सिद्ध कीजिए कि मुक्त रूप से गिरते हुए पिंड की कुल यांत्रिक ऊर्जा सदैव संरक्षित रहती है - siddh keejie ki mukt roop se girate hue pind kee kul yaantrik oorja sadaiv sanrakshit rahatee hai

यांत्रिक ऊर्जा संरक्षण का नियम (conservation of mechanical energy in Hindi)

जब बल संरक्षी होता है तो कण की यांत्रिक ऊर्जा नियत रहती है। अतः
कुल ऊर्जा = गतिज ऊर्जा + स्थितिज ऊर्जा = नियत
\footnotesize \boxed { E = K + U = नियत }

माना m द्रव्यमान का कोई पिंड है जो पृथ्वी से h ऊंचाई पर बिंदु A पर स्थित है। जब पिंड गुरुत्व के आधीन मुक्त रूप से गिरना प्रारंभ करता है तो बिंदु A पर पिंड का वेग शून्य होता है तो पिंड की –

बिंदु A पर
गतिज ऊर्जा K = 0
स्थितिज ऊर्जा U = mgh
तब पिंड की कुल ऊर्जा = गतिज ऊर्जा + स्थितिज ऊर्जा
पिंड की कुल ऊर्जा = 0 + mgh
पिंड की कुल ऊर्जा = mgh    समी.①

बिंदु B पर
चित्र में बिंदु B बिंदु A से x मीटर नीचे की ओर है यदि पिंड का वेग v है तब गति के तृतीय समीकरण से
v2 = u2 + 2gx
चूंकि प्रारंभिक वेग u शून्य है तो
v2 = 0 + 2gx
v2 = 2gx
पिंड की गतिज ऊर्जा K = \large \frac{1}{2} mv2
v2 का मान रखने पर पिंड की गतिज ऊर्जा
K = \large \frac{1}{2} m × 2gx
K = mgx
पिंड की स्थितिज ऊर्जा U = mg(h – x)
U = mgh – mgx
अतः बिंदु B पर संपूर्ण ऊर्जा E = K + U
E = mgx + mgh – mgx
E = mgh    समी.②

बिंदु C पर
पृथ्वी के निकट बिंदु C पर यदि वेग v’ है तो
v’2 = u2 + 2gh
v’2 = 0 + 2gh
v’2 = 2gh
पिंड की गतिज ऊर्जा K = \large \frac{1}{2} mv’2
K = \large \frac{1}{2} m × 2gh
K = mgh
पिंड की स्थितिज ऊर्जा U = mgh
U = mg × 0
U = 0
अतः बिंदु C पर संपूर्ण ऊर्जा E = K + U
E = mgh + 0
E = mgh    समी.③

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अर्थात् समीकरण ①, ② तथा ③ से स्पष्ट है कि वस्तु के प्रत्येक बिंदु पर गतिज ऊर्जा एवं स्थितिज ऊर्जा का योग सदैव नियत रहता है। अतः गुरुत्वीय बल के अंतर्गत वस्तु की कुल यांत्रिक ऊर्जा नियत रहती है।

Friday, 24 September 2021

सवाल: सिद्ध कीजिए मुक्त रूप से गिरती किसी वस्तु की कुल यांत्रिक ऊर्जा अचर रहती है?

किसी भी सुरक्षित बलों के लिए करण का गतिज ऊर्जा और स्थितिज ऊर्जा का योग नियत होता है, संरक्षी बल उसे कहते हैं। जिस प्रकार के बलों के द्वारा किया गया कार्य पद पर ही निर्भर नहीं करता है, बल्कि अंतिम स्थित और अंतिम स्थिति पर ही निर्भर करता है, उदाहरण गुरुत्वाकर्षण बल।

जब हम किसी वस्तु को ऊपर से नीचे गिर आते हैं उसके भी तीन स्थिति होती हैं हम तीनों स्थिति का नाम A B C रखते हैं A और B  के मध्य x और B और C के मध्य (h-x) गुरुत्वाकर्षण बल स्थिति की गतिज ऊर्जा बराबर होती है। 

स्थिति A में  स्थितिज ऊर्जा = mgh है।

गतिज ऊर्जा = 1/2 mv2 जिसमें कि  v=0 हैं। 

संपूर्ण ऊर्जा = स्थितिज ऊर्जा + गतिज ऊर्जा है। 

तो ऐसे में संपूर्ण ऊर्जा का मान गतिज ऊर्जा बराबर होता है। 

स्थिति B मे 

स्थितिज ऊर्जा = mg(h-x) है।  गतिज ऊर्जा = 1/2 mv2 

जोकि न्यूटन के तीन नियम के अनुसार V2 = u2 +2as

V2= 0 +2gx है। तो गतिज ऊर्जा = 1/2 m× 2gx होगी। तो संपूर्ण ऊर्जा = स्थितिज ऊर्जा + गतिज ऊर्जा है। 

