संघर्ष रगड़, टकराहट आदि से उत्पन्न होती हैं।" ध्वनियां दो प्रकार की होती हैं।

ध्वनि सामान्य तथा भाषण ध्वनि

7. ध्वनि का मात्रक क्या होता है?

ध्वनि का मात्रक डेसिबल होता है।

8. ध्वनि की उत्पत्ति कैसे हुई?

ध्वनि का उत्पादन होता है जब कुछ कंपन होता है हिलने वाला शरीर उसके चारों ओर मध्यम (पानी, वायु) आदि का कारण बनता है। जिसे हम सुन सकते हैं। ध्वनि तरंगों में क्रमशः उच्च और निम्न दबाव वाले क्षेत्रों में संप्रेषण और दुर्लभ प्रतिक्रियाएं शामिल होती हैं।

9. हिंदी में कितनी ध्वनियां होती हैं?

हिंदी में उच्चारण के आधार पर 53 वर्ण होते हैं। इनमें 12 स्वर और 41 व्यंजन होते हैं। लेखन के आधार पर 57 वर्ण होते हैं। इसमें 12 स्वर, 41 व्यंजन तथा चार संयुक्त व्यंजन होते हैं।

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ध्वनि किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं?

ये ध्वनि तीन प्रकार की होती है : ( 1 ). श्रव्य तरंगें , ( 2 ). अवश्रव्य तरंगे , ( 3 ). पराश्रव्य तरंगें आदि ।

ध्वनि के 4 प्रकार कौन

ये सभी तत्व हमारे आंतरिक कान को कंपन करने वाली दबाव तरंगों में शामिल होते हैं। इस कंपन के माध्यम से हम ध्वनि की अनुभूति सुनते हैं। शोर को चार अलग-अलग तरीकों से वर्गीकृत किया जाता है। आप दिन भर में जो चीजें सुनते हैं, वे या तो लगातार शोर, रुक-रुक कर होने वाला शोर, आवेगपूर्ण शोर या कम आवृत्ति वाला शोर हो सकता है।

ध्वनि किसे कहते हैं?

ध्वनि कंपन द्वारा निर्मित एक प्रकार की ऊर्जा है । जब कोई वस्तु कंपन करती है, तो वह आसपास के वायु अणुओं में गति करती है। ये अणु अपने पास के अणुओं से टकराते हैं, जिससे उनमें कंपन भी होता है। यह उन्हें और अधिक आस-पास के वायु अणुओं से टकराता है।

ध्वनि परिभाषा और उदाहरण क्या है?

ध्वनि हवा और पानी में कंपन है जो सुनने की अनुभूति पैदा करने के लिए कानों के अंदर की नसों को उत्तेजित करती है । ध्वनि का एक उदाहरण संगीत है। ध्वनि का एक उदाहरण आवाज है। संज्ञा। 1.