रूढ़ शब्द और यौगिक शब्द में क्या अंतर है? Show रूढ़ शब्द और यौगिक शब्द में अंतर :
शब्द रचना से आशय -वर्णो या शब्दों के संयोग से नवीन
शब्द बनाने की प्रक्रिया को रचना या बनावट कहा जाता है। वर्णों को मिलाने से शब्दों की रचना होती है। इन शब्दों के खण्ड किए जा सकते हैं जिन्हें शब्द खण्ड या शब्दांश कहते हैं। (1) रुढ़ शब्द - जैसा कि उपर चर्चा की- शब्दों की रचना वर्णों से होती है। रचे हुये ऐसे जिनसे केवल एक ही अर्थ का बोध होता हो। उस शब्द के खण्ड किये जाने पर उन शब्द खण्डों (शब्दांशों) का कोई उचित अर्थ न निकल रहा हो तो
ऐसे शब्दों को रूढ़ शब्द कहते हैं। रूढ़ शब्दों के उदाहरण - घोड़ा, कुत्ता, किताब, कौआ, नाक, कान, दिन, घर, मुँह, दाम, रात, बात, आग, सरल, कठिन, बगीचा, लक्ष्मी, ऐरावत आदि। 2. यौगिक शब्द - नाम से स्पष्ट है
'यौगिक' अर्थात जुड़े हुये या मिले हुये। ऐसे शब्द जो दो शब्दों या शब्द खण्डों के संयोग से बनते है और उनका प्रत्येक खण्ड सार्थक (अर्थयुक्त) होता है। यौगिक शब्द कहलाते हैं। बहुत संक्षेप में कहा जाये तो रूढ़ शब्दों के योग से बने शब्द को 'यौगिक शब्द' कहते हैं। अन्य उदाहरण - (ग) योगरूढ़ शब्द - ऐसे शब्द जो विशेष अर्थ का बोध कराते हों योगरूढ़ कहलाते हैं। योगरूढ़ शब्दों की रचना भी यौगिक शब्दों की भाँति दो या दो से अधिक शब्दांशों (शब्द खण्डों) द्वारा होती है। यौगिक शब्द शब्दानुसार ही सामान्य अर्थ को प्रकट करते हैं किन्तु योगरूढ़ शब्द सामान्य या साधारण अर्थ को छोड़कर विशेष अर्थ बताते हैं। योगरूढ़ शब्द योग + रूढ़ दो शब्दखण्डों (शब्दांशों) से मिलकर बना है। जिसमें 'योग' का अर्थ एक से अधिक अवयव (शब्दांश/शब्द खण्ड) द्वारा निर्मित होता है। 'रूढ़' का अर्थ किसी विशिष्ट अर्थ का वाचक अर्थात रूढ़ है। इस प्रकार योगरूढ़ शब्द यौगिक एवं रूढ़ दोनों होता है। सरल शब्दों में कहें तो ऐसे शब्द जो यौगिक तो होते हैं, पर अर्थ के विचार से अपने सामान्य अर्थ को छोड़ किसी विशेष अर्थ को बताते हैं। आशय यह है, कि यौगिक शब्द जब अपने सामान्य अर्थ को छोड़कर विशेष अर्थ बताने लगे, तब वे योगरूढ़ कहलाने लगते हैं। उदाहरण के लिए शब्द 'पंकज' योगरूढ़ है। इस शब्द में 'पंक' का अर्थ 'कीचड़' है जबकि 'अज' का अर्थ 'उत्पन्न' या 'जन्मा' होता है। पंक (कीचड़) में कई वस्तुएँ उत्पन्न होती हैं, किन्तु 'पंकज' (कीचड़ में उत्पन्न) शब्द 'कमल' के अर्थ का परिचायक है। इसी तरह पानी प्रदान करने वाली अनेक वस्तुएँ हो सकती हैं, किन्तु 'बारिद' शब्द योगरूढ़ होकर 'बादल' के अर्थ का परिचायक है। योगरूढ़ शब्दों के उदाहरण - यौगिक एवं योगरूढ़ शब्दों में अंतर
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रूढ़ और योगरूढ़ शब्द में क्या अंतर है?रूढ़ शब्द प्रसिद्ध एवं खंडित नहीं होते हैं जबकि योगरूढ़ शब्द दो शब्दों से मिलकर बनते हैं इसलिए वह खंडित हो सकते हैं। Explanation: रूढ़ शब्द प्रसिद्ध एवं खंडित नहीं होते हैं जबकि योगरूढ़ शब्द दो शब्दों से मिलकर बनते हैं इसलिए वह खंडित हो सकते हैं। रूढ़ शब्द का खण्ड सार्थक नहीं होता है।
रूढ़ शब्द का उदाहरण क्या है?रूढ़ शब्द की परिभाषा
जैसे- 'दिन' एक सार्थक शब्द है। इसके खण्ड करने पर 'दि ' और 'न' का कोई सार्थक अर्थ नहीँ निकलता है। इसी प्रकार जैसे--पानी, पैर, हाथ, सिर, कल, चल, घर, कुर्सी, मेज, घर, पुस्तक, रोटी, घास, मकान आदि रूढ़ शब्द हैं।
योगरूढ़ शब्द कैसे पहचाने?वे शब्द जो यौगिक होते हैं, परंतु एक विशेष अर्थ के लिए रूढ़ हो जाते हैं, योगरूढ़ शब्द कहलाते है। मतलब यह कि यौगिक शब्द जब अपने सामान्य अर्थ को छोड़ विशेष अर्थ बताने लगें, तब वे 'योगरूढ़' कहलाते है। जैसे- लम्बोदर, पंकज, दशानन, जलज इत्यादि ।
रूढ़ शब्द कितने प्रकार के होते हैं?नहीं रहता, उन्हें रूढ़ शब्द, कहते हैं। तीन प्रकार के होते हैं।
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