शिष्य की सबसे बड़ी पूँजी क्या है *? - shishy kee sabase badee poonjee kya hai *?

सबसे बड़ी पूंजी क्या होती है?...


शिष्य की सबसे बड़ी पूँजी क्या है *? - shishy kee sabase badee poonjee kya hai *?

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सबसे बड़ी पूंजी क्या होती है इंसान की सबसे बड़ी पूंजी जो है वह शरीर स्वस्थ रहें और सबसे बड़ी पूंजी स्थित चरित्र होती अच्छा आचरण एक साधारण मानव को पूजनीय बनाकर का जीवन में धन बल और शरीर के खत्म हो जाने पर भी मनुष्य का कुछ नहीं बिगड़ता समाज में देश का एक बार फिर से गिर गया उसके पास कुछ नहीं बचता यह उद्धार करना यह बातें कही जाती है समाज में कुरीतियों और बुराइयों को फैलाने वाले ऐसे अपराधों में नोखा में होने वाले लोग अपने आसपास बुरे लोगों की संगत ना करें अपना चरित्र बनाकर रखें तो वह उनके लिए उत्तम साबित होता है ऐसा नहीं है कि हम आध्यात्मिक क्रियाओं का यंबो करें हम पूर्ण संत हो जाए लेकिन हम जो नैतिक भावनाओं को जो दूसरों की दृष्टि में बुरा है वह अपने दृष्टि में भी बुरा होना चाहिए इसलिए चरित्र हमेशा इंसान की सबसे बड़ी होती

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शिष्य की सबसे बड़ी पूँजी क्या है *? - shishy kee sabase badee poonjee kya hai *?

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समय सबसे बड़ी पूंजी, सदुपयोग जरूरी : जैन मुनि

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : इंसान के जीवन की सबसे बड़ी पूंजी समय होती है। अगर एक मानव इसका अपने जीव

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : इंसान के जीवन की सबसे बड़ी पूंजी समय होती है। अगर एक मानव इसका अपने जीवन में पूर्ण रूप से सदुपयोग करता है तो वह परमात्मा की इस अनुपम देन को पूरी तरह से प्रयोग करने मे सक्षम हो जाता है।

यह बात रविवार को स्थानीय छोटी बाजारी स्थित जैन स्थानक में अपने चार दिनों के चातुर्मास प्रवास के लिए आए हुए प्रेमसुख के शिष्य तपस्वी संत सतेंद्र मुनी, ज्योतिष विशेषज्ञ अनुपम मुनि ठाणे चार ने उपस्थित श्रद्धालुओं को धर्म चर्चा करते हुए कही। इस दौरान उन्होंने नवकार महामंत्र के पदों की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने सभी के समक्ष इनके अर्थो को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि इस संसार का मूल जीओ और जीने दो है। मानव को प्राणी मात्र कल्याण हेतु हमेशा कार्य करना चाहिए। धर्म चर्चा व विचार गोष्ठी के दौरान उपस्थित सभी श्रद्धालुओं के बीच समाज व धर्म के विषय पर विस्तार से चर्चा की गई। जैन समाज के प्रबुद्ध व गणमान्य व्यक्तियों ने इसमें हिस्सा लिया। प्रधान सुभाष जैन ने बताया कि मानव जीवन में गुरू की महता अत्यंत अधिक होती है। एक गुरू में ही वो शक्ति होती है जो निष्प्राण हो चुके शिष्य के मन में आशा का संचार कर सकता है। गुरू बिना ज्ञान की प्राप्ति संभव नहीं है, और ज्ञान बिना संसार में किसी भी उपलब्धि को पाना भी मुश्किल ही नहीं दुष्कर कार्य है। इस अवसर पर महासचिव फतेह सिंह जैन, नरेद्र जैन, विपिन जैन, सुरेंद्र मोहन जैन, भारत भूषण जैन, डा. हरिचंद जैन, जगदीश जैन, इद्र चंद जैन, धीरज जैन, मुकेश जैन, दीपक जैन, संजय जैन, टीनू जैन सहित महिला मंडल की सभी सदस्य भी उपस्थित थी।

विषयसूची

  • 1 मनुष्य के लिए सबसे बड़ी पूंजी क्या है?
  • 2 मनुष्य की सबसे बड़ी पूंजी क्या है Class 10?
  • 3 मनुष्य की सबसे बड़ी पूंजी क्या धन संपत्ति मित्र एवं परिवार सहानुभूति?
  • 4 मनुष्यता कविता के अनुसार भाग्यहीन कौन है?
  • 5 आकाश में कौन खड़ा है Class 10?
  • 6 स्वस्थ शरीर से क्या तात्पर्य है?
  • 7 मनुष्यता कविता के अनुसार अनर्थ क्या है?

