मेरी कमर में दर्द हो रहा है मैं क्या करूं? - meree kamar mein dard ho raha hai main kya karoon?

In this article

  • गर्भावस्था में किस कारण से पीठ और कमर दर्द होता है?
  • गर्भावस्था के दौरान पीठ दर्द के क्या लक्षण हैं?
  • क्या गर्भावस्था में पीठ के दर्द से बचा जा सकता है?
  • प्रेगनेंसी में कमर व पीठ दर्द से राहत पाने के लिए मैं क्या कर सकती हूं?
  • क्या पीठ दर्द की वजह से डिलीवरी के समय परेशानी हो सकती है?
  • मुझे कब डॉक्टर से मदद मांगनी चाहिए?

गर्भावस्था में पीठ व कमर दर्द होना एक आम बात है। करीब आधी से ज्यादा महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान किसी-न-किसी समय कमर और पीठ दर्द की शिकायत होती है।

अच्छी बात यह है कि पीठ दर्द से राहत पाने और दर्द की स्थिति गंभीर होने से रोकने के लिए बहुत कुछ किया जा सकता है। गर्भवती होने से पहले पीठ दर्द की समस्या से परेशान कुछ महिलाओं ने यहां तक पाया कि उनकी गर्भावस्था बढ़ने के साथ-साथ उन्हें दर्द में भी आराम मिलता गया।

गर्भावस्था में किस कारण से पीठ और कमर दर्द होता है?

आपकी हड्डियां और जोड़ अस्थिबंध (लिगामेंट) नामक सख्त उत्तकों से जुड़े होते हैं। गर्भावस्था के दौरान रिलैक्सिन नामक हॉर्मोन आपके अस्थिबंधों को शिथिल बना देता है। 10 से 14 हफ्ते की गर्भावस्था के बीच रिलैक्सिन हॉर्मोन अपने उच्च स्तर पर होता है।

यदि आपको गर्भावस्था की शुरुआत में ही पीठ दर्द हो रहा है, तो इसकी वजह रिलैक्सिन हॉर्मोन हो सकता है। पहली तिमाही में पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना आम है।

जैसे-जैसे आप दूसरी और ती​सरी तिमाही में प्रवेश करती हैं, आपके गर्भस्थ शिशु का वजन और बढ़ता हुआ पेट अस्थिबंधों और मांसपेशियों पर और ज्यादा दबाव डालते हैं।

आपके पेट की मांसपेशियों में भी खिंचाव होने लगता है। जिसकी वजह से अब वे पहले की तरह मजबूती से आपका वजन वहन नहीं कर सकेंगी। इससे अब आपके पीठ के निचले हिस्से पर ज्यादा दबाव पड़ता है।

गर्भावस्था में आपके गुरुत्व के केंद्र में भी बदलाव आता है और इस वजह से अवस्था भी बदलती है। इसकी वजह से भी कमर में दर्द हो सकता है।

यदि आपका वजन सामान्य से ज्यादा है या फिर आप नियमित व्यायाम नहीं करती हैं, तो आपको गर्भावस्था के दौरान पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने की संभावना ज्यादा रहती है।

विटामिन डी की बहुत ज्यादा कमी होने पर भी कमर दर्द हो सकता है।

यदि आपको पहले भी पीठ के निचले हिस्से में या श्रोणि क्षेत्र में दर्द रहा है, तो गर्भावस्था में इसके होने की संभावना अधिक होती है। अत्याधिक शारीरिक मेहनत वाले काम करने से भी दर्द ज्यादा बढ़ सकता है।

गर्भावस्था के दौरान पीठ दर्द के क्या लक्षण हैं?

