पर्यावरण हमारे लिए वरदान है कैसे? - paryaavaran hamaare lie varadaan hai kaise?

पर्यावरण दिवस पर निबंध (Essay on Environment Day) - पर्यावरण दिवस पर निबंध हिंदी में पूछे जाने वाले प्रश्नों में सामान्य प्रश्न है। पर्यावरण दिवस पर निबंध (Essay on Environment Day) लिखना बहुत ही कठिन कार्य है। ऐसे में पर्यावरण दिवस पर निबंध से संबंधित यह लेख आपको विभिन्न स्तर पर आयोजित किए जाने वाले पर्यावरण दिवस पर निबंध प्रतियोगिता या फिर विद्यालय में पर्यावरण दिवस से संबंधित गृहकार्य को पूरा करने में सहायता करेगी। इसके साथ ही आप पर्यावरण दिवस पर निबंध pdf के तौर पर इस लेख को डाउनलोड भी कर सकते हैं ताकि आपको भविष्य में संदर्भ के तौर पर इसकी मदद मिल सके। चूंकि पर्यावरण दिवस पर लिखना काफी कठिन है क्योंकि यह विषय काफी व्यापक है। ऐसे में पर्यावरण पर निबंध के इस लेख में हम उन सभी पहलुओं का समायोजन करने का प्रयास कर रहें है, जो इस विषय के लिए महत्वपूर्ण हैं।

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पर्यावरण हमारे लिए वरदान है कैसे? - paryaavaran hamaare lie varadaan hai kaise?

पर्यावरण पर निबंध (paryavaran diwas par nibandh) का यह लेख उन सभी विद्यार्थियों के लिए लाभदायक होगा जो पर्यावरण दिवस पर निबंध हिंदी में (environment day essay in hindi) लिखना चाहते हैं या इस विषय के प्रति अपनी जानकारी में बढ़ोतरी करना चाहते है। इस लेख में दिए गए पर्यावरण दिवस पर निबंध के माध्यम से छात्रों को पर्यावरण दिवस जैसे विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी। पर्यावरण दिवस पर हिन्दी में निबंध के इस लेख के माध्यम से छात्र निबंध लिखने की कला सिख पाएंगे। इसके साथ ही ऐसे स्कूली छात्रों को भी इस लेख से मदद मिलेगी जो विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध लिखने में किसी प्रकार का संदर्भ ढूंढ रहे हैं।

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पर्यावरण दिवस पर निबंध हिंदी में (Essay on Environment Day in Hindi) - पर्यावरण क्या है?

यह प्रश्न अपने आप में बहुत से तत्वों का समावेश करता है। मूलतः पर्यावरण हमारे आस-पास का प्रतिवेश है, जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है। सीधे शब्दों में कहें तो सभी तत्व तथा परिस्थितियाँ जो हमें चारों ओर से घेरे हुए हैं पर्यावरण (Environment) कहलाती हैं। पर्यावरण (Environment) को विभिन्न विषयों में प्राकृतिक वास, जनसंख्या पारिस्थितिकी एवं जीवमंडल जैसी शब्दावली से जाना जाता है। यदि हम इस शब्द का ही संधि-विच्छेद करें तो यह दो शब्दों से मिलकर बना है – परि+ आवरण। परि से तात्पर्य हमारे चारों ओर तथा आवरण का तात्पर्य परिवेश से है। अर्थात हमारे चारों ओर पृथ्वी पर फैली प्रत्येक वस्तु हमारे पर्यवरण (Environment) का हिस्सा है। यह मूलतः मौलिक तथा जैविक तत्वों के पारस्परिक संबंध से बना है। पर्यावरण (Environment) के मौलिक तत्वों में स्थान, भू आकृतियाँ, जलाशय, जलवायु, जलअपवाह, शैल, मृदा, खनिज संपत्ति आदि सम्मिलित है, जबकि जैविक तत्व में मानव, पशु, पक्षी एवं वनस्पति सम्मिलित हैं।

पर्यावरण दिवस पर निबंध हिंदी में (Essay on Environment Day in Hindi)

