Show सफेदपोश सज्जन ने तौलिए पर कौन सी वस्तु रखी थी?उत्तर- (क) नवाब साहब पैसेंजर ट्रेन के सेकंड क्लास के डिब्बों में आराम से बैठे थे। उनके सामने साफ़ तौलिए पर दो चिकने खीरे रखे थे। नवाब साहब ने सीट के नीचे से लोटा निकाला और खिड़की से बाहर खीरों को धोया।
सफ़ेदपोश सज्जन ने तौलिए पर कौन सी वस्तु रखी हुई थी * 1 Point आम तरबूज खीरे नींबू?उसने आरंभ में ही डिब्बे में बैठे सज्जन को 'नवाबी नस्ल का सफेदपोश' कहा है। प्रश्न 4. लेखक ने नवाब साहब के सामने की बर्थ पर बैठकर भी आँखें क्यों चुराईं?
लखनऊ के नवाबी नस्ल के सफेदपोश सज्जन में क्या व्यंग्य किया गया है?ठाली बैठे, कल्पना करते रहने की पुरानी आदत है। नवाब साहब की असुविधा और संकोच के कारण का अनुमान करने लगे। संभव है, नवाब साहब ने बिल्कुल अकेले यात्रा कर सकने के अनुमान में किफ़ायत के विचार से सेकंड क्लास को टिकट खरीद लिया हो और अब गवारा न हो कि शहर का कोई सफेदपोश उन्हें मँझले दर्जे में सफर करता देखे। ….
नवाब साहब कहाँ के थे?ठाली बैठे, कल्पना करते रहने की पुरानी आदत है । नवाब साहब की असुविधा और संकोच के कारण का अनुमान करने लगे। संभव है, नवाब साहब ने बिलकुल अकेले यात्रा कर सकने के अनुमान में किफ़ायत के विचार से सेकंड क्लास का टिकट खरीद लिया हो और अब गवारा न हो कि शहर का कोई सफ़ेदपोश उन्हें मँझले दर्जे में सफ़र करता देखे...
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