आपको शायद उस जगह ही दर्द महसूस होगा जहां आपकी पीठ का निचला हिस्सा और श्रोणि क्षेत्र आपस में जुड़ते हैं। ऐसे में आप इसे पीठ दर्द की बजाय श्रोणि क्षेत्र में होने वाला दर्द भी मान सकती हैं। इसलिए इस तरह के दर्द को दो श्रेणियों में बांटना सही रहता है:

  • पीठ के निचले हिस्से में दर्द। यह दर्द हल्का होता है और आगे की तरफ झुकने पर महसूस होता है। इसकी वजह से आप रीढ़ के निचले या लुम्बार हिस्से को ज्यादा हिला-डुला नहीं पाती। पीठ की कुछ मांसपेशियों में भी दबाए जाने पर दर्द महसूस होगा।
  • श्रोणि करधनी दर्द (पेल्विक गर्डल पेन - पीजीपी)। यह श्रोणि क्षेत्र में शिथिल अस्थिबंधों और जोड़ों की वजह से होता है। आपको श्रोणि के पीछे की तरफ दर्द महसूस हो सकता है, जहां आपके कूल्हे की हड्डी और रीढ़ की निचली हड्डी के बीज जोड़ होता है। इस जोड़ को सैक्रोइलिएक जोड़ कहा जाता है। यह दर्द बहुत तीक्ष्ण, मंद या जलन जैसा महसूस हो सकता है जो आता-जाता रहता है। पीजीपी आपकी जांघों में पीछे की तरफ भी फैल सकता है। यदि आपको आगे की तरफ पुरोनितम्ब अस्थि (प्यूबिक बोन) में या इसके आसपास दर्द महसूस हो तो यह सिम्फिसिस प्यूबिस डिसफंक्शन (एसपीडी) हो सकता है। यह पीजीपी का ही एक प्रकार है।

यदि आपको लगे कि आपको श्रोणि करधनी दर्द है या आपको पीठ दर्द बहुत ज्यादा हो, तो अपनी डॉक्टर से बात करें। वे आपको फिजियोथेरेपिस्ट के पास जाने की सलाह दे सकती हैं। फिजियोथेरेपिस्ट पता लगाएंगी कि आपको पीठ दर्द है या पीजीपी है या फिर दोनों ही हैं। इसके आधार पर ही वे अपनी थैरेपी तय करेंगी और आपके मजबूती प्रदान करने वाली ऐसी एक्सरसाइज बताएंगी, जो आप घर पर कर सकती हैं। पीठ दर्द की वजह से रोजमर्रा की निम्नांकित गतिविधियां मुश्किल हो सकती हैं:

  • बैठी हुई अवस्था से उठना
  • बिस्तर में करवट बदलना
  • कपड़े पहनना या उतारना
  • ज्यादा देर तक वॉक करना
  • कम वजन उठाना और लेकर चलना

आप पाएंगी कि पीठ दर्द अक्सर दिन के खत्म होते-होते और अधिक तेज हो जाता है। लंबे समय तक खड़े रहने के कारण भी यह दर्द बढ़ता है। ऐसा इसलिए क्योंकि दिन गुजरने के साथ-साथ आपकी मांसपेशियां थक जाती हैं और आपके शरीर व गर्भस्थ शिशु के वजन की वजह से अस्थिबंधों में हल्का खिंचाव होने लगता है।

क्या गर्भावस्था में पीठ के दर्द से बचा जा सकता है?

गर्भावस्था से पहले और पूरी गर्भावस्था के दौरान एक्सरसाइज करने से पीठ दर्द से बचाव में या इसकी तीक्ष्णता कम करने में मदद मिल सकती है। कोई भी एक्सरसाइज शुरु करने से पहले अपनी डॉक्टर से बात करें, क्योंकि कुछ स्थितियों में आपकों अपनी शारीरिक गतिविधियां व व्यायाम कम या फिर बिल्कुल बंद करने होते हैं। आपकी डॉक्टर बता सकती हैं, कि आपके लिए क्या सुरक्षित है।

यदि आपको व्यायाम करने की आदत नहीं है, तो धीरे-धीरे शुरुआत करें। शुरू में 10 मिनट हल्की एक्सरसाइज पूरा हफ्ता करें। हल्के व्यायाम का मतलब है कि आपका दिल तेज धड़क रहा हो मगर फिर भी आप बात कर पा रही हों। फिर धीरे-धीरे एक सप्ताह में 150 मिनट (ढाई घंटे) एक्सरसाइज करने का लक्ष्य रखें।

मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करने वाले व्यायाम जैसे कि पिलाटे, एक्वानेटल या स्विमिंग और योग आदि अपने पेट की मांसपेशियों को मजबूत करते हैं। इससे पीठ दर्द से बचाव में मदद मिलती है।

