प्राकृत संख्याओं के समूह में यदि शून्य (0) और मिला दिया जाए तो हमे पूर्ण संख्याओं का समूह प्राप्त होता है। Show
W = 0, 1,2,3,4,5,.......... पूर्णांक (Integers) :पूर्ण संख्याओं के समूह में यदि प्राकृत संख्याओं के ऋणात्मक अंक और मिला दिये जाएँ तो हमें पूर्णांकों का समूह प्राप्त होता है। Z= ..... -4, -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3, 4, ...... परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्न :
परिमेय संख्याएँ (Rational Numbers) :जो संख्याएँ p/q के रूप रूप में लिखी जा सके, जहाँ q ≠ 0 परिमेय संख्याएँ कहलाती है। जैसे : 3/5 , ⅜, 22/7 आदि । अपरिमेय संख्याएँ (Irrational Numbers) :जो संख्याएँ p/q के रूप रूप में न लिखी जा सके, जहाँ q ≠ 0 अपरिमेय संख्याएँ कहलाती है। जैसे : √2 , √3, e, π आदि । Note: 22/7 एक परिमेय संख्या है जबकि π एक परिमेय संख्या है। क्योंकि π का मान 22/7 या 3.14 जो हम क्षेत्रमिति के प्रश्नों को हल करने के लिए प्रयोग करते है वह π लगभग मान है।वास्तविक संख्याएँ (Real Number):परिमेय और अपरिमेय संख्याओं का समूह वास्तविक संख्याएँ कहलाता है। Note: प्राकृत संख्याएँ, पूर्ण संख्याओं का एक भाग है। पूर्ण संख्याएँ , पूर्णांकों का एक भाग है। इसी तरह पूर्णांक भी परिमेय संख्याओं का एक भाग है जैसा कि निम्न वें आरेख में दर्शाया गया है।प्राकृत संख्याओं के प्रकार (Types of Natural Numbers):
नोट :
दो या दो से अधिक संख्याओं के गुणनफल का इकाई का अंक ज्ञात करना :इस प्रकार के प्रश्नों का हल करने के लिए केवल इकाई के अंकों की गुना करनी होती है किसी घात संख्या का इकाई का अंक ज्ञात करना :मान की हमारे पास xn एक संख्या है जिसका इकाई का अंक ज्ञात करना है। इसके लिए निम्न विधि का प्रयोग करेंगे :
उदाहरण : (883)34 का इकाई का अंक क्या होगा ? हल : यहाँ 34 को 4 से भाग देने पर शेष 2 आता है। इसलिए 883 के इकाई के अंक 3 का वर्ग अर्थात 32 = 9 दी गई घात संख्या का इकाई का अंक होगा। परिमेय संख्याओं के गुणधर्म (Properties of Rational Numbers) :1. संवृत गुण (Closure Properties) : यदि a और b दो परिमेय संख्याएं है तो परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्न :
किसी संख्या का योज्य प्रतिलोम (Additive Inverse) व गुणात्मक प्रतिलोम (Multiplicative Inverse) :योज्य प्रतिलोम (Additive Inverse): किसी संख्या A का योज्य प्रतिलोम संख्या A का ऋणात्मक अर्थात -A होगा। जैसे संख्या 5 का योज्य प्रतिलोम -5 होगा। गुणात्मक प्रतिलोम (Multiplicative Inverse): किसी संख्या a का गुणात्मक प्रतिलोम 1/a होगा। जैसे संख्या 8 का गुणात्मक प्रतिलोम 1/8 होगा। योज्य तत्समक (Additive Identity) तथा गुणात्मक तत्समक (Multiplicative Identity) :शून्य (0) योज्य तत्समक (Additive Identity) कहलाता है तथा संख्या एक (1) गुणात्मक तत्समक (Multiplicative Identity) कहलाता है। परिमेय संख्याओं का दशमलव प्रसार :परिमेय संख्याओं का दशमलव प्रसार दो प्रकार के होते हैं- पूर्णांकों का योज्य तत्समक क्या होता है?योज्य तत्समक ऐसी संख्या है, जो किसी भी संख्या में जोड़ने पर, योग संख्या के रूप में प्राप्त होता है। इसका अर्थ है कि योज्य तत्समक "0" है, चूँकि किसी भी संख्या में 0 जोड़ने पर, योग संख्या के रूप में ही प्राप्त होता है। इसलिए, यदि हम 0 में 0 जोड़ते हैं, तो हमें 0 वापस मिलता है। अतः 0 का योज्य तत्समक 0 है।
योज्य तत्समक कितना होता है?परिमेय संख्या 0 परिमेय संख्याओं के लिए योज्य तत्समक होता है। परिमेय संख्या 1 परिमेय संख्याओं के लिए गुणन तत्समक होता है ।
योज्य इकाई तत्समक क्या है?योज्य तत्समक एक संख्या है, जो किसी भी संख्या में जोड़ने पर, योग को संख्या के रूप में ही देता है। इसका मतलब है कि योज्य तत्समक "0" है, किसी भी संख्या में 0 जोड़ने पर, योग को संख्या के रूप में ही देता है। इसलिए, यदि हम 0 से 0 जोड़ते हैं, तो हमें 0 वापस मिलता है। इसलिए, 0 का योज्य तत्समक 0 है।
पूर्णांकों के लिए गुणात्मक तत्समक क्या होता है?एक पूर्णांक तथा 1 का गुणनफल, स्वयं पूर्णांक प्राप्त होता है । किसी पूर्णांक a के लिए, a×1=1× a = a इसलिए 1, पूर्णांकों के लिए गुणात्मक तत्समक कहलाता है ।
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