कौन से महासागर का पानी मीठा है? - kaun se mahaasaagar ka paanee meetha hai?

विष्णु पुराण के अनुसार यह पृथ्वी सात द्वीपों में बंटी हुई है। ये सातों द्वीप चारों ओर से सात समुद्रों से घिरे हैं। ये सभी द्वीप एक के बाद एक दूसरे को घेरे हुए बने हैं और इन्हें घेरे हुए सातों समुद्र हैं। मीठे जल का सागर पुष्करद्वीप को घेरे हुए है। पुष्कर द्वीप को घेरे मीठे जल के सागर के पार उससे दूनी सुवर्णमयी भूमि दिल्खायी देती है। वहां दस सहस्र योजन वाले लोक-आलोक पर्वत हैं। यह पर्वत ऊंचाई में भी उतने ही सहस्र योजन है। उसके आगे पृथ्वी को चारों ओर से घेरे हुए घोर अन्धकार छाया हुआ है। यह अन्धकार चारों ओर से ब्रह्माण्ड कटाह से आवृत्त है। अण्ड-कटाह सहित सभी द्वीपों को मिलाकर समस्त भू-मण्डल का परिमाण पचास करोड़ योजन है।

नई दिल्ली: धरती पर 70 फीसदी केवल पानी है इसकी जानकारी तो सभी को है. समुद्र से लेकर बर्फीली चट्टानें और नदियां इनमें आती है और आप इस बात से भी वाकिफ होंगे कि दुनिया में कुल 5 महासागर है. जिनकी कोई सीमा नहीं है. कहा जाता है कि महासागरो की शुरुआती और अंतिम छोर का पता लगाना असंभव माना जाता है. इनकी गहराईयों में ना जाने कितने राज़ छिपे है. इन्हीं महासागरो से जुड़ा एक रहस्य हम आपको बताने जा रहे है जिसको जानकर आप निश्चित तौर पर हैरान हो जाएंगे.

हिंद महासागर और प्रशांत महासागर अलास्का की खाड़ी में जा मिलते है. या ये कहा जा सकता है कि ये मिलकर भी नहीं मिलते है. ऐसा इस्लिए कहा जाता है क्योंकि इनका पानी एक दूसरे कभी नहीं मिल सका है. हिंद और प्रशांत महासागर का पानी अलग रहता है.

तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि दोनों महासागरो का पानी एक दूसरे से बिल्कुल अलग है. एक नीला दिखता है तो एक हल्का हरा. कुछ लोग इसे ईश्वर का चमक्तकार के रूप में देखते है तो कुछ धार्मिक मान्यताओं से जोड़कर देखते है.

आइये जानते है कि आखिर क्या वज़ह है जो इन दोनों महासागरो का पानी एक दूसरे से नहीं मिलता है.

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वैज्ञानिकों के मुताबिक दोनों के पानी का ना मिलने की वजह एक का खारा तो दूसरे का मीठा होना बताया गया है. वहीं दोनों का तापमान और लवणता का अलग-अलग होना भी है. कहा जाता है जिस जगह दोनों महासागरों का पानी मिलता है वहां झाग की एक दीवार बन जाती है. अलग-अलग धनत्व के कारण दोनों एक दूसरे से मिलते तो है लेकिन मिश्रित नहीं होते.

ये भी कहा जाता है कि सूरज की किरणों के पड़ने से दोनों महासागरों का पानी के रंग में बदलाव होता है. जिस कारण ऐसा लगता है कि दोनों महासागर मिलते तो है लेकिन मुश्रित नहीं होते.

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  • मिशेल डगलस
  • बीबीसी अर्थ

12 अगस्त 2015

कौन से महासागर का पानी मीठा है? - kaun se mahaasaagar ka paanee meetha hai?

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फ़ोटो क्रेडिट- डेव मदरशॉ

अटलांटिक महासागर पृथ्वी की 20 फ़ीसदी सतह पर फैला हुआ है और प्रशांत महासागर के बाद दुनिया का दूसरे सबसे बड़ा महासागर है.

पृथ्वी पर उत्तरी ध्रुव में आर्कटिक से लेकर दक्षिण अमरीका, यूरोप और अफ़्रीका तक फैले इस सागर के ज्वालामुखियों, जीव-जंतुओं और समुद्रतट की दुनिया बहुत रहस्यमयी है.

बीबीसी और नेशनल ज्योग्राफिक की संयुक्त सीरीज़ 'अटलांटिक - द वाइल्डेस्ट ओशन ऑन अर्थ' बनाने के दौरान इसके निर्माताओं ने इस महासागर की विविधरंगी दुनिया की कुछ तस्वीरें भी लीं.

दंग कर देने वाली 10 तस्वीरें:

अटलांटिक महासागर में तीन मीटर चौड़ी मोबुला और बाराकुडा मच्छलियां पोषणयुक्त पानी में अपने भोजन की तलाश में 1000 मीटर (3280 फ़ीट) नीचे तक पहुंच जाती हैं.

ऊपर की तस्वीर अजोर्ज़ टापुओं के पास समुद्र के नीचे पर्वतों के उपरी हिस्से की है. समुद्र के नीचे पर्वतों की मौजूदगी समुद्र जीवों के जीवन के लिए बेहद जरूरी है.

