संसाधन क्या है? संसाधन का अर्थ (sansadhan kise kahate hain) मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति अथवा उनकी किसी कठिनाई का निवारण करने वाले या निवारण मे योग देने वाले आश्रय या स्त्रोत को संसाधन कहते है। Show
संसाधनो का महत्व (sansadhan ka Mahtva) संसाधन मानव जीवन को सरल व सुखद बनाते हैं, संसाधनों के बिना हम जीवन की कल्पना भी नही कर सकते। आदिकाल मे मनुष्य पूर्णतः प्रकृति पर निर्भर था। धीरे-धीरे मनुष्य ने अपनी बुद्धि-कौशल से
प्रकृति के तत्वों का अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु अधिकाधिक उपयोग किया। आज संसार के वे देश अधिक उन्नत व सम्पन्न माने जाते है जिनके पास अधिक संसाधन है। आज संसाधन की उपलब्धता हमारी प्रगति का सूचक बन गया है। इसीलिए संसाधनों का हमारे जीवन मे बड़ा महत्व है। संसाधनो का वर्गीकरण या प्रकार (sansadhan ka vargikaran)1. स्वामित्व के आधार पर संसाधन (अ) व्यक्तिगत संसाधन 2. पुन: पूर्ति के आधार पर संसाधन(अ) पुनः पूर्ति संसाधन 3. वितरण के आधार पर संसाधन(अ) सर्व सुलभ संसाधन 4. प्रयोग के आधार पर वर्गीकरण(अ) अप्रयुक्त संसाधन संसाधनों का क्या महत्व है?दुसरे शब्दों मे, कोई वस्तु या तत्व तभी संसाधन कहलाता है जब उससे मनुष्य की किसी आवश्यकता की पूर्ति होती है, जैसे जल एक संसाधन है क्योंकि इससे मनुष्यों व अन्य जीवों की प्यास बुझती हैं, खेतो मे फसलों की सिंचाई होती है और यह स्वच्छता प्रदान करने, भोजन बानने और भी आदि मानव की बहुत सी महत्वपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति करता है।
संसाधन क्या है इसका अर्थ?हमारे पर्यावरण में उपलब्ध हर वह वस्तु संसाधन कहisanjyhu लाती है जिसका इस्तेमाल हम अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये कर सकते हैं, जिसे बनाने के लिये हमारे पास प्रौद्योगिकी है और जिसका इस्तेमाल सांस्कृतिक रूप से मान्य है। प्रकृति का कोई भी तत्व तभी संसाधन बनता है जब वह मानवीय सेवा करता है।
संसाधन क्या है इसका अर्थ परिभाषा एवं महत्व को समझाइए?संसाधन शब्द का अभिप्राय मानवी उपयोग की वस्तुओं से है। ये प्राकृतिक और सांस्कृतिक दोनों हो सकती हैं। भूमि, जल, वन, वायु, खनिज घरों, भवनों, परिवहन एवं संचार के साधन ये संसाधन काफी उपयोगी भी हैं और मानव के विकास के लिए आवश्यक भी। संसाधन शब्द का अभिप्राय मानव उपयोग की वस्तुओं से है।
संसाधन क्या हैं संसाधनों के प्रकार और उनके महत्व का वर्णन करें?सामान्यतः संसाधनों को प्राकृतिक, मानव निर्मित और मानव में वर्गीकृत किया गया है। आवश्यकता हो सकती है। प्राकृतिक संसाधनों को विस्तृत रूप से नवीकरणीय और अनवीकरणीय संसाधनों में विभाजित किया जा सकता है। एक बार समाप्त होने के बाद उनके नवीकृत अथवा पुनः पूरित होने में हज़ारों वर्ष लग सकते हैं।
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