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डायबिटीज की समस्या काफी आम हो चुकी है. दुनियाभर में अधिकतर लोग डायबिटीज की समस्या का सामना कर रहे हैं. डायबिटीज होने पर ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करना काफी जरूरी होता है. ऐसे में डायबिटीज के मरीजों को खान-पान से जुड़ी कई बातों का काफी ध्यान रखने की जरूरत होती है. हाल ही में आई एक नई स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है कि खाने के साथ वाइन पीने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम होता है. एल्कोहल इंटेक और डायबिटीज रिस्क को लेकर की गई स्टडी में यह सुझाव दिया गया है कि अगर आपका ड्रिंक करने का मन है तो बीयर या शराब की बजाय खाने के साथ वाइन का सेवन करना चाहिए. इससे पहले रिसर्चर्स का मानना था कि कभी-कभी शराब पीने वाले या बिल्कुल शराब ना पीने वाले लोगों की तुलना में सीमित मात्रा में वाइन पीने वालों में टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम होता है. लेकिन हाल ही में हुई स्टडी में यह बताया गया है कि डायबिटीज का रिस्क इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस तरह से शराब का सेवन करते हैं. बीयर और लिकर पीने वालों में पाया गया टाइप 2 डायबिटीज का अधिक खतरा स्टडी के लिए, शोधकर्ताओं ने यूके बायोबैंक में लगभग 312,400 वयस्कों का डाटा देखा, इसमें उन लोगों को शामिल किया गया जो रोजाना वाइन का सेवन करते थे. स्टडी में शामिल किए गए लोगों को डायबिटीज, हृदय रोग, कैंसर जैसी कोई बीमारी नहीं थी. वहीं, किसी बीमारी के कारण पीना छोड़ चुके लोगों या गर्भवती महिलाओं को इसमें शामिल नहीं किया गया. इस स्टडी में शामिल सभी लोगों की औसतन उम्र 56 साल थी. इसमें सभी व्हाइट लोगों को शामिल किया गया था, जिसमें अधिकतर महिलाएं थीं. शोधकर्ता यह पता लगाना चाहते थे कि क्या पिछले परीक्षणों में सामने आई रिपोर्ट में सीमित मात्रा में शराब पीने से ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे डायबिटीज के जोखिम को कम किया जा सकता है. इसके अलावा शोधकर्ता यह भी देखना चाहते थे कि किस समय पर शराब का सेवन करने से लोगों पर क्या असर पड़ता है. 11 सालों तक चली इस स्टडी में लगभग 8,600 लोगों में टाइप 2 डायबिटीज 2.75 फीसदी बढ़ा हुआ पाया गया. वहीं, खाने के साथ वाइन का सेवन करने वाले लोगों में टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 14 फीसदी कम पाया गया. विश्लेषण में पाया गया कि वाइन पीने वालों में ये लाभ सबसे आम थे. वहीं, बीयर और लिकर का सेवन करने वाले लोगों में टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क ज्यादा देखा गया. स्टडी की रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि लोगों ने कितनी शराब पी थी लेकिन इस बात पर जोर दिया कि सीमित मात्रा में शराब का सेवन करना फायदेमंद होता है. रिपोर्ट में बताया कि पुरुषों को एक दिन में सिर्फ 2 ड्रिंक और महिलाओं को एक दिन में सिर्फ 1 ड्रिंक ही पीनी चाहिए. स्टडी में इस बात की जानकारी नहीं दी गई कि रेड या व्हाइट में से कौन सी वाइन पीनी चाहिए. साथ ही इस बात की जानकारी भी नहीं दी गई कि किस मील के साथ इसका सेवन करना चाहिए. न्यू ऑरलियन्स में तुलाने यूनिवर्सिटी ओबेसिटी रिसर्च सेंटर के बायोस्टैटिस्टिकल एनालिस्ट और स्टडी के लेखक डॉ.