विविधरंगी संसार

इस विशाल महासागर को रहस्यमयी माना जाता है इसके पानी के शानदार प्रवाह, नाटकीय अंडरवाटर ज्वालामुखियों और वन्य जीवों के विविधरंगी संसार के कारण.

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अटलांटिक महासागर की कुछ वनस्पतियां खुद से चमकती हैं क्योंकि यहां तो सूर्य की रोशनी नहीं पहुंचती है.

उपर की तस्वीर में इन वनस्पतियों के रंग को देखिए, अल्ट्रावायलेट रंग की चमक बिलकुल प्राकृतिक है.

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टारपोन नाम की यह समुद्री मछली अपने शिकार पर तूफ़ानी गति से हमला करती है. शिकार पर यह करीब 64 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हमला करती है. यह बड़े आकार की मछली है. इसकी लंबाई अमूमन पर 2.5 मीटर की होती है.

नार्दन लाइट्स की इस तस्वीर को देख कर चौंकिए नहीं. यह अटलांटिक महासागर में नहीं देखी जा सकती है. उत्तरी ध्रुव के आसमान में ही यह नज़र आती है. दरअसल विद्युतीय आवेशित कणों के पृथ्वी के वायुमंडल और चुम्बकीय क्षेत्र में आने पर होने वाली टक्कर से यह रोशनी पैदा होती है. बहरहाल, यह तस्वीर आकर्टिक नॉर्वे से ली गई है जो अटलांटिक महासागर से सटा हुआ है.

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'अटलांटिक - द वाइल्डेस्ट ओशन ऑन अर्थ' कार्यक्रम बनाने में शामिल कैमरामैन रोजर होरोक्स ने एजोरेक्स द्वीप पर ख़तरनाक व्हेल को कुछ इस अंदाज़ में अपने कैमरे में क़ैद किया. व्हेल सिलिंडर वाले आकार के होने और शानदार तैराक होने के चलते अटलांटिक महासागर के विशाल दायरे तक सफ़र कर लेती हैं.

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अटलांटिक महासागर के इलाकों में काले और सफेद रंग का पक्षी इम्पीरियल शैग पाया जाता है, जो अपने शिकार के लिए पानी में गोता भी लगा सकता है. इसके शरीर पर कोई चर्बी नहीं होती है. पांव बेहद मज़बूत होते हैं जबकि पैर झिल्लीदार होते हैं. इस तस्वीर में ये पक्षी फॉल्कलैंड द्वीप से सटे पठारों पर बसेरा डाले दिख रहे हैं.

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इस तस्वीर में व्हेल अपने बच्चे के साथ आराम की मुद्रा में दिखाई दे रही है. यह तस्वीर डोमेनिक रिपब्लिक के सिल्वर बैंक के शांत जल की है. सिल्वर बैंक काफी मशहूर है. यहां शताब्दियों पहले कई स्पेनिश जहाज़ डूब गए थे.

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मिड-अटलांटिक रिज़ पृथ्वी पर पर्वतों की सबसे लंबी श्रृंखला के लिए मशहूर है. इस तस्वीर में कैमरामैन रोजर होरोक्स एजोरा द्वीप समूह के पास से गुजरने वाली मछलियों का वीडियो बना रहे हैं.

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यह फॉल्कलैंड द्वीप समूह पर समुद्री शेरों की तस्वीर है. ये शेर पानी के अंदर पेंगुइन का पीछा करने में भी सक्षम हैं.

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मध्य अटलांटिक महासागर में पश्चिमी अफ़्रीका के तट से करीब 570 किलोमीटर दूसर केप वर्डे स्थित है. यह 10 ज्वालामुखीय द्वीपों का देश है. यहां के मछुआरे अपने प्लास्टिक की नावों में मछली पकड़ने के लिए अटलांटिक महासागर में निकलते हैं.

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मीठे पानी का महासागर कौन सा है?

-आर्कटिक महासागर सबसे कम नमक वाला है। इसी में मीठे पानी का सागर भी है।

प्रशांत महासागर का पानी क्यों नहीं मिलता?

वैज्ञानिकों के मुताबिक दोनों के पानी का ना मिलने की वजह एक का खारा तो दूसरे का मीठा होना बताया गया है. वहीं दोनों का तापमान और लवणता का अलग-अलग होना भी है. कहा जाता है जिस जगह दोनों महासागरों का पानी मिलता है वहां झाग की एक दीवार बन जाती है. अलग-अलग धनत्व के कारण दोनों एक दूसरे से मिलते तो है लेकिन मिश्रित नहीं होते.

दुनिया में कुल कितने सागर है?

Duniya Me Kitne Mahasagar Hai. पृथ्वी में मौजूद पानी को महासागर कहते है। ये अनेक सागर और समुद्रों से मिलकर बनता है। वैसे तो दुनिया में एक ही महासागर है, लेकिन भौगोलिक स्थान के कारण इन्हें 5 भागों में बांटा गया है।

हमारी पृथ्वी पर कितने महासागर है?

पृथ्वी पर कुल 5 महासागर हैं। इनके नाम- प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर, हिंद महासागर, आर्कटिक महासागर और अंटार्कटिक महासागर या दक्षिणी महासागर हैं