सहसंबंध गुणांक के 4 गुण लिखिए - sahasambandh gunaank ke 4 gun likhie

सहसम्बंध गुणांक एक ऐसी अनुपातिक संख्या होती है जो दो चरों के बीच सहसम्बंध की प्रकृति (धनात्मक, ऋणात्मक अथवा शून्य) और उसकी मात्रा दोनों का स्पष्ट बोध कराती है। 


गिलफोर्ड के शब्दों में - ‘सहसम्बंध गुणांक वह संख्या है जो हमें यह बताती है कि दो चीजें (चर, Variables) आपस में किस सीमा तक सम्बंधित हैं और उनमें से किसी एक में परिवर्तन होने से दूसरे में किस सीमा तक परिवर्तन होते हैं।’

सहसंबंध के गुणांक की व्याख्या 

सहसम्बंध गुणांक एक अनुपातिक संख्या होती है जिसका मान -1 से +1 तक होता है। -चिन्ह ऋणात्मक सहसम्बंध और + चिन्ह धनात्मक सहसम्बंध प्रकट करता है और -1 से +1 के बीच की संख्याएँ सहसम्बंध की मात्रा का बोध कराती हैं। 


सहसम्बंध गुणांक की व्याख्या इस सारिणी के आधार पर की जाती है।

सहसंबंध के गुणांक की व्याख्या

सहसम्बंध गुणांक का मानसहसम्बंध गुणांक की व्याख्या+ 1.00पूर्ण (Perfect) धनात्मक सहसम्बंध+ .91 से + .99 तकअत्यन्त उच्च (Very High) धनात्मक सहसम्बंध+ .71 से + .99 तकउच्च (High) धनात्मक सहसम्बंध + .41 ये + .70 तकसामान्य (Moderate) धनात्मक सहसम्बंध+ .21 से + .40 तकनिम्न (Low) धनात्मक सहसम्बंध + .01 से + .20 तकअत्यन्त निम्न (Very Low) धनात्मक सहसम्बंध- .21 से - .40 तकनिम्न (Low) ऋणात्मक सहसम्बंध - .41 से - .70 तकसामान्य (Moderate) ऋणात्मक सहसम्बंध-.71 से - .90 तकउच्च (High) ऋणात्मक सहसम्बंध- .91 से - .99 तकअत्यन्त उच्च (Very High) ऋणात्मक सहसम्बंध- 1.00पूर्ण (Perfect) ऋणात्मक सहसम्बंध 

सहसंबंध के गुणांक की गणना 

सहसम्बंध गुणांक ज्ञात की करने की कई विधियों का विकास किया गया है जिनमें दो विधियों का प्रयोग अधिक किया जाता है- एक स्पीयरमैन की रैंक अन्तर विधि (Spearman’s Rank Difference Method) और दूसरी पीयरसन की प्रोडक्ट मुमैन्ट विधि (Pearson’s Product Moment Method) ।

(1) कार्ल पियर्सन का सह-सम्बन्ध गुणांक सदैव यह मानकर चलता है कि चलों में रेखीय सह-सम्बन्ध है चाहे यह तथ्य सही हो अथवा नहीं।

(2) इसके निर्वचन में अत्यन्त सावधानी की आवश्यकता होती है। क्योंकि प्राय: इसके गलत निर्वचन से भ्रामक निष्कर्ष निकाले जा सकते हैं।

(3) यह गुणक सीमान्त पदों से अत्यधिक प्रभावित होता है।

(4) सह-सम्बन्ध ज्ञात करने की अन्य रीतियों की अपेक्षा कार्ल पियर्सन के सह-सम्बन्ध गुणांक की गणना में अधिक समय लगता है।

श्रेणी अंतर सहसंबंध गुणांक के गुण दोष (Merits and Demerits of Rank Correlation) से पहले समान क्रम होने पर संशोधन (Correction for Tide or Equal Ranks) का एक उदाहरण और कर लेते हैं। आपको याद होगा, इस टॉपिक से पहले हम दो उदाहरण पहले ही कर चुके हैं। जिसका लिंक नीचे दिया जा रहा है।

https://wp.me/pc1aA4-aR

समान क्रम होने पर संशोधन (Correction for Tide or Equal Ranks) का अगला उदाहरण नीचे दिया गया है :