इनसे आपकी शारीरिक मुद्रा में भी सुधार होगा, जिससे अपने बढ़ते वजन को वहन करना आसान होगा। यदि संभव हो तो विशेषतौर पर गर्भवती महिलाओं के लिए होने वाली व्यायाम कक्षा में जाएं। यदि आप पहले से ही योग या पिलाटे क्लास में जाती हैं, तो अपने प्रशिक्षक को यह अवश्य बता दें कि आप गर्भवती हैं।

वॉक भी हल्के व्यायाम का अच्छा विकल्प है। इसे अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करना भी आसान रहता है।

आप रोजमर्रा में अपने झुकने, स्ट्रेच करने और चीजों को उठाने के ​तरीके पर ध्यान दें तो पीठ दर्द से बच सकती हैं। अगर, आपको कुछ भारी सामान जैसे कि ग्रॉसरी, अपने बड़े बच्चे को या फिर गीले कपड़ों की बाल्टी उठाने की जरुरत है, तो उन्हें अपने शरीर के पास थामकर रखें। पीठ की बजाय अपने घुटनों को मोड़ें और कोशिश करें कि उठाते समय आप घूमें नहीं।

प्रेगनेंसी में कमर व पीठ दर्द से राहत पाने के लिए मैं क्या कर सकती हूं?

पीठ और कमर दर्द कम करने के लिए आप निम्नलिखित उपाय अपना सकती हैं, जैसे कि:

व्यायाम

स्ट्रेचिंग, पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज और स्थि​रता प्रदान करने वाले व्यायाम पीठ दर्द से राहत दे सकते हैं।

अपने हाथों और घुटनों के बल आ जाएं और अपनी पीठ को यथासंभव सपाट रखें। सांस अंदर लें और सांस बाहर छोड़ते समय गुदा को भींचें और मांसपेशियों को आगे योनि की तरफ खींचने का प्रयास करें।

कल्पना करें कि आप गैस या पेशाब को रोकने की कोशिश कर रही हैं। पांच से 10 सैकंड तक बिना अपनी सांस रोके और बिना अपनी कमर को हिलाए ऐसा करती रहें। व्यायाम के अंत में अपनी मांसपेशियों को थोड़ा आराम दें।

मेरी कमर में दर्द हो रहा है मैं क्या करूं? - meree kamar mein dard ho raha hai main kya karoon?

Diane Rai for BabyCenter

यदि आप अपने हाथों और घुटनों के बल वाली मुद्रा में स्थिर रह पा रही हों तो सुपरमैन पोज़ (फोटो में दिया गया) आजमा सकती हैं। अपने पेट की मां​सपेशियों के इस्तेमाल से स्थिर रहने की कोशिश करें। पांच सैकंड तक इस मुद्रा में रहें और फिर अपनी बाजू और टांग को नीचे कर लें। फिर दूसरी बाजू और टांग से यह दोहराएं। दोनों तरफ 10-10 बार ऐसा करें।

पानी में व्यायाम करने से भी पीठ दर्द से राहत मिल सकती है। पता करें कि क्या आपके आसपास कोई स्विमिंग पूल या क्लब गर्भवती महिलाओं के लिए एक्वानेटल कक्षाएं आयोजित करते हैं।

पीठ दर्द से आराम पाने के लिए आप निम्नांकित दिए गए कुछ योगासन आजमा सकती हैं:

  • नितंब चक्रासन
  • परिवर्तित वीरभद्रासन
  • परिवर्तित वज्रासन

योग हमेशा किसी विशेषज्ञ की निगरानी में करें जो आपकी गर्भावस्था के चरण के अनुसार सही और सुरक्षित आसनों के बारे में बता सकें।

मालिश
मालिश करने से थकी और पीड़ाग्रस्त मांसपेशियों को आराम मिलता है और इससे दर्द भी कम हो सकता है।

एक कुर्सी की पीठ के ऊपर से आगे की ओर झुकें या फिर करवट लेकर लेटें। अपने पति या परिवार के किसी सदस्य या दोस्त से पीठ के निचले हिस्से और पीठ की सारी मांसपेशियों पर सौम्य ढंग से मालिश करने के लिए कहें। पीठ के निचले हिस्से की मालिश के लिए वे यह तरीका अपना सकते हैं। एक प्रशिक्षित मालिश थैरेपिस्ट या फिजियोथेरेपिस्ट इसके आगे आपकी मदद कर सकते हैं।

