शरीर पर लाल लाल चकत्ते क्यों होते हैं? - shareer par laal laal chakatte kyon hote hain?

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शरीर पर लाल लाल चकत्ते क्यों होते हैं? - shareer par laal laal chakatte kyon hote hain?

सोरायसिस एक ऐसी ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें त्वचा के किसी हिस्से पर लालिमा के साथ उभार वाले चकत्ते और खुजली होने लगती है। यह अधिकतर घुटने, कोहनी और पीठ पर होता है। देश में करीब 2.5 करोड़ लोग इससे जूझ रहे हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक सोरायसिस के एक तिहाई मरीजों को डिप्रेशन और स्ट्रेस जैसे मानसिक रोग हो जाते हैं।

आमतौर पर लोग इसे स्किन की सामान्य समस्या समझकर नजरअंदाज करते हैं, लेकिन यह पूरे शरीर में फैल सकता है। इसलिए इलाज के साथ ही डाइट में कुछ बदलाव कर सोरायसिस को खत्म तो नहीं, लेकिन बढ़ने से जरूर रोका जा सकता है।

शरीर पर लाल लाल चकत्ते क्यों होते हैं? - shareer par laal laal chakatte kyon hote hain?

1. होल मिल्क

कैंसर और दिल की बीमारी की तरह सोरायसिस भी एक इन्फ्लेमेटरी (सूजन की) बीमारी है। फैट इन्फ्लेमेटरी टिशू है और इसे कम करने से सोरायसिस में मदद मिल सकती है। होल मिल्क यानी वसायुक्त दूध में 3.25% फैट होता है। दूध का सेवन करना ही है तो 1-2% फैट वाले मिल्क या स्किम्ड मिल्क (फैटलेस दूध) का इस्तेमाल कर सकते हैं।

2. चीज

चीज भी फैट युक्त डेरी प्रोडक्ट है। इससे भी शरीर में सूजन बढ़ सकती है और सोरायसिस के लक्षण बढ़ सकते हैं। कोशिश करें कि चीज की जगह उसके जैसे स्वाद वाले फूड्स खाएं। बर्गर और सैंडविच ज्यादा खाने की आदत है तो इनसे चीज को पूरी तरह अलग करके खाएं।

3. प्रोसेस्ड फूड

शरीर पर लाल लाल चकत्ते क्यों होते हैं? - shareer par laal laal chakatte kyon hote hain?

प्रोसेस्ड फूड्स में फैट और शुगर की मात्रा ज्यादा होती है।

प्रोसेस्ड फूड्स और फास्ट फूड के इन्फ्लेमेटरी गुण आपको परेशान कर सकते हैं। इनमें फैट और शुगर की मात्रा ज्यादा होती है। सोरायसिस के मरीजों को इन चीजों से दूर रहना चाहिए। उन्हें ताजे फल, सब्जियां और साबुत अनाज का सेवन करना चाहिए।

4. रेड मीट

रेड मीट या लाल मांस में फैट की मात्रा ज्यादा होती है। इससे सोरायसिस के मरीजों की हालत और खराब हो सकती है। रेड मीट की जगह लीन मीट, जैसे बिना स्किन का चिकन और मछली खा सकते हैं। कुछ लोगों को फिश में मिलने वाले ओमेगा 3 फैट से सोरायसिस कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

5. ग्लूटेन

गेहूं, जौ और राई में पाया जाने वाला ग्लूटेन नाम का प्रोटीन सोरायसिस के कुछ मरीजों को परेशान कर सकता है। कई लोग इससे एलर्जिक होते हैं। अगर आपको भी इससे एलर्जी है तो ग्लूटेन फ्री डाइट फॉलो करें।

6. शराब

शरीर पर लाल लाल चकत्ते क्यों होते हैं? - shareer par laal laal chakatte kyon hote hain?

