विटामिन b6 से कौन सी बीमारी होती है? - vitaamin b6 se kaun see beemaaree hotee hai?

Health benefits of Vitamin B6: शरीर में अगर पोषक तत्वों की प्राप्ति सही से होती रहे तो शरीर हमेशा निरोग बना रहेगा. हालांकि ऐसा होता नहीं है. भागदौड़ भरी जिंदगी में हमारा लाइफस्टाइल बुरी तरह से प्रभावित हुआ है जिसके कारण अक्सर हम किसी न किसी पोषक तत्वों की कमी से जूझते रहते है. विटामिन बी कॉम्पलेक्स शरीर का महत्वपूर्ण पोषक तत्व है. विटामिन बी कॉम्पलेक्स में बी 6 शरीर को हेल्दी रखने के लिए प्रमुख विटामिन है. विटामिन बी 6 को पाइरोडॉक्सिन (pyridoxine) भी कहते हैं. पाइरोडॉक्सल 5 फॉस्फेट -पीएलपी (Pyridoxal 5’ phosphate -PLP) विटामिन बी 6 का मुख्य रूप और कोइंजाइम है. यह पीएलपी सौ से ज्यादा एंजाइम को उनके काम में मदद करता है.

विटामिन बी 6 ब्रेन हेल्थ और इम्यूनिटी को मैंटेन करने में मदद करता है. यह शरीर को कई बीमारियों से बचाता है. हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह भी पाया गया है कि विटामिन बी 6 की पर्याप्त मात्रा कैंसर के जोखिम को कई गुना कम कर देती है. आइए जानते हैं विटामिन बी 6 से शरीर में क्या-क्या फायदे हैं.

इसे भी पढ़ेंः साल 2021 में इन देसी सुपर फूड का विदेश में भी रहा जलवा, जानिए इनके फायदे

विटामिन बी 6 के फायदे

कैंसर के जोखिम को कम करता है
खून में विटामिन बी 6 की सही मात्रा होने से कैंसर का जोखिम बहुत कम हो जाता है. हालांकि विटामिन बी 6 कैंसर के जोखिम को किस प्रकार कम करता है, इस बारे में अभी पूरी तरह से वैज्ञानिकों को पता नहीं है लेकिन माना जाता है कि विटामिन बी 6 एंटी इंफ्लामेटरी होता है, इसलिए यह कैंसर के कई प्रकारों से शरीर की रक्षा करता है.

हार्ट को हेल्दी रखता है
हार्वर्ड मेडिकल जर्नलके मुताबिक पीएलपी के सक्रिय होने से ही प्रोटीन, कार्बोहाइड्रैट और फैट शरीर में जाकर टूटता है और विभिन्न कामों को करने के लिए तैयार होता है. विटामिन बी 6 खून में होमोसाइटिन ( homocysteine) के स्तर को मैंटेन करता है. होमोसाइटिन के स्तर बढ़ जाने से हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है. अगर खून में विटामिन बी 6 की सही मात्रा हो तो खून की धमनियों में चिपचिपा पदार्थ जमा नहीं हो पाता है. इससे हार्ट डिजीज का जोखिम बहुत कम हो जाता है.

इसे भी पढ़ेंः सर्दी में क्यों हो जाती है विटामिन डी की कमी, जानिए किनको है ज्यादा खतरा

महिलाओं के लिए काम की चीज
विटामिन बी 6 महिलाओं के लिए बड़े काम की चीज है. अगर महिलाओं के खून में विटामिन सी की मात्रा सही हो तो यह पीरियड्स से पहले होने वाले दर्द (premenstrual syndrome, or PMS) को कम करता है. इसके अलावा प्रेग्नेंसी में महिलाओं को होने वाली मतली से भी बचाता है. इसके अलावा विटामिन बी 6 खून की कमी भी नहीं होने देता है.

इन चीजों में होता है विटामिन बी 6
टूना, सेलमोन मछली, फोर्टिफाइड सेरल, केला, पिश्ता, स्प्रॉउट, एवोकाडो, मसूर की दाल, अंडा, संतरे, पपीता, हरी पत्तीदार सब्जियां, खरबूजा आदि.

