दुर्घटना में सबसे पहले क्या करना चाहिए? - durghatana mein sabase pahale kya karana chaahie?

आप अपनी कार से कही जा रहे हैं और अचानक से आपकी कार का छोटा सा रोड एक्सीडेंट हो जाता है, ऐसी स्तिथि में आपको क्या करना चाहिए?

आजकल की भागदौड़ भरी  ज़िन्दगी में हर किसी को जल्दी होती है ऐसे में कई बार रोड एक्सीडेंट होने की सम्भावना भी होती है|

आप अगर ठीक से गाडी चला रहे हैं तो भी कई बार कोई दूसरा आकर टक्कर मार देता है|

ऐसी स्तिथि में आप बहुत घबरा जाते हैं और आपके समझ नहीं आता की आप क्या करें|

ऐसे समय में बहुत ही धैर्य से काम ले|

स्तिथि को समझने की कोसिस करें,सारी जानकारी इकठा करें, एक्सीडेंट को रिपोर्ट करें और खुद को सुरक्षित रखें|

नीचे दिए गए तरीकों से एक्सीडेंट होने की स्तिथि में आपको मदद मिलेगी| 

रोड एक्सीडेंट के बाद सबसे पहले स्तिथि को समझे|

दुर्घटना में सबसे पहले क्या करना चाहिए? - durghatana mein sabase pahale kya karana chaahie?
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१. जिस कार से एक्सीडेंट हुआ है उसका नंबर, मॉडल, कलर अपने दिमाग में नोट कर ले| 

दूसरे ड्राईवर की गलती है तो वो भागने की कोसिस करता है, तुरंत ही उसकी गाडी का नंबर नोट कर ले या कही पे लिख ले|

हो सके तो दूसरी कार की फोटो खिच ले|

२. सुनिश्चित कर ले की आपको या आपके साथ किसी को भी गंभीर चोटें नहीं लगी हैं| 

सबसे पहले खुद को देखें क्यूंकि ऐसी स्तिथि में ड्राईवर को जादा चोट लगने के आसार होते हैं|

फिर अपने साथ वालो को चेक करें किसी गंभीर स्तिथि में आपातकाल नंबर में कॉल करें|

ऐसी स्तिथि में सर में चोट लगने क असार ज्यादा होते हैं|

३. रोड एक्सीडेंट कानून के तेहत जितनी जल्दी हो सके पुलिस को कॉल करें|

अगर एक्सीडेंट में आपका कुछ नुकसान हुआ है तो पुलिस को बुलाना बहुत जरुरी है|

पुलिस रिपोर्ट आपको इन्सुरेंस लेने में भी मदद करेगी|चाहे आपकी गलती है या नहीं पुलिस को जरुर बुला लें|

रोड एक्सीडेंट कानून के तहत आपको घबराने की जरुरत नहीं है|

रोड एक्सीडेंट कानून हमारी सहायता के लिए हैं न की हमें डराने के लिए|

अपनी कार को सड़क के किनारे लगाये ताकि सड़क में जाम न लगे|  

४. हजार्ड लाइट को जला दे|

हजार्ड लाइट को जरुर जला लें|हजार्ड लाइट जलने से दूसरे ड्राइवर्स को आपकी कार को देखने में आसानी होगी और वह सावधानी से चलेंगे|

जानकारी इक्कठा करें|

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१. चस्मादीतो से पूछें|

जो भी लोग आसपास हैं उसने एक्सीडेंट की जानकारी ले और जब तक पुलिस नहीं आ जाती उनको रुकने का आग्रह करें ताकि वह गवाही दे सके|

मुमकिन हो तो उनका नाम और फ़ोन नंबर ले लें|

२. दुसरे ड्राईवर जिसके साथ एक्सीडेंट हुआ है जानकारी साझा करें| 

पुलिस की कार्यवाही ख़तम होने के बाद दुसरे ड्राईवर से उसकी जानकारी जैसे की नाम नंबर ले लें और अपना भी उससे दे, अगर आप अपना नहीं देंगे तो लोगो को लग सकता है की आपकी ही गलती है|

३.घटना क सबूत ले लें | 

जो भी जानकारी आपको पुलिस या दुसरे ड्राईवर से मिली है उसको लिख ले|घटना स्थल, गाडी की फोटो ले लें|

बीमा कंपनी वाहन इन्सुरेंस नियम आपसे ये सब मांगेगी जब आप इन्सुरेंस लेंगे | 

यह भी पढ़ें – स्वस्थ कैसे रह सकते हैं | सरल उपाय|

एक्सीडेंट की रिपोर्ट करें|

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१. पुलिस ऑफिसर को सब कुछ सच बताये|

सड़क दुर्घटना में जो कुछ भी हुआ है उसको पुलिस को बताये, कुछ भी बाधा चढ़ा कर न बोलें पर सारी जानकारी विस्तार में दें|

