लोकतंत्र में सरकार की साडी शक्ति किसी एक ान में समिति नहीं रहती यही, बल्कि सरकार के विभिन्न अंगो के बीच सत्ता का बंटवारा होता है। यह बंटवारा सरकार के एक ही स्तर पर होता है। उद्धरण के लिए सरकार के तीनो अंगो-विधायिका कार्यपालिका एवं अय्यपालिका के बीच सत्ता का बंटवारा होता है ओर ये सभी अंग एक ही स्तर पर अपनी अपनी शक्तियों का प्रयोग करके सत्ता में साझेदारी बनते है। सरकार के एक स्तर पर सत्ता के ऐसे बंटवारे को हम सत्ता का क्षैतिज वितरण कहते है। सत्ता में साझेदारी की कार्य-प्रणाली में सरकार के विभिन्न् स्त्रो पर सत्ता का बँटवारा होता है। सत्ता के ऐसे बंटवारे को हम सत्ता का ऊर्ध्वाधर वितरण कहते है। Show Upvote(0) Downvote Comment View(5342) These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 10 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Social Science Civics Chapter 1 Power Sharing. प्रश्न अभ्यास संक्षेप में लिखें प्रश्न 1. आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के अलग-अलग तरीके क्या हैं? इनमें से प्रत्येक का एक उदाहरण भी दें। 1. शासन के विभिन्न अंगों के बीच बँटवारा – शासन के विभिन्न अंग, जैसे-विधायिका,
कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच सत्ता का बँटवारा रहता है। इसमें सरकार के विभिन्न अंग एक ही स्तर पर रहकर अपनी-अपनी शक्ति का उपयोग करते हैं। इसमें कोई भी एक अंग सत्ता का असीमित प्रयोग नहीं करता, हर अंग दूसरे पर अंकुश रखता है। इससे विभिन्न संस्थाओं के बीच सत्ता का संतुलन बना रहता है। इसके सबसे अच्छे उदाहरण अमेरिका व भारत हैं। यहाँ विधायिका कानून बनाती है, कार्यपालिका कानून को लागू करती है तथा न्यायपालिका न्याय करती है। भारत में कार्यपालिका संसद के प्रति उत्तरदायी है, न्यायपालिका की नियुक्ति
कार्यपालिका करती है, न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के कानूनों की जाँच करके उन पर नियंत्रण रखती है। प्रश्न 2. भारतीय संदर्भ में सत्ता की हिस्सेदारी का एक उदाहरण देते हुए इसका एक
युक्तिपरक और एक नैतिक कारण बताएँ।
प्रश्न 3. इस अध्याय को पढ़ने के बाद तीन छात्रों ने अलग-अलग निष्कर्ष निकाले। आप इनमें से किससे सहमत हैं और क्यों? अपना जवाब करीब 50 शब्दों में दें।
उत्तर हम औसेफ के निष्कर्ष से सहमत हैं कि हर समाज में सत्ता की साझेदारी की जरूरत होती है। भले ही वह छोटा हो या उसमें सामाजिक विभाजन न हो। क्योंकि सत्ता का बँटवारा लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के लिए ठीक है। सत्ता की साझेदारी वास्तव में लोकतंत्र की आत्मा है। लोकतंत्र का मतलब ही होता है कि जो लोग इस शासन व्यवस्था के अंतर्गत हैं उनके बीच सत्ता को बाँटा जाए और ये लोग इसी ढर्रे में रहें। वैध सरकार वही है जिसमें अपनी भागीदारी के माध्यम से सभी समूह शासन व्यवस्था से जुड़ते हैं। प्रश्न 4. बेल्जियम में ब्रुसेल्स के निकट स्थित शहर मर्चटेम के मेयर ने