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|

Tags: Health, Lifestyle

FIRST PUBLISHED : December 26, 2021, 15:45 IST

विटामिन बी6 (पाइरिडोक्सिन) एक पानी में घुलनशील विटामिन है, जो प्राकृतिक रूप से कई खाद्य पदार्थों में पाया जाता है. यह शरीर में रेड ब्लड सेल्स और न्यूरोट्रांसमीटर के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण होता है. विटामिन बी6 हमें सप्लीमेंट्स या बैलेंस डाइट से मिलता है. विटामिन बी6 कई सारी गंभीर बीमारियों के खतरे को कम करता है. दूसरे विटामिन की तरह, विटामिन बी6 भी शरीर में खाने को एनर्जी में बदलने में मदद करता है. इसके साथ ही हमारे शरीर में खाने से पोषक तत्वों को अवशोषित करने में भी मदद करता है. शोधकर्ता बताते हैं कि विटामिन बी6 हमारी इम्यूनिटी मजबूत और दिमाग के कुछ कामों में भी मदद करता है. लेकिन शरीर में विटामिन बी6 ज्यादा हो जाने से आपकी सेहत खराब हो सकती है.

शरीर में विटामिन बी6 का टॉक्सिक होना दुर्लभ है, क्योंकि ज्यादा बी विटामिन पेशाब के माध्यम से निकल जाते हैं. ज्यादा मात्रा में विटामिन लेने से शरीर में टॉक्सिक पदार्थ बन सकते हैं. 200 मिलीग्राम से ज्यादा विटामिन बी6 की खुराक लेने से न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर, नस डैमेज और पैर पैरालाइज हो सकते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, 50 वर्ष से कम उम्र के लोगों को रोजाना सिर्फ 1.3 मिलीग्राम विटामिन बी6 लेना चाहिए. वहीं, 50 वर्ष से ज्यादा उम्र की महिलाओं को 1.5 मिलीग्राम और पुरुषों को 1.7 मिलीग्राम विटामिन बी6 लेना चाहिए.

किन फूड्स में होता है विटामिन बी 6
चिकन, मछली, चने, मूंगफली, सोयाबीन, जई, केले और दूध में विटामिन बी6 की मात्रा अधिक होती है. जिन लोगों को किडनी की बीमारी होती है, उनमें विटामिन बी6 की कमी हो सकती है.

विटामिन बी6 की कमी
विटामिन बी6 की कमी अक्सर तब होती है, जब शरीर में अन्य बी विटामिन कम होते हैं, विशेष रूप से विटामिन बी12 और फोलिक एसिड. हल्की विटामिन बी 6 की कमी के कोई लक्षण नहीं हो सकते हैं, लेकिन अधिक गंभीर या लंबे समय तक इसकी कमी होने से माइक्रोसाइटिक एनीमिया, स्किन प्रॉब्लम, डिप्रेशन, भ्रम और इम्यूनिटी कम हो सकती है. किडनी की बीमारी, ऑटोइम्यून आंतों के विकार में रोग और रुमेटीइड गठिया जैसी बीमारियां विटामिन बी6 के ज्यादा होने से हो सकती हैं.

Disclaimer:
इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी ज़ी न्यूज़ हिन्दी की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.

विटामिन B6 की कमी से क्या रोग होता है?

इस पोषक तत्व की कमी से आपको स्किन रैशेज, होंठ फटना, गले में सूजन, इम्यूनिटी कमजोर होना, थकान, हाथ-पैरों में दर्द, दौरे पड़ना जैसी कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आपका शरीर विटामिन बी-6 का उत्पादन नहीं कर सकता है, इसलिए आपको खाने की चीजों या सप्लीमेंट से लेने की जरूरत होती है।

विटामिन B6 की कमी से पुरुषों में कौन सा रोग होता है?

बॉडी में विटामिन बी-6 की मात्रा कम होने से आप एनीमिया के शिकार आसानी से हो सकते हैं. इस बिमारी में आपके शरीर में बहुत कम लाल रक्त कोशिकाएं रह जाती हैं. साथ ही, आपके शरीर को ऑयरन की कमी घेरने लगती है, जो एनीमिया का शिकार बनाने में काफी अहम कारण होता है.

विटामिन बी 6 के लक्षण क्या है?

विटामिन बी 6 की कमी के अन्य लक्षण हैं:.
मनोदशा में परिवर्तन, जैसे अवसाद, चिड़चिड़ाहट, और चिंता.
मांसपेशियों में दर्द.
पीएमएस के लक्षणों और ख़राब होता है.
एनीमिया के लक्षणों की बिगड़ना.

B6 कम होने का क्या कारण है?

आप अपनी डायट में विटामिन बी (Vitamin B) युक्त आहार तो शामिल करते होंगे, लेकिन यदि आपकी डायट में अन्य बी कॉम्प्लेक्स विटामिंस जैसे फोलेट और बी12 की कमी होगी, तो आपके शरीर में विटामिन बी6 की कमी (Vitamin B6 Deficiency) होने की अधिक संभावना रहती है।