हाओ मा ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि, यह स्टडी सिर्फ यह मैसेज देती है कि सीमित मात्रा में वाइन का सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज के रिस्क को कम किया जा सकता है. लेकिन इसके लिए यह पता करना जरूरी है कि आपको किसी भी तरह की कोई बीमारी ना हो, ताकि आप पर इसका कोई नकारात्मक प्रभाव ना पड़े. हालांकि, इस स्टडी में सिर्फ व्हाइट लोगों को ही शामिल किया गया था इसलिए इसके रिजल्ट बाकी लोगों के लिए अलग हो सकते हैं. ये भी पढ़ें:
Contents डायबिटीज और शराब – Diabetes Aur Alcoholशराब और डायबिटीज दोनों ही सामान्य स्वास्थ्य समस्याएं हैं, जिन्हें उच्च रक्त शर्करा स्तर का प्रमुख कारण माना जाता है। इसके कारण नसों को नुकसान, गुर्दे खराब होना, दिल की बीमारी और स्ट्रोक जैसी अन्य समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही शराब के सेवन से लीवर की बीमारी और कैंसर सहित कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम भी बढ़ता है। आपके लिए यह जानना बेहद ज़रूरी है कि यह दोनों मुद्दे व्यक्तिगत रूप से उतने ही खतरनाक हैं, जितने कि एक साथ जोड़े जाने पर। डायबिटीज क्या है?डायबिटीज को एक आम अंतःस्रावी बीमारी (एंडोक्राइन डिजीज) कहा जाता है और इलाज नहीं किये जाने पर इसके कारण बड़ी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। यह खासतौर से तब होता है जब शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन करना बंद कर देता है। कुछ मामलों में शरीर इंसुलिन का ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पाता है। इंसुलिन रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है, जो जीवित रहने के लिए किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत ज़रूरी है। इसके लक्षणों में शामिल हैं-
शराब यानी अल्कोहल को इथेनॉल युक्त किसी भी पेय के तौर पर परिभाषित किया जाता है। यह अक्सर फलों, सब्जियों और अनाज में पाए जाने वाले शर्करा के फर्मेंटेशन से लिया जाता है। कम मात्रा में शराब पीने से कुछ स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं, लेकिन यह ज़रूरी याद रखें कि इसके जुड़े कई जोखिम भी हैं। इनमें लीवर की बीमारी, दिमाग में खराबी और कुछ तरह के कैंसर विकसित होने का जोखिम बढ़ना शामिल है। शराब का शरीर पर प्रभावएक बार पीने के बाद शरीर जल्दी से शराब को रक्तप्रवाह में अवशोषित कर लेता है। इसके बाद इसे लीवर में ले जाया जाता है, जहां इसे मेटाबोलाइज़ किया जाता है। इस प्रक्रिया में पुरुषों के लिए लगभग एक घंटा और महिलाओं या पहली बार शराब पीने वाले लोगों के लिए डेढ़ घंटे का समय लगता है। हालांकि, डायबिटीज वाले लोग अक्सर शराब के प्रभाव को ज़्यादा तेजी से महसूस करते हैं। डायबिटीज के मरीजों में डिहाइड्रोजनेज नाम के एक एंजाइम की पर्याप्त कमी होती है, जो इथेनॉल के मेटाबोलाइज़ में मदद करता है। इस कमी के कारण डायबिटीज से पीड़ित मरीज कम शराब पीने के बाद भी बिना-डायबिटीज वाले मरीजों की तुलना में ज़्यादा समय तक नशे में