श्रीलंका में बहुसंख्यकवाद के तहत कौन कौन से कदम उठाए गए? - shreelanka mein bahusankhyakavaad ke tahat kaun kaun se kadam uthae gae?


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अध्याय : 1. सत्ता की साझेदारी

श्रीलंका में बहुसंख्यकवाद

सिंहली समुदाय के नेताओं ने अपनी बहुसंख्या के बल पर शासन पर प्रभुत्व जमाना चाहा और इसके लिए उन्होने बहुसंख्यक परस्ती के तहत कर्इ कदम उठाइए।
(A) सन् 1948 में श्रीलंका स्वतंत्रा राष्ट्र बना।
(B) सन् 1956 में एक कानून बनाया गया जिसके तहत तमिल को दरकिनार करके सिंहली को एकमात्रा राजभाषा घोषित कर दिया गया।
(C) विश्वविद्यालयों और सरकारी नौकरियों में सिंहलियों को प्राथमिकता देने की नीति भी चली।
(D) नए संविधान में यह प्रावधान भी किया गया कि सरकार बौद्ध मत को संरक्षण और बढ़ावा देगी।
(E) इन नीतियों से श्रीलंकार्इ तमिलों को लगा -
(I) बौद्ध धर्मावलंबी सिंहलियों के नेतृत्व वाली सारी राजनीतिक पार्टियाँ उनकी भाषा और संस्कृति को लेकर असंवेदनशील हैं
(II) सविंधान और सरकार की नीतियाँ उन्हें समान राजनीतिक अधिकारों से वंचित कर रही हैं।
(F) नौकरियों और अन्य कामों में अवसर में उनके साथ भेदभाव हो रहा है और उनके हितों की अनदेखी की जा रही है।
श्रीलंकार्इ तमिलों की माँगे :
1. तमिल को राजभाषा बनाना।
2. क्षेित्राय स्वायत्तता।
3. शिक्षा और रोज़गार में समान अवसर।
4. उत्तर-पूर्वी श्रीलंका में स्वतंत्रा तमिल र्इलम सरकार। श्रीलंका में दो समुदायों के बीच पारस्परिक अविश्वास ने बड़े टकराव का रूप ले लिया जो कि गृहयुद्ध में परिणत हुआ।


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श्रीलंका में बहुसंख्यकवाद तथा उसके प्रभाव का वर्णन करें?...


श्री लंकाज्ञान गंगा

saurabh kumar

Teacher

0:27

चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये।

आपका पूछा गया प्रश्न है कि श्रीलंका में बहुसंख्यक वाद तथा उसके प्रभाव का वर्णन करें तो मैं बता दूं कि श्रीलंका में जो सिंहली समुदाय के नेताओं ने अपनी बहू संख्या केवल प्रशासन पर प्रभु तो जमाना चाहा और इसके लिए उन्होंने बहुसंख्यक प्लस बी के तहत कई कदम भी उठाए और उसके लिए जो तमिल को राजभाषा बनाना क्षेत्रीय स्वच्छता करना शिक्षा और रोजगार में समान अवसर जैसी चीजें नहीं थे

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श्रीलंका में बहुसंख्यकवाद के तहत कौन कौन से कदम उठाए गए? - shreelanka mein bahusankhyakavaad ke tahat kaun kaun se kadam uthae gae?
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श्रीलंका में बहुसंख्यकवाद के तहत कौन कौन से कदम उठाए गए? - shreelanka mein bahusankhyakavaad ke tahat kaun kaun se kadam uthae gae?

2 जवाब

श्रीलंका में बहुसंख्यकवाद के तहत कौन कौन से कदम उठाए गए? - shreelanka mein bahusankhyakavaad ke tahat kaun kaun se kadam uthae gae?

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बहु संख्या वाद को बनाए रखने के लिए श्रीलंका सरकार द्वारा कौन कौन से कदम उठाए गए?

इस वजह से लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार ने सिंहली समुदाय की प्रभुता कायम करने के लिए अपनी बहुसंख्यक-परस्ती के तहत कई कदम उठाए । 1956 में एक कानून बनाया गया जिसके तहत तमिल को दरकिनार करके सिंहली को एकमात्र राजभाषा घोषित कर दिया गया।

श्रीलंका में बहुसंख्यक वाद के तहत कौन कौन से कदम उठाए गए?

इस कानून के अनुसार तमिल भारतीय मूल के हैं इसलिए उन्हें श्रीलंका की नागरिकता नहीं दी जा सकती है। हालांकि इस कानून को मान्यता नहीं मिली। १९५६ - सरकार ने देश के बहुसंख्यकों की भाषा सिंहली को आधिकारिक भाषा घोषित किया। अल्पसंख्यक तमिलों ने कहा कि सरकार ने उन्हें हाशिये पर डाल दिया।

श्रीलंका में बहुसंख्यकवाद का क्या अर्थ है संक्षेप में समझाइए?

कई महाद्वीप, राष्ट्र, प्रांत हैं ।

5 श्रीलंका में निम्नलिखित में से कौन सा बहुसंख्यक वर्ग है ?`?

(सिंहली, तमिल)