पुलिस ऑफिसर से पुलिस रिपोर्ट की कॉपी मांगे|

अगर पुलिस ऑफिसर पुलिस रिपोर्ट का नंबर देते हैं तो सुनिश्चित करके उसको कही लिख लें|

२. बीमा कंपनी को कॉल करके एक्सीडेंट की जानकारी दें|

वाहन बीमा के फायदे लेने के लिए आपको अपनी बीमा कंपनी जिससे आपने वाहन बीमा कराया है उनसे इन्सुरेंस क्लेम करना पड़ता है|

एक्सीडेंट क्लेम केसेस में कुछ बीमा कंपनी की पालिसी होती है की आप किसी भी दुर्घटना की जानकारी उनको दे ताकि वाहन इन्सुरेंस नियम के मुताबिक वो अपनी प्रक्रिया पूरी कर सकें|

नेटिव कंटेंट डेस्क. इंडिया में रोड एक्सीडेंट के बढ़ते मामले चिंताजनक हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने जुलाई 2015 में जो आंकड़े जारी किए थे, उसके मुताबिक देश में सड़क हादसों में हर घंटे 16 जानें जाती हैं। इतना ही नहीं, साल 2014 के सड़क हादसों में 1.41 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई, जो 2013 के मुकाबले 3 फीसदी ज्यादा थी।

सड़क हादसों में कुचले गए और घायल हुए लोगों की संख्या भी 2014 में सबसे अधिक रही। यह आंकड़ा क्रमशः 4.5 लाख और 4.8 लाख था। NCRB के आंकडों के मुताबिक, स्पीडिंग और खतरनाक ड्राइविंग जानलेवा सड़क हादसों की सबसे बड़ी वजह रही। सड़क हादसों में मरने वालों लोगों की कुल संख्या के आधे लोग दोपहिया वाहन और ट्रक एक्सीडेंट्स में मरे। जबकि दुर्घटना में 13,787 टू व्हीलर ड्राइवर की मौत हुई और इन्हीं दुर्घटनाओं में अन्य संबंधित 23,529 यात्रियों की मौत हुई। साथ ही 1.4 लाख लोग इन हादसों में घायल हुए।

आमतौर पर एक्सीडेंट क्यों होते हैं, इस पर बात होती है, लेकिन एक्सीडेंट होने के बाद क्या किया जाना चाहिए, यह बहुत कम लोग ही जानते हैं। आइए आपको बताते हैं कि अगर आप एक्सीडेंट के शिकार हो जाएं, तो आपको क्या करना चाहिए और कौन-से स्टेप्स हैं, जिन्हें फॉलो कर आप खुद को और अपनी गाड़ी को हुए नुकसान की भरपाई कर सकते हैं।

दुर्घटना के तुरंत बाद क्या करना चाहिए?

अगर कोई व्यक्ति बेहोश है और सांस नहीं ले पा रहा अगर कोई आदमी दुर्घटना के बाद सामान्य तरीके से सांस नहीं ले पा रहा तो फौरन एंबुलेंस को फोन करें और सीधे सीपीआर (CPR) देना शुरू करें। अगर आप जान बचाने वाली सांसों को देने के तरीके को नहीं जानते या उसमें प्रशिक्षित नहीं हैं तो केवल हाथों के जरिए सीपीआर (CPR) दें।

किसी का एक्सीडेंट हो जाए तो क्या करना चाहिए?

एक्सीडेंट हो जाए तो इन बातों का खास ध्यान रखें. 112 पर करें डायलः हादसे के बाद 100 या 112 पर कॉल करें. हादसे की पूरी जानकारी दें और किसी के घायल होने या आपात स्थिति में मदद मांगें. ऐसा करने से आप पहली सूचना सही जगह तक पहुंचा देंगे. हैजर्ड लाइट ऑन करेंः एक्सीडेंट होते ही गाड़ी की हैजर्ड लाइट्स ऑन कर दें.

दुर्घटना से कैसे बचा जा सकता है?

जानिए दुर्घटना से पूर्व ही उनसे बचने के सरलतम उपाय....
हनुमान मंदिर में मिट्‍टी के दीये में चमेली के तेल का दीपक जलाएं।.
पक्षियों को लाल मसूर खिलाएं।.
हनुमान मंदिर से कलाई पर मौली बंधवाएं।.
हनुमानजी के मंदिर में गुड़-चने का प्रसाद बांटें।.
नींबू पर सिंदूर लगाकर चौराहे पर फेंक दें।.
विधवा महिलाओं की इच्छा अनुसार मिठाई बांटें।.

दुर्घटना होने पर क्लेम कैसे करें?

आपको रोड एक्सीडेंट क्लेम के लिए दुर्घटना की तिथि के छह माह के भीतर ही आवेदन करना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त यह भी आवश्यक है कि मुआवजे के लिए आवेदन करने वाला व्यक्ति दुर्घटना का शिकार अथवा मृत्यु की स्थिति में उसका कानूनी प्रतिनिधि होना चाहिए। उसका इंश्योरेंस एजेंट भी क्लेम कर सकता है।