सामासिक शब्दों के बीच के संबंध को स्पष्ट करना समास-विग्रह कहलाता है। जैसे - देशवासी - देश के वासी,तीर्थराज - तीर्थों का राजा,अणुशक्ति - अणु की शक्ति,विद्यालय - विद्या का आलय,घुड़दौड़ - घोड़ों की दौड़,माता - पिता - माता और पिता ,जयपराजय - जय और पराजय आदि. Show समास विग्रहसामासिक शब्दों के बीच के संबंध को स्पष्ट करना समास-विग्रह कहलाता है। जैसे - देशवासी - देश के वासी,तीर्थराज - तीर्थों का राजा,अणुशक्ति - अणु की शक्ति,विद्यालय - विद्या का आलय,घुड़दौड़ - घोड़ों की दौड़,माता - पिता - माता और पिता ,जयपराजय - जय और पराजय आदि.हिंदीकुंज.कॉम में समास विग्रह के उदाहरण दिए जा रहे है .जो की निम्नलिखित हैं - तत्पुरुष समास ( Tatpurush Samas )पद - विग्रहदेशवासी - देश के वासी तीर्थराज - तीर्थों का राजा अणुशक्ति - अनु की शक्ति विद्यालय - विद्या का आलय घुड़दौड़ - घोड़ों की दौड़ देवसरी - देवों की साडी आप बीती - आप पर बीती आकाशवाणी - आकाश से वाणी कर्महीन - कर्म से हीन कर्मनिरत - कर्म में निरत कुम्भकार - कुम्भ को करने वाला काव्यकार - काव्य की रचना करने वाला गगनचुंबी - गगन को चूमने वाला ग्रामोद्धार - ग्राम का उद्धार गिरहकट - गिरहकट गुरुसेवा - गुरु की सेवा गृहस्थ - गृह में स्थित गृहागत - गृह को आगत हिमकण - हिम के कण न्यायालय - न्याय का आलय नगर संस्कृति - नगर की संस्कृति साधना स्थल - साधना का स्थल व्याघ्र चर्म - व्याघ्र का चर्म जल यात्रा - जल की यात्रा नौकगार - नौका का आगार धनोपार्जन - धन का उपार्जन आत्मोत्सर्ग - आत्मा का उत्सर्ग शर शैय्या - शर की शैय्या कथा साहित्य - कथा का साहित्य समुद्र यात्रा - समुद्र की यात्रा पुत्र वधु - पुत्र की वधु चंद्रोदय - चन्द्र का उदय चिड़ीमार - चिड़िया को मारने वाला जन्मांध - जन्म से अंधा जीवनमुक्त - जीवन से मुक्त जेब घड़ी - जेब के लिए घड़ी ठकुरसुहाती - ठाकुर के लिए रुचिकर तिलचट्टा - तिल को चाटने वाला दयासागर - दया का सागर दही बड़ा - दही में भिगोया बड़ा दुःख संतप्त - दुःख से संतप्त देश भक्ति - देश के लिए भक्ति देश निकाला - देश से निकाला देशगत - देश को गया हुआ धनहीन - धन से हीन धर्मविमुख - धर्म से विमुख नरोत्तम - नरों में उत्तम नेत्रहीन - नेत्र से हीन पददलित - पद से दलित पद्चुत - पद से च्युत परिक्षोपयोगी - परीक्षा के लिए उपयोगी पाकिटमार - पाकिट को मारने वाला पादप - पैर से पीने वाला पुत्र शोक - पुत्र के लिए शोक पुस्तकालय - पुस्तक का आलय मनमौजी - मन से मौजी मनगढ़ंत - मन से गढ़ा हुआ मदमाता - मद से माता मालगोदाम - माल के लिए गोदाम रसोईघर - रसोई के लिए घर रामायण - राम का अयन राजकन्या - राजा की कन्या विद्यार्थी - विद्या का अर्थी गिरि कन्दरा - गिरि की कन्दरा रहस्योद्घाटन - रहस्य का उद्घाटन भाव विभोर -भाव और विभोर लक्ष्य भेद -लक्ष्य का भेद स्वर्गवासी - स्वर्ग का वासी धर्मनिष्ठ - धर्म में निष्ठा रण भेरी - रण की भेरी मदांध - मद से अँधा हिमाच्छादित - हिम से अच्छादित द्वन्द समास Dwand Samas माता - पिता माता और पिता हास -परिहास हास और परिहास ज्ञानविज्ञान -ज्ञान और विज्ञान रंग विरंगी - रंग और विरंगी जय पराजय - जय और पराजय भय संदेह - भय और संदेह नृत्यगान - नृत्य और गान अस्त्र शास्त्र - अस्त्र और शास्त्र ऋषि मुनि - ऋषि और मुनि जीव जंतु - जीव और जंतु राग द्वेष - राग और द्वेष सुख दुःख - सुख और दुःख नदी - नाले - नदी और नाले पाप - पुण्य - पाप और पुण्य राजा - प्रजा - राजा और प्रजा खरा - खोटा - खरा और खोटा गुण -दोष - गुण और दोष देश -विदेश - देश और विदेश उंच -नीच - उंच या नीच आगे - पीछे - आगे और पीछे नर - नारी - नर और नारी राधा -कृष्ण - राधा और कृष्ण ठंडा गरम - ठंडा या गरम छल - कपट - छल और कपट अपना पराया - अपना और पराया . कर्मधारय समास Karmadharaya Samas सुप्रबंध - सु + प्रबंध दुव्यर्वहार - दु: + व्यवहार नव जीवन - नव + जीवन चतुर्दिक - चतुर + दिक् महारथी - महा + रथी परमवीर - परम + वीर मधुरस - मधु + रस सद्गुण - सत + गुण दुर्दिन - दु: दिन अनुचर - अनु + चर चरणकमल - कमल के समान चरण कनकलता - कनक के समान लता प्राणप्रिय - प्राणों से समान प्रिय महादेव - महान है जो देव अधमरा - आधा है जो मरा परमानन्द - परम है जो आनंद देहलता - देह रूपी लता क्रोधाग्नि - क्रोधाग्नि लालमणि - लाल है जो मणि नीलकंठ - नीला है जो कंठ अधमरा - आधा है जो मरा अव्ययीभाव समास (Abvayi Bhav Samas) सहर्ष - स + हर्ष भला बुरा - भला या बुरा युग संचालक - जो युग का संचालक प्रतिशोध - प्रति + शोध प्रतिकार - प्रति + कार प्रति रक्षण - प्रति + रक्षण पाप पुण्य - पाप या पुण्य लाभालाभ - लाभ या अलाभ यथोचित - यथा + चित प्रतिउत्तर -प्रति +उत्तर प्रतिरोध - प्रति + रोध प्रतिपक्ष - प्रति पक्ष प्रतिकूल - इच्छा के विरुद्ध भरपेट - पेट भर के अजन्म - जन्म से लेकर यथासंभव - यथा + संभव अनुरूप - अनु + रूप भरपेट - भर + पेट उपकूल - कूल के निकट अनुकूल - कुल के अनुसार अनुरूप - रूप के ऐसा बहुब्रीहि समास (Bahuvrihi Samas ) करुणा - अयन जो करुणा के अयन है (विष्णु ) लौह पुरुष -लौह सा पुरुष है जो (सरदार पटेल ) कपीश - कापियों में हैं ईश जो (हनुमान) खगेश - खगों का ईश है जो (गरुण ) गोपाल - गो का पालन करने वाला (कृष्ण) घनश्याम - घन के समान श्याम (कृष्ण ) चक्रधर - चक्र को जो धारण करता है ( विष्णु ) चक्रपाणी - जिसके हाथ में चक्र हो (विष्णु ) चन्द्रभाल - भाल पर चंद्रमा जिसके है (शिव ) जलज - जल में उत्पन्न होता है ( शिव ) जलद - जल देता है जो (बादल ) नीलाम्बर - नीला का अम्बर जिसका (बलराम ) पीताम्बर - पीला है अम्बर जिसका ( कृष्ण ) मुरलीधर - मुरली को पकडे हुए ( श्रीकृष्ण ) लम्बोदर - लम्बा का उदर जिसका (गणेश ) व्रजायुध - व्रज है आयुध जिसका ( इंद्र ) वीणापाणि - वीणा है जिसके हाथ में (सरस्वती ) दशानन - दस है आनन जिसके (रावण) महावीर - महान वीर है जो ( हनुमान ) प्रधानमंत्री - मंत्रियों में प्रधान है जो (प्रधानमंत्री ) निशाचर - निशा में विचरण करने वाला (राक्षस ) त्रिलोचन - तीन है लोचन जिसके (भगवन शिव ) पंकज - पंक में पैदा हो जो ( कमल ) मृत्युंजय - मृत्यु को जीतने वाला (भगवान् शंकर ) मृगेंद्र - मृगों का इंद्र (सिंह ) चंद्रमौली - चन्द्र है मौली पर जिसके (शिव ) निशाचर - निशा में विचरण करने वाला (राक्षस ) अनहोनी - न होने वाली घटना (कोई विशेष घटना ) चौलड़ी - चार है लड़ियाँ जिसके (माला ) द्विगु समास (DVIGU SAMAS ) कोटिमाथ - कोटि + माथ पंचवटी - पंच + वती सप्त ऋषि - सप्त + ऋषि त्रिभुवन - त्रि + भुवन चौराहा - चौ + रहा त्रिलोक - त्रि+ लोक प्रतिवाद - प्रति + वाद नवरात्र - नौ रात्रियों का समूह पंचमढ़ी - पांच मढ़ीयों का समूह तिरंगा - तीन रंगों का समूह दोपहर - दो पहरों का समूह नवरात्र - नौ रात्रियों का समूह सप्त सिन्धु - सात सिन्धुओं का समूह चवन्नी - चार आने का समाहार चौपाया - चार पाँव वाला नत्र समास Natra Samasअगोचर - न गोचर अचल - न चल अजन्मा - न जन्मा अधर्म - न धर्म अनंत - न अंत अनेक - न एक अनपढ़ - न पढ़ अनभिज्ञ - न अभिज्ञ अन्याय - न न्याय अनुचित - न उचित अपवित्र - न पवित्र अलौकिक - न लौकिक समास की विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें . दीनबन्धु में कौन सा समास है?Answer: तत्पुरुष समास is the right answer .
डिब्बाबंद में कौन सा समास है?तत्पुरुष समास – डिब्बाबन्द शब्द में तत्पुरुष समास है।
नरहरि में कौन सा समास है?नरहरि – नर के सिंह – द्वन्द समास मित्र! यह तत्पुरुष समास का उदाहरण है।
करोड़पति में कौन सा समास है?O करोड़पति वाला---कर्मधारय समास
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