भारतीय समाज में साँप की महती भूमिका है । ये न केवल हमारे पूज्य हैं अपितु देवों के देव महादेव के गले के आभूषण के समान सुशोभित भी हैं। फ़िर भी साँपों के जहरीले स्वभाव के कारण भाषा इनसे अछूती नहीं रह सकी है। साँपों पर मुहावरे भी बने हुए हैं । यहाँ पर साँपों पर बने कुछ मुहावरे संकलित किए गए हैं साथ ही उनके अर्थ और वाक्य प्रयोग भी दिए गए हैं। Show आस्तीन का साँप होना – धोखेबाज़ मित्र – मैंने शरद पर इतना भरोसा किया किंतु वह आस्तीन का साँप निकला । कलेजे पर साँप लोटना- ईर्ष्या होना /चिढ़ की भावना होना – मेरी प्रगति देख मेरे पड़ोसियों के कलेजे पर साँप लोटने लगा । दो मुँहा साँप होना– दोहरा घातक होना– उस दुष्ट रमेश से दूरी बनाकर रहना ही ठीक है क्योंकि वह दो मुँहा साँप साबित हो सकता है । साँप सूंघ जाना- बहुत अधिक घबरा जाना – वैसे तो मोहन अपने इलाके में गुंडागर्दी करता रहता है ,पर जब पुलिस उससे पूछताछ करने आई तो उसे साँप सूंघ गया। साँप को दूध पिलाना- दुष्ट को शरण देना – सरला ने जिस लड़के को इतनी आर्थिक मदद दी अंत में उसी ने सरला की हत्या कर दी ।सरला इतने वर्षों साँप को ही दूध पिलाती रही॥ साँप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे– काम भी बन जाए और नुकसान भी न हो – देखो, मैं नहीं चाहता कि रिश्वत के इस केस में तुम्हारा या मेरा नाम आए। कुछ ऐसी तरकीब अपनाओ कि साँप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे । साँप निकल गया लकीर पीटते रहे – अवसर निकल जाने पर भी अनावश्यक आडंबर करना– जब मंत्री जी आए थे तब तो तुम कोई काम निकलवा न सके। अब उनके जाने के बाद अपनी पहचान होने दावा कर रहे हो । साँप निकल गया ,लकीर पीट रहे हो। सांप सूंघ जाना का क्या अर्थ है?बेसुध होना; मरणासन्न होना; एकदम चुप हो जाना।
सांप मुहावरे का अर्थ क्या है?भारतीय समाज में साँप की महती भूमिका है । ये न केवल हमारे पूज्य हैं अपितु देवों के देव महादेव के गले के आभूषण के समान सुशोभित भी हैं। फ़िर भी साँपों के जहरीले स्वभाव के कारण भाषा इनसे अछूती नहीं रह सकी है। साँपों पर मुहावरे भी बने हुए हैं ।
क्या सांप सूंघ गया?सांप सूंघ जाना का अर्थ है किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाना यानि स्तब्ध हो जाने की स्थिति जिसमें यह न सूझे कि क्या किया जाए ।
आस्तीन का सांप होना मुहावरे का अर्थ क्या होता है?अर्थ -साथ में रहने वाला ऐसा व्यक्ति जो ऊपर से मित्र या वफादार बना रहता हो परंतु अंदर ही अंदर जड़ काटने में लगा हो।
|