पर्यावरण दिवस - हमारी यह पृथ्वी जिस पर हम सभी निवास करते हैं इसके पर्यावरण के संरक्षण के लिए विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1972 में मानव पर्यावरण पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र सम्मलेन के दौरान हुई थी। पहला विश्व पर्यावरण दिवस (Environment Day) 5 जून 1974 को “केवल एक पृथ्वी” (Only One Earth) स्लोगन/थीम के साथ मनाया गया था। जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने भी भाग लिया था। इसी सम्मलेन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की भी स्थापना की गई थी। इस विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) को मनाने का उद्देश्य विश्व के लोगों के भीतर पर्यावरण (Environment) के प्रति जागरूकता लाना और साथ ही प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करना भी है। इसी विषय पर विचार करते हुए 19 नवंबर, 1986 को पर्यवरण संरक्षण अधिनियम लागू किया गया तथा 1987 से हर वर्ष पर्यावरण दिवस की मेजबानी करने के लिए अलग-अलग देश को चुना गया। साल 2021 में पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के सहयोग से विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) की मेजबानी “पारिस्थितिकी तंत्र का पुनर्निर्माण” विषय के साथ की थी।

पारिस्थितिकी तंत्र का पुनर्निर्माण विषय के साथ वर्ष 2021 से 2030 तक संयुक्त राष्ट्र दशक की घोषणा भी की गई थी, जिसका उद्देश्य हमारे पर्यावरण (Environment) को हुई क्षति की भरपाई करना हैं। चाहे वह जंगल हो, पहाड़ हो, मरुभूमि या सागर हो, प्रत्येक का पुनर्निर्माण करना इस दशक का उद्देश्य है।

प्रश्न यह उठता है कि हमें विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाने की आवश्यकता क्यों हुई?

विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) की शुरुआत: मानव द्वारा अपने हित के लिए निरंतर पृथ्वी के संसाधनों का दोहन करने के कारण होने वाली क्षति को रोकने और पृथ्वी को बचाने के लिए पर्यावरण दिवस (Environment Day) की शुरुआत की गई। मानव ने पिछले 200 वर्षो में अपनी उन्नति और प्रगति के नाम पर प्रकृति का जो शोषण किया है, उसी का परिणाम है जो आज हम अपने पर्यावरण में परिवर्तन देख रहें है। यदि इस पर अब भी दृढ़ता के साथ विचार नहीं किया गया, तो आने वाले समय में हमें इसके भयंकर परिणाम भुगतने होंगे। इस विषय को लेकर विश्व में जागरूकता और पर्यावरण संरक्षण करने के लिए हर वर्ष 5 जून को वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे यानि कि अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाया जाता है।

पर्यावरण दिवस (Environment Day) विषय की गंभीरता - मानव ने हमेशा अपने विकास के लिए प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करने का प्रयास किया है इसके लिए विश्व के सभी देश अपनी प्रगति के लिए प्रकृति के संसाधनों का वहन कर रहें है जिसका परिणाम है कि प्रदूषण तेज़ी से बढ़ता जा रहा है। हम अपनी सुख-सुविधा के लिए निरंतर पेट्रोलियम जैसे पदार्थो का उपयोग करते हैं, घर को वातानुकूलित रखने के लिए ए.सी का उपयोग करते हैं तथा साथ ही कारखानों से निकलने वाले जैविक पदार्थ जो सुविधा के अनुसार कहीं भी छोड़ दिए जाते हैं, प्रदूषण को बढ़ावा देने में अपना योगदान दे रहें हैं, जिससे हमारी पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में यदि इसे अभी भी कम न किया गया, तो मानव सभ्यता का नाश होने में अधिक समय नहीं लगेगा। इस प्रदूषण का भयानक परिणाम यह हो सकता है कि इस पृथ्वी पर जीवन की परिकल्पना करना भी असंभव हो जाएगा।

पर्यावरण हमारे लिए वरदान है कैसे? - paryaavaran hamaare lie varadaan hai kaise?

