पृथ्वी पर कितने प्रकार की जलवायु मिलती है? - prthvee par kitane prakaar kee jalavaayu milatee hai?

जलवायु के प्रकार: 12 प्रमुख जलवायु क्षेत्र | Climate Types: 12 Major Climate Territories in Hindi

किसी क्षेत्र में मौसम की एक लंबी अवधि का औसत जलवायु कहा जाता है । इसके लिए सामान्यतः 35 वर्ष की अवधि ली जाती है । विश्व के विभिन्न प्रदेशों में भिन्न-भिन्न प्रकार की जलवायु पाई जाती है । इनकी पहचान जिन प्रमुख तत्वों के आधार पर की जाती हैं, वे हैं तापमान, वर्षा तथा वाष्पीकरण ।

तापमान के आधार पर पृथ्वी की जलवायु को तीन मुख्य वर्गों में रखा जा सकता है-उष्णकटिबंधीय, शीतोष्ण कटिबंधीय तथा ध्रुवीय । वर्षा के आधार पर शुष्क, आर्द्र, ऋतुवत् शुष्क तथा ऋतुवत् आर्द्र जलवायुविक प्रकारों की पहचान की जा सकती है ।

पृथ्वी पर कितने प्रकार की जलवायु मिलती है? - prthvee par kitane prakaar kee jalavaayu milatee hai?

वाष्पीकरण का नियंत्रण तापमान से होता है । जहाँ वाष्पीकरण वर्षा से अधिक होती है, वहाँ शुष्क जलवायु मिलती है । यह संबंध न सिर्फ वार्षिक स्तर पर बल्कि ऋतुवत् स्तर पर भी देखा जा सकता है । विश्व को विभिन्न जलवायु प्रदेशों में बाँटने के अनेक प्रयास हुए हैं ।

आस्ट्रिया के जलवायु वैज्ञानिक ‘कोपेन’ प्रथम व्यक्ति थे जिन्होंने वैज्ञानिक आधारों पर जलवायु के वर्गीकरण एवं उसके अनुसार विश्व के विभिन्न जलवायु प्रदेशों को दिखाने का प्रयास किया । उन्होंने अपने वर्गीकरण के लिए ‘डी-कैन्डोल’ के वनस्पति प्रदेशों को आधार बनाया क्योंकि वनस्पतियों के वितरण से तापमान व वर्षा का वितरण भी जुड़ा हुआ है ।

सामान्य रूप से संसार को 12 प्रमुख जलवायु प्रदेशों में बांटा जा सकता है:

Type # 1. विषुवतरेखीय या भूमध्यरेखीय जलवायु (Tropical or Equatorial Climate):

इस प्रदेश की जलवायु में सालों भर तापमान ऊँचा रहता है और शरद नाम की ऋतु नहीं होती । पूरे वर्ष औसत तापमान 27०C रहता है । अधिकतम वार्षिक तापांतर 5०C होता है । दैनिक तापांतर भी 12०C से कम ही रहता है । वायु की सापेक्षिक आर्द्रता 80 प्रतिशत से अधिक रहती है । वर्षा संवहनीय प्रकार की है एवं सालों भर होती है । वार्षिक वर्षा 200 सेमी. से अधिक होती है ।

Type # 2. उष्ण मानसूनी या भारतीय प्रकार की जलवायु (Tropical Monsoon or Indian Type of Climate):

इस प्रदेश की जलवायु में जाड़े व गर्मी की दो स्पष्ट व अलग-अलग ऋतुएँ होती है, साथ ही वर्षा की भी एक अलग ऋतु होती हैं । गर्मियों में तापमान 27०C से अधिक (35०C से 40०C तक) चला जाता है तो जाड़े में 10०C तक नीचे भी उतर आता है । वार्षिक तापांतर लगभग 15०C मिलता है ।

वर्षा की भी एक स्पष्ट ऋतु मिलती है जो गर्मियों के तुरंत बाद होती है । वर्षा मुख्यतः जून से सितम्बर के बीच होती है जो काफी अनिश्चितता की प्रवृति रखती है । जाड़े की ऋतु प्रायः शुष्क होती है । औसत वार्षिक वर्षा सामान्यतः 40 से 200 सेमी. तक होती है ।

Type # 3. सूडानी या सवाना प्रदेश की जलवायु (Climate of Savanna Region):

सामान्यतः 10०-30० अक्षांशों तक विस्तृत इस जलवायु प्रदेश में वर्ष भर उच्च तापमान (18०C से अधिक) मिलता है एवं वार्षिक तापांतर 10०C तक पाया जाता है । ग्रीष्म ऋतु में यहाँ विषुवतीय जलवायु से भी अधिक तापमान रहता है ।

सामान्य रूप से इस जलवायु में औसत मासिक तापमान 20०C से 30०C रहता है । दैनिक तापांतर भी अधिक होता है । वार्षिक वर्षा 25 सेमी. से 100 सेमी. तक होती है । वर्षा गर्मियों में होती है । विषुवतीय सीमांतों पर एवं समुद्रतटीय भागों में अधिक वर्षा होती है । वर्षा में अनिश्चितता की प्रवृति मिलती है ।

