Children Eye Problem स्क्रीन पर देर तक देखना आंखों के लिए नुकसान है फिर चाहे वह बड़े हों या बच्चे। तो आई प्रॉब्लम की और क्या वजहें हो सकती हैं लक्षणों के साथ ही जानेंगे इससे बचने के उपाय। Show
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क, Children Eye Problem: फोन, लैपटॉप और टीवी पर बहुत ज्यादा समय बिताने से हमारी आंखें सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं और बच्चों पर तो इसका और भी ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ता है। लॉकडाउन के दौरान और उसके बाद भी काफी वक्त तक बच्चों की क्लासेज़ ऑनलाइन ही चल रही थी। पढ़ाई के साथ ही बच्चों ने स्मार्ट फोन और टैबलेट पर खेलने में भी बहुत समय बिताया था, जिससे उनकी आंखों में भी कई तरह की समस्याएं देखने को मिली। स्क्रीन अधिक समय तक देखने से, कम से कम हुई बाहरी गतिविधियों ने, बच्चों में आंखों से जुड़ी समस्याओं की वजह बन सकता है। कुछ बच्चे सिरदर्द, आंखें लाल होना, दृष्टि में स्पष्टता की कमी के बारे में शिकायत करते हैं इसलिए बच्चों की आंखों की जांच करना बहुत ज़रूरी है। स्क्रीन पर लंबे समय तक देखने के लक्षण कंप्यूटर और फोन के बहुत ज्यादा इस्तेमाल के कारण अस्थायी रूप से कमजोरी और धुंधली दिखना, आंखों में थकान, सूखी और चिढ़चिढ़ी आंखें, प्रकाश संवेदनशीलता, मांसपेशियों की समस्याएं, सिरदर्द- इन सभी स्थितियों को कंप्यूटर विजन सिंड्रोम की प्रॉब्लम हो सकती है। लंबे समय तक मॉनिटर को देखने से आंखों में जलन हो सकती है और शुष्क वातावरण और पानी की कमी इन लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। तो, ऐसे कौन से कारण हैं जो इन लक्षणों को जन्म देते हैं? लक्षणों के कारण लक्षणों में बिना रूके लगातार कंप्यूटर स्क्रीन को देखना, उन कमरों में खराब प्रकाश व्यवस्था जहां छात्र पढ़ते हैं, कंप्यूटर या लैपटॉप की चकाचौंध, लंबे समय तक आंखों की पलकों को न झपकाना, जो कि बहुत हानिकारक है, आंखों की दृष्टि बाध्यता, बैठने की अनुचित मुद्रा और आंखों की एलर्जी जो अत्यधिक जल्दी हो सकती है, शामिल है। इनमें से कोई भी एक या एक से अत्यधिक लक्षण आंखों की समस्याओं का कारण बन सकता है। आपके बच्चे की आंखों को स्वस्थ रखने के कुछ सुझावकंप्यूटर और स्क्रीन जैसे टैब या मोबाइल के अत्यधिक उपयोग से उत्पन्न होने वाली आंखों की समस्याओं को दूर करने के लिए आप कई उपाय या समाधान कर सकते हैं। स्वस्थ आंखों की देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित करें पढ़ते समय पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग के दौरान पर्याप्त दूरी बनाए रखने की सलाह दी जाती है। रोजाना रात में कम से कम आठ घंटे की नींद लेना भी आपके बच्चे की आंखों को तनावग्रस्त होने से बचाने के लिए महत्वपूर्ण है। बैठने की बेहतर व्यवस्था यह सुनिश्चित करना अत्यधिक महत्वपूर्ण है कि आपका बच्चा गृह-कार्य करते समय बिस्तार का उपयोग न कर रहा हो। स्क्रीन के काम के लिए उपयुक्त मेज के साथ एक कुर्सी पर बैठना हमेशा बेहतर होता है। ध्यान रहें कि कुर्सी अध्ययन की स्थिति को स्थिर बनाती है। अपनी आंखें झपकाते रहें सूखी आंखों की संभावना से बचने के लिए अध्ययन के घंटों के बीच अपनी आंखों को झपकाना महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करने के लिए आंखों की सामने की सतह को नम रखने के लिए पलक झपकाना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, पढ़ने, लिखने और स्क्रीन का उपयोग करते समय हर 30-40 मिनट के बाद नियमित रूप से विराम लेने की अत्यधिक