प्राइमरी कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों तथा हिन्दी सीखने वालों के लिए हमने यहाँ ऋ की मात्रा वाले बहुत सारे शब्द लिखे हैं। इस लेख में हमने ऋ की मात्रा के कुछ महत्वपूर्ण शब्दों को सम्मिलित किया है। विद्यार्थी सर्वप्रथम स्वरों तथा
व्यंजनों को सीखते हैं, उसके बाद स्वरों तथा व्यंजनों की मदद से बने शब्दों को सीखते हैं, आइये ऋ की मात्रा के शब्दों को पढ़ें और अभ्यास करें। वैसे हमें यहाँ ‘र’ और ‘ऋ’ का अंतर जानना भी बहुत ज़रूरी है, इन दोनों का अंतर इस प्रकार है :-
वृ + क्ष = वृक्ष गृ + ह = गृह मृ + ग = मृग मृ + त = मृत ऋ + ण = ऋण घृ + णा = घृणा कृ + ष्ण = कृष्ण
अन्य हिंदी मात्राएँ
Mrs. Shilpi Nagpal is a post-graduate in Chemistry and an experienced tutor who has been teaching students since 2007. She specialises in tutoring science subjects for students in grades 6-12. Mrs. Nagpal has a proven track record of success, and her students have consistently achieved better grades and improved test scores. She is articulate, knowledgeable and her passion for teaching shines through in her work with students. Reader Interactionsकौन से शब्द में ऋ की मात्रा?'ऋ' की मात्रा वाले शब्द | 'Ri ृ' Ki Matra Wale Shabd. ऋ कौन सा व्यंजन है?ऋ एक स्वर जो वर्णमाला का सातवाँ वर्ण है । इसकी गणना स्वरों में है और इसका उच्चारण स्थान संस्कृत व्याकरणानुसार मूर्द्धा है । इसके तीन भेद हैं—ह्वस्व, दीर्घ और प्लुत । इनमें से भी एक एक के उदात्त, अनुदात्त और स्वरित तीन तीन भेद हैं ।
ऋ से क्या बनता है?ऋ का अपना एक चिह्न है जो कि स्वर की मात्रा है। ऋषभ , ऋण , ऋतु जैसे कई शब्द ऋ से बनते हैं , रि से नहीं । रिक्त, रिपु, जैसे रि से बनने वाले शब्द मूलतः संस्कृत से आये हैं, जैसे कि ऋ से बने शब्द का मूल संस्कृत में है।
ऋ वर्ण कितने प्रकार के होते हैं?2022-23 (ग) अक् (प्रथम सूत्र के प्रथम वर्ण 'अ' से लेकर द्वितीय सूत्र के अन्तिम वर्ण 'क्' के मध्य आने वाले सभी वर्ण) अ, इ, उ, ऋ तथा लृ । वर्ण दो प्रकार के होते हैं— स्वर तथा व्यञ्जन। दीर्घ स्वर कहते हैं। इनकी संख्या आठ है- आ, ई, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ ।
|