सोते समय लार क्यों गिरती है? - sote samay laar kyon giratee hai?

सोते समय लार क्यों गिरती है? - sote samay laar kyon giratee hai?

अक्सर आपने देखा होगा कि सुबह उठते समय कुछ लोगों के मुंह से लार बहती है। वैसे तो यह समस्या बच्चों के साथ होती है लेकिन कई बार बड़ों में भी यह समस्या देखने को मिलती है लेकिन शायद आप यह ना जानते हो कि मुंह से निकलने वाली लार भी कई बीमारियों के संकेत देती हैं। 

सोते समय लार क्यों गिरती है? - sote samay laar kyon giratee hai?

क्यों निकलती है मुंह से लार

वैज्ञानिक भाषा में लार को एक्‍सोक्राइन ग्र‍ंथि भी कहा जाता है। लार खाना पचाने में मदद करती है क्योंकि इसमें जीवाणुरोधी यौगिक, एंजाइम और पानी जैसे कई अवयव पाए जाते हैं। जब चेहरे के नसें रिलैक्स होती है तब ग्लैंड्स लार तैयार करते हैं और सोते समय यह मुंह से बाहर निकलने लगती है। अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं तो घरेलू उपाय करके इससे छुटकारा पा सकता हैं। 

इन बीमारियों का संकेत देती है लार

नाक की एलर्जी

नाक से संबंधित एलर्जी और कुछ खान-पान की चीजों से होने वाली एलर्जी की वजह से अधिक लार का निर्माण होता है।

एसिडिटी

जिन लोगों को एसीडिटी की शिकायत होती है उन्हें भी यह समस्या अधिक होती है। वैज्ञानिकों के अनुसार एसिड रिफ्लक्स एपिसोड्स के कारण गेस्ट्रिक एसिड बनता है। इससे एसोफागोसलाइवरी उत्तेजित होता है और बहुत अधिक लार बनने लगती है।

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टोंसिलाइटिस

गले के पीछे टॉन्सिल्स ग्लैंड्स होते हैं, जिनमें सूजन आ जाने से टोंसिलाइटिस हो सकता है। सूजन की वजह से गले का रास्ता छोटा हो जाता है जिससे लार गले से उतर नहीं पाती और मुंह से बहने लग जाती है।

साइनस इंफेक्शन

श्वास नलिका के इन्फेकशन से सांस लेने और निगलने की प्राॅबलम होती है जिसके कारण लार जमा होती है और मुंह से बहने लगती है। इसके अलावा फ्लू के कारण नाक बंद होती है तो आप रात को अपने मुंह से सांस लेते हैं और ऐसे में आपके मुंह से लार बहने लगती है।

सोते हुए डरना

कुछ लोग सोते हुए डरते हैं। इस समस्या का एक लक्षण लार बहना भी है। युवाओं में साइकोपैथोलॉजिकल कारण से ये समस्या होती है। ऐसा भावनात्मक तनाव, ड्रग्स या एल्कोहल की ज्यादा मात्रा और नींद की कमी के कारण भी हो सकता है।

घरेलू उपाय

अधिक लार के बहने को कम करने के लिए कुछ घरेलू उपायों की मदद भी ली जा सकती है। यह घरेलू उपाय असरदार होते हैं।

पानी पीएं

पर्याप्त मात्रा में पानी पीना लार को कम करता है। इसके साथ ही माउशवॉश से गरारे करने से लार बहने को कम किया जा सकता है।

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एनिमा क्रिया

जिन लोगों को ये प्राॅबलम है उन्हें ऐसा भोजन करना चाहिए जो जल्दी पच जाए। इसके लिए एनिमा क्रिया करनी चाहिए। यह क्रिया पची हुई खाद्य सामग्री से पानी निकालने और मल बनने की प्रक्रिया में पाचन क्रिया को सहयोग करती है, इस समस्या से छुटकारा मिलेगा।

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तुलसी के पत्ते

तुलसी के 2-3 पत्तों को चबाने के बाद थोड़ा-सा पानी पी लें। ऐसा एक दिन में कम से कम 3-4 बार करें। यह उपाय लार के बहने को तेजी से दूर करने में मदद करेगा और इसे दोबारा होने से रोकेगा ।

फिटकरी के पानी से कुल्ला

इस रोग से छुटकारा पाने के लिए फिटकरी को पानी में मिलाकर कुल्ला (गरारा) करें। इसके इलावा भोजन के बाद 1/2 टीस्पून सौंफ और 1 लौंग का सेवन करें। इससे पाचन क्रिया अच्छे से काम करेगी । शुगर फ्री चुइंगम भी ले सकते हैं। इससे मुंह से लार आना बंद हो जाती है।

