सूरज और चाँद का हमारे जीवन में क्या महत्व है? - sooraj aur chaand ka hamaare jeevan mein kya mahatv hai?

इस माह के ईशा लहर अंक में हम चाँद के अध्यात्मिक महत्व के बारे में चर्चा कर रहे हैं। पूर्णिमा, अमावस्या और इनके बीच ई सभी कलाओं का फायदा हम अपने आध्यात्मिक उत्थान के लिए कैसे उठा सकते हैं, जानें इस अंक में...

चाँद सदियों से कवियों, शायरों, गीतकारों, चित्रकारों, प्रेमियों, यहां तक कि आध्यात्मिकता की राह के राहगीरों को भी प्रेरणा देता रहा है। यूं तो उसकी रोशनी भी अपनी नहीं है, लेकिन देने के मामले में उसने कभी कृपणता नहीं दिखाई। चांद न केवल प्रेरणा देता रहा है, बल्कि सदा से यह कौतूहल और आकर्षण का केन्द्र भी रहा है। इस धरती पर शायद ही कोई ऐसी संस्कृति होगी, कला की शायद ही कोई ऐसी विधा होगी, सभ्यता का शायद ही ऐसा कोई प्रतिमान होगा, जहां चांद की झलक न मिले। मिले भी क्यों नहीं, जब रात के वक्त सूर्य अपनी समस्त किरणों को समेट आसमान खाली कर चुका होता है, चांद ही होता है जो पूरी प्रकृति में न केवल सबसे आकर्षक होता है, बल्कि अपनी उपस्थिति से पूरी प्रकृति को खूबसूरत और मनमोहक बना देता है।

कल्पना कीजिए उस दौर की जब इस पृथ्वी पर बिजली नहीं थी, किसी भी इंसान के लिए तब क्या संभव हो पाता आसमान की इस सबसे खूबसूरत हस्ती को अनदेखा कर पाना? और जिसे अनदेखा नहीं  किया जा सकता, उसे जानना बेहद जरुरी हो जाता है। इसी वजह से इस आकाशीय पिंड ने हमेशा से इंसानी दिमाग में कौतूहल जगाया है। और इसी कौतूहल ने इंसान को चांद तक पहुंचा भी दिया। चंद्रमा की खूबसूरती और उसका प्रभाव इसलिए भी अधिक है, क्योंकि वह हर दिन एक सा नहीं होता। उसका हर रूप जिसे उसकी कला कहते हैं, अलग-अलग प्रभाव डालता है - यह प्रभाव भौतिक और अभौतिक दोनों सृष्टि पर अलग तरह का होता है। भौतिक सृष्टि पर इसके प्रभाव का अध्ययन वैज्ञानिकों और ज्योतिषियों के अध्ययन का क्षेत्र रहा है, तो अभौतिक सृष्टि पर इसके प्रभाव को समझने की कोशिश दार्शनिकों, दिव्यदर्शियों और पराविद्या में रुचि रखने वालों ने की।

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न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण के सार्वभौमिक नियम का प्रतिपादन तो बहुत बाद में किया, जबकि हमारी संस्कृति में इंसान के ऊपर भौतिक पिंडों के प्रभाव का अध्ययन बहुत पहले शुरु हो चुका था। ज्योतिषियों और खगोलविदों ने न केवल खगोलीय पिंडों का जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव का पता लगाया, बल्कि यह भी बताया कि कैसे उन प्रभावों को कम या अधिक किया जा सकता है। योग में इसके लाभदायक प्रभावों को समझते हुए उन्हें बढ़ाने और उनसे लाभ उठाने की कोशिश भी की जाती रही है। इसकी वजह से आध्यात्मिकता और चंद्रमा का आपस में गहरा संबंध रहा है। चंद्रमा अपनी पूर्ण अनुपस्थिति यानी अमावस्या से लेकर अपनी पूर्ण उपस्थिति यानी पूर्णिमा तक की यात्रा में कैसे एक साधक को प्रभावित करता है और कैसे उसे लााभ पहुंचा सकता है, इसे बहुत ही स्पष्ट और सुंदर तरीके से सद्‌गुरु ने समय-समय पर समझाया है।

चांद की सभी कलाओं को एक रात में निहार लेना जिस तरह संभव नहीं, उसी तरह चांद से जुड़े सभी पहलुओं को एक अंक में समेटना तो संभव नहीं था, लेकिन कुछ रोचक व लाभदायक बातों को सहेजने और आप तक पहुंचाने की कोशिश की है हमने इस बार। इस कामना के साथ कि आप अपने मन के आकाश में धवल चांदनी का उजास भर आध्यात्मिकता की नई ऊंचाइयां हासिल करें, मैं हरिवंश राय बच्चन की  कुछ पंक्तियां आपके साथ साझा करती हूं, जो मुझे हमेशा स्फूर्ति और प्रेरणा से भर देती हैं:

कुछ अंधेरा, कुछ उजाला, क्या समा है!

कुछ करो, इस चांदनी में सब क्षमा है

किंतु बैठा मैं संजोए आह मन में

चांदनी फैली गगन में, चाह मन में।

- डॉ सरस

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विषयसूची

  • 1 सूरज और चांद में क्या रिश्ता है?
  • 2 क्या दांतों की परी होती है?
  • 3 बहुत समय पहले सूरज और चाँद कहाँ रहते थे?
  • 4 सूरज अपनी ही गर्मी से क्यों विचलित था?

सूरज और चांद में क्या रिश्ता है?

