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साइकिल आंदोलन से पुडुकोट्टई की महिलाओं को क्या क्या लाभ मिले?इसे सुनेंरोकेंउत्तर: साइकिल आंदोलन ने पुडुकोट्टई की महिलाओं के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव ला दिया है। महिलाएँ अब पहले से अधिक स्वतंत्र हो गई हैं। कहीं आने जाने के लिए अब वे घर के पुरुषों की मोहताज नहीं हैं। अब उनके पास खाली समय भी बच पाता है क्योंकि साइकिल के इस्तेमाल से कहीं आने जाने में समय की बचत होती है। पुडुकोट्टई मे कौन सा आंदोलन चलाया गया 1 Point रेलगाड़ी साइकिल मोटर जहाज?इसे सुनेंरोकेंउत्तर : ”जहाँ पहिया है” लेखक ने तमिलनाडु के पुडुकोट्टई गाँव के ‘साइकिल आंदोलन’ के कारण ही इसका नाम रखा है। यह नाम इस आंदोलन को अपना समर्थन देने हेतु ही रखा गया है। वहाँ की महिलाओं द्वारा अपने अधिकारों व स्वतंत्रता हेतु साइकिल आंदोलन का आरम्भ, पुडुकोट्ठई की औरतों को जागृत करने का प्रयास था। वह बहुत उत्तम था। साइकिल आंदोलन से पुडुकोट्टई की महिलाओं में कौन सी भावना जागृत हुई? इसे सुनेंरोकेंAnswer: (i) ‘साइकिल आंदोलन’ से महिलाएँ अपनी स्वाधीनता व आज़ादी के प्रति जागृत हुई हैं। साइकिल चलाना सामाजिक आंदोलन क्यों बन गया?इसे सुनेंरोकेंऐसा हुआ तमिलनाडु के पुडुकोट्टई जिले में जिसमें महिलाओं ने ऐसा आदोलन चलाया कि साइकिल चलाने की होड़ ही हो गई। लगभग सभी महिलाएँ रूढ़िवादी विचारधाराएँ व पिछड़ेपन को छोड़कर साइकिल चलाना सीखकर स्वच्छंदता व गतिशीलता की ओर बढ़ना चाहती थी इसीलिए इसे सामाजिक आंदोलन का नाम दिया गया। साइकिल चलाने को सामाजिक आंदोलन क्यों कहा गया है?साइकिल चलाने से फातिमा और पुडुकोट्टई की महिलाओं को आज़ादी का अनुभव क्यों होता होगा? इसे सुनेंरोकेंसाइकिल चलाने से पुडुकोट्टई की महिलाओं को ‘आजादी’ का अनुभव इसलिए होता होगा क्योंकि साइकिल पर सवार होकर वे घर की चारदीवारी से बाहर निकलती हैं और अपनी आज़ादी का अनुभव करती हैं। इससे उनके आत्मविश्वास में वृधि होती है। साइकिल सवार इन महिलाओं के साथ कोई रोक-टोक न होने से उनकी आज़ादी सचमुच ही बढ़ जाती है। फातिमा कौन थी वह साइकिल क्यों नहीं छोड़ना चाहती थी?इसे सुनेंरोकेंउत्तर: फ़ातिमा माध्यमिक स्कूल में पढ़ाने वाली अध्यापिका थी। वह प्रतिदिन किराये पर साइकिल लेकर शाम को चलाती थी। वह साइकिल चलाना इसलिए नहीं छोड़ना चाहती, क्योंकि इससे उसे आज़ादी का अनुभव होता है। डीलर ने लेखक को क्या समझ जानकारी दी?इसे सुनेंरोकेंदूसरे, उस डीलर ने बड़ी सतर्कता के साथ यह जानकारी मुझे दी थी – उसे लगा कि मैं बिक्री कर विभाग का कोई आदमी हूँ। लेखक आगे कहता है कि इस सारे मामले पर पुरुषों की क्या राय थी? लेखक ने यह प्रश्न किया और इसके पक्ष में ‘आर- साइकिल्स’ के मालिक को तो रहना ही था। पुडुकोट्टई में लगभग कितनी महिलाओं ने साइकिल चलाना सीखा? इसे सुनेंरोकेंप्रश्न-4 ‘पुडुकोट्टई’ की लगभग कितनी महिलाओं ने साइकिल चलाना सीख लिया है? उत्तर – अगर दस वर्ष से कम उम्र की लड़कियों को अलग कर दें तो यहाँ ग्रामीण महिलाओं के एक चौथाई हिस्से ने साइकिल चलाना सीख लिया है। जहां पहिया है पाठ में फातिमा क्या कार्य करती है?