सुहागा और शहद

500 मि.ली. पानी में 125 ग्राम सुहागा मिलाकर गरारे करें। इसके अलावा सुहागा को शहद को मिलाकर खाएं। ऐसा एक दिन में 3-4 बार करें। इससे लार का गिरना, कब्ज और गैस से राहत मिलती है।

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आपने सोते समय कई बार मुंह से लार टपकने जैसा एहसास किया होगा। हो सकता है आपने न तो इसपर ज्यादा ध्यान दिया हो, न ही इसे गंभीरता से लिया हो। पर क्या यह सामान्य है? विशेषज्ञों का मानना है कि सोते वक्त मुंह से लार टपकना संभव है किसी बीमारी का संकेत हो। सोते वक्त मुंह से लार गिरने के पीछे का कारण मुंह की कमजोर या अविकसित मांसपेशियां अथवा मुंह में बहुत अधिक लार बनना हो सकता है।

लार बनाने वाली ग्रंथियों को लार ग्रंथियां कहा जाता है। इनमें से छह ग्रंथियां आपके मुंह के निचले हिस्से, गालों और सामने के दांतों के पास स्थित होती हैं। ये ग्रंथियां आमतौर पर एक दिन में 2-4 पिंट्स लार बनाती हैं। जब ये ग्रंथियां बहुत अधिक लार बनाने लगती हैं, तो आपको ड्रूलिंग यानी सोते वक्त मुंह से लार गिरने का अनुभव हो सकता है।

मुंह से लार गिरने की समस्या आम तौर पर जन्म के दो वर्षों में देखने को मिलती हैं। बच्चे जब तक 18 से 24 महीने के नहीं हो जाते हैं, तब तक कुछ भी निगलने या फिर मुंह की मांसपेशियों पर उनका पूर्ण नियंत्रण नहीं होता है। बच्चों में दांत निकलते वक्त भी सोते समय मुंह से लार निकलता देखा जा सकता है।

ये तो बात रही बच्चों की। पर अगर ज्यादा उम्र के लोगों को भी यही समस्या हो रही है तो यह 'सेरिब्रल पाल्सी' यानी मस्तिष्क पक्षाघात जैसी तंत्रिका संबंधी या फिर अन्य प्रकार की चिकित्सा स्थितियां हो सकती है।

सोते समय मुंह से लार क्यों गिरता है?

मुंह से लार एक ग्लैंड्स के कारण निकलती है जो सोते समय अधिक लार का निर्माण करती है। दिन के समय लार को व्यक्ति निगल लेता है लेकिन नींद में नसों के शिथिल होने की वजह से लार सीधे मुंह के बाहर बहने लगती है। अगर व्यक्ति को सांस की उपरी नली में संक्रमण हो जाए तो ये संक्रमण सांस लेने और निगलने जैसी समस्याओं को उत्पन्न करता है।

सोने के बाद मुंह क्यों खुल जाता है?

अक्सर सांस लेने में दिक्कत होने के चलते सोते समय कुछ लोगों का मुंह खुल जाता है और तब वे नाक की बजाय मुंह से ही सांस लेने लगते हैं. इससे स्वाभाविक ही मुंह सूख जाता है. इसलिये जहां तक संभव हो कोशिश करें कि नाक से ही सांस लें मुंह से नहीं. अगर आपको सर्दी-जुकाम की कोई समस्या है तो इसका खास ख्याल रखें.

मुंह में लार कैसे कम करें?

नींबू का रस नींबू का रस लार के उत्पादन में मदद कर सकता है, जिससे मुंह को नम रखने में मदद मिलती है। इसके एसिडिक और एंटीबैक्टीरियल गुण सांसों की बदबू को खत्म करने में मदद करते हैं। एक गिलास गर्म पानी में आधा नींबू का रस और जरूरत के अनुसार शहद की कुछ बूंदें मिलाकर इसे दिन में दो बार पीएं।

लार टपकने से क्या होता है?

बच्चों के मुंह से सलाइवा या लार टपकाने के कई कारण हो सकते हैं. उनके मुंह में दांतों का आना, मसूड़ों का टाइट होना, लार ग्रंथि का विकसित होना. इन सबके अलावा बच्चों को निगलना नहीं आता जिसकी वजह से वे लार टपकाते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार बच्चों का लार टपकाना उनके सही विकास का संकेत माना जाता है.