रहते हैं। शराब और डायबिटीज के लक्षणयह डिहाइड्रेशन, निम्न रक्त शर्करा स्तर और उच्च रक्त ट्राइग्लिसराइड स्तर के कारण डायबिटीज के लक्षणों को खराब कर सकती है, जो अग्नाशयशोथ का कारण भी बन सकती है। भारी मात्रा में शराब का सेवन करने वाले लोगों में टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। डॉक्टरों के मुताबिक, हद से ज़्यादा शराब पीने से किसी व्यक्ति को उच्च रक्त शर्करा (हाइपरग्लेसेमिया) या निम्न रक्त शर्करा (हाइपोग्लाइसीमिया) की समस्या भी हो सकती है। उदाहरण के लिए, तीन गिलास वाइन पीने से ब्लड शुगर लेवल उतना ही बढ़ सकता है, जितना कि ब्रेड के चार स्लाइस खाने से। यह आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है, क्योंकि इससे ज़्यादा समय तक रहने वाली स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है। शराब भी नसों में नुकसान का कारण बनती है, जिससे दृष्टि हानि या अंधापन भी हो सकता है। साथ ही यह संतुलन और समन्वय को प्रभावित कर सकता है, जिससे बिना ठोकर खाए या हाथों और उंगलियों को सामान्य रूप से चलना मुश्किल हो जाता है। इस तरह डायबिटीज वाले मरीजों को बेहोश करने की क्रिया या कम समन्वय से गिरने या कार दुर्घटना जैसी स्थितियों का अनुभव होने की ज़्यादा संभावना रहती है। ऐसे में शराब पीने से जुड़े कई जोखिमों के कारण इसे दैनिक आदत बनाने के बजाय खास मौकों पर शराब की खपत को सीमित करना एक सबसे अच्छा तरीका है। शराब और संवेदनशीलताआपको एक बार शराब पीने के बाद होने वाले प्रभावों के लिए डायबिटीज ज़्यादा संवेदनशील बनाने का काम करती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि जब आप शराब का सेवन करते हैं, तो यह रक्तप्रवाह में अवशोषित हो जाती है और लीवर में भेज दी जाती है, जहां इसे संसाधित किया जाता है। डायबिटीज के मरीजों में डिहाइड्रोजनेज नाम के एक एंजाइम की पर्याप्त कमी पाई जाती है, जो इथेनॉल को चयापचय करने में मदद करता है। इसके कारण लोग कम शराब पीने के बाद लंबे समय तक नशा महसूस करते हैं। डायबिटीज को भी नसों में खराबी का प्रमुख कारण माना जाता है, जो दृष्टि हानि, अंधेपन, संतुलन और समन्वय को बहुत ज़्यादा प्रभावित कर सकती है। इसकी वजह से किसी व्यक्ति के लिए बिना ठोकर खाए या हाथों और उंगलियों को सामान्य रूप से चलाना मुश्किल हो जाता है। इस तरह डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को बेहोश करने की क्रिया और कम समन्वय के कारण गिरने या कार दुर्घटना जैसी स्थिति महसूस होने की संभावना ज़्यादा हो सकती है। डायबिटीज की वजह से शरीर द्वारा पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं किया जाता है। साथ ही कई बार शरीर इंसुलिन को उचित तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाता है और समय पर उपचार नहीं किये जाने से यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। ज़्यादा शराब का सेवन लोगों ऐसे लोगों में टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम बढ़ाता है। जबकि, ज़्यादा मात्रा में किये गये शराब के सेवन से किसी व्यक्ति को हाइपरग्लाइसीमिया या हाइपोग्लाइसीमिया की समस्या भी हो सकती है। शराब और गर्भकालीन (जेस्टेशनल) डायबिटीजगर्भावस्था