इसे सुनेंरोकेंउत्तर – फातिमा माध्यमिक स्कूल में पढ़ानेवाली अध्यापिका थी वह प्रतिदिन किराये पर साइकिल लेकर शाम को चलाती थी। फातिमा कौन से स्कूल में पढ़ती थी?इसे सुनेंरोकेंAnswer. Answer: माध्यमिक स्कूल की अध्यापिका है. साइकिल चलाने से महिलाओं को कौन कौन से लाभ हुए हैं? इसे सुनेंरोकेंसाइकिल चलाने से किसी भी व्यक्ति को आज़ादी और खुशहाली का अनुभव होता है और आनंद महसूस होता है। आत्मसम्मान प्राप्त होता है और आत्मनिर्भरता आती है। महिलाएँ भी साइकिल चलाना सीखकर अपनी स्वाधीनता के प्रति, अपने अधिकारों के प्रति जाग्रत हुई हैं। वे आत्मनिर्भर हो गईं हैं। साइकिल चलाने से मह लाओिं क कौन कौन से लाभ हुए ैं?इसे सुनेंरोकें(i) ‘साइकिल आंदोलन’ से महिलाएँ अपनी स्वाधीनता व आज़ादी के प्रति जागृत हुई हैं। (ii) ‘साइकिल आंदोलन’ ने उन्हें नवसाक्षर किया है, आर्थिक स्थिति सुधरी है। (iii) ‘साइकिल आंदोलन’ ने उन्हें अधिकारों के प्रति जागृत किया है। पुदुक्कोट्टई की महिलाओं ने साइकिल चलाना सीखने को किस रूप में लिया और क्यों?इसे सुनेंरोकेंभारत के सर्वाधिक गरीब ज़िलों में से एक है पुडुकोट्टई। पिछले दिनों यहाँ की ग्रामीण महिलाओं ने अपनी स्वाधीनता, आज़ादी और गतिशीलता को अभिव्यक्त करने के लिए प्रतीक के रूप में साइकिल को चुना है। साइकिल चलाने वाली महिलाओं ने साइकिल चलाने को क्या बताया class 8? इसे सुनेंरोकेंसाइकिल प्रशिक्षण से महिलाओं के अंदर आत्मसम्मान की भावना पैदा हुई है, यह बहुत महत्त्वपूर्ण है। फातिमा का कहना है-“बेशक, यह मामला केवल आर्थिक नहीं है।” फातिमा ने यह बात इस तरह कही जिससे मुझे लगा कि मैं कितनी मूर्खतापूर्ण ढंग से सोच रहा था। उसने आगे कहा-“साइकिल चलाने से मेरी कौन सी कमाई होती है। मैं तो पैसे ही गँवाती हूँ। साइकिल चलाने से महिलाओं को क्या क्या लाभ हुआ है?साइकिल चलाने के फायदे – Benefits of Cycling in Hindi. हृदय स्वास्थ को बेहतर बनाए ... . वजन प्रबंधन में मदद करे ... . टाइप 2 मधुमेह के जोखिम कम करे ... . मांसपेशियों को मजबूत करे ... . कैंसर के जोखिम कम करे ... . गठिया की रोकथाम में मदद करे ... . तनाव कम करे. साइकिल चलाने से महिलाओं में कौन सी भावना पैदा हुई?उत्तर : (a) साइकिल प्रशिक्षण से महिलाओं में आत्मसम्मान की भावना पैदा हुई।
साइकिल चलाने से महिलाओं के जीवन में क्या परिवर्तन आया?Answer: (i) 'साइकिल आंदोलन' से महिलाएँ अपनी स्वाधीनता व आज़ादी के प्रति जागृत हुई हैं। (ii) 'साइकिल आंदोलन' ने उन्हें नवसाक्षर किया है, आर्थिक स्थिति सुधरी है। (iii) 'साइकिल आंदोलन' ने उन्हें अधिकारों के प्रति जागृत किया है।
साइकिल चलाना महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण क्यों है?उत्तर – साइकिल चलाना ग्रामीण महिलाओं के लिए इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि साइकिल चलाने से वह स्वतंत्र महसूस करती हैं। वह कई घरेलू कार्य इसकी मदद से कम समय में कर लेती हैं। वह कहीं जाने के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहती।
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