शराब सोरायसिस के लक्षणों को भी बढ़ा सकती है।

शराब हमारे शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचाती है। इससे लिवर और दिल की बीमारियां तक होती हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह सोरायसिस के लक्षणों को भी बढ़ा सकती है। इसलिए शराब से जितनी दूरी बना सकें, उतना अच्छा।

7. कॉफी

कॉफी और चाय जैसी चीजों में कैफीन नाम का केमिकल होता है, जिससे शरीर में सूजन बढ़ सकती है। सॉफ्ट ड्रिंक्स, एनर्जी ड्रिंक्स और हॉट चॉकलेट में भी कैफीन पाया जा सकता है। इसलिए इन सभी चीजों से बचें।

8. चॉकलेट

चॉकलेट भी कैफीन का ही एक सोर्स है। इसलिए प्रोटीन बार, चॉकलेट के फ्लेवर वाली आइसक्रीम, टॉफी और चॉकलेट से बनी हुई मिठाइयों से दूर रहने में ही भलाई है।

(Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। डाइट में बदलाव करने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें।)

शरीर पर लाल लाल चकत्ते क्यों होते हैं? - shareer par laal laal chakatte kyon hote hain?

त्वचा पर होने वाले लाल चक्कतों को लेकर लापरवाही न बरतें. Image/canva

Stop Taking These 8 Foods in Psoriasis : सोरायसिस दरअसल एक ऐसी ऑटोइम्यून डिजीज (Autoimmune Disease) है, जिसमें स्किन के किसी हिस्से पर लालिमा के साथ उभरने वाले चकत्ते और खुजली होने लगती है. ज्यादातर ये घुटने, कोहनी और पीठ पर होते है. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार भारत में करीब 0.44 से लेकर 2.8 प्रतिशत तक लोग इससे प्रभावित हैं. आमतौर पर ये 30 से 40 साल की उम्र के लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है और महिलाओं की तुलना में पुरुष इससे दो गुना अधिक प्रभावित होते हैं. इसलिए इलाज के साथ ही डाइट में कुछ बदलाव कर इसे बढ़ने से रोका जा सकता है.

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  • News18Hindi
  • Last Updated : March 24, 2022, 12:23 IST

Stop Taking These 8 Foods in Psoriasis : कई बार हमारे शरीर पर लाल चकत्ते हो जाते हैं और उसमें खुजली भी होने लगती है. इसे अनदेखा बिल्कुल न करें. हो सकता है ये सोरायसिस (Psoriasis) के संकेत हों. कई लोग इसे सामान्य एलर्जी या इंफेक्शन समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे ये बीमारी कम होने के बजाय और बढ़ जाती है. सोरायसिस दरअसल एक ऐसी ऑटोइम्यून डिजीज (Autoimmune Disease) है, जिसमें स्किन के किसी हिस्से पर लालिमा के साथ उभरने वाले चकत्ते और खुजली होने लगती है. ज्यादातर ये घुटने, कोहनी और पीठ पर होते है. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसारभारत में करीब 0.44 से लेकर 2.8 प्रतिशत तक लोग इससे प्रभावित हैं. आमतौर पर ये 30 से 40 साल की उम्र के लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है और महिलाओं की तुलना में पुरुष इससे दो गुना अधिक प्रभावित होते हैं.

दैनिक भास्कर डॉटकॉम में छपी न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, सोरायसिस के एक तिहाई मरीजों को डिप्रेशन और स्ट्रेस जैसे मानसिक रोग हो जाते हैं. इसलिए इलाज के साथ ही डाइट में कुछ बदलाव कर सोरायसिस को खत्म तो नहीं, लेकिन बढ़ने से जरूर रोका जा सकता है.

वसायुक्त दूध (Whole Milk) 
कैंसर और दिल की बीमारी की तरह सोरायसिस भी एक इन्फ्लेमेटरी डिजीज है. जिससे शरीर में सूजन बढ़ती है. फैट इन्फ्लेमेटरी टिशू होता है और इसे कम करने से सोरायसिस में मदद मिल सकती है. होल मिल्क यानी वसायुक्त दूध में 3.25% फैट होता है. दूध पीना ही है तो 1-2% फैट वाले मिल्क या स्किम्ड मिल्क (टोंड दूध) का यूज कर सकते हैं.

कॉफी (Coffee)
कॉफी और चाय जैसी चीजों में कैफीन नाम का केमिकल होता है, जिससे शरीर में इंफ्लेमेशन बढ़ सकता है. सॉफ्ट ड्रिंक्स, एनर्जी ड्रिंक्स और हॉट चॉकलेट में भी कैफीन पाया जा सकता है. इसलिए इन सभी चीजों से बचें.

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चॉकलेट (Chocolate)
चाय-कॉफी की तरह चॉकलेट भी कैफीन का ही एक अहम सोर्स है. इसलिए प्रोटीन बार, चॉकलेट के फ्लेवर वाली आइसक्रीम, टॉफी और चॉकलेट से बनी हुई मिठाइयों से दूर रहने में ही भलाई है.