संपूर्ण ऊर्जा = mg(h-x) + mgx होगी।

संपूर्ण ऊर्जा = mgh

स्थिति C में 

स्थितिज ऊर्जा = mgh

गतिज ऊर्जा = 1/2 mv2

न्यूटन का तीसरे नियम के अनुसार v2= u2 +2as

V2 = 0 + 2×g×h

तो गतिज ऊर्जा = 1/2 m ×2th

संपूर्ण ऊर्जा = स्थितिज ऊर्जा +  गतिज ऊर्जा 

संपूर्ण ऊर्जा = mgh

सिद्ध कीजिए कि मुक्त रूप से गिरते हुए पिंड की कुल यांत्रिक ऊर्जा सदैव संरक्षित रहती है - siddh keejie ki mukt roop se girate hue pind kee kul yaantrik oorja sadaiv sanrakshit rahatee hai

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यांत्रिक ऊर्जा संरक्षण का सिद्धांत क्या है सिद्ध कीजिए कि मुक्त रूप से गुरुत्व बल के अंतर्गत गिरते पिन में पद के प्रत्येक बिंदु पर गतिज ऊर्जा स्थितिज ऊर्जा का योग सदैव स्थिर रहते हैं तो देखे दोस्तों प्रश्न पहले क्या बोला यांत्रिक ऊर्जा संरक्षण का सिद्धांत क्या है 30 को अब लिखते हैं दोस्तों ठीक है तो यह सिद्धांत क्या होता है दोस्तों किसी भी सुरक्षाबलों के लिए कार्ड का गतिज ऊर्जा और स्थिति ऊर्जा का योग नियत रहता है

ठीक है दोस्तों तू यही यांत्रिक ऊर्जा संरक्षण का सिद्धांत है दोस्तों ठीक है किसी भी संरक्षी बल के लिए कड़का गति जुड़े स्थितिज ऊर्जा के योग नियत रहते हैं ठीक है दोस्तों अब यहां पर एक चीज और है दोस्तों संरक्षी बल क्या होता है ठीक है तो सर अच्छी बलम किसको बोलते हैं इस प्रकार इस प्रकार के बलों द्वारा किया गया कार्य बात पर निर्भर नहीं करता है बल्कि अंतिम स्थिति

और प्रारंभिक स्थिति पर निर्भर करता है उदाहरण गुरुत्वाकर्षण बल ठीक है सर अच्छी बाल्टी का दोस्तों आप यहां पर देखिए दोस्तों यहां पर हम को क्या बोला है सिद्ध करना है कि मुक्त रूप से गुरुत्व बल के अंतर्गत गिरते पिंड में ठीक है प्रत्येक बिंदु पर गति जो ऐसे थे जो जवान सर्विस थी रहता है हम कोशिश करना मुक्त रूप से मतलब होता है दोस्तों पृथ्वी के गुरुत्व के अधीन आती ठीक है तो देश चली स्कूल में एक चित्र बनाता हूं यह माल हो तो यह क्या एक वस्तु के तीन स्थिति हमने याद आता ठीक है जब वस्तु से ऊपर कैसे गिराया जा रहे हैं ठीक है यदि उचित की स्थिति में ठीक है फिर उसके बाद यह भी

निष्का किस चीज से धीमा लो यहां पास है ठीक है और यह फिर अंतिम स्थिति उसके प्रति में पहुंचता है ठीक है तो मालूम शुरू में यह जो वस्तु है एक ऊंचाई पर स्थित ठीक है दोस्तों तो यह जो है यहां से मार लो एक्स दूरी तय है कि दोस्तों ठीक है या अजमल एक दूरी तय की तो यह दूरी कितना हो जाएगा दोस्तों मारा तो यह दूरी हमारा कितना होगा दोस्तों ठीक है मालूम यह धरती पर अभी पहुंच गई है ठीक है इसको हम लोग यह मेरा क्या हो जाएगा एच माइनस एक्स ठीक है दोस्तों अब देखिए दोस्तों यहां पर हम लोग अलग-अलग स्थिति के लिए निकालते हैं माल हो यह स्थिति है यह भी स्थिति है ऐसी स्थिति है ठीक है तो इस स्थिति ए के लिए हम लोग पहले निकालते हैं दोस्तों ठीक है