के दौरान शराब पीने वाली महिलाओं को गर्भकालीन (जेस्टेशनल) डायबिटीज जैसी कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं होने की संभावना होती है। गर्भपात या मृत जन्म, जन्म के समय कम वजन के शिशु, शारीरिक और मानसिक अक्षमता या एक संभावित गंभीर स्थिति को आमतौर पर फेटल अल्कोहल सिंड्रोम यानी एफएएस के नाम से जाना जाता है। एफएएस अक्सर उन बच्चों में होने की ज़्यादा संभावना होती है, जिनकी माताएं गर्भावस्था के दौरान भारी मात्रा में शराब पीती हैं। ऐसे पांच में से चार बच्चे किसी न किसी तरह की कमी या विकृति के साथ पैदा होते हैं। साथ ही उनके चेहरे की विशेषताएं विकृत होने के साथ ही सामान्य से छोटी भी होती हैं।एफएएस पैदा करने के अलावा गर्भावस्था के दौरान ज़्यादा मात्रा में शराब पीने से मानसिक मंदता के अन्य प्रकारों के साथ-साथ बाद में बचपन में विकास संबंधी समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं। यही कारण है कि डॉक्टरों द्वारा गर्भवती महिलाओं को कभी भी शराब नहीं पीने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा गर्भवती होने की इच्छा रखने वाली महिलाओं को कम से कम मात्रा में शराब का सेवन करना चाहिए। शराब और रक्त शर्करा स्तरशराब और रक्त शर्करा का स्तर एक खतरनाक मिश्रण होता है। बहुत ज़्यादा शराब पीने की वजह से आपके रक्त शर्करा का स्तर बढ़ सकता है, जो किसी व्यक्ति के शरीर में डायबिटीज का कारण बनता है। डायबिटीज वाले लोगों के लिए सबसे आम जटिलताओं में से एक दिल की बीमारी है। यह समस्या किसी व्यक्ति की मौत का प्रमुख कारण बनती है। साथ ही डायबिटीज के कारण नसों में खराबी, गुर्दे का काम नहीं करना अंधेपन का संभावित खतरा भी बढ़ जाता है। अल्कोहल आपके रक्त शर्करा के स्तर को दो अलग-अलग तरीकों से बढ़ाता है। यह आपके शरीर द्वारा इकट्ठा किए गए ग्लूकोज को छोड़ने के तरीके में रुकावत पैदा कर सकता है। साथ ही साथ यह आपके लीवर की उस जमा की गई ग्लूकोज यानी ग्लाइकोजन का इस्तेमाल करने की क्षमता को भी कम कर सकता है। शराब भी उस तरह से रुकावट पैदा कर सकती है, जिस तरह से इंसुलिन ग्लूकोज को कोशिकाओं तक पहुंचने में मदद करता है। अगर आपको पहले से ही टाइप 2 डायबिटीज है, तो आपको इनमें से कोई भी समस्या हो सकती है। मोटे या ज़्यादा वजन वाले लोगों में डायबिटीज होने का सबसे ज़्यादा खतरा होता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि अगर आप बिल्कुल शराब का सेवन नहीं करते हैं, तो समय के साथ बहुत ज़्यादा शराब पीने से आपको डायबिटीज होने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, कुछ अध्ययन हल्की शराब पीने और दिल की बीमारी के कम जोखिम के बीच एक उलटा संबंध दिखाते हैं, जो डायबिटीज से जुड़ा हुआ है। यह जानने के लिए ज़्यादा शोध की ज़रूरत है कि हल्की शराब असल में डायबिटीज से बचाती है या नहीं। टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों के लिए जोखिमटाइप 2 डायबिटीज वाले लोग बहुत ज़्यादा शराब पीने से दिल की बीमारी और अन्य दिल से जुड़ी समस्याओं के विकास के जोखिम से घिरे होते हैं। इसका एक कारण यह है कि शराब की थोड़ी मात्रा भी इंसुलिन के काम में रुकावट पैदा कर सकती