इसे सुनेंरोकेंपृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के बीच रिश्ता सबसे पहली बात पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य क्या हैं. ये तीनों गेंदों की तरह बहुत ही बड़ी वस्तुएं हैं जो अंतरिक्ष में स्थित हैं. सूर्य बहुत विशाल है और खुद का प्रकाश उत्सर्जित करता है. जबकि पृथ्वी और चंद्रमा बहुत छोटे हैं जैसे फुटबाल के सामने राई के दाने.

क्या दांतों की परी होती है?

इसे सुनेंरोकेंदांतों की परी। यदि वह टूथ फेयरी के बारे में जानता है तो कई दुर्दम्य बच्चे ढीले दांत को हटाने की अनुमति देंगे। यदि वह अपने छोटे से दाँत को ले कर तकिये के नीचे रख देता है, जब वह बिस्तर पर जाता है, तो रात में टूथ फेयरी आकर उसे ले जाएगा, और उसके स्थान पर कुछ उपहार छोड़ देगा।

सूरज और चांद का हमारे जीवन में क्या महत्व है?

इसे सुनेंरोकेंमेरे जीवन में इन दोनों का गहरा प्रभाव है उदय होते देखिये जीवन का सबसे अनमोल पल मिलेग। मुझे अनुशासन का सबसे बड़ा सबक यही से मिला वो 5 मिनट जीवन को संबल देते है जब सूर्य उदय होते है। शारीरिक व मानसिक दोनों स्थिति मजबूत होती है सूर्य से निकलने वाली किरणों से हमारी आत्मा को बल मिलता है। जीवन में चमत्कारी बदलाव होता है।

बहुत समय पहले सूरज और चाँद कहाँ रहते थे?

इसे सुनेंरोकेंवर्षों पहले सूरज और पानी बहुत अच्छे दोस्त थे। दोनों धरती पर रहते थे। सूर्य अक्सर पानी के घर आता था, लेकिन पानी सूरज के घर नहीं जा पाता था।

इसे सुनेंरोकेंपृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के बीच रिश्ता सूर्य बहुत विशाल है और खुद का प्रकाश उत्सर्जित करता है. जबकि पृथ्वी और चंद्रमा बहुत छोटे हैं जैसे फुटबाल के सामने राई के दाने. वहीं चंद्रमा पृथ्वी के एक चौथाई के आकार जितना बड़ा है और दोनो का अपना प्रकाश नहीं होता.

सूरज अपनी ही गर्मी से क्यों विचलित था?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: सूर्य हमारी पृथ्वी से तीन लाख गुना भारी है। सूर्य के केन्द्र में एक विशाल दबाव और इसके बड़े आकार के कारण बहुत बड़ा गुरुत्वाकर्षण बल है। जब सूर्य की उत्पत्ति हुई तब यह दबाव एक बड़ी मात्रा की ऊष्मा का कारण बना और हाइड्रोजन ने जलना शुरू कर दिया।

चाँद को मामा क्यों कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंमां लक्ष्मी के छोटे भाई हैं चंद्रमा लक्ष्मी जी भगवान विष्णु के पास चली गईं, इसलिए उनके बाद जो भी तत्व निकलें वो उनके छोटे भाई और बहन बन गए। चंद्रमा उनके बाद समुद्र से निकले थे इसलिए वो उनके छोटे भाई बन गए और चूंकि लक्ष्मी को हम अपनी माता मानते हैं ना इसलिए उनके छोटे भाई हमारे मामा बन गये।

सूरज और चांद का हमारे जीवन में क्या महत्व है?

मेरे जीवन में इन दोनों का गहरा प्रभाव है उदय होते देखिये जीवन का सबसे अनमोल पल मिलेग। मुझे अनुशासन का सबसे बड़ा सबक यही से मिला वो 5 मिनट जीवन को संबल देते है जब सूर्य उदय होते है। शारीरिक व मानसिक दोनों स्थिति मजबूत होती है सूर्य से निकलने वाली किरणों से हमारी आत्मा को बल मिलता है। जीवन में चमत्कारी बदलाव होता है।

सूर्य हमारे लिए उपयोगी है कैसे?

सूर्य या सूरज हमारे लिए बहुत अधिक महत्त्वपूर्ण हैं। वह हमें रोशनी और गर्मी देता है जिसके कारण ही यह धरती रहने के लिए एक सुखद और रोशन जगह बनती हैं। सूरज के बिना धरती बिल्कुल ठंडी जाएगी और सब और अँधेरा होगा। ... सूर्य का व्यास 13 लाख 92 हज़ार किलोमीटर (865000 मील) तक है, जो पृथ्वी के व्यास का लगभग 110 गुना अधिक है।

सूरज और चाँद हमारी सहायता कैसे करते हैं?

Answer. चाँद और सूरज में मैं आज भी भेद नहीं करती हूँ ,जैसे जब हम सुबह अपने कार्य के लिए निकलते तब हममें पूरे दिन जोश और तेज की जरूरत होती है ,वैसे ही सूरज दिन भर जलता है , संध्या होते ही जोश और उत्साह कम हो जाता अब शीतलता की ,आराम की जरूरत होती है तब हम चाँद की चाँदनी शान्ति प्रदान करती है ।

सूरज और चांद में क्या संबंध है?

सबसे पहले जवाब दिया गया: क्या सूरज और चाँद एक ही है ? नही । सूरज एक ग्रह है। और चांद धरती का उपग्रह है।