सौजन्य:- NCERT

इस विषय की गंभीरता बेहद चिंताजनक है, यदि इस पर अभी भी गंभीरता से विचार नहीं किया गया, तो मानव-जाति का जीवित रहना ही मुश्किल हो जायेगा। ग्लोबल वार्मिंग के कारण लगातार ग्लेसियर पिघल रहे हैं जिसकी वजह से समुद्र में जल का स्तर बढ़ रहा है, यदि ऐसे ही चलता रहा तो कुछ समय पश्चात् धरती के ज्यादातर शहर जलमग्न हो जाएगा। इस पर किसी कवि की लिखी गई यह पंक्तियाँ सच साबित होती नजर आती है (कविता NCERT से ली गई है) -

प्रक्रति ने अच्छा दृश्य रचा

इसका उपभोग करें मानव

प्रक्रति के नियमों का उल्लंघन करके

हम क्यों बन रहें है दानव

ऊँचें वृक्ष घने जंगल ये

सब है प्रकृति के वरदान

इसे नष्ट करने के लिए

तत्पर खड़ा है क्यों इंसान

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पर्यावरण संरक्षण के लिए वैश्विक स्तर पर होने वाले सम्मलेन -

  • पर्यावरण प्रदूषण पर अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन - पर्यावरण प्रदूषण के संबंध में विश्व की चिंता 20वीं सदी में बढ़ गई। 30 जुलाई 1968 को मानव द्वारा उत्पन्न पर्यावरण की समस्या विषय पर संयुक्त राष्ट्र की सामाजिक और आर्थिक परिषद् ने एक प्रस्ताव पारित किया तथा एक सम्मलेन का आयोजन किया गया, जिसमें कहा गया, “आधुनिक वैज्ञानिक एवं तकनीकी विकास के परिप्रेक्ष्य में मानव तथा उसके पर्यावरण के मध्य संबंधो में विकट परिवर्तन हुआ है।" सामान्य सभा ने इसमें संज्ञानता प्रकट की तथा कहा कि वैज्ञानिकों तथा तकनीकी विकास ने असीमित अवसरों को जन्म दिया है, यदि इन अवसरों का प्रयोग नियंत्रित रूप से नहीं किया गया, तो हमें भयंकर समस्याओं का समाना करना पड़ सकता है। इस सम्मलेन में संयुक्त राष्ट्र ने पर्यावरण प्रदूषण, जल प्रदूषण, क्षरण तथा भूमि के विनिष्टीकरण के अन्य प्रारूप, ध्वनि प्रदूषण, अपशिष्ट तथा कीटनाशकों के प्रभाव पर भी विचार किया।

  • मानव पर्यावरण स्कॉटहोम सम्मलेन - इस सम्मलेन का उद्देश्य विश्वव्यापी पर्यावरण के संरक्षण की समस्या का निदान तथा सुधार करना था। पर्यावरण के संरक्षण के संदर्भ में विश्वव्यापी स्तर का यह पहला प्रयास था। इसी सम्मलेन में 119 देशों ने ‘एक ही पृथ्वी’ का सिद्धांत को अपनाया था तथा इसी सम्मलेन से वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे यानि कि विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत हुई थी।

  • पर्यावरण संरक्षण अधिनियम - 19 नवंबर 1986 को पर्यावरण संरक्षण अधिनियम लागू हुआ। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के महत्वपूर्ण बिंदु इस प्रकार हैं -

  1. पर्यावरण की गुणवत्ता के संरक्षण हेतु सभी महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे।

  2. पर्यावरण प्रदूषण के निवारण, नियंत्रण और उपशमन हेतु राष्ट्रव्यापी योजनाएं बनाना और उनका क्रियान्वयन करना।