Type # 4. उष्ण मरूस्थलीय या सहारा प्रकार की जलवायु (Climate of Sahara Desert):

इस प्रकार की जलवायु का विस्तार साधारण रूप से 15० से 30० अक्षांशों के बीच उष्ण मरूस्थलीय क्षेत्रों में पायी जाती है । जाड़े में औसत तापमान 10०C और गर्मी में 30०C मिलता है । वार्षिक तापान्तर लगभग 20०C तक रहता है । विश्व में सर्वाधिक तापमान उष्ण मरूस्थलों में ही मिलते हैं ।

दैनिक तापांतर अत्यधिक मिलता है क्योंकि यहाँ दिन में तेज गर्मी पड़ती है तथा रात में सर्दी । वर्षा अत्यल्प व अत्यधिक अनिश्चित है । औसत वार्षिक वर्षा 10-12 सेमी. मिलती है ।

Type # 5. भूमध्यसागरीय या रूमसागरीय जलवाय (Mediterranean Climate):

इस प्रकार की जलवायु 30० से 45० अक्षांशों के मध्य भूमध्यसागरीय प्रदेश एवं महाद्वीपों के पश्चिमी तटों पर पाई जाती है । यहाँ गर्मी व जाड़े की दो स्पष्ट ऋतुएँ मिलती है । गर्मियों में अधिक गर्मी नहीं पड़ती एवं औसत तापमान 20०C से 26०C तक पाया जाता है ।

जाड़ों में भी अधिक ठंड नहीं पड़ती एवं औसत तापमान 5०C से 15०C तक मिलते है । वार्षिक तापांतर 10०C से 15०C तक रहता है । दैनिक तापांतर अधिक होता है । वर्षा जाड़ों में होती है और मुख्यतः चक्रवाती प्रकार की है । वार्षिक वर्षा 40 सेमी. से 80 सेमी. तक हुआ करती है ।

Type # 6. शीतोष्ण मरूस्थलीय जलवायु (Temperate Desert Climate):

यह 30०-45० अक्षांशों के मध्य महादेशों के आंतरिक भागों में पाया जाता है । गर्मियों में अधिकतम तापमान 17०C-18०C तक चला जाता है । दैनिक तापान्तर 50०C तक है क्योंकि दिन में तापमान 38०C तक बढ़ आता है जबकि रात में यह हिमांक से भी नीचे उतर आता है ।

वार्षिक तापांतर लगभग 40०C है । वार्षिक वर्षा अत्यल्प है एवं यह मुख्यतः गर्मियों में होती है । अधिकतम वार्षिक वर्षा 20 से.मी. से 30 से.मी. तक है ।

Type # 7. शीतोष्ण मानसून या चीन तुल्य जलवायु (Temperate Monsoon Climate or Climate of China):

ये 30० से 45० अक्षांशों के मध्य महादेशों के पूर्वी भागों में पाए जाते हैं । इस जलवायु में ग्रीष्म काल मे खूब गर्मी पड़ ती है और शीतकाल मे सर्दी भी खूब पड़ती है । औसत तापमान 20०C-22०C तथा वार्षिक तापांतर 12०C-18०C तक मिलता है । वर्षा सालों भर होती है पर मुख्यतः गर्मियों में अच्छी वर्षा होती है । वार्षिक वर्षा 75 से.मी. से 150 तक होती है ।

Type # 8. सेंट लारेंसीय प्रदेश की जलवायु (St. Lawrence Climate):

ये जलवायु क्षेत्र 40० से 60० अक्षांशों के बीच मुख्यतः पूर्वी तटों पर मिलते हैं । इस जलवायु में गर्मी में तापमान 21०C तक मिलता है जबकि जाड़े में यह हिमांक से भी नीचे चला जाता है । इस प्रकार वार्षिक तापांतर अधिक (20०C-40०C) मिलता है ।

वर्षा सालों भर होती हैं पर मुख्यतः गर्मियों में अच्छी वर्षा होती है । वर्षा शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवातों के कारण होती है । औसत वार्षिक वर्षा 75 सेमी. से 100 तापमान सेमी. है ।

Type # 9. शीतोष्णकटिबंधीय घासभूमि प्रदेश या प्रेयरी प्रकार की जलवायु:

यह जलवायु 40० से 60० अक्षांशों के मध्य मिलती हैं । महाद्वीपों के आंतरिक भाग में स्थित होने के कारण यहाँ तापमान की अत्यधिक विषमता पाई जाती है । गर्मी में 26०C तक तापमान मिलता है जबकि जाड़े में यह हिमांक से भी नीचे आ जाता है ।

अपवादस्वरूप दक्षिणी गोलार्ध की शीतोष्ण कटिबंधीय घासभूमियों में जाड़े का औसत तापमान लगभग 10०C बना रहता है जिसका कारण समुद्री प्रभाव है । वार्षिक तापांतर उत्तरी गोलार्द्ध में अधिक (कहीं कहीं 30०C से भी अधिक) एवं दक्षिणी गोलार्ध में कम (15०C) मिलता है ।