अपने यहाँ के स्कूलों में फ्रेंच बोलने पर लगी रोक को सही बताया है। उन्होंने कहा कि इससे डच भाषा न बोलने वाले लोगों को इस फ्लेमिश शहर के लोगों से जुड़ने में मदद मिलेगी। क्या आपको लगता है कि यह फैसला बेल्जियम की सत्ता की साझेदारी की व्यवस्था की मूल भावना से मेल खाता है? अपना जवाब करीब 50 शब्दों में लिखें। प्रश्न 5. नीचे दिए गए उद्धरण को गौर से पढ़ें और इसमें सत्ता की साझेदारी के जो युक्तिपरक कारण बताए गए हैं उनमें से किसी एक का चुनाव करें। प्रश्न 6. सत्ता के बँटवारे के पक्ष और
विपक्ष में कई तरह के तर्क दिए जाते हैं। इनमें से जो तर्क सत्ता के बँटवारे के पक्ष में हैं उनकी पहचान करें और नीचे दिए गए कोड से अपने उत्तर का चुनाव करें। (क) विभिन्न समुदायों के बीच टकराव को कम करती है। उत्तर (सा) क, ख, घ, च। प्रश्न 7. बेल्जियम और श्रीलंका की सत्ता में साझीदारी की व्यवस्था के बारे में निम्नलिखित बयानों पर विचार करें : (क) बेल्जियम में डच भाषी बहुसंख्यकों ने फ्रेंच भाषी अल्पसंख्यकों पर अपना प्रभुत्व जमाने का प्रयास किया। ऊपर दिए गए बयानों में से कौन-से सही हैं? प्रश्न 8. सूची I ( सत्ता के बँटवारे के स्वरूप ) और सूची II ( शासन के स्वरूप ) में मेल कराएँ और नीचे दिए गए कोड का उपयोग करते हुए सही जवाब दें :\ उत्तर (गा) 1. ख, 2. घ, 3. क, 4. ग। प्रश्न 9. सत्ता की साझेदारी के बारे में निम्नलिखित दो बयानों पर गौर करें और नीचे दिए गए कोड के आधार पर जवाब दें : (अ) सत्ता की साझेदारी लोकतंत्र के लिए लाभकर है। इन बयानों में से कौन सही हैं और कौन गलत? उत्तर (ख) अ और ब दोनों सही हैं। Hope given NCERT Solutions for Class 10 Social Science Civics Chapter 1 are helpful to complete your homework. If you have any doubts, please comment below. NCERT-Solutions.com try to provide online tutoring for you. सत्ता के क्षैतिज वितरण से क्या तात्पर्य है?क्षैतिज वितरण मे विधायिका (Legislative) ,कार्यपालिका (Executive)और न्यायपालिका (Judiciary) सत्ता के इस बटवारे को हम क्षैतिज वितरण कहते है। क्षैतिज वितरण मे सरकार के विविध अंग एक दूसरे पर नजर भी रखती है और सरकार को किसी भी कार्य मे बहुत कम समय लगता है।
निम्नलिखित में से कौन सा उदाहरण सत्ता के क्षैतिज वितरण का है?Answer: लोकतंत्र में शासन के विभिन्न अंगों के बीच सत्ता का बँटवारा होता है। उदाहरण के लिए; विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच सत्ता का बँटवारा।
सत्ता का क्षैतिज वितरण क्या है Class 10?शासन के विभिन्न अंगों के बीच सत्ता का बँटवारा: सत्ता के विभिन्न अंग हैं; विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका। इन अंगों के बीच सत्ता के बँटवारे से ये अंग एक ही स्तर पर रहकर अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हैं। इस तरह के बँटवारे को सत्ता का क्षैतिज बँटवारा कहते हैं।
सत्ता के क्षैतिज वितरण एवं ऊर्ध्वाधर वितरण में क्या अंतर है?Solution : ऊर्ध्वाधर वितरण में सत्ता को सरकार के विभिन्न स्तरों के बीच विभाजित किया जाता है जो कि केंद्र सरकार राज्य सरकार स्थानीय सरकार है। सत्ता के क्षैतिज वितरण में शक्ति विधायी कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच विभाजित है।
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