2611 हमले में कितने जवान शहीद हुए थे? - 2611 hamale mein kitane javaan shaheed hue the?

2611 हमले में कितने जवान शहीद हुए थे? - 2611 hamale mein kitane javaan shaheed hue the?

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आज मुंबई में हुए आतंकी हमले को पूरे 11 साल हो गए हैं. 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से आए 10 आतंकवादियों ने मुंबई में तबाही मचाते हुए 164 लोगों की जान ले ली थी. आज भी इस हमले का असली मास्टरमाइंड पाकिस्तान में आजाद घूम रहा है. इस हमले ने भारत के हर नागरिक को ऐसा जख्म दिया है, जो शायद ही कभी भर पाए.

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इस हमले में हमने कई बहादुर पुलिस और सेना के जवान भी खोए, जो आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए. वहीं वहां एक ऐसा जवान भी मौजूद था जिसने कई लोगों की जान बचाई. हम बात रहे हैं मेजर संदीप उन्नीकृष्णन की. जो इस हमले में 28 नवंबर 2008 को शहीद हो गए थे. उस समय वह 31 साल के थे.

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संदीप ने अपनी जान की परवाह किए बगैर अपने देश के लोगों को बचाने के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी. अपनी जान पर खेलकर कई लोगों की जान बचाने वाले मेजर संदीप उन्नीकृष्णन का जन्म 15 मार्च 1977 को हुआ था.

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संदीप होटल ताज में आतंकियों से भिड़े थे और 14 लोगों को सुरक्षित निकाला था. यही नहीं उन्होंने कारगिल में लड़ते हुए पाकिस्तान के कई फौजियों को ढेर कर दिया था. उन्होंने सेना के सबसे मुश्किल कोर्स 'घातक कोर्स' में टॉप किया था. अदम्य बहादुरी के लिए उन्हें सर्वोच्च पुरस्कार अशोक चक्र से नवाजा गया.

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बता दें, लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों से भिड़ने के दौरान इस जवान ने अपने साथियों से कहा था 'तुम ऊपर मत आना, मैं संभाल लूंगा'. उनके कहे हुए शब्द दूसरे  जवानों पर गहरी छाप छोड़ गए.

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करकरे और अशोक कामटे भी हुए थे शहीद
26 नवंबर 2008 में मुंबई में आतंकी हमला हुआ था. हेमंत करकरे दादर स्थित अपने घर पर थे. वह फौरन अपने दस्ते के साथ मौके पर पहुंच गए थे. उसी समय उनको खबर मिली कि कॉर्पोरेशन बैंक के एटीएम के पास आतंकी एक लाल रंग की कार के पीछे छिपे हुए हैं. वहां तुरंत पहुंचे तो आतंकी फायरिंग करने लगे. इसी दौरान एक गोली एक आतंकी के कंधे पर लगी. वो घायल हो गया. उसके हाथ से एके-47 गिर गया. वह आतंकी अजमल कसाब था, जिसे करकरे ने धर दबोचा.

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आतंकियों की ओर से जवाबी फायरिंग में तीन गोली इस बहादुर जवान को भी लगी, जिसके बाद वह शहीद हो गए. मुंबई पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त अशोक कामटे और वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विजय सालस्कर भी 26/11 हमले में शहीद हो गए थे.

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आज मुंबई के 26/11 आतंकी हमले की 11वीं बरसी है. 26 नवंबर 2008 की ही वह काली रात थी, जब लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकी समुद्री रास्ते से भारत की व्यावसायिक राजधानी में दाखिल हुए और 164 बेगुनाह लोगों की जान ले ली. हमले में 308 लोग जख्मी भी हुए. हमले में जिंदा पकड़े गए एकमात्र कसूरवार अजमल कसाब को 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई.

26 11 हमले में कितने लोग मारे गए थे?

13 साल पहले 26 नवंबर 2008 को हुआ चरमपंथी हमला एक ऐसी पहचान है जिसे मुंबई कभी अपने नाम नहीं करना चाहता था. लश्कर-ए-तैयबा के प्रशिक्षित और भारी हथियारों से लैस दस चरमपंथियों ने मुंबई की कई जगहों और प्रतिष्ठित इमारतों पर हमला कर दिया था, जो चार दिन तक चला. मुंबई हमलों में 160 से अधिक लोग मारे गए थे.

2611 में कितने लोग शहीद हुए थे?

इस आतंकी हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि सैकड़ों लोग घायल हो गए थे. 26/11 हमला देश के इतिहास में सबसे भयावह आतंकी हमला था. आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकी समुद्र के रास्ते उस रात मुंबई में दाखिल हुए थे.

26 11 का मास्टरमाइंड कौन था?

मुंबई में 26 नवंबर, 2008 (26/11) के आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड साजिद मीर (Sajid Mir) को कथित तौर पर पाकिस्तान में गिरफ्तार कर लिया गया है।

कसाब को कैसे पकड़ा गया था?

अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला जिसमें 9 आतंकवादी मारे गए थे. दसवें आतंकवादी अजमल कसाब को मुंबई पुलिस के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर तुकाराम ओंबले (Tukaram Omble) ने जिंदा पकड़ लिया था. उस दौरान कसाब ने तुकाराम ओंबले के पेट में गोली मार दी थी. गोली लगने के बावजूद वीर तुकाराम ने कसाब को नहीं छोड़ा और वीरगति को प्राप्त हुए.