तो यहां पर देखते हैं दोस्तों स्थितिज ऊर्जा यहां पर क्या मिलेगा यहां पर हमारे स्थितिज ऊर्जा क्या है तो उसको देखिए अभी यह उच्चतम बिंदु पर एक ठीक है दोस्तों अब यह मान लो इस तीर अवस्था में ठीक है यहां पर ही स्थिर अवस्था में भी रखा हुआ है ठीक है तो इसकी स्थितिज ऊर्जा क्या दोस्तों देखिए यह सूत्रों को मिलता है एम जी एम यापस क्या जो वस्तु का द्रव्यमान होता है जी हमारा गुरुत्वीय त्वरण है और एक देकर पृथ्वी सतह से जुड़ जाइए ठीक है दोस्तों अब यहां पर गतिज ऊर्जा क्या हो जाएगा दोस्तों यहां पर देखे तो तो अभी वस्तु जो है यहां पर मैंने बताया भी इस धीरे ठीक है यहां पर कोई गति नहीं है तो जब गति जीरो का दोस्तों तो हमको क्या मिलेगा जैसे गतिज ऊर्जा का सूत्र एक बटा दो एम बी का वर्ग ठीक है वहां पर क्या बताता है उसके गति को यह तो अभी सुननी है

ठीक है यह हमको क्या मिलेगा स्थितिज ऊर्जा 0 मिलेगा क्योंकि अभी जो है ठीक है हां गति क्या है सोनिया ठीक है तो यहां पर संपूर्ण और जाम को क्या मिले दोस्तों संपूर्ण ऊर्जा इन दोनों के योग के बराबर होता है ना ही स्थिति ऊर्जा और गतिज ऊर्जा पर यह कितना मिल जाएगा दोस्तों हम को एमजीएच के ही बराबर मिलेगा क्योंकि गतिज ऊर्जा तो सुननी है ठीक है दोस्तों तो देखिए दोस्तों स्थिति स्थिति में जो संपूर्ण उठ जा हम को एमजीएच मिले ठीक है अब देखते हैं स्थिति भी स्थिति भी में क्या होगा स्थिति स्थितिज ऊर्जा देखते हैं दोस्तों यह देखिए हमारे यह जो चित्र ही स्थिति में देखे दोस्तों पृथ्वी से देखिए अब यह कितना ऊंचा है एच माइनस 1 ठीक है 30 की स्थितिज ऊर्जा के आ जाएगी

एम जी एच माइनस एक्स ठीक है दोस्तों गतिज ऊर्जा क्या होगी गतिज ऊर्जा का सूत्र हमारा क्या होता है एक बटा दो एम बी का वार है क्या ठीक है यहां पर देखेगा तो भी का वर्गमूल निकालने के लिए क्या करेंगे न्यूटन का हमारा जो तृतीय समीकरण थी उसको उपयोग करेंगे ठीक है तो न्यूटन का द्वितीय समीकरण क्या होता है दोस्तों रिकर्व वर्ग बराबर यू का वर्ग 2 एस ठीक है तो यहां पर हम को देखिए यू हमारे यहां पर क्या है प्रारंभिक वेग a30 होगा दोस्तों ठीक है और तू यह हमारा तुम्हारा होता है तो त्वरण क्या है दोस्ती में धरती के नीचे आ रही है तो धनात्मक

लेंगे हे हमारे क्या हो जाएगा यह देखिए यहां से जो आ रही है यह दूरी तय है कि ना एक्स दूरी शोरूम पहले बस तू यहां थी अब यह एक जूरी की ठीक है तो एक से यहां पर आ जाएगा ठीक है दोस्तों तो देखिए बी स्क्वायर बराबर हमको क्या मिल गया टू जीएसटी का अभिमान को यहां पर यह जमाना है यहां पर हम लोग रखते हैं तो कृति सुरजा क्या जाएगी तो तुम्हारी तो गतिज ऊर्जा मारे आ जाएगी एक बटा दो m20 करके जगह से को लिख देते हैं 2G एक्स ठीक है तो यह देखिए 22 कट गया तो क्या मिला एमजीएक्स ठीक है दोस्तों तो देखिए आप यहां पर अगर हम लोग संपूर्ण ऊर्जा निकालते हैं दोस्तों को क्या मिलेगा संपूर्ण उर्जा बराबर भैया स्थितिज ऊर्जा गतिज ऊर्जा ठीक है स्थिति

और जा धन गतिज ऊर्जा की स्थितिज ऊर्जा मारे क्या है एम जी एच माइनस एक्स और गतिज ऊर्जा एनजीएक्स तो कितना जाएगा दोस्तों एमजीएच -6 अंदर बुला कर दिए ng16 देखिए कट जाएगा एमजीएक्स ठीक है हम को क्या मिला दोस्तों एमजीएच तो देखिए दोस्तों इस बिंदु पर भी हमको संपूर्ण ऊर्जा हैंजीएक्सइन मिला है ठीक है अब हम लोग देखते हैं हमारे स्थिति सी ठीक है स्थिति सी परसी मतलब पृथ्वी सतह पर यह देखे यह जो स्थिति सी यादव तो ठीक है यहां पर देखे धोती स्थिति मुझे क्या होगा अब यह प्रीति सत्ता में आ गया तो यहां ऊंचाई क्या है सुनने ऐसी स्थिति में जाके हो जाएगी सुनने हो जाएगी ठीक है तो यहां से क्या होगा दोस्तों