  3. पर्यावरण की गुणवत्ता के मानक का निर्धारण करना।

  • पेरिस जलवायु समझौता - इस समझौते का प्रस्ताव वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक जलवायु सम्मेलन (कॉप-21) के दौरान, 196 पक्षों की ओर से 12 दिसंबर को पारित किया गया था। 4 नवंबर 2016 को यह समझौता लागू हो गया था। पेरिस समझौते का उद्देश्य औद्योगिक काल के पूर्व के स्तर की तुलना में वैश्विक तापमान में बढ़ोत्तरी को 2 डिग्री सेल्सियस से कम रखना है और 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लिये विशेष प्रयास करना है। तापमान संबंधी इस दीर्घकालीन लक्ष्य को पाने के लिये देशों का लक्ष्य, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के उच्चतम स्तर पर जल्द से जल्द पहुँचना है ताकि उसके बाद, वैश्विक स्तर में कमी लाने की प्रक्रिया शुरू की जा सके। इसके जरिए 21वीं सदी के मध्य तक कार्बन तटस्थता (नेट कार्बन उत्सर्जन शून्य) हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है।

भारत द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए उठाए गए कदम - भारतीय पर्यावरण दिवस

  • भारतीय पर्यावरण दिवस या फिर कहें तो भारत में पर्यावरण दिवस का वर्ष 2021 का विषय “बेहतर पर्यावरण के लिए जैव ईधन को बढ़ावा देना है, इसके लिए भारत सरकार ने पूरे देश में इथेनाल के उत्पादन और वितरण के लिए E-100 नामक प्रमुख योजना की शुरुआत की हैं। सरकार E-20 अधिसूचना जारी कर रही है जो तेल कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 से 20% इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल और इथेनॉल मिश्रण E12 तथा E15 को BIS विनिर्देशों के आधार पर बेचने की अनुमति प्रदान करेगी।

  • इसके अलावा भारत सरकार ने राष्ट्रीय वनीकरण कार्यक्रम की शुरुआत की है जिसके अंतर्गत पूरे देश में वनों के आस-पास के क्षेत्र में पुनर्वास तथा वन रोपण का कार्य युद्ध स्तर पर किया जाएगा।

  • हरित भारत राष्ट्रीय मिशन, जलवायु परिवर्तन के लिए कार्य योजना है, जिसमे जलवायु परिवर्तन को जलवायु अनुकूलन में परिवर्तित करना तथा इसकी शमन रणनीति के रूप में अधिक से अधिक वृक्षों को लगाना हैं ।

  • राष्ट्रिय जैव विविधता कार्य योजना के अंतर्गत प्राकृतिक आवासों के क्षरण तथा हानि में कमी लाने के लिए नीतियों का कार्यान्वयन करना है।

पर्यावरण संरक्षण के कुछ उपाय -

  • यूज़ एंड थ्रो की प्रक्रिया को छोड़कर रिसायकल की प्रक्रिया को अपनाया जाना चाहिए

  • वर्षा जल-संचयन प्रणाली का उपयोग किया जाना चाहिए

  • जैविक खाद का उपयोग किया जाना चाहिए

  • जहाँ भी संभव हो पेड़-पौधे लगाएं और उनका संरक्षण करें

  • अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ रखें

  • प्लास्टिक का उपयोग न करें

  • वायुमंडल में कार्बन की मात्रा को कम करने के लिए सौर उर्जा का अधिक से अधिक प्रयोग करें

  • जल का संतुलित प्रयोग करें

  • तीन आर अर्थात रीसायकल, रिड्यूस और रियूज़ के सिद्धांत का पालन करें

वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे पर निबंध - विश्व पर्यावरण दिवस पर संदेश

निष्कर्ष - यह धरती हमारा निवास स्थान ही नहीं अपितु हमारी माता भी है, इसके शोषण और दोहन को रोकना हमारा कर्तव्य है। यदि अभी भी इसे नहीं रोका गया, तो इसका परिणाम स्वयं मानव जाति को ही भोगना होगा। पर्यवरण दिवस मनाने का उद्देश्य यह है कि हम प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें और उतना ही उपयोग करें जितना हमारे लिए आवश्यक है। साथ ही अपनी अस्मिता के साथ साथ इस धरती पर रहने वाले सभी जीवों की अस्मिता का आदर करें तथा पर्यवरण को संरक्षित करने का प्रयास करें।

Frequently Asked Question (FAQs) - पर्यावरण दिवस पर निबंध (Essay on Environment Day in Hindi) - पर्यावरण पर निबंध कैसे लिखें

प्रश्न: पर्यावरण दिवस (Environment Day) पर निबंध pdf कहाँ से डाउनलोड कर सकते हैं?

