स्वतंत्रता आंदोलन में क्रांतिकारियों का योगदान निबंध - svatantrata aandolan mein kraantikaariyon ka yogadaan nibandh

भारत के स्वतंत्रता संग्राम की महिला नायक

  • 18 Aug 2022
  • 10 min read

प्रिलिम्स के लिये:

नारी शक्ति, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, रानी लक्ष्मीबाई, झलकारी बाई, दुर्गा भाभी, रानी गैदिन्ल्यू, बेगम हज़रत महल।

मेन्स के लिये:

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं का योगदान।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में प्रधानमंत्री ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में महिला स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी।

स्वतंत्रता संग्राम में महिला नायकों की भूमिका:

महिला नायक

स्वतंत्रता संग्राम में योगदान

स्वतंत्रता आंदोलन में क्रांतिकारियों का योगदान निबंध - svatantrata aandolan mein kraantikaariyon ka yogadaan nibandh

रानी लक्ष्मीबाई

  • झाँसी रियासत की रानी, रानी लक्ष्मीबाई को वर्ष 1857 में भारत की स्वतंत्रता के पहले युद्ध में उनकी भूमिका के लिये जाना जाता है।
  • वर्ष 1835 में जन्मी मणिकर्णिका तांबे ने झाँसी के राजा से शादी की।
  • दंपति ने राजा की मृत्यु से पहले दामोदर राव को अपने बेटे के रूप में अपनाया, जिसे ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने हड़प नीति के अनुसार कानूनी वारिस के रूप में स्वीकार करने से इनकार कर दिया और झाँसी पर कब्ज़ा करने का फैसला किया।
    • वर्ष 1848 से 1856 तक भारत के गवर्नर-जनरल के रूप में लॉर्ड डलहौजी द्वारा व्यापक रूप से पालन की जाने वाली हड़प नीति एक विलय नीति थी।
  • अपने क्षेत्र को सौंपने से इनकार करते हुए रानी ने उत्तराधिकारी की ओर से शासन करने का फैसला किया और बाद में वर्ष 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह में शामिल हो गई।
  • जनरल ह्यूज रोज़ के नेतृत्व में, ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने जनवरी 1858 तक बुंदेलखंड में अपना जवाबी हमला शुरू कर दिया था।
  • दामोदर राव को अपनी पीठ के पीछे बाँधकर घोड़े पर सवार होकर, उसने अकेले ही अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी।
  • उसने तात्या टोपे और नाना साहब की मदद से ग्वालियर के किले पर विजय प्राप्त की।
  • अंग्रेजों के घेरे में आकर वह झाँसी के किले से भाग निकली। वह ग्वालियर के फूल बाग के पास लड़ाई में घायल हो गई थी, जहाँ बाद में उसकी मौत हो गई।

स्वतंत्रता आंदोलन में क्रांतिकारियों का योगदान निबंध - svatantrata aandolan mein kraantikaariyon ka yogadaan nibandh

झलकारी बाई

  • रानी लक्ष्मीबाई की महिला सेना में एक सैनिक, दुर्गा दल, रानी के सबसे भरोसेमंद सलाहकारों में से एक बन गया।
  • वह रानी को खतरे से बचाने के लिये अपनी जान जोखिम में डालने हेतु जानी जाती है।
  • आज तक बुंदेलखंड के लोग उनकी वीरता की गाथा को याद करते हैं, और उन्हें अक्सर बुंदेली पहचान के प्रतिनिधि के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
  • इस  क्षेत्र के कई दलित समुदाय उन्हें भगवान के अवतार के रूप में देखते हैं और उनके सम्मान में हर साल झलकारीबाई जयंती भी मनाते हैं।

स्वतंत्रता आंदोलन में क्रांतिकारियों का योगदान निबंध - svatantrata aandolan mein kraantikaariyon ka yogadaan nibandh