है, जिससे आपके लिए सामान्य रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखना कठिन हो सकता है। कई वर्षों के दौरान भारी मात्रा में शराब पीने से मोटापा, उच्च रक्तचाप और दिल की बीमारियों का कारण बनने जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जो टाइप 2 डायबिटीज के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक हैं। इसके अलावा दिल की बीमारी पैदा करने वाले अन्य कारक इसे बढ़ावा दे सकते हैं। अगर आपको पहले से ही दिल की बीमारी या डायबिटीज से संबंधित गंभीर स्थितियां हैं, तो शराब पीने से ज़्यादा गंभीर समस्याएं विकसित होने का आपका जोखिम बढ़ जाएगा।शराब से डायबिटीज की संभावनानियमित रूप से बहुत ज़्यादा शराब पीने वाले लोगों में टाइप 2 डायबिटीज होने की संभावना ज़्यादा बढ़ जाती है। अध्ययन बताते है कि जो पुरुष एक हफ्ते में 25 या ज़्यादा मादक पेय पीते थे, उनमें शराब नहीं पीने वालों की तुलना में टाइप 2 डायबिटीज होने की संभावना 80 प्रतिशत ज़्यादा थी। हालांकि, अन्य अध्ययनों ने महिलाओं और पुरुषों के लिए एक जैसे नतीजे दिखाए हैं, जो एक हफ्ते में 14 से ज़्यादा पेय पीते हैं। शराब पीने से डायबिटीज मरीजों में उच्च रक्त शर्करा के स्तर को कम करने के लिए डिज़ाइन की गई दवाओं में भी रुकावट पैदा हो सकती है। यह साफतौर इन गंभीर जटिलताओं के होने की संभावना को बढ़ाता है। एक अध्ययन के मुताबिक, शराब नहीं पीने वालों को अपने डायबिटीज के लिए इंसुलिन उपचार की ज़रूरत होने की संभावना चार गुना ज़्यादा थी। क्या शराब पीना आपके दिल के लिए अच्छा हो सकता है?डॉक्टरों के मुताबिक, कम मात्रा में शराब आपके दिल के लिए अच्छी हो सकती है। इनमें रेड वाइन में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट की उच्च सामग्री से कुछ फायदे हो सकते हैं। जबकि, कुछ खाद्य और पेय पदार्थों में स्वाभाविक रूप से पाए जाने वाले पदार्थ भी कुछ बीमारियों को रोकने में मदद करते हैं। यह डायबिटीज या अन्य इंसुलिन से संबंधित समस्याओं के विकास में सुधार नहीं करता है। अगर आपको पहले से ही डायबिटीज है, तो शराब इन बीमारियों के जोखिम को कम करने का सबसे अच्छा तरीका नहीं है। धूम्रपान छोड़ने से दोनों स्थितियों में शराब पीने की तुलना में कहीं ज़्यादा फायदा होगा। ध्यान रहे कि डायबिटीज वाले लोगों को अपने रक्त शर्करा के स्तर के बारे में ज़्यादा सावधान रहने की ज़रूरत होती है। इसीलिए पीने का फैसला करते समय आपको अपने पूरे स्वास्थ्य और डायबिटीज मैनेजमेंट पर ध्यान देना होगा। शराब से डायबिटीज पर नियंत्रणनहीं, शराब से डायबिटीज को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। इससे भी ज़रूरी बात यह है कि आपका शरीर ज़्यादा मात्रा में शराब पीकर खुद को कैंसर या किसी अन्य गंभीर बीमारी से ठीक करने से ज्यादा डायबिटीज का इलाज नहीं कर सकता है। आपका लीवर अल्कोहल के ज़रिए स्तर को संसाधित करने में सक्षम हो सकता है, लेकिन यह आपके अग्न्याशय को फिर से इंसुलिन का उत्पादन करने में मदद नहीं करेगा। सेलुलर स्तर पर भारी शराब पीने से होने वाले नुकसान को पहले जैसा नहीं किया जा सकता है। वाइन में कुछ एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो दिल की बीमारी और कुछ तरह के कैंसर से लड़ने के लिए जाने जाते हैं। हालांकि, यह प्रभाव शराब में गैर-अल्कोहल घटकों से प्राप्त होता है। खासतौर से यह रेस्वेराट्रोल अंगूर की खाल में पाया जाता है। बीयर, व्हाइट वाइन और डिस्टिल्ड अल्कोहल में रेस्वेराट्रोल बिल्कुल नहीं होता है। इसके अलावा इनमें से कोई भी फायदा उन व्यक्तियों पर लागू होने की संभावना नहीं है, जो भारी या ज़्यादा मात्रा में शराब पीते हैं। हद से ज़्यादा शराब पीने के बुरे प्रभाव इन मामूली फायदे वाले प्रभावों से कहीं ज़्यादा हैं, जो कई लोगों में औसत होता है। क्या पूरी तरह शराब छोड़ना सही है?ज़्यादातर विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि अगर आपको लगता है कि आपके शराब पीने की मात्रा नियंत्रण से बाहर है या अस्वास्थ्यकर रूप से ज़्यादा है, तो आप पूरी तरह से शराब पीना बंद कर दें। अगर यह अभी आपके लिए कोई विकल्प नहीं है, तो अपने सेवन को आधा कर देने से भी शराब के सेवन से जुड़ी कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचाव में मदद मिल सकती है। याद रखें कि एक बार जब आप पीना शुरू कर देते हैं, तो इसे रोकना बहुत कठिन होता है, समय के साथ धीरे-धीरे अपने सेवन में कटौती करना बेहतर उपाय है। अगर आप पूरी तरह से शराब पीना बंद नहीं कर पा रहे हैं, तो ज़्यादा मात्रा में न लेकर इसे कम से कम मात्रा में लेने की कोशिश करें। क्या वजन कम करने से शराब का असर कम होगा?ध्यान रहे कि ज़्यादा मात्रा में वजन कम करने से पहले ही हो चुके सभी नुकसानों को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है। ऐसे में जब तक आप शराब पीते रहेंगे, आपके शरीर को पिछले सेवन के असर से उबरने का मौका नहीं मिलेगा। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि भारी मात्रा में शराब पीने वाले मोटे लोगों को दिमाग के काम उसी तरह के बदलाव महसूस हो सकते हैं, जैसे अल्जाइमर की बीमारी वाले लोगों द्वारा महसूस किये जाते हैं। यह ज़्यादा शराब के इस्तेमाल से लाए गए वास्तविक जैविक बदलावों के बारे में बताता है। शराब छोड़ने के फायदे – Alcohol Chhodne Ke Faydeशराब छोड़ने से न सिर्फ डायबिटीज का खतरा कम होता है, बल्कि कई स्वास्थ्य फायदे भी मिलते हैं, जैसे-
क्या शराब तनाव को कम करती है?ज़्यादा तनाव से समय के साथ शरीर की केमिस्ट्री में कई बदलाव होते हैं। ऐसे में बहुत ज़्यादा तनाव लेने वाले लोगों को शराब के सेवन से कोई राहत नहीं मिलती है। ऐसा करने से आपके लीवर और दिल पर फालतू दबाव डलता है, जिससे स्थिति ज़्यादा खराब हो सकती है। इससे आप अन्य लोगों के साथ ज़्यादा चिड़चिड़ा और उतावला बरताव कर सकते हैं। बहुत ज़्यादा शराब से आपका जीवन समग्र रूप प्रभावित होता है। अगर आपको एक बार शुरू करने के बाद रुकने में परेशानी होती है, तो डॉक्टर से परामर्श करें। शराब का सेवन करने वाले डायबिटीज के मरीजों को इन स्वास्थ्य समस्याओं के प्रभावों को जानना ज़रूरी है। सबसे ज़रूरी प्रभाव यह है कि इसे पीने से डायबिटीज से पीड़ित मरीजों में रक्त में शर्करा स्तर प्रभावित हो सकता है। अगर सही तरीके से निगरानी नहीं की जाए, तो यह गंभीर हो सकता है। इससे आप जान सकते हैं कि डायबिटीज के साथ शराब आपके शरीर को कैसे प्रभावित करती है या शराब पीने से पहले या बाद में किस तरह का भोजन किया जाना चाहिए और क्यों। खराब के सेवन और डायबिटीज की स्थिति को मैनेज करने के लिए अन्य टिप्स की जानकारी आगे के लेख में दी गई है, जिससे आपको कई समस्याओं से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है। संतुलन में शराब के लिए टिप्सडायबिटीज मरीजों के लिए शराब पीने के कुछ सुझाव निम्नलिखित हैं:
सामान्य से ज़्यादा शराब पीना आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है, खासकर जब आप डायबिटीज के मरीज हैं। शराब आपके रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाकर डायबिटीज के उपचार में रुकावट पैदा कर सकती है। ऐसे में किसी भी डायबिटीज के मरीज को शराब पीने से परहेज़ करना चाहिए। हालांकि, अगर वह शराब पीते भी हैं, तो इसकी बहुत कम मात्रा
लें। अगर आप इस विषय से जुड़ी या डायबिटीज़ उपचार, ऑनलाइन थेरेपी, हाइपटेंशन, पीसीओएस उपचार, वजन घटाने और फिजियोथेरेपी पर ज़्यादा जानकारी चाहते हैं, तो मंत्रा केयर की ऑफिशियल वेबसाइट mantracare.org पर जाएं या हमसे +91-9711118331 पर संपर्क करें। आप हमें [email protected] पर मेल भी कर सकते हैं। आप हमारा फ्री एंड्रॉइड ऐप या आईओएस ऐप भी डाउनलोड कर सकते हैं। मंत्रा केयर में हमारी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों और
कोचों की एक कुशल और अनुभवी टीम है। यह टीम आपके सभी सवालों का जवाब देने और परेशानी से संबंधित ज़्यादा जानकारी देने के लिए हमेशा तैयार है। इससे आपको अपनी ज़रूरतों के हिसाब से सबसे अच्छे इलाज के बारे में जानने में मदद मिलती है। शुगर में शराब कितनी पीनी चाहिए?डायबिटीज में शराब नहीं पीना चाहिए, क्योंकि यह आपकी स्थिति को और भी गंभीर कर सकता है। शराब में हाई कार्ब्स और कैलोरीज होते हैं, जिससे कि यह आपके ब्लड शुगर लेवल को बहुत ज्यादा बढ़ा सकता है। मधुमेह में शराब पीने से यह दवाई के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है। इससे पैंक्रियाज और लिवर को नुकसान हो सकता है।
क्या शराब से मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है?डायबिटीज में शराब पीने से डिहाइड्रेशन बढ़ सकता है, इससे हाई ब्लड शुगर का लेवल सीधा किडनी पर असर करता है. -डायबिटीज में शराब पीने से टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा बढ़ सकता है.
1 दिन में कितनी शराब पीना चाहिए?शराब कितनी मात्रा में पीनी चाहिए
Healthdirect.gov.au के मुताबिक, वयस्कों को शराब के जोखिम से बचे रहने के लिए एक हफ्ते में 10 ड्रिंक से अधिक और एक दिन में चार ड्रिंक से अधिक नहीं पीनी चाहिए. एक स्टैन्डर्ड ड्रिंक का साइज 330 ml बीयर और 30 ml हार्ड अल्कोहल (व्हिस्की, जिन आदि) और 150 ml वाइन (रेड और व्हाइट) होता है.
बियर पीने से शुगर बढ़ता है क्या?इसमें एल्कोहल होता है जो कुछ हद तक ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है. डायबिटीज से जूझ रहे लोगों के लिए बीयर पीना फायदेमंद साबित हो सकता है. यह इन्सुलिन रेजिस्टेंस को कम करता है और बीयर से लोगों को डायबिटीज का खतरा कम हो जाता है.
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