उत्तर:

छात्र इस लेख की मदद से पर्यावरण दिवस पर निबंध लिखना सीख भी सकते हैं और पर्यावरण दिवस पर निबंध pdf भी डाउनलोड कर सकते हैं।

प्रश्न: पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध कैसे लिखें?

उत्तर:

पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध लिखने की कला सिखने के लिए आप इस लेख की सहायता ले सकते हैं, पर्यावरण दिवस की महत्वपूर्ण जानकारी इस लेख में उपलब्ध हैं।

प्रश्न: पर्यावरण क्या है?

उत्तर:

वह सभी तत्व परिस्थितियाँ जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है, पर्यावरण कहलाते हैं।

प्रश्न: पर्यावरण का वर्गीकरण कितने प्रकार से किया गया है?

उत्तर:

पर्यावरण का वर्गीकरण चार प्रकार से किया गया है -

  • भौतिक पर्यावरण

  • सांस्कृतिक पर्यावरण

  • जैविक पर्यावरण

  • संज्ञात पर्यावरण

प्रश्न: पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है?

उत्तर:

पर्यावरण दिवस 5 जून को मनाया जाता है।

प्रश्न: पहला पर्यावरण दिवस कब मनाया गया था?

उत्तर:

 पहला पर्यावरण दिवस 5 जून, 1974 को मनाया गया था।

प्रश्न: पहले पर्यावरण दिवस का विषय क्या था?

उत्तर:

पहले पर्यावरण दिवस का विषय “केवल एक पृथ्वी” था।

प्रश्न: पर्यावरण संरक्षण अधिनियम कब लागू किया गया था?

उत्तर:

पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 19 नवंबर, 1986 को लागू किया गया।

प्रश्न: पर्यावरण दिवस 2021 का विषय क्या था?

उत्तर:

पर्यावरण दिवस 2021 का विषय “पारिस्थितिकी तंत्र का पुननिर्माण”  था।

पर्यावरण हमारे लिए क्यों महत्वपूर्ण है?

स्वस्थ जीवन और ग्रह पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व में पर्यावरण एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पृथ्वी विभिन्न जीवित प्रजातियों का घर है और हम सभी भोजन, हवा, पानी और अन्य जरूरतों के लिए पर्यावरण पर निर्भर हैं। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति के लिए अपने पर्यावरण को बचाना और उसकी रक्षा करना महत्वपूर्ण है।

पर्यावरण हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करता है?

वह सभी कुछ जो हम अपने चारों ओर देखते हैं, अनुभव करते हैं, जिनके साथ अंतःक्रिया करते हैं तथा जिन पर हमारा तथा अन्य जीवों का जीवन निर्भर करता है, पर्यावरण कहलाता है । आइए, विचार करें कि मानव भौतिक व प्राकृतिक पर्यावरण से किस प्रकार अंतःक्रिया करता है तथा उसका जीवन किस प्रकार पर्यावरण से प्रभावित होता है।

पर्यावरण हमारे जीवन का मूल आधार है कैसे?

पर्यावरण हमारे जीवन का मूल आधार है। यह हमें साँस लेने के लिए हवा, पीने के लिए जल, खाने के लिए भोजन एवं रहने के लिए भूमि प्रदान करता है ।

हमारे पर्यावरण के लिए हमारी जिम्मेदारी क्या है?

बारां| पृथ्वीको अगर बचाना है तो पहले जल, जंगल और पर्यावरण को बचाना होगा। जंगलों की कटाई, जल का अवैध रूप से दोहन और पर्यावरण को पहुंचाए जा रहे नुकसान से मानव जीवन पर संकट मंडरा रहा है। ग्लेशियर पिघल रहे हैं।