शुक्रवार को क्या खाकर यात्रा करना चाहिए? - shukravaar ko kya khaakar yaatra karana chaahie?

* रविवार- यात्रा प्रारंभ करते समय शकर अथवा उससे बने पदार्थ खाकर या घी अथवा उससे बने पदार्थ सेवन कर यात्रा करें तो सफलता मिलती है। यदि घी-शकर दोनों से संयुक्त व्यंजन का सेवन किया जाए तो सफलता मिलने की संभावना प्रबल होती है।

* सोमवार- दुग्ध या उससे बने पदार्थ या खीर खाकर अथवा दर्पण में देखकर, मस्तक पर तिलक कर यात्रा करें। दोनों उपाय कर यात्रा करें तो शुभ संभावना में बहुत वृद्धि होती है। पान खाकर निकलें या फिर किसी पौधे में पानी डालकर निकलें तो यात्रा चार गुना अधिक शुभ होती है।

* मंगलवार- गुड़ या उससे बने व्यंजन का सेवन कर यात्रा करें।

* बुधवार- तिल या उससे निर्मित पदार्थ या राई डाले हुए पदार्थ का सेवन करें।


* गुरुवार- दही या उससे बने पदार्थ या मिठाई खाकर या राई चबाकर यात्रा

करने से अनुकूलता आती है।

* शुक्रवार- दही या उससे बने पदार्थ का सेवन करके यात्रा करने से अनुकूलता आती है।

*शनिवार-
तिल या उससे बने पदार्थ, खिचड़ी या उड़द से तैयार पदार्थ खाकर यात्रा करने से अनुकूलता आती है।

ज्योतिष में दिशाशूल का बहुत महत्व है। यदि एक दिन में गंतव्य स्थान पर पहुंचना और फिर वापस आना निश्चित हो तो दिशाशूल विचार की आवश्यकता नहीं है। किंतु अगर लंबी दूरी की यात्रा या लंबे समय की यात्रा पर जाना है तो दिशाशूल का विचार अवश्य किया जाना चाहिए।


यहां पाठकों के लिए प्रस्तुत है दिशाशूल, दिन तथा यात्रा करने से पहले दिन के अनुसार उपाय किए जाए तो यात्रा में सफलता अवश्य प्राप्त होगी। आइए जानें...

दिशाशूल और वार :

पूर्व दिशा - सोमवार, शनिवार।

पश्चिम दिशा - रविवार, शुक्रवार।

दक्षिण दिशा - गुरुवार।

उत्तर दिशा - मंगलवार, बुधवार।

उपरोक्त दिशाओं के सामने दिए गए वारों में उक्त दिशा में दिशाशूल होता है। अतः उक्त दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए अथवा यात्रा करने से बचना ‍चाहिए।

* रविवार, गुरुवार, शुक्रवार के दोष रात्रि में प्रभावित नहीं होते हैं।

* सोमवार, मंगलवार, शनिवार के दोष दिन में प्रभावी नहीं होते हैं। किंतु बुधवार तो हर प्रकार से त्याज्य है।

अगर यात्रा करना अत्यावश्यक हो तो निम्न उपाय किए जा सकते हैं :-

* रविवार को पान या घी खाकर,

* सोमवार को दर्पण देखकर या दूध पीकर,

* मंगल को गुड़ खाकर,

* बुधवार को धनिया या तिल खाकर,

* गुरुवार को जीरा या दही खाकर,

* शुक्रवार को दही पीकर,

* शनिवार को अदरक या उड़द खाकर यात्रा को प्रस्थान किया जा सकता है।

कभी बिजनेस के सिलसिले में तो कभी किसी रिश्तेदारों से मिलने के लिए यात्रा करनी पड़ती है तो कभी कभी सैर-सपाटे और मूड बदलने के लिए भी यात्रा करते हैं। यानी जीवन में किसी न किसी उद्देश्य से हर व्यक्ति को कभी-कभी यात्रा करनी पड़ती है।

कुछ यात्राएँ सुखद और आरामदायक होती है तो कुछ ऐसी भी यात्राएँ हो जाती है जो कठिनाई और परेशानियों की वजह से दुःखद एहसास बनकर रह जाती हैं। ज्योतिषशास्त्र में यात्रा के संदर्भ में कुछ नियमों का वर्णन किया गया है। माना जाता है कि इन नियमों का पालन किया जाए तो यात्रा सुखद और उद्देश्य में सफलता दिलाने वाली होती है।

यात्रा के संदर्भ में दिन का महत्व
ज्योतिषशास्त्र के नियम के अनुसार सोमवार और शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने पर दिशाशूल लगता है। दिशाशूल का अर्थ है संबंधित दिशा में बाधा और कष्ट प्राप्त होना। इसलिए सोमवार एवं शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। रविवार और शुक्रवार को पश्चिम दिशा में दिशाशूल लगता है। मंगलवार और बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा अनुकूल नहीं होती है तथा गुरूवार के दिन दक्षिण दिशा की यात्रा कष्टकारी होती है।

दक्षिण की दिशा में यात्रा के लिए सोमवार को उत्तम माना जाता है। मंगलवार पूर्व व दक्षिण दोनों ही दिशाओं में यात्रा के लिए शुभ होता है। बुधवार के दिन पूर्व एवं पश्चिम दिशा की यात्रा अनुकूल रहती है। गुरूवार को दक्षिण दिशा को छोड़कर अन्य सभी दिशाओं में यात्रा सुखद रहती है। शुक्रवार के दिन शाम के समय शुरू की गयी यात्रा सुखद और शुभ फलदाय होती है।