सिफारिश की जाती है। (डॉ. मुरली कौशिक- अध्यक्ष चिकित्सा प्रशासन, गुणवत्ता एवं शिक्षा, संकरा नेत्र फाउंडेशन इंडिया से बातचीत पर आधारित) Pic credit- freepik Edited By: Priyanka Singh आँखे हमारे शरीर के महत्वूर्ण अंगो में से एक है। इसलिए इन्हे स्वस्थ रखना बहुत जरुरी है। लेकिन आज के समय में ना केवल बड़ो को बल्कि छोटे छोटे बच्चो को भी चश्मा लगने लगा है। इसके पीछे हमारी लाइफस्टाइल जिम्मेदार है। जैसे गलत खान पान, घंटो तक टीवी और कंप्यूटर देखना, समय पर ना सोना आदि। इसके अतरिक्त जीन्स के कारण तथा अंदरूनी चोट के कारण भी आँखे कमजोर होने लगती है। कई बार हमारी आँखे कमजोर होने लगती है और हमें इस बारे में पता नहीं चलता। और जब आँखों पर बहुत बुरा असर पड़ जाता है और आँखे ख़राब हो जाती है तब हम इस पर ध्यान देते है। आँखों का बेहतर ख्याल रखने के लिए आँखों की कमजोरी के लक्षण पहले से पता होना चाहिए ताकि हम आँखों को और खराब होने से बचा सके। आज के लेख में हम आपको आँखों की कमजोरी के लक्षण, आँख ख़राब होने के लक्षण के आदि के बारे में पूरी जानकारी देंगे। और पढ़े : बुखार की सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवा आँखों की कमजोरी के सामान्य लक्षण इस प्रकार है
और पढ़े : रिवाइटल H कैप्सूल खाने के फायदे आँखों की कमजोरी के अन्य लक्षण
यदि आपकी आँखों में दर्द हो रहा है, या फिर आपकी आँखों में कुछ चुभन महसूस हो रही है तो इसका सीधा तात्पर्य है की आपकी आंखें कमजोर हो रही है। इसके अतिरिक्त आँखों से पानी आने की समस्या को भी नजर अंदाज करने से बचे।
यदि आपको लग रहा है की आपको आँखे मलने की आदत हो गयी है और इसके अतरिक्त किसी भी चीज़ को देखने के लिए आप अपनी आँखों पर जोर डाल रहे है तो इस संकेत को अनदेखा ना करे।
अगर आपको दूर की चीज़े स्पष्ट नजर नहीं आ रही है। या फिर आप दूर की चीज़ देख ही नहीं पा रहे है और आपको चीज़ो को देखने के लिए उनके नजदीक जाना पड़ रहा है तो यह आपकी आँखे कमजोर होने की निशानी है। और पढ़े : कामराज कैप्सूल के फायदे
वैसे तो आँखे लाल होने के पीछे कई वजह हो सकती है जैसे पूरी नींद ना लेना, आँखों में धूल या कचरा चले जाना आदि। लेकिन इन कारणों के ना होते हुए भी आपकी आँखे लाल हो रही है तो यह भी नजर कम होने के लक्षण है।
यदि कुछ देर काम करने के बाद आप आपके आँखों के सामने अँधेरा छा जाता है और आप आँखे बंद कर लेते है तो यह भी आँखों की कमजोरी के मुख्य लक्षणों में से एक है। ऐसा होने पर बिना देर किये ऑय डॉक्टर के पास चेकअप के लिए जरूर जाएं। और पढ़े : जोड़ों का दर्द की दवा पतंजलि आँखे ख़राब होने के लक्षण इस प्रकार है:-आँखों से नहीं देख पाने के कारण हमारा जीवन परेशानियों से भर जायेगा। इसलिए आपको आँखों से सम्बंधित किसी भी बात को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। तो आइये आँखे ख़राब होने के कुछ लक्षणों पर एक नजर डालते है।
कई लोगो को बड़ी उम्र में धुंधला दिखाई देता है। और इस धुंधलेपन के चलते वे ठीक से चीज़ो को देख समझ नहीं पाते। उन्हें ऐसा लगता है मानो उनकी आँखों में धूल मिटटी चली गयी हो। आँखों के विशेषज्ञों के अनुसार यह आँखों में होने वाली परेशानी का एक लक्षण है। और यह परेशानी कुछ और नहीं बल्कि मोतियाबिंद है। वैसे तो यह समस्या केवल बुजुर्गो को होती है किन्तु छोटी उम्र वाले को भी यह समस्या हो सकती है। और पढ़े : पतंजलि कान की दवा