दुर्गा भाभी

  • दुर्गावती देवी, जिन्हें दुर्गा भाभी के नाम से जाना जाता था, एक क्रांतिकारी थीं, जो औपनिवेशिक शासन के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष में शामिल हुईं।
  • ये नौजवान भारत सभकी सदस्या भी थीं तथा इन्होंने वर्ष 1928 में ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन पी. सॉन्डर्स की हत्या के बाद भगत सिंह को लाहौर से भेष बदलकर भागने में मदद की।
  • इसी क्रम में रेलयात्रा के दौरान, दुर्गावती और भगत सिंह ने अंग्रेजों के सामने अपने आप को युगल एवं  के राजगुरु को उनके नौकर के रूप में प्रस्तुत किया।
    • बाद में, भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की फाँसी का बदला लेने के लिये, इन्होंने पंजाब के पूर्व राज्यपाल लॉर्ड हैली की हत्या करने का प्रयास किया जिसमें ये असफल रहीं।
  • वर्ष 1907 में इलाहाबाद मेंं इनका जन्म हुआ और इन्होंने हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) के सदस्य भगवती चरण वोहरा से शादी की और अन्य क्रांतिकारियों के साथ दिल्ली में एक बम फैक्ट्री का भी संचालन किया था।

स्वतंत्रता आंदोलन में क्रांतिकारियों का योगदान निबंध - svatantrata aandolan mein kraantikaariyon ka yogadaan nibandh

रानी गैदिनल्यू

  • वर्ष 1915 में वर्तमान मणिपुर में जन्मी रानी गैदिनल्यू एक आध्यात्मिक नगा और राजनीतिक नेता थीं, जिन्होंने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी थी।
  • वह हेरका धार्मिक आंदोलन में शामिल हो गईं जो बाद में अंग्रेजों को देश से बाहर निकालने वाला एक आंदोलन बन गया।
  • इन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ विद्रोह कर दिया और करों का भुगतान करने से इंकार कर दिया तथा लोगों से भी ऐसा करने के लिये कहा।
  • इन्हें पकड़ने के लिये अंग्रेजों ने एक तलाशी अभियान शुरू किया, लेकिन फिर भी वह गिरफ्तारी से बच गईं ।
  • गैदिनल्यू को अंततः वर्ष 1932 में गिरफ्तार कर लिया गया था तब वह केवल 16 वर्ष की थी और बाद में उन्हें आजीवन कारावास की सज़ा दी गई ।
  • वह वर्ष 1947 में जेल से रिहा हुई थीं तथा तत्कालीन  प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने गैदिनल्यू को "पहाड़ियों की बेटी" के रूप में वर्णित किया, और उनके साहस के लिये उन्हें 'रानी' की उपाधि दी। 

स्वतंत्रता आंदोलन में क्रांतिकारियों का योगदान निबंध - svatantrata aandolan mein kraantikaariyon ka yogadaan nibandh

बेगम हज़रत महल

  • इनके पति एवं अवध के नवाब वाज़िद अली शाह को वर्ष 1857 के विद्रोह के बाद निर्वासित कर दिया गया था, बेगम हज़रत महल ने अपने समर्थकों के साथ अंग्रेजों को भगाकर अवध पर नियंत्रण स्थापित कर लिया था परंतु औपनिवेशिक शासकों द्वारा इस क्षेत्र पर पुनः नियंत्रण करने के बाद इन्हें पीछे हटने के लिये मज़बूर होना पड़ा।

स्वतंत्रता आंदोलन में क्रांतिकारियों का योगदान निबंध - svatantrata aandolan mein kraantikaariyon ka yogadaan nibandh

रानी वेलु नचियार

  • वर्ष 1857 के विद्रोह से कई वर्ष पूर्व, वेलु नचियार ने अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध छेड़ा और इसमें विजयी हुईं।
  • वर्ष  1780 में रामनाथपुरम में जन्मी, उनका विवाह शिवगंगई के राजा से हुआ था।
  • ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ युद्ध में अपने पति के मारे जाने के बाद उन्होंने संघर्ष में प्रवेश किया तथा पड़ोसी राजाओं के समर्थन से विजय प्राप्त कीं।
  • उन्होंने पहले मानव बम का निर्माण किया साथ ही  वर्ष 1700 के दशक के अंत में प्रशिक्षित महिला सैनिकों की पहली सेना की स्थापना की।
  • माना जाता है कि उनके सेना कमांडर कुयली ने खुद को आग लगा ली  तथा ब्रिटिश गोला बारूद के ढेर में चली गई थी।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षो के प्रश्न (PYQs):