स्थितिज ऊर्जा यहां पर क्या जाएगी mgh2 सूत्र होता है दोस्तों लेकिन यह क्या है एक हमारे सोनिया है तो यह क्या जाएगा सुनाया जाएगा ठीक है गतिज ऊर्जा क्या क्या आएगी दोस्तों हमारा सूत्र क्या होता है एक बटा दो वीक वर्ग ठीक है तो यहां से फिर वही न्यूटन का जो क्या है तृतीय समीकरण जी का वर्ग बराबर यू का वर्ग धन दो ऐसे सूत्र होता है ठीक है तो यहां से हमको क्या मिलेगा दोस्तों देखिए प्रारंभिक वेग सुनने आता हमारा ठीक है तू एक हमारे क्या है जी है और इस समय क्या जाएगा टोटल क्या है दोस्तों

एक दूरी अब तय करेगी हम ऊपर से यह धरती पर आ जाएगी तो तो क्या या 2G h2b का वर्क 2gh आया 20 महान को यहीं रख देते हैं दोस्तों की कितना जाएगा हमारा गतिज ऊर्जा एक बटा दो एवं 2gh ठीक है यह देखिए टूटू यहां फिर कट गया तुमको क्या मिला दोस्तों एमजीएच ठीक है तो हमारी कुल ऊर्जा यहां पर कितनी दोस्तों संपूर्ण ऊर्जा संपूर्ण उर्जा बराबर क्या होता है स्थितिज ऊर्जा ध्यान गतिज ऊर्जा इसी दूर जाकर आए स्थिति थी पर सुननी है और गतिज ऊर्जा एमजीएच मिला तीन जनों को जोड़ेंगे तो कितना आएगा दोस्तों एमजीएस तो देखिए तो तो यहां भी क्या मिला संपूर्ण उठ जा

म्हारा संपूर्ण पुजारी के यहां पर एमजीएच मिला तो देखिए दो तो तीनों स्थिति में हम को क्या मिलने संपूर्ण उठ जा यहां भी देखिए एमजीएच मिला और यहां भी एमजीएच मिला तो इस तरह से क्या हुआ दोस्तों यह सिद्ध होता है कि हमारा मुक्त रूप से गुरुत्व केंद्र के अंतर्गत गिरते पैनल प्रत्येक लोग गतिज ऊर्जा स्थिति में जाके जो समान होता है ठीक है दोस्तों धन्यवाद

पृथ्वी की ओर मुक्त रूप से गिरने वाले पिंड की कुल ऊर्जा में क्या परिवर्तन होगा?

चूँकि कुल ऊर्जा हमेशा स्थिर रहती है, कुल ऊर्जा जब एक शरीर पृथ्वी की ओर स्वतंत्र रूप से गिरती है तो वह समान रहती है।

* मुक्त अवस्था गिरने वाली वस्तु की कुल ऊर्जा का क्या होता है ?*?

संक्षेप में, किसी वस्तु में उसकी गति के कारण निहित ऊर्जा को गतिज ऊर्जा कहते हैं। किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा उसकी चाल के साथ बढ़ती है। कह सकते हैं कि किसी निश्चित वेग से गतिशील वस्तु की गतिज ऊर्जा उस वस्तु पर इस वेग को प्राप्त करने के लिए किए गए कार्य के बराबर है।

मुक्त रूप से गिरता एक पिंड धरती तक पहुंचने पर रुक जाता है इसकी गतिज ऊर्जा का क्या होता है?

Expert-verified answer उत्तर : मुक्त रूप से गिरता एक पिंड अंतत: धरती तक पहुँचने पर रूक जाता है तो इसकी गतिज उर्जा का अन्य प्रकार की ऊर्जा में रूपांतरण हो जाता है। इससे ऊष्मा ऊर्जा , ध्वनि ऊर्जा तथा प्रकाश ऊर्जा उत्पन्न हो सकती है। अंत में वह स्थितिज ऊर्जा में रूपांतरित हो जाती है।

किसी पिंड की यांत्रिक ऊर्जा से क्या तात्पर्य है?

किसी पिंड में उसकी गति ( गतिज ऊर्जा) अथवा स्थिति ( स्थितिज ऊर्जा) के कारण कार्य करने की जो क्षमता होती है वह पिंड की यांत्रिक ऊर्जा कहलाती है ।