वर्षा मामूली तौर पर सालों भर होती है परंतु गर्मियों के प्रारंभ में थोड़ी अधिक देखी जाती है । औसत वार्षिक वर्षा 40 सेमी. से 70 सेमी. तक पाई जाती है । गर्मियों में वर्षा संवहनीय एवं जाड़े में चक्रवाती प्रकार की होती है ।

Type # 10. पश्चिमी यूरोपीय तुल्य जलवायु (Western European Climate):

45०-60० अक्षांशों के मध्य महादेशों के पश्चिमी तटों पर इस प्रकार की जलवायु पायी जाती है । इस प्रकार की जलवायु पर समुद्री प्रभाव बना रहता है । इस कारण न तो इसमें जाड़ों में अधिक सर्दी पड़ती है और न ही गर्मियों में अधिक गर्मी । जाड़े का औसत तापमान 4०C तथा गर्मी का 16०C तक रहता है ।

वार्षिक तापांतर सामान्यतः कम (8०C से 12०C) रहता है जिसका कारण गर्म जलधाराओं और समुद्री पवन का सम्मिलित प्रभाव है । वर्षा पछुआ पवनों के प्रभाव में हर महीने होती है । औसत वार्षिक वर्षा 60 सेमी. से 100 सेमी. है । वर्षा पर्वतीय व चक्रवाती दोनों प्रकार की है ।

Type # 11. साइबेरिया तुल्य या टैगा प्रदेशीय जलवायु (Climate of Siberia):

यह उत्तरी गोलार्द्ध में 45० से 70० अक्षांशों के बीच मिलता है । जाड़े की ऋतु बहुत लंबी (7-8 महीने) होती है एवं तापमान हिमांक से बहुत नीचे उतर आता है । संसार के सबसे ठंडे स्थानों में से एक वरखोयांस्क (Verkhoyansk) यहीं है जहाँ जाड़े में तापमान -50०C तक चला जाता है ।

ग्रीष्म ऋतु 4-5 महीने की होती है एवं सूर्य 18 घंटे से भी अधिक देरी तक चमकता रहता है किन्तु तिरछी किरणों के कारण तापमान अधिक नहीं रहता । संसार में सबसे अधिक वार्षिक तापांतर (50-55०C) यहीं मिलता है ।

वर्षा 25 सेमी. से 50 सेमी. तक हुआ करती है । वर्षा सालों भर होती है परन्तु गर्मियों में इसकी मात्रा थोड़ी अधिक होती है । वर्षा चक्रवातीय व संवहनीय दोनों प्रकार की है ।

Type # 12. शीत मरूस्थल या टुंड्रा प्रदेशीय जलवायु (Climate of Cold Desert):

ये ध्रुवों की ओर मिलते हैं । संसार का न्यूनतम तापमान यहीं मिलता है । जाड़े की ऋतु अत्यधिक लंबी होती है जिसमें रातें बहुत बड़ी व दिन अत्यधिक छोटे होते हैं । सतह प्रायः 10 महीने तक बर्फ से ढकी रहती है । गर्मी के 1-2 महीनों में बर्फ पिघलती है एवं थोड़ी वर्षा भी हो जाती है ।

कितने प्रकार की जलवायु पाई जाती है?

कोपेन के वर्गीकरण के अनुसार भारत में निम्नलिखित छह प्रकार के जलवायु प्रदेश पाए जाते हैं:.
अल्पाइन - (ETh).
आर्द्र उपोष्ण - (Cwa).
उष्ण कटिबंधीय नम और शुष्क - (Aw).
उष्ण कटिबंधीय नम - (Am).
अर्धशुष्क - (BSh).
शुष्क मरुस्थलीय - (BWh).

विश्व में कितने जलवायु प्रदेश पाए जाते हैं उनके नाम?

कारण यहाँ की जलवायु ऊष्ण एवं आर्द्र रहती है। यहाँ वार्षिक तापांतर बहुत कम तथा वर्षा अधिक होती है। आर्द्र जलवायु; (ii) Am उष्णकटिबंधीय मानसून जलवायु और (iii) Aw उष्णकटिबंधीय आर्द्र जलवायु जिसमें शीत ऋतु शुष्क होती है। के साथ और पूर्वी भाग में Cf तथा Cw प्रकार की जलवायु के साथ पाई जाती है।

जलवायु किसे कहते हैं विश्व में कितने प्रकार की जलवायु पाई जाती है?

हवादार या शांत, आसमान बादलों से घिरा या साफ तथा आर्द्र या शुष्क हो सकते हैं। महीनों के औसत वायुमंडलीय अवस्था के आधार पर वर्ष को ग्रीष्म/शीत या वर्षा ऋतुओं में विभाजित किया गया है। विश्व को अनेक जलवायु प्रदेशों में बाँटा गया है।

भारत में कुल कितने जलवायु क्षेत्र हैं?

अंतर्गत भारत में कुल 127 कृषि जलवायविक क्षेत्र पहचाने गए हैं