सहसंबंध गुणांक के 4 गुण लिखिए - sahasambandh gunaank ke 4 gun likhie
सहसंबंध गुणांक के 4 गुण लिखिए - sahasambandh gunaank ke 4 gun likhie

श्रेणी अंतर सहसंबंध गुणांक के गुण व दोष (Merits and Demerits of Rank Correlation)

प्रश्न : श्रेणी अंतर सहसंबंध गुणांक के गुण व दोष लिखें।

गुण :

1) यह सहसंबंध ज्ञात करने का आसान तरीका है। इसका प्रयोग भी आसानी से किया जा सकता है यदि कोई मूल्य दोहराया न गया हो तो इस विधि तथा कार्ल पियर्सन विधि से एक समान परिणाम प्राप्त होंगे।

2) यह पद्धति गुणात्मक चरों जैसे सुंदरता, नेतापन, अच्छाई आदि के संबंध ज्ञात करने के लिए उपयोगी है।

3) जब श्रृंखलाएं श्रेणीबध की हुई हों तो केवल इसी पद्धति द्वारा ही सहसंबंध गुणांक ज्ञात किया जा सकता है।

4) यदि वास्तविक श्रृंखलाएं भी दी गई हों तो यह ढंग सहसंबंध गुणांक ज्ञात करने के लिए प्रयोग किया जा सकता है।

दोष :

1) इस विधि का समूह आवृत्ति आवंटन श्रृंखलाओं पर प्रयोग नहीं किया जा सकता है।

2) यह ढंग उस समय कठिन तथा अधिक समय का उपयोग करने वाला बन जाता है जब मदों की संख्या 30 से अधिक हो।

3) यह ढंग कार्ल पियरसन के ढंग की तुलना में कम शुद्ध है क्योंकि चर से संबंधित पूर्ण सूचना का प्रयोग नहीं किया जाता।

Question : Write Merits and Demerits of Rank Correlation.

A quality (Merits) :

1) It is an easy way to find correlation. It can also be used easily if no value is repeated, this method and Carl Pearson method will yield similar results.

2) This method is useful for finding relationships with qualitative variables like beauty, leadership, goodness etc.

3) When series are ranked, only by this method can the correlation coefficient be determined.

4) If real series are also given, this method can be used to find the correlation coefficient.

Defect (Demerits) :

1) This method cannot be used on group frequency allocation chains.

2) This method becomes difficult and time consuming when the number of items is more than 30.

3) This method is less pure than Carl Pearson’s method because full information about variables is not used.

सहसंबंध के गुणांक के गुण क्या हैं?

' सहसम्बंध गुणांक एक अनुपातिक संख्या होती है जिसका मान -1 से +1 तक होता है । - चिन्ह ऋणात्मक सहसम्बंध और + चिन्ह धनात्मक सहसम्बंध प्रकट करता है और -1 से +1 के बीच की संख्याएँ सहसम्बंध की मात्रा का बोध कराती हैं। सहसम्बंध गुणांक की व्याख्या इस सारिणी के आधार पर की जाती है।

सहसंबंध गुणांक कितने प्रकार के होते हैं?

सहसंबंध के प्रकार.
धनात्मक सहसंबंध.
ऋणात्मक सहसंबंध.
शून्य सहसंबंध.

सहसंबंध क्या है इसके गुण दोष बताइए?

कार्ल पियरसन का सहसंबंध - गुणांक दो चरों के बीच के रेखीय संबंधों का संख्यात्मक मापन करता है। संबंध को तब रेखीय कहा जाता है, जब इसे एक सीधी रेखा द्वारा प्रस्तुत किया जा सके। स्पीयरमैन का सहसंबंध गुणांक व्यष्टिगत मदों के बीच उनके गुणों के आधार पर निर्धारित कोटियों के द्वारा रेखीय सहसंबंध को मापा जाता है।

सहसंबंध क्या है इसके प्रकार बताइए?

सह-संबंध का अर्थ (sah sambandh kya hai) उदाहरणस्‍वरूप अगर घासलेट के भावों में वृद्धि होने से पेट्रोल के भावों में वृद्धि हो जाये तो कार्यकारण संबंध होने से दोनों सह-संबंधित कहलाऍगे। इस प्रकार दो श्रेणियों में साथ-साथ परिवर्तन संबंध होने की प्रवृत्ति को ही सहसंबंध कहा जाता है।