चीज (Cheese)
चीज (Cheese) भी फैट से भरपूर डेयरी उत्पाद है. इससे भी बॉडी में इंफ्लेमेशन बढ़ सकता है और सोरायसिस के लक्षण बढ़ सकते हैं. कोशिश करें कि चीज की जगह उसके जैसे स्वाद वाले फूड्स खाएं. अगर आपको बर्गर और सैंडविच खाने की आदत है तो इन्हें बिना चीज के ले सकते हैं.

ग्लूटेन (Gluten)
गेहूं, जौ और राई में पाया जाने वाला ग्लूटेन (Gluten) नाम का प्रोटीन सोरायसिस के कुछ मरीजों को परेशान कर सकता है. कई लोगों को इससे एलर्जी हो जाती है. अगर आपको भी इससे एलर्जी है तो ग्लूटेन फ्री डाइट लें.

प्रोसेस्ड फूड (Processed Food)
प्रोसेस्ड फूड्स (processed food) और फास्ट फूड (Fast Food) के इन्फ्लेमेटरी गुण आपको परेशान कर सकते हैं. इनमें फैट और शुगर की मात्रा ज्यादा होती है. सोरायसिस के मरीजों को इन चीजों से दूर रहना चाहिए. उन्हें ताजे फल, सब्जियां और साबुत अनाज का सेवन करना चाहिए.

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लाल मांस (Red Meat)
लाल मांस यानी रेड मीट में फैट की मात्रा ज्यादा होती है. इससे सोरायसिस के मरीजों की हालत और खराब हो सकती है. रेड मीट की जगह लीन मीट, जैसे बिना स्किन का चिकन और मछली खा सकते हैं.

शराब (Alcohol)
शराब तो वैसे भी हमारी बॉडी के सबसे अहम हिस्से दिल और लिवर को नुकसान ही पहुंचाती है, इसका वैसे तो कोई लाभ है नहीं, फिर भी लोग शौक के लिए इसे पीते हैं. कुछ लोगों का मानना है कि ये सोरायसिस के लक्षणों को भी बढ़ा सकती है. इसलिए शराब से जितनी दूरी बना सकें, उतना अच्छा.

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Tags: Health, Health News, Lifestyle

FIRST PUBLISHED : March 24, 2022, 12:23 IST

शरीर पर लाल चकत्ते हो जाए तो क्या करें?

एलोवेरा में ऐसी हीलिंग क्वालिटीज होती हैं जो स्किन को राहत देती हैं. रेडनेस या खुजली होने पर या फिर चकत्ते होने पर एलोवेरा लगाया जा सकता है. इसे भी तीन मिनट लगाने के बाद धो लें. एलर्जी से राहत मिलेगी.

लाल चकत्ते होने का क्या कारण है?

शीतपित्त या पित्ती (Urticaria/अर्टिकरिया) त्वचा में होने वाले एक प्रकार के चकत्ते होते हैं। इस रोग के कारण त्वचा पर सुर्ख लाल रंग के उभरे हुए दाने हो जाते हैं जिनमे लगातार खुजली होती रहती है। ये अक्सर एलर्जी के कारण होते है हालाँकि कई मामलो में बिना एलर्जी के भी शीत पित्ति हो सकती है।

त्वचा पर लाल धब्बे दूर करने के लिए कैसे?

लाल धब्बों से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं ये घरेलू उपाय.
नींबू का रस नींबू के रस में विटामिन सी के साथ-साथ एंटी-पिगमेंट्री, एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी-एजिंग गुण पाए जाते हैं। ... .
सेब का सिरका ... .
एलोवेरा ... .
नारियल तेल ... .
कोकोआ बटर.

एलर्जी किसकी कमी से होती है?

क्या होती है एलर्जी एलर्जी किसी खाने की चीज, पालतू जानवर, मौसम में बदलाव, कोई फूल-फल-सब्जी के सेवन, खुशबू, धूल, धुआं, दवा यानी किसी भी चीज से हो सकती है। इस स्थिति में हमारा इम्यून सिस्टम कुछ खास चीजों को स्वीकार नहीं कर पाता और नतीजा ऐसे रिऐक्शन के रूप में दिखता है।