प्रिलिम्स:

प्रश्न. भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के संदर्भ में उषा मेहता की ख्याति

(a) भारत छोड़ो आंदोलन की वेला में गुप्त कांग्रेस रेडियो चलाने हेतु है
(b) द्वितीय गोल मेज सम्मेलन में सहभागिता हेतु है
(c) आजाद हिंद फौज की एक टुकड़ी का नेतृत्व करने हेतु है
(d) पंडित जवाहरलाल नेहरू की अंतरिम सरकार के गठन में सहायक भूमिका निभाने हेतु है

उत्तर: a

  • उषा मेहता भारत के सबसे प्रमुख गांधीवादियों में से एक थीं। वर्ष 1920 में सूरत (गुजरात) में जन्मी मेहता मात्र आठ वर्ष की आयु में स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गईं, जब उन्होंने साइमन कमीशन के खिलाफ मार्च किया था।
  • 14 अगस्त, 1942 को मेहता ने अपने सहयोगियों के साथ गुप्त कांग्रेस रेडियो की शुरुआत की। रेडियो ने गांधी और कई अन्य नेताओं के आवाज संदेशों को जनता के लिये प्रसारित किया। सरकार द्वारा गिरफ्तार करने से बचने के लिये प्रत्येक प्रसारण के बाद स्टेशन का स्थान बदल दिया जाता था। गुप्त रेडियो को वयोवृद्ध समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया ने भी सहायता प्रदान की थी। अतः विकल्प (a) सही उत्तर है

स्रोत : इंडियन एक्सप्रेस

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में क्रांतिकारियों की क्या भूमिका रही?

क्रांतिकारियों ने अपने गुप्त संगठन बनाये, हथियार एकत्र किये, सरकारी खजानों को लूटा तथा बदनाम अंग्रेज अफसरों और देशद्रोहियों की हत्याएं की. इनकी गतिविधियां सबसे अधिक तेज महाराष्ट्र, बंगाल और पंजाब में थी. देश के अन्य भागों एवं विदेशों में भी क्रांतिकारी संगठन बनाये गये थे.

भारत में क्रांतिकारी आंदोलन के प्रमुख नायक कौन थे?

क्रांतिकारी आंदोलन बंगाल से पहले महाराष्ट्र में प्रारंभ हो गया था। महाराष्ट्र में क्रांतिकारी आंदोलन के नेता चापेकर बंधु विनायक दामोदर सावरकर एवं उनके भाई गणेश सावरकर तथा श्यामजी कृष्ण वर्मा थे। लोकमान्य तिलक के बंदी बनाए जाने पर महाराष्ट्र में क्रांतिकारी आंदोलन का उदय हुआ।

भारत के प्रथम क्रांतिकारी कौन थे?

वासुदेव बलवंत फड़के का जन्म 4 नवंबर, 1845 को महाराष्ट्र के रायगड जिले के शिरढोणे गांव में हुआ था. ब्रिटिश सरकार के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का संगठन करने वाले फड़के भारत के पहले क्रांतिकारी थे. उन्होंने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की विफलता के बाद आज़ादी के महासमर की पहली चिनगारी जलाई थी.

देश की आजादी में सबसे बड़ा योगदान किसका है?

भारत की आजादी में सबसे बड़ा योगदान किसका रहा ? फांसी के फंदों को चूमते हुए आत्मबलिदान माँ भारती के अमर सपूतों के द्वारा हमें आजादी प्राप्त हुई। इसमें नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी और उनकी आजाद हिन्द फौज का भी सबसे बड़ा योगदान रहा है। नेता जी सुभाष चन्द्र बोस अमर रहें।