यदि आप गर्भावस्था में मालिश के लिए मालिशवाली को रखने या स्पा या आयुर्वेदिक केंद्र जाने पर विचार कर रही हैं, तो अपने अपनी डॉक्टर से बात कर लें।

गर्भावस्था में मालिश और इससे जुड़े एहतियातों के बारे में हमारा यहां और अधिक जानें।

उचित मुद्रा
आप बैठते समय पसरने से और सामाना उठाते समय मुड़ने से बचें। लंबे समय तक एक ही अवस्था में न रहें।

सीधे रहकर उठे या बैठें और बीच-बीच में अपनी पीठ को आगे की ओर उतना झुकाएं, जितना कि आरामदायक हो।

एक कोमल गद्दी या गद्देदार घेर पर बैठने की कोशिश कीजिए और सही मुद्रा में बैठें।

यहां देखें कि गर्भावस्था में किस तरह बैठें और खड़े हों।

मैटरनिटी तकिये
अपने पेट के नीचे पच्चर के आकार का तकिया लगाकर करवट लेकर लेटने से पीठ दर्द कम करने में मदद मिलती है। दूसरी और तीसरी तिमाही में करवट लेकर सोने से मृतशिशु के जन्म का खतरा भी कम हो सकता है। यदि रात को आंख खुलने पर आप खुद को पीठ के बल सोता हुआ पाएं तो चिंता न करें। आप फिर से करवट लेकर सो जाएं।

यदि आपको आराम न मिले तो अलग-अलग तरह के तकिये और कुशन आजमाकर देखें कि आपको किससे आराम मिलता है।

बिस्तर से उठते समय भी सावधानी बरतें। अपने टांगों को घुटनों से मोड़ें और करवट लेकर बिस्तर के किनारे पर आएं। बाजुओं से जोर लगाते हुए उठें और अपनी टांग को बिस्त के किनारे से नीचे लटकाएं। बिस्तर से उठने के तरीके के बारे में हमारा यह स्लाइडशो देखें।

गर्म और ठंडा पैक
नहाना, सिकाई के लिए हल्का गर्म वाटर बैग या फिर शावर से गर्म पानी का तेज प्रवाह, ये सभी पीठ दर्द कम करने में मदद कर सकते हैं।

यदि मौसम गर्म हो, तो आप ठंडी सिकाई या कपड़े में आइस क्यूब लपेटकर सेक कर सकती हैं। आप बारी-बारी से दोनों तरीके आजमा कर देखें कि आपको सबसे ज्यादा आराम किस से मिलता है।

उचित जूते या सैंडल पहनें
उचित सहारा देने वाले कम ऊंचे और आरामदायक जूते या सैंडल पहनें। ऊंची ऐड़ी के सैंडल या जूतों को अब कुछ समय के लिए उठाकर रख दें क्योंकि जैसे-जैसे आपका पेट बढ़ेगा और संतुलन में बदलाव आएगा तो ऊंची ऊंची ऐड़ी के जूतों में सही तरह से संतुलन बनाने में मुश्किल हो सकती है और आपके गिरने की संभावना रहती है।

वैकल्पिक उपचार
कुछ महिलाएं एक्यूपंचर, अरोमाथैरेपी, ओस्टियोपैथी व कायरोप्रेक्टिक और ऐसे ही अन्य उपचारों को फायदेमंद मानती हैं। ऐसे किसी भी उपचार को आजमाने से पहले अपनी डॉक्टर से बात अवश्य करें।

क्या पीठ दर्द की वजह से डिलीवरी के समय परेशानी हो सकती है?