बिस्तर से उठकर तेज तर्रार हरकत करने पर हमारे रक्त संचार में परिवर्तन आ जाता है जिससे हमारा सर चकरा जाता है और हमें तारे दिखने लगते है। लेकिन आपको जानकारी दे की यह तारे हर किसी को नहीं सिर्फ आपको दीखते है और यह आँखों में होने वाली एक बीमारी के शुरुवाती लक्षण है। आपको जानकारी दे की इस तरह तारों को दिखाई देना आम बात नहीं बल्कि ग्लूकोमा या मायोपिया जैसी आँखों की बीमारियों का लक्षण है।
पोषक तत्वों की कमी और बढ़ते उम्र में झुर्रिया होने के कारण पलके झुकने लगती है। लेकिन आपको बता दे की यह लक्षण आँखों की खराबी से भी दिख सकते है। आप को जानकारी देना चाहेंगे की प्टोसिस नाम के रोग में पलकें अनियमित रूप से झुकने लगती हैं, और इस बीमारी में उम्र का कोई लेना देना नहीं है।
आजकल लोग मोबाइल फ़ोन और कंप्यूटर का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करने लगे। इन उपकरणों से निकलने वाली ब्राइटनेस के वजह से आँखों में थकान होने लगती है। और यह थकान हमारी आँखों में अनियमिततायें और कई परेशानियां भी पैदा कर सकती हैं। और पढ़े : ओमेगा 3 कैप्सूल खाने का तरीका
यदि कोई व्यक्ति दिन में सपष्ट रूप से चीज़ो को देख सकता है और रात होते ही उसकी दृष्टि कम हो जाती है, तो यह रात्रि दृष्टि की कमी का स्पष्ट संकेत है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि दिन का उजाला उस व्यक्ति को चीजों को स्पष्ट रूप से देखने में मदद करता है, लेकिन जैसे ही प्रकाश की मात्रा कम हो जाती है, समस्या उत्पन्न हो जाती है। यह रतोंधी का लक्षण है। इसमें आँख के सफेद हिस्से में धब्बे हो जाते है तथा कॉर्निया सूखना शुरू हो जाता है। इसके पश्चात कॉर्निया में घाव हो जाते हैं तथा यह अपारदर्शी हो जाता है।
यदि आपकी आँखों की देखने की क्षमता कम हो रही है तो इसे हलके में ना ले। यह समस्या रेटिना की नसों में अवरुद्ध होने के कारणवश होती है। जिसके पीछे का एक कारण मधुमेह भी है। आँखों की रौशनी बढ़ाने के घरेलू उपाय:-
उपरोक्त लेख में आपने जाना की आँखों की कमजोरी और आँखों की खराबी के क्या लक्षण है ? यदि आपको आँख में किसी भी प्रकार की बीमारी हो या आपको कम दिखे तो बिना देर किये तुरंत डाक्टर से संपर्क करें। Reference https://www.webmd.com/eye-health/eye-fatigue-causes-symptoms-treatment आंखें कमजोर होने के क्या लक्षण होते हैं?आंखों में खुजली होना लंबे समय तक लैपटॉप पर काम करने से आपकी आंखों में तनाव शुरू हो जाता है। ... . सुबह उठते ही धुंधला दिखना सुबह उठने पर कुछ घंटों तक धुंधला दिखाई दे सकता है। ... . आंखों से पानी आना आंखों से पानी आना भी आंखें कमजोर होने का संकेत है। ... . आंखें लाल होना ... . सिरदर्द या सिर के पीछे दर्द. कैसे पता करें कि आपकी नजर कमजोर है?धुंधला दिखाई देना- कई कारणों की वजह से लोगों को धुंधला दिखाई दे सकता है. अगर आपको उजाले . या अंधेरे में धुंधला दिखाई देता है तो आपको इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए. माइग्रेन, स्ट्रोक आदि की समस्या होने पर भी व्यक्ति को धुंधला नजर आने लगता है.
आंखों की कमजोरी के लिए क्या करना चाहिए?सौंफ और बादाम का सेवन करें
दरअसल, सौंफ और बादाम में ओमेगा-3 भी होता है जो कि एक ऐसा पोषक तत्व है जो कि कमजोर नजर को ठीक करने में मदद करता है। इसके लिए सौंफ और बादाम को रोत को भिगो कर रख दें और सुबह इसका सेवन करें। ये आपकी आंखों की रोशनी तेज करने में मदद करेगा।
आंखों से बीमारी का पता कैसे लगाएं?आँख के संक्रमणों के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:. आँखों में लालपन. आँखों का स्राव. पनीली आखें. आँखों में सूखापन. प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता. सूजी हुई आँखें. आँखों के आसपास सूजन. |