मनुष्य के लिए सबसे बड़ी पूंजी क्या है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: मनुष्य का अच्छा आचरण ही उसकी सबसे बड़ी पूंजी है।

मनुष्य की सबसे बड़ी पूंजी क्या है Class 10?

इसे सुनेंरोकेंकवि ने सहानुभूति को मनुष्य की सबसे बड़ी पूँजी इसलिए कहा है क्योंकि यही गुण मनुष्य को महान, उदार और सर्वप्रिय बनाता है। इसी के कारण सारी दुनिया मनुष्य के वश में हो जाती है। दूसरों के साथ दया, करुणा और सहानुभूति का व्यवहार करके धरती को वश में किया जा सकता है।

सबसे बड़ी पूंजी क्या है धन दौलत उच्च वर्ग के लोग प्रेम व शांति सहानुभूति?

इसे सुनेंरोकेंस्वस्थ शरीर ही मनुष्य की सबसे बड़ी पूंजी होती है। स्वास्थ्य जीवन खुशहाल मन और मानव जीवन का नियामत है।

मनुष्य की सबसे बड़ी पूंजी क्या धन संपत्ति मित्र एवं परिवार सहानुभूति?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: मानवीय गुण मनुष्य की सबसे बड़ी पूंजी है क्युकी धन तो आते जाते रहते है परन्तु मानवीय गुण कहीं भी बर्बाद या नष्ट नहीं होता।

मनुष्यता कविता के अनुसार भाग्यहीन कौन है?

इसे सुनेंरोकेंजिस मनुष्य का जीवन अपने लिए ही समाप्त हो जाता है, उसे कवि ने भाग्यविहीन कहा है।

पशु प्रवृत्ति से कवि का क्या अभिप्राय है?

इसे सुनेंरोकेंपशु-प्रवृत्ति से कवि का तात्पर्य है कि वह मनुष्य पशु के समान है जो सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए सोचता है। ऐसे व्यक्ति को मरने के बाद भी कोई याद नहीं करता है इसलिए मनुष्य के अंदर पशु प्रवृत्ति नहीं होनी चाहिए उसे परोपकारी होना चाहिए।

आकाश में कौन खड़ा है Class 10?

We have provided मनुष्यता Class 10 Hindi Sparsh MCQs Questions with Answers to help students understand the concept very well….Primary Sidebar.

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स्वस्थ शरीर से क्या तात्पर्य है?

इसे सुनेंरोकें( जिस व्यक्ति के दोष (वात, कफ और पित्त) समान हों, अग्नि सम हो, सात धातुएं भी सम हों, तथा मल भी सम हो, शरीर की सभी क्रियाएं समान रूप से कार्यरत हों, इसके अलावा मन, सभी इंद्रियाँ तथा आत्मा प्रसन्न हो, वह मनुष्य स्वस्थ कहलाता है )।

मनुष्यता कविता में धन को क्या कहा गया है?

इसे सुनेंरोकेंमैथिलीशरण गुप्त ने गर्व रहित जीवन बिताने के लिए तर्क देते हुए कहा है कि संसार में रहने वालों को यह समझ लेना चाहिए कि धन सपत्ति तुच्छ वस्तु है और हम सबके साथ सदैव ईश्वर है।

मनुष्यता कविता के अनुसार अनर्थ क्या है?

इसे सुनेंरोकेंमनुष्यता कविता के अनुसार अनर्थ क्या है? उत्तर: मनुष्यता कविता के अनुसार अनर्थ एक भाई का दूसरे भाई के कष्टों का हरण न करना है।

मनुष्य का सबसे बड़ी पूंजी क्या है?

स्वस्थ शरीर ही मनुष्य की सबसे बड़ी पूंजी होती है। स्वास्थ्य जीवन खुशहाल मन और मानव जीवन का नियामत है।

मनुष्य की सबसे बड़ी पूँजी क्या है मनुष्यता कविता के आधार पर समझाइए?

कवि ने सहानुभूति को मनुष्य की सबसे बड़ी पूँजी इसलिए कहा है क्योंकि यही गुण मनुष्य को महान, उदार और सर्वप्रिय बनाता है। इसी के कारण सारी दुनिया मनुष्य के वश में हो जाती है। दूसरों के साथ दया, करुणा और सहानुभूति का व्यवहार करके धरती को वश में किया जा सकता है। वही महान विभूति होते हैं, जो दूसरों को सहानुभूति देते हैं।

मनुष्यता में किस पूँजी का विरोध किया गया है और किसे महापूँजी कहा गया है क्यों?

Answer: जो मनुष्य दूसरों के लिए अच्छे काम कर जाता है उस मनुष्य को मरने के बाद भी लोग याद रखते हैं।