शनिवार के विषय में कहा गया है कि शनिवार को अपने घर की यात्रा को छोड़कर अन्य किसी भी स्थान की यात्रा लाभप्रद नहीं होती है। शनिवार के दिन यात्रा करना अशुभ माना गया है। रविवार के दिन पूर्व दिशा में की गयी यात्रा उत्तम रहती है।

यात्रा दोष दूर करने के उपाय
कई बार न चाहते हुए भी उस दिशा में यात्रा करनी पड़ती है जिस दिशा में दिशाशूल होता है। इस दोष को दूर करने के लिए ज्योतिषशास्त्र में सामान्य सा उपाय बताया गया है। सोमवार के दिन दर्पण देखकर और दूध पीकर यात्रा करें। मंगलवार को गुड़ खाकर, बुधवार को धनिया या तिल खाकर यात्रा करें। गुरूवार को दही, शुक्रवार को जौ खाकर अथवा दूध पीकर सफर पर निकलें। शनिवार को उड़द या अदरक खाकर जाएं। रविवार को घी अथवा दलिया खाकर यात्रा करनी चाहिए। यह ऐसे उपाय हैं जिनका प्रयोग पीढ़ियों से होता चला आ रहा है।

नई दिल्ली: हर इंसान को जीवन में कहीं न नहीं की यात्रा करनी ही पड़ती है. कभी व्यापार के सिलसिले से तो कभी नौकरी, सैर सपाटे या कभी मूड बदलने के लिए भी यात्रा करनी पड़ती है. इनमें से कुछ यात्रा सुख देने वाली होती है. जबकि कुछ यात्राओं में परेशानियां भी झलनी पड़ती हैं. ज्योतिष शास्त्र में यात्रा को लेकर खास नियमों के बारे बताया गया है. इन नियमों का पालन करने से यात्रा सुखद होती है. साथ ही जिस उद्देश्य से यात्रा कर रहे हैं, वह भी पूरा होता है. जानते हैं कि यात्रा को लेकर ज्योतिष में कौन-कौन से खास नियम बताए गए हैं. 

किस दिन कौन सी दिशा में न करें यात्रा

सोमवार और शनिवार के दिन पूरब दिशा में किसी भी शुभ काम के लिए यात्रा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि दिशाशूल लगता है. दिशाशूल के कारण इस दिशा में यात्रा करने से कष्टों का सामना करना पड़ता है. रविवार और शुक्रवार के दिन पश्चिम दिशा में दिशाशूल रहता है. मंगलवार और बुधवार को उत्तर दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए. इसके अलावा गरुवार के दिन दक्षिण दिशा की यात्रा कष्ट देने वाली होती है. 

किस दिन कौन सी दिशा में करें यात्रा 

सोमवार के दिन दक्षिण की दिशा उत्तम मानी जाती है. मंगलवार के दिन पूरब और दक्षिण दोनों ही दिशाओं की यात्रा शुभफलदायी होती है. बुधवार के दिन पूरब और पश्चिम दिशा की यात्रा करना शुभ रहता है. गुरुवार दिन दक्षिण दिशा को छोड़कर सभी दिशाओं में यात्रा की जा सकती है. शुक्रवार के दिन शाम के वक्त शुरू की गई यात्रा सुखद और शुभ फलदायी होती है. वहीं शनिवार के दिन अपने घर छोड़कर कहीं की भी यात्रा सुखद नहीं होती है. जबकि रविवार के दिन पूरब दिशा की यात्रा उत्तम होती है. 

दिशाशूल के उपाय

सोमवार के दिन आईना देखकर या दूध पीकर यात्रा करनी चाहिए. मंगलवार के दिन गुड़ खाकर, बुधवार को धनिया या तिल के सेवन करके यात्रा शुरू करनी चाहिए. गुरुवार को दही और शुक्रवार को जौ खाकर या दूध पीकर यात्रा पर निकलना अच्छा रहता है. शनिवार के दिन उड़द या अदरक खाकर यात्रा पर निकलें. इसके अलावा रविवार के दिन घी या दलिया का सेवन कर यात्रा करनी चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

शुक्रवार को यात्रा में क्या खाना चाहिए?

मंगलवार को गुड़ खाकर, बुधवार को धनिया या तिल खाकर यात्रा करें। गुरूवार को दही, शुक्रवार को जौ खाकर अथवा दूध पीकर सफर पर निकलें। शनिवार को उड़द या अदरक खाकर जाएं। रविवार को घी अथवा दलिया खाकर यात्रा करनी चाहिए

शुक्रवार को क्या खाकर बाहर निकलना चाहिए?

यदि आप धन से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं तो शुक्रवार के दिन घर से बाहर निकलते समय मीठा दही खाकर निकलें. इससे आपके काम में आ रही बाधाएं समाप्त होंगी.

शुक्रवार के दिन घर से क्या खाकर जाना चाहिए?

* गुरुवार- दही या उससे बने पदार्थ या मिठाई खाकर या राई चबाकर यात्रा करने से अनुकूलता आती है। * शुक्रवार- दही या उससे बने पदार्थ का सेवन करके यात्रा करने से अनुकूलता आती है। *शनिवार- तिल या उससे बने पदार्थ, खिचड़ी या उड़द से तैयार पदार्थ खाकर यात्रा करने से अनुकूलता आती है।

यात्रा करने के लिए शुभ दिन कौन सा है?

मंगलवार को यात्रा करना – मंगलवार को पूर्व और दक्षिण दिशा में यात्रा करना शुभ होता है। बुधवार को यात्रा करना – बुधवार को पूर्व और पश्चिम दिशा में यात्रा करना शुभ होता है। गुरुवार को यात्रा करना – गुरुवार को दक्षिण दिशा छोड़कर अन्य सभी दिशाओं में यात्रा करना शुभ होता है।