सही उपचार लेने पर पीठ व कमर दर्द की वजह से डिलीवरी के दौरान परेशानी होना दुर्लभ ही है।

यदि आपकी पीठ दर्द की समस्या काफी कंभीर हो, तो भी आपकी नॉर्मल डिलीवरी हो सकती है। पीठ दर्द की वजह से सीजेरियन ऑपरेशन करवाना काफी असामान्य है। ऑपरेशन से उबरना आपकी पीठ के लिए भी परेशानी पैदा कर सकता है, जबकि नॉर्मल डिलीवरी में ऐसा नहीं है।

यदि आपकी पीठ का दर्द किसी दीर्घकालीन समस्या जैसे कि रीढ की हड्डी में टेढ़ेपन (स्कोलियोसिस) या फिर पहले की कोई चोट या ऑपरेशन की वजह से है, तो आपको पहले से डिलीवरी के बारे में योजना बनानी होगी।

पीठ दर्द की कुछ समस्याओं की वजह से प्रसव के दौरान एपिड्यूरल लगाना नामुमकिन या असुरक्षित हो जाता है। इसलिए पहले से स्थिति की जानकारी होने से आप प्राकृतिक दर्दनिवारकों या अन्य तरह के चिकित्सकीय दर्दनिवाराकों के बारे में पता कर सकती हैं।

आपकी डॉक्टर बता सकेंगी कि आपके लिए सही विकल्प क्या होंगे।

मुझे कब डॉक्टर से मदद मांगनी चाहिए?

आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए यदि आपको पीठ दर्द हो और साथ में निम्नांकित स्थितियां हों:

  • आप दूसरी या तीसरी तिमाही में हैं, क्योंकि यह समय से पहले प्रसव का संकेत हो सकता है।
  • आपको बुखार है (100.4 डिग्री फेहरनहाइट से ज्यादा), पेशाब करते समय दर्द हो या योनि से रक्तस्त्राव हो रहा हो
  • आपको एक या दोनों टांगों में, नितंबों में या योनि में कोई अनुभूति नहीं हो रही है।
  • आपको पसलियों के नीचे दोनों तरफ दर्द है। 

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हमारे लेख पढ़े:

  • गर्भावस्था के दौरान बेडरेस्ट (बिस्तर पर पूर्ण आराम)
  • गर्भावस्था के दौरान आपका स्वास्थ्य और सुरक्षा
  • गर्भावस्था के दौरान होने वाले संभावित संक्रमण

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कमर दर्द से तुरंत छुटकारा कैसे पाए?

कमर दर्द का घरेलू इलाज — Home Remedies For Back Pain in Hindi.
गर्म पानी की सिकाई से कमर दर्द का इलाज हल्का गर्म पानी अनेको समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। ... .
नारियल तेल से कमर दर्द का इलाज ... .
हर एक घंटे में 10-15 मिनट का ब्रेक लें ... .
अपनी पोस्चर को ठीक करें ... .
कैल्शियम से भरपूर डाइट लें ... .
डॉक्टर से परामर्श करें.

कमर दर्द में क्या नहीं करना चाहिए?

कुछ चीजें खाने से आपकी प्रॉब्लम बढ़ सकती है..
मीठी चीजें न खाएं कमर दर्द की समस्या में मीठी चीजें खाना आपके लिए खतरनाक हो सकता है. ... .
व्हाइट ब्रेड से नुकसान रिफाइंड अनाज खाने से बेहतर होगा कि साबुत अनाज खाएं. ... .
पिज्जा और कर्बोनेटेड ड्रिंक से परहेज सैचुरेटेड फैट और ट्रांस फैट वाली चीजें खाने से परहेज करें..

कमर दुखने का कारण क्या है?

कमर झुकाने, अचानक उठने या अचानक रुकने या किसी तरफ मुड़ने पर भी कमर दर्द हो सकता है. अगर आपकी शारीरिक स्थिति खराब है और आपकी पीठ पर लगातार दबाव पड़ रहा है तो मांसपेशियों में दर्द हो सकता है. आर्थराइटिस या गठिया की वजह से कमर दर्द हो सकता है. ऑस्टियोआर्थराइटिस की वजह से भी पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है.

कमर में दर्द हो तो कैसे सोना चाहिए?

कमर दर्द में मिलता है आराम करवट लेकर सोने से कमर दर्द भी कम होता है। इसके अतिरिक्त यदि आप करवट लेकर सोते हैं, तो अपनी रीढ़ को भी आराम मिलता है। सोने की यह मुद्रा भी कंधे के दर्द से छुटकारा पाने में भी मदद करती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक बाईं तरफ करवट लेकर सोने की आदत आपके लिए